Uttar Pradesh

StateCommission

A/2006/650

Central Bank Of India - Complainant(s)

Versus

Brij Kishore Singh - Opp.Party(s)

B L Jaiswal

04 Jul 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2006/650
( Date of Filing : 14 May 2007 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Central Bank Of India
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Brij Kishore Singh
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 Jul 2023
Final Order / Judgement

                                                

                                                           मौखिक

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ०प्र० लखनऊ

अपील संख्‍या- 650/2006

सेन्‍ट्रल बैंक आफ इण्डिया

 बनाम

बृज किशोर सिंह व अन्‍य

        

     समक्ष:-

  1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य
  2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय सदस्‍या

        

        अपीलार्थी की ओर से उपस्थित:  विद्वान अधिवक्‍ता श्री राजीव जायसवाल

        प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :  विद्वान अधिवक्‍ता श्री अनिल कुमार मिश्रा

       

          दिनांक-  04.07.2023

      माननीय सदस्‍या श्रीमती सुधा उपाध्‍याय द्वारा उदघोषित

  •   

        प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी सेन्‍ट्रल बैंक आफ इण्डिया की ओर से विद्वान जिला आयोग, देवरिया द्वारा परिवाद संख्‍या- 27/2003  बृज किशोर सिंह व एक अन्‍य बनाम सेन्‍ट्रल बैंक आफ इण्डिया व अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक- 10-01-2006 के विरूद्ध योजित की गयी है।

       अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री राजीव जायसवाल उपस्थित हुए। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अनिल कुमार मिश्रा उपस्थित हुए। 

    पीठ द्वारा उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया गया।

    

2

 

    परिवाद पत्र के तथ्‍यों के अवलोकन से यह स्‍पष्‍ट है कि परिवादी द्वारा लिये गये ऋण की वसूली हेतु वसूली प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है। वसूली प्रमाण पत्र जारी होने के पश्‍चात उसे रद्द करने या उसको परिवर्तित करने का कोई अधिकार जिला आयोग को नहीं है, इसलिए आर०सी० के विरूद्ध उपभोक्‍ता परिवाद संधारणीय न होने के कारण जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अवैधानिक है, जो अपास्‍त किये जाने योग्‍य है।

                               आदेश

     प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्‍त किया जाता है, तथा परिवाद खारिज किया जाता है।

         प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

    आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।.

 

                                                     

   (सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार)

 सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

           कृष्‍णा–आशु0 कोर्ट नं0 3

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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