Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/89/2017

MOHD ALI KHAN - Complainant(s)

Versus

BRIGHT MOTORS - Opp.Party(s)

28 Mar 2023

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/89/2017
( Date of Filing : 09 Mar 2017 )
 
1. MOHD ALI KHAN
.
...........Complainant(s)
Versus
1. BRIGHT MOTORS
.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MS. Kumar Raghvendra Singh MEMBER
 HON'BLE MS. sonia Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 28 Mar 2023
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:-   89/2017                                             उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

          श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।

          श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।             

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-09.03.2017

परिवाद के निर्णय की तारीख:-28.03.2023

मोहम्‍मद अली खॉं (एडवोकेट) उम्र लगभग 40 वर्ष, पुत्र श्री मो0 अय्यूब खॉं, निवासी-म0नं0-241/17, मोहल्‍ला बाग काजी, वार्ड-यहियागंज, पो0 व थाना-चौक, शहर लखनऊ।                                               ............परिवादी।

                             बनाम

                                                                                                  

1.   मेसर्स ब्राईट मोटर्स 19-20, मौसमबाग, सीतापुर रोड, पो0-निराला नगर, शहर-लखनऊ। द्वारा प्रबन्‍धक/आर्थराइज्‍ड सिग्‍नेटरी अधिकृत विक्रेता हीरो मोटो कार्पोरेशन लि0, पोस्‍ट-निरालानगर, मौसमबाग, सीतापुर रोड, लखनऊ।

 

2    हीरो मोटो कार्पोरेशन लि0 पंजीकृत कार्यालय 34, कम्‍युनिटी सेन्‍टर, बसन्‍त लोक, बसन्‍त विहार नई दिल्‍ली द्वारा-प्रधान प्रबन्‍धक हीरो मोटो कार्पोरेशन लि0, 34 कम्‍युनिटी सेन्‍टर, बसन्‍त लोक, बसन्‍त विहार नई दिल्‍ली, पिन कोड-110057 ।

 

3.   प्रबन्‍ध निदेशक हीरो मोटो कार्पोरेशन 37 किमी0 स्‍टोन दिल्‍ली, जयपुर हाईवे सेक्‍टर-33, गुड़गॉव, हरियाणा पिन कोड-122001 ।            ...........विपक्षीगण।

                                                                      

परिवादी के अधिवक्‍ता का नाम:-परिवादी स्‍वयं।

विपक्षी के अधिवक्‍ता का नाम:-श्री ए0के0पाण्‍डेय।

आदेश द्वारा-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

                               निर्णय

1.   परिवादी ने प्रस्‍तुत परिवाद अन्‍तर्गत धारा 12 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत विपक्षीगण से शारीरिक कष्‍ट, मानसिक क्‍लेश की क्षतिपूर्ति हेतु 25,000.00 रूपये विपक्षी संख्‍या 01 की दुकान/सर्विस सेन्‍टर पर आने-जाने में हुए व्‍यय 500.00 रूपये, विभिन्‍न तिथियों में वसूल की गयी धनराशि 1227.00 रूपये, कुल 26,727.00 रूपये अथवा मोटर साइकिल के बदले दूसरी नई मोटर साईकिल बदलने अथवा मोटर साइकिल के बदले पूर्ण धनराशि वापस दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने एक मोटर साइकिल हीरो हॉण्‍डा स्‍पलेण्‍डर-1 (Smart Drum Self cast) विपक्षी संख्‍या 01 की दुकान से दिनॉंक 13.10.2015 को 52,110.00 रूपये में क्रय किया था तथा खरीद के दौरान ही मौके पर विपक्षी संख्‍या 01 द्वारा रसीद संख्‍या-आर0ई0टी0-1504539 दिनॉंकित 13.10.2015 निर्गत की गयी।

3.   परिवादी द्वारा क्रय की गयी मोटर साइकिल का चेचिस नम्‍बर MBLHA12ACF9J11583  इंजन नम्‍बर-HA12EMF9J13110  एवं मॉडल नम्‍बर- हीरो स्‍पलेण्‍डर-1 (Smart Drum Self cast) था। विपक्षी संख्‍या 01 द्वारा मौके पर ही वारन्‍टी कार्ड उपलब्‍ध कराया गया जिसमें शर्तों के तहत हीरो मोटो कार्पोरेशन लि0 के अधीन अधिकृत विक्रेता की दुकान से खरीद की तिथि से 03 साल या तीस हजार किमी0 जो भी कम हो वारन्‍टी अवधि दी गयी है।

4.   परिवादी के मोटर साइकिल खरीद किये हुए केवल 01 वर्ष 05 माह पूर्ण होने को है और मोटर साइकिल खरीद की तिथि से दिनॉंक 27.02.2017 तक केवल 9744 किलोमीटर ही इस्‍तेमाल हुई है। खरीद की तिथि से एक माह के अन्‍तराल में ही मोटर साइकिल के आगे के दोनों शाकरों से तेज आवाज होने के साथ साथ गाड़ी में जम्पिंग होने लगी जिसकी शिकायत परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 01 से प्रथम सर्विसिंग के दौरान दिनॉंक 21.11.2015 को की गयी। सर्विसिंग के साथ इंजन आयल व गैस के नाम पर 299.00 रूपये वसूल कर रसीद निर्गत की गयी।

5.   परिवादी द्वारा द्वितीय सर्विसिंग दिनॉंक 24.02.2016 को करायी गयी। उस समय भी गाड़ी में आयी खराबी को ठीक न कर ऑयल और गैस के नाम पर 390.00 रूपये परिवादी से वसूल कर रसीद दी गयी। विपक्षी संख्‍या 01 ने ध्‍यान नहीं दिया और नई गाड़ी में केवल एडजेस्‍टमेंट होने की बात कहकर टाल दिया। उक्‍त गाड़ी की तीसरी सर्विसिंग करायी गयी। परिवादी विपक्षी संख्‍या 01 से प्रत्‍येक सर्विसिंग के दौरान मोटर साइकिल में आयी उपरोक्‍त खराबी के बावत बराबर अवगत कराता रहा और समय समय पर मौखिक एवं लिखित रूप से शिकायत भी दर्ज कराता रहा। परन्‍तु विपक्षी संख्‍या 01 परिवादी के अनुरोध को नजर अन्‍दाज करता रहा एवं नई गाड़ी में केवल शॉकर एडजेस्‍टमेंट की बात कहकर टालता रहा। गाड़ी में मरम्‍मत के नाम पर दिनॉंक 08.09.2016 की तिथि में 253.00 रूपये और 13.01.2017 की तिथि में 285.00 रूपये वसूल किया गया। उपरोक्‍त मोटर साइकिल क्रय करने की तिथि से मुश्किल से केवल एक माह ठीक रही। एक माह के पश्‍चात ही उसमें खराबी आनी शुरू हो गयी।

6.   विपक्षी संख्‍या 01 द्वारा यह कहा गया कि वारन्‍टी कम्‍पनी द्वारा दी जाती है। 21 नवम्‍बर 2015 को 249.00 रूपये परिवादी से लिये गये थे, जो कि वारन्‍टी में सम्मिलित नहीं थे और परिवादी द्वारा मोटर साइकिल को बनवाने के बाद ले जाया गया। 24 फरवरी 2016 को परिवादी की गाड़ी की सर्विस की गयी थी। गैस किट रिप्‍लेस की गयी उसके एवज में 59.40 पैसे लिये गये और जो भी पैसा मॉंगा गया है वह नियमानुसार मांगा गया है, और इंजन आयल के अलावा कोई भी चार्ज नहीं लिया गया है, और माइनर एडजेस्‍टमेंट के लिये परिवादी ने जो कुछ कहा वह किया गया।

7.   13 जनवरी 2017 को परिवादी आया और यह कहा कि माइलेज, ड्राइव चैन, क्‍लच में से आवाज आ रहा है, उसको ठीक करवा कर ले जाया गया। 10952 किलोमीटर तक वाहन चलाया गया कोई भी समस्‍या परिवादी को नहीं आयी थी। परिवादी जब भी आये तब उनकी गाड़ी पूर्ण संतुष्टि के आधार पर बनाकर दी गयी।

8.   परिवादी ने मौखिक साक्ष्‍य के रूप में शपथ पत्र तथा दस्‍तावेजी साक्ष्‍य के रूप में विपक्षी द्वारा दी गयी रसीद, इमेंशन वारन्‍टी कार्ड,  299.00 रूपये की रसीद, शिकायती पत्र, एवं कुछ अन्‍य रसीदों की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी हैं। विपक्षी की ओर से जाबकार्ड, इनवाइस, आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी हैं।

9.   मैंने उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।

10.  परिवादी का कथानक है कि तीस हजार किलोमीटर गाड़ी चलाये जाने के संबंध में कम्‍पनी द्वारा वारन्‍टी दी गयी थी, अथवा 03 साल की अवधि। विपक्षी का कथानक है कि दस हजार किलोमीटर गाड़ी चली थी। परिवादी द्वारा कथन किया गया कि मोटर साइकिल खरीद की तिथि से 27.02.2017 तक केवल 9744 किलोमीटर ही इस्‍तेमाल हुई थी। इसलिए वारन्‍टी पीरियड में आती है।

11.  यह भी तथ्‍य सही है कि गाड़ी की सर्विसिंग करायी गयी है और शाकर खराब हो जाने के संबंध में परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में कहा गया। जबकि विपक्षी द्वारा कहा गया कि मोटर साइकिल की जब सर्विसिंग की गयी और बनायी गयी तो परिवादी ने पूर्ण संतुष्टि के साथ चलाया और 10952 किलोमीटर तक चलाया और जो कमियॉं परिवादी द्वारा बतायी गयीं, वह बनायी गयी। जो भी चार्ज लिया गया है वह सब वारन्‍टी पीरियड में नहीं है और परिवादी के कब्‍जे में वाहन है, जो संतुष्टि के आधार पर प्राप्‍त कर लिया था। विपक्षी का यह भी कथानक है कि जो भी पैसा लिया गया है वह जायज है। परिवादी को किसी स्‍तर से 25000.00 रूपये की मानसिक एवं शारीरिक क्षति हुई इसका कोई भी प्रमाण नहीं है।

12.  मोटर साइकिल एक यांत्रिक वस्‍तु होती है और उसे चलाने पर खराब होना स्‍वाभाविक है। कोई टेक्निकल या मैकेनिकल डिफेक्‍ट संबंधित मोटर साइकिल में नहीं थी और बार बार सर्विस कराये जाने के बाद वह स्‍वयं मोटर साइकिल को प्राप्‍त करके चलाता था। मोटर साइकिल चलाने में चालक की भी गलती होती है। या कभी सामने वाले के कारण कुछ गलती होती है जिसकी मरम्‍मत विपक्षी द्वारा की गयी। विपक्षी द्वारा यह कहा गया कि परिवादी 13.01.2017 को आया उसकी गाड़ी बनाकर दे दी गयी और वह गाड़ी को चला रहा है।

13.  विपक्षी का कथानक है कि एक वर्ष सात माह वाहन चलाया है और सर्विस भी कराया है जो कि एक सामान्‍य प्रक्रिया है। ऐसा कोई टेक्निकल और मैकेनिकल फाल्‍ट परिवादी द्वारा नहीं दर्शायी गयी और न ही किसी एक्‍सपर्ट से कोई राय मॉंगी गयी है जिससे साबित हो सके कि वाहन में कोई त्रुटि थी। सेवा में कमी का अभिप्राय यह नहीं होता कि वाहन का मूल्‍य दिलाया जाए या वाहन बदल दिया जाए। पीठ की राय में विपक्षी द्वारा सेवा में कोई त्रुटि नहीं की गयी है। अत: परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य है।

                            आदेश

     परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।

     पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रार्थना पत्र निस्‍तारित किये जाते हैं।

     निर्णय की प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार जारी की जाए।

 

 (कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)    (सोनिया सिंह)                          (नीलकंठ सहाय)

          सदस्‍य              सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ।          

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

                                   

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)    (सोनिया सिंह)                          (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ।          

दिनॉंक:-28.03.2023

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MS. Kumar Raghvendra Singh]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MS. sonia Singh]
MEMBER
 

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