/जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, बिलासपुर (छ0ग0)/
प्रकरण क्रमांक:- सी.सी./2011/160
प्रस्तुति दिनांक:- 10/06/2011
उदयराम साहू,
आयु 66 वर्ष,
स्व.श्री रामेश्वर प्रसाद साहू, (सेवानिवृत जे.टी.ओ.)
निवासी दूरभाष केंद्र के पीछे, ईमलीपारा
तहसील व जिला बिलासपुर छ.ग. ............आवेदक/परिवादी
(विरूद्ध)
1. भारत संचार निगम लिमिटेड,
द्वाराः- मुख्य महा प्रबंधक,
भारत संचार निगम लिमिटेड, खम्हारडीह,
जिला रायपुर छ0ग0
2. महाप्रबंधक,
दूरसंचार जिला,
भारत संचार निगम लिमिटेड,
जिला बिलासपुर, छ0ग0 ..........अनावेदकगण/विरोधी पक्षकार
///आदेश///
(आज दिनांक 09/03/2015 को पारित)
1. आवेदक उदयराम साहू ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदक भारत संचार निगम लिमिटेड के विरूद्ध सेवा में कमी के आधार पर पेश किया है और अनावेदक भारत संचार निगम लिमिटेड से क्षतिपूर्ति के रूप में 63,041/.रु0 की राशि दिलाए जाने का निवेदन किया है ।
2. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक अनावेदकगण के विभाग में अधीनस्थ जे0टी0ओ0 के पद पर कार्य करते हुए दिनांक 30.06.2005 को सेवानिवृत हुआ। सेवानिवृति उपरांत विभागीय नियमानुसार उसे प्राप्त होने वाली सुविधाओं में चिकित्सकीय सुविधा भी सम्मिलत रहा। दिनांक 17.02.2008 को आवेदक अपनी पत्नी श्रीमती अनूपा देवी की तबियत खराब होने पर उसका ईलाज घोष सर्जिकल नर्सिंग होम टिकरापारा, बिलासपुर में कराया और ईलाज उपरांत 13,041/.रु0 का मेडिकल बिल सभी औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए भुगतान हेतु नियमानुसार अनावेदकगण के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसे अनावेदकगण लगभग दो वर्ष तक लंबित रखते हुए दिनांक 02.02.2010 को अनुचित एवं नियम विरूद्ध रूप से अस्वीकृत कर दिये और इस प्रकार उनके द्वारा सेवा में कमी की गई । अतः आवेदक यह परिवाद पेश कर अनावेदकगण से वांछित अनुतोष दिलाए जाने का निवेदन किया है ।
3. अनावेदकगण की ओर से जवाब पेश कर परिवाद का विरोध प्रारंभिक रूप से इस आधार पर किया गया कि प्रश्नगत प्रकरण नियोक्ता और उसके कार्मिक के बीच का है फलस्वरूप विवाद उपभोक्ता से संबंधित नहीं होने के कारण आवेदक का परिवाद इस फोरम में चलने योग्य नहीं। आगे यह भी कहा गया है कि आवेदक द्वारा अपनी पत्नी की बीमारी से संबंधित प्रस्तुत मेडिकल बिल संदेहपूर्ण रहा, जिसके कारण उसे उचित रूप से निरस्त किया गया । आगे उन्होंने आवेदक के परिवाद को निराधार होना प्रकट करते हुए निरस्त किये जाने का निवेदन किये ।
4. उभयपक्ष के अधिवक्तागण का तर्क सुन लिया गया है। प्रकरण का अवलोकन किया गया ।
5. देखना यह है कि क्या आवेदक अनावेदकगण से वांछित अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी है ?
सकारण निष्कर्ष
6. आवेदक ने प्रश्नगत परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध मेडिकल बिल भुगतान संबंधी विवाद को उपभोक्ता विवाद होना निरूपित करते हुए पेश किया है जबकि वास्तव में उक्त विवाद उपभोक्ता विवाद की श्रेणी में नहीं आकर नियोक्ता और उसके कार्मिक के मध्य का है, जिसे उपभोक्ता विवाद की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। फलस्वरूप आवेदक का परिवाद इस फोरम के समक्ष चलने योग्य नहीं । आवेदक को चाहिये कि वह अपने अनुतोष प्राप्ति के संबंध में समुचित विधि के तहत समुचित विधि न्यायालय में कार्यवाही करें, यह फोरम उसके विवाद की जांच करने में सक्षम नहीं । अतः उसका परिवाद निरस्त किया जाता है ।
7. उभयपक्ष अपना-अपना वादव्यय स्वयं वहन करेंगे ।
आदेश पारित
(अशोक कुमार पाठक) (प्रमोद वर्मा)
अध्यक्ष सदस्य