/जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर (छ0ग0)/
प्रकरण क्रमांक:- CC/2015/34
प्रस्तुति दिनांक:- 17/04/2015
सुरित राम निर्मलकर उम्र 70 साल
पिता श्री तिलकराम निर्मलकर,
निवासी ग्राम पामगढ़, तह. पामगढ़,
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. ...................आवेदक/परिवादी
( विरूद्ध )
1. शाखा प्रबंधक,
इलाहाबाद बैंक, शाखा कोसला
तहसील पामगढ़, जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग.
2. किषोर सोना, केसियर,
इलाहाबाद बैंक, शाखा कोसला
तहसील पामगढ़,
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. .........अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण
///आदेश///
( आज दिनांक 03/09/2015 को पारित)
1. आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध प्रस्तुत कर अनावेदकगण से 36,000/-रू. दिनांक 16.08.2014 से वसूली दिनांक तक प्रचलित दर से ब्याज सहित तथा वाद व्यय एवं अन्य अनुतोष दिलाए जाने का दिनांक 17.04.2015 को प्रस्तुत किया है ।
2. प्रकरण में यह अविवादित तथ्य है कि आवेदक का बचत खाता क्रमांक 50078978793 इलाहाबाद बैंक की कोसला शाखा में है ।
3. परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक का (सेविंग) खाता क्रमांक 50078978793 अनावेदक बैंक में है । आवेदक उक्त बैंक में 76,000/-रू. दिनांक 16.08.2014 को जमा किया । आवेदक दिनांक 17.11.2014 को खाता को अपडेट कराने गया तो उक्त खाता में मात्र 40,000/-रू. ही दर्ज किया गया तथा मात्र 40,000/-रू. ही जमा होना बताया गया । उपरोक्त बैंक का अनावेदक क्रमांक 2 केषियर है, जिसने 36,000/-रू. को अपने पास रख लिया है और आवेदक के खाते में जमा नहीं किया है। आवेदक को जैसे ही जानकारी हुई अनावेदक क्रमांक 1 के पास एक आवेदन पत्र 76,000/-रू. जमा करने बाबत् प्रस्तुत किया, तब अनावेदक क्रमांक 1, अनावेदक क्रमांक 2 को अपने पास बुलवाया तथा आवेदक द्वारा जमा किए गए पर्चों को भी मंगाया, किंतु अनावेदक क्रमांक 1 उक्त पर्ची पर काॅंट-छाॅंट कर चुका था तथा उक्त रकम आवेदक के खाते में जमा नहीं किया, तब आवेदक ने माहाप्रबंधक इलाहाबाद बैंक रायपुर के समक्ष षिकायत दिनांक 01.12.2014 को किया, उसके बाद भी आज दिनांक तक अनावेदकगण द्वारा आवेदक के खाता में 76,000/-रू. जमा नहीं किया गया है । इस प्रकार अनावेदकगण द्वारा आवेदक के खाता में 76,000/-रू. जमा नहीं कर सेवा में कमी की गई है । आवेदक दिनांक 16.08.2014 से भूगतान होने तक कम जमा की गई राषि 36,000/-रू. तथा उस पर प्रचलित दर से ब्याज पाने का अधिकारी है । अनावेदकगण का कृत्य दोषपूर्ण तथा व्यवसाय तथा व्यापारिक दूराचरण की श्रेणी में आता है । अतः आवेदक ने अनावेदकगण से 36,000/-रू. दिनांक 16.08.2014 से वसूली दिनांक तक प्रचलित दर से ब्याज सहित तथा वाद व्यय एवं अन्य अनुतोष दिलाए जाने का अनुरोध किया है।
4. विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
क्या अनावेदकगण का कृत्य आवेदक के प्रति दोषपूर्ण तथा व्यवसायिक तथा व्यापारिक दूराचरण की श्रेणी में होकर सेवा में कमी की है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न का सकारण निष्कर्ष:-
5. परिवाद के अविवादित तथ्य के अनुसार आवेदक का इलाहाबाद बैंक शाखा कोसला में बचत खाता क्रमांक 50078978793 है, जिसमें आवेदक दिनांक 26.08.2014 को राषि जमा किया है ।
6. आवेदक के अनुसार उसने दिनांक 16.08.2014 को 1,000/-रू. की 40 नोट तथा 500/-रू. 72 नोट कुल 76,000/-रू. जमा कराया था व्हाउचर की पर्ची की फोटोप्रति प्रस्तुत किया है, उक्त जमा पर्ची की आवेदक द्वारा प्रस्तुत प्रति में खाता क्रमांक 50078978793 में दिनांक 16.08.2014 को 1,000/-रू. की 40 नोट तथा 500/-रू. 72 नोट का उल्लेख किया है तथा कुल 40,000/-रू. शब्दों तथा अंकों में लिखा गया है । इस प्रकार इलाहाबाद बैंक द्वारा दिनांक 16.08.2014 को 40,000/-रू. नगद जमा की गई है हस्ताक्षर सहित उल्लेखित हुआ है ।
7. आवेदक ने अपने बचत खाता पास बुक की फोटोप्रति प्रस्तुत किया है, जिसमें दिनांक 16.08.2014 को 40,000/-रू. नगद जमा हुई है की प्रविष्टि है। इस प्रकार दिनांक 16.08.2014 आवेदक के बचत खाता में उक्त 40,000/-रू. जमा हुआ है ।
8. आवेदक ने दिनांक 17.11.2014 को अपने खाता अपडेट कराने पर खाता में मात्र 40,000/-रू. दर्ज किया गया तथा 40,000/-रू. जमा होना बताया गया, उक्त बैंक के केषियर द्वारा 36,000/-रू. अपने पास रख लिया जमा नहीं किया, जिसके लिए अनावेदक क्रमांक 1 के पास आवेदन प्रस्तुत किया था बताया है, आवेदन के फोटोप्रति प्रकरण में संलग्न किया है। इस प्रकार अनावेदक बैंक के रायपुर स्थित बैंक के महाप्रबंधक को भी लिखा गया पत्र की प्रति प्रकरण में संलग्न किया है, जिस पर बैंक द्वारा संबंधित जानकारी लिए जाने के संबंध में आवेदक को पत्र लिखा है, जिसे आवेदक ने प्रकरण में संलग्न किया है।
9. अनावेदकगण की ओर से पुरूषोत्तम माझी के शपथ पत्र से समर्थित जवाब दावा में बताया गया है कि दिनांक 16.08.2014 को आवेदक द्वारा जमा पर्ची प्रस्तुत किया गया है, जिसमें 1,000/-रू. की 40 नोट तथा 500/-रू. 72 नोट का विवरण देते हुए 40,000/-रू. जमा किया गया था । व्हाउचर पर 1,000/-रू. के 40 नोट लिखा था, जिसे आवेदक ने स्वयं काट दिया था। आवेदक द्वारा प्रस्तुत जमा पर्ची की सत्यापित प्रति अनावेदगण द्वारा प्रस्तुत किया है । इस प्रकार अनावेदकगण ने दिनांक 16.08.2014 को अनावेदक बैंक में जमा हुआ संधारित रजिस्टर में का सत्यायपित प्रति प्रस्तुत किया है, उक्त रजिस्टर के सरल क्रमांक 15 में सुरित राम द्वारा खाता क्रमांक 50078978793 में 40,000/-रू. की राषि जमा करने का उल्लेख है । इस प्रकार अनावेदकण द्वारा प्रस्तुत जमा पर्ची जिसे आवेदक ने दिनांक 16.08.2014 को अनावेदक बैंक में अनावेदक क्रमांक 2 के समक्ष प्रस्तुत किया था तथा अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा संधारित रजिस्टर की प्रति से बताया गया है कि आवेदक ने दिनांक 16.08.2014 को कुल 40,000/-रू. नगद अनावेदक बैंक में जमा करने प्रस्तुत किया था, जिसके आधार पर कुल 40,000/-रू.आवेदक के खाता में जमा किया गया है ।
10. आवेदक द्वारा अनावेदक बैंक शाखा कोसला में में राषि जमा करने की जमा पर्ची की आवेदक द्वारा प्रस्तुत प्रति तथा अनावेदक द्वारा प्रस्तुत जमा पर्ची से 40,000/-रू. मात्र जमा करना अंकों एवं शब्दों में उल्लेखित है, जिसकी पुष्टि अनावेदकगण के रजिस्टर दिनांक 16.08.2014 की सत्यापित प्रति तथा आवेदक के बचत खाता पास बुक दिनांक 16.08.2014 की प्रविष्टि से स्पष्ट रूप से हो रहा है तथा आवेदक द्वारा कुल 76,000/-रू. जमा करने बाबत् आवेदक के कथन का समर्थन नहीं हो रहा है ।
11. आवेदक ने परिवाद की कण्डिका 3 में अभिकथन किया है कि षिकायत अनावेदक क्रमांक 1 को किए जाने पर अनावेदक क्रमांक 1 ने अनावेदक क्रमांक 2 को अपने पास बुलवाया तथा आवेदक द्वारा जमा पर्ची को भी मंगाया, किंतु अनावेदक क्रमांक 1 उक्त जमा पर्ची पर काॅंट-छाॅंट कर दिया गया था, जिसका अनावेदकगण द्वारा खण्डन किया गया है । आवेदक तथा अनावेदगण द्वारा प्रस्तुत जमा पर्ची में 76,000/-रू. जमा होने का उल्लेख कहीं पर भी नहीं है, बल्कि 40,000/-रू. जमा होने का उल्लेख शब्दों एवं अंकों में है, से आवेदक के कथन इस संबंध में स्वीकार करने योग्य नहीं है, कि आवेदक ने 76,000/-रू. दिनांक 16,08.2014 को अपने खाते में जमा करने के लिए अनावेदक क्रमांक 2 के समक्ष प्रस्तुत किया था ।
12. परिवादी ने अनावेदक बैंक द्वारा अपने जमा पर्ची में 100 के आगे 40 लिखकर कूटरचना करने का तर्क किया है । अभिलेखगत सामग्री अंतर्गत आवेदक द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य/प्रमाण से अनावेदक द्वारा कूटरचना करना स्थापित प्रमाणित नहीं हुआ है । परिवादी ने 76,000/-रू. के स्थान पर भूलवष 40,000/-रू. अंकों एवं शब्दों में लिखा है का तर्क परिवाद में उल्लेखित नहीं है । 40,000/-रू. से अन्यथा अधिक 76,000/-रू. जमा करने का प्रमाण भार प्राथमिक रूप से आवेदक पर रहा है, जिसे अनावेदकगण के विरूद्ध प्रमाणित नहीं होना हम पाते हैं ।
13. इस प्रकार पक्षकारों की ओर से किए अभिवचनों, प्रस्तुत दस्तावेजों से परिवाद का तथ्य कि दिनांक 16,08.2014 को आवेदक ने कुल 76,000/-रू. अपने खाते में जमा करने के लिए अनावेदक क्रमांक 2 के समक्ष प्रस्तुत किया था प्रमाणित नहीं हुआ है । आवेदक द्वारा प्रस्तुत जमा पर्ची में उल्लेख अनुसार 40,000/-रू. आवेदक के बचत खाता पास बुक में जमा किया है, से अनावेदकगण ने आवेदक के प्रति किसी प्रकार से सेवा में कमी की है प्रमाणित नहीं हो रहा है । फलस्वरूप विचारणीय प्रष्न का निष्कर्ष ’’प्रमाणित नहीं है’’ में दिया जा रहा है ।
14. अतः आवेदक द्वारा प्रस्तुत यह परिवाद स्वीकार करने योग्य नहीं है, निरस्त करने योग्य पाया जाता है । अतः परिवाद पत्र निरस्त किया जाता है ।
15. उभय पक्ष अपना-अपना वाद-व्यय स्वयं वहन करेंगे ।
( श्रीमती शशि राठौर) (मणिशंकर गौरहा) (बी.पी. पाण्डेय)
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