राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-1039/2024
रमाकान्त मौर्य पुत्र श्री हरीप्रसाद मौर्य, निवासी 589/60 सालेहनगर, बंगला बाजार, लखनऊ।
........... अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
ब्रजेश कुशवाहा द्वारा लिमिटेड इजिनियरिंग सर्विसेज, 1/6 सेक्टर-ए, निकट बैंक आफ बडौदा कपूरथला, अलीगंज लखनऊ व दो अन्य
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री अंशुमान श्रीवास्तव
प्रत्यर्थीगण के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 25.7.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी श्री रमाकान्त मौर्य द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-199/2018 में पारित आदेश दिनांक 15.12.2022 के विरूद्ध योजित की गई है।
अपीलार्थी के अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवादी के अधिवक्ता उपरोक्त तिथि दिनांक 15.12.2022 को अपरिहार्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सके थे, जिसके कारण जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद को अपीलार्थी/परिवादी की अनुपस्थिति एवं अदम पैरवी में निरस्त कर दिया है, जिस हेतु अपीलार्थी/परिवादी को दण्डित न किया जावे, अन्यथा अपीलार्थी/परिवादी को अत्यंत घोर कष्ट होगा।
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समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायहित में मेरे विचार से अपीलार्थी/परिवादी को सुनवाई का एक अवसर प्रदान किया जाना उचित प्रतीत होता है, तद्नुसार इस मामले में बिना किसी गुणदोष पर विचार किये प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-199/2018 में पारित आदेश दिनांक 15.12.2022 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद सं0-199/2018 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, इस आदेश की प्राप्ति से छ: माह की अवधि में बिना किसी पक्ष को स्थगन प्रदान करते हुए करना सुनिश्चित करें।
इस आदेश की प्रति अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 28.8.2024 अथवा उससे पूर्व जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत की जाए।
इस आदेश की प्राप्ति से प्रत्यर्थी/विपक्षीगण के अधिवक्ता को इस आदेश की सूचना दो सप्ताह की अवधि में अपीलार्थी/परिवादी के अधिवक्ता द्वारा प्राप्त करायी जावे।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1