Madhya Pradesh

Gwalior

CC/65/2015

SANTOSH KUMAR - Complainant(s)

Versus

BSNL - Opp.Party(s)

BHANVAR SINGH

11 Feb 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER FORUM GWALIOR
FINAL ORDER
 
Complaint Case No. CC/65/2015
 
1. SANTOSH KUMAR
T-III/54 NARCOTICS COLONY, MURAR
GWALIOR
MADHYA PRADESH
...........Complainant(s)
Versus
1. BSNL
CITY CENTER
GWALIOR
MADHYA PRADESH
2. BSNL
MAIN MANAGER TELECOM
GWALIOR
MADHYA PRADESH
3. BSNL
19 MALL ROAD
GWALIOR
MADHYA PRADESH
4. OMKAR MISHRA
19 MALL ROAD
GWALIOR
MADHYA PRADESH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Smt.Abha Mishra PRESIDING MEMBER
  Dr.Mridula Singh MEMBER
 
For the Complainant:BHANVAR SINGH, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

परिवादी की ओर से अधिवक्ता श्री भंवर सिंह भदौरिया उपस्थित।
                परिवाद की ग्राह्यता के संबंध में अधिवक्ता श्री भदौरिया के तर्क सुने गये।
                 प्रकरण का अवलोकन कर विचार किया गया।
                 परिवादी के परिवाद पत्र एवं उसके समर्थन में प्रस्तुत स्वयं के शपथपत्र पर अभिवचनानुसार वह केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो जिला नीमच में निरीक्षक के पद पर वर्ष 2009 में पदस्थ था उक्त पदस्थापना के दौरान उसके नियोक्ता विभाग द्वारा परिवादी के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गयी थी एवं उक्त जांच कार्यवाही के संबंध में अनावेदक क्रमांक 1 व 2 से परिवादी के मोबाइल क्रमांक 9424886053 की जुलाई 2009 से 13 अगस्त 2009 तक की अवधि के काॅल डिटेल अनावेदक क्रमांक 4 द्वारा मांग किए जाने पर काॅल डिटेल उपलब्ध कराई गयी थी। जिसके आधार पर परिवादी के नियोक्ता विभाग द्वारा उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही दिनंाक 9.9.2010 को आरंभ की गयी थी। परिवदी के अनुसार अनावेदक क्रमांक 1 व 2 द्वारा गोपनीय जानकारी बिना परिवादी की जानकारी के प्रदान कर सेवा में कमी की गयी है। परिवादी अनावेदक क्रमांक 1 व 2 का उपभोक्ता है एवं अनावेदक क्रमांक 1 व 2 द्वारा परिवादी के संबंध में अनावेदक क्रमांक 4 को दी गयी जानकारी टेलीकोम रेगुलेट्र्ी अथाॅरिटी 1997 तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधाानो के विपरीत है जिससे परिवादी को लगभग 18,00,000रू की क्षति हुई है। अतः अनावेदक क्रमांक 1 व 2 द्वारा अनावेदक क्रमांक 4 को परिवादी के मोबाइल पर बातचीत की जानकारी दिनंाक 1.7.2009 से 13.8.2009 से वाद कारण निरंतर होकर जारी है अत्ः यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध पेश किया गया है। 
                उपरोक्तानुसार तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करें तो स्वयं परिवादी के अनुसार ही वह अनावेदक क्रमांक 1 व 2 भारत संचार निगम लिमिटेट का मोबाइल कनेक्शन धारक होकर उपभोक्ता है। अनावेदक क्रमांक 3 व 4 परिवादी के अनयोक्ता कार्याालय के अधिकारीगण हैं। परिवादी अनावेदकगण क्रमांक 3 व 4 का उपभेाक्ता होने का न तो कोई अभिवचन ही किया है न परिवादी ने अनावेदक क्रमांक 3 व 4 को कोई प्रतिफल अदा कर उनकी सेवाएं प्राप्त की है। अतः परिवादी अनावेदक क्रमांक 3 व 4 का उपभेाक्ता न होने से उनके विरूद्ध परिवादी द्वारा प्रस्तुत यह परिवाद पोषणीय नहीं है। 
               इसके अतिरिक्त परिवादी स्वयं के अभिवचनानुसार ही परिवादी के मोबाइल कनेक्शन की काॅल डिटेल अनावेदक क्रमांक 4 की  मांग पर अनावेदक क्रमांक 1 व 2 कार्यालय द्वारा वर्ष 2009 में उपलब्ध कराई गयी थी जिस पर से उसके विरूद्ध विभागीय जांच 9.9.2010 को संस्थित की गयी थी। तब यदि परिवादी को अनावेदक क्रमांक 1 व 2 के विरूद्ध कोई वाद कारण उत्पन्न हुआ भी था तो वह दिनांक 13.8 2009 को ही उत्पन्न हो चुका था। अतः परिवादी का यह अभिवचन कि अनावेदक क्रमांक 1 व 2 द्वारा अनावेदक क्रमांक 4 को जुलाई 2009 से 13.8.2009 को काॅल डिटेल उपलब्ध कराई जाने से वाद कारण निरंतर उपलब्ध है स्वीकार के योग्य नहीं है। इस प्रकार परिवादी अनावेदक क्रमांक 3 व 4 का उपभोक्ता न होने से उनके विरूद्ध परिवाद पोषणीय ही नहीं है तथा अनावेदक क्रमांक 1 व 2 के विरूद्ध दिनंाक 13.8.2009 को उत्पन्न वाद कारण के आधार पर दिनांक 4.2.2015 को प्रस्तुत यह परिवाद अवधि बाह्य होने के आधार पर पोषणीय नहीं है। 
                    ऐसी स्थिति में परिवादी द्वारा प्रस्तुत यह परिवाद अंतिम सुनवाई हेतु ग्राह्य किए जाने योग्य नहीं पाते हुए इसे प्रारंभिक स्तर पर निरस्त किया जाता है। प्रकरण सांख्यिकीय प्रयोजन हेतु पंजीबद्ध हो। आदेश की प्रतिलिपि परिवादी को निःशुल्क दी जावे। परिणाम दर्ज कर प्रकरण अभिलेखागार में जमा हो। 
आदेश मैने लिखाया  
                       
डाॅ मृदुला ंिसंह   
                          श्रीमती आभा मिश्रा
   सदस्य                        सदस्य            

 

 
 
[ Smt.Abha Mishra]
PRESIDING MEMBER
 
[ Dr.Mridula Singh]
MEMBER

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