राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-885/1999
(जिला उपभोक्ता फोरम, बिजनौर द्वारा परिवाद संख्या-69/1996 में पारित निर्णय दिनांक 07.01.1999 के विरूद्ध)
उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद ए-193-194, जिगर कालोनी मुरादाबाद
द्वारा संपत्ति प्रबंध अधिकारी परिसर मुरादाबाद। वर्तमान में संपत्ति प्रबंध
अधिकारी उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद, बिजनौर।
.........अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
1.श्री बृजेश कुमार पुत्र श्री घासीराम त्यागी, निवासी विदुरनगर विदुर
कुटी रोड, बिजनौर।
2.उपभोक्ता संरक्षण जिला फोरम, बिजनौर। .........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. मा0 श्री चन्द्र भाल श्रीवास्तव, पीठासीन सदस्य।
2. मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :श्री राजीव नारायण, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 27.08.2015
मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील जिला फोरम बिजनौर द्वारा परिवाद संख्या 69/1996 में पारित निर्णय/आदेश दि. 07.01.1999 के विरूद्ध योजित की गई है। जिला मंच का आदेश निम्न प्रकार है:-
'' विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह वादी को मु0 3200/- रूपये मय ब्याज 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से दिनांक 08.08.94 से देय तिथि तक 30 दिन के अंदर अदा करे। इन परिस्थितियों में हम वादी को कोई अन्य अनुतोष देना उचित नहीं पाते हैं।''
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी द्वारा चलाई गई भगीरथी योजना दुर्बल आय वर्ग बिजनौर में भवन संख्या 362 व 363 हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया। दि. 18.05.94 के द्वारा भवन आवंटन की सूचना भेजी गयी तथा आवंटन में प्रथम किश्त की देय तिथि दि. 01.05.94 दर्ज की गई तथा उक्त प्रदेशन पत्र पर
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हस्ताक्षर किये गये। परिवादी ने दि. 07.06.94 को बजरिये पंजीकृत पत्र भवन को निरस्त करने की प्रार्थना की है, लेकिन आवंटित भवन निरस्त नहीं किया गया और विपक्षी द्वारा रू. 4000/- वापिस नहीं किया है।
पीठ द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना गया एवं पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों एवं साक्ष्यों का भलीभांति परिशीलन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
केस के तथ्य एवं परिस्थितियों के आधार पर हम यह पाते हैं कि जिला मंच द्वारा अपने निर्णय में जमा धनराशि को 12 प्रतिशत सहित ब्याज भुगतान की बात कही है वह अधिक है उसे 6 प्रतिशत परिवर्तित करना उचित होगा। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला फोरम द्वारा जो 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दिलाया गया है उसको 6 प्रतिशत परिवर्तित किया जाता है। शेष आदेश की पुष्टि की जाती है।
पक्षकारान अपना-अपना अपील व्यय भार स्वयं वहन करेंगे।
(सी0बी0 श्रीवास्तव) (राज कमल गुप्ता) पीठासीन सदस्य सदस्य
राकेश, आशुलिपिक
कोर्ट-2
yle='mso-ansi-font-weight:normal'> राकेश, आशुलिपिक
कोर्ट-2