जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर-चाॅपा (छ0ग0)
प्रकरण क्रमांक:- CC/21/2015
प्रस्तुति दिनांक:- 20/03/2015
मेलनबाई पति स्व. जगेष्वर उम्र 65 वर्श,
निवासी ग्राम किरारी, विकास खण्ड अकलतरा,
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. ..................आवेदिका/परिवादी
( विरूद्ध )
1. षाखा प्रबंधक, इफको टोकियो जनरल इंष्योरेंस कं. लि.
सी.एस.सी.-ई-5/18 सेकेण्ड फ्लोर आर्या कालोनी
षाॅपिंग काम्पलेक्स, नियर बी.एस.एन.एल. आफिस बिटन
मार्केट, भोपाल 462016
2. षाखा प्रबंधक,
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित,
षाखा अकलतरा,
जिला जांजगीर चांपा छ.ग. .........अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण
///आदेश///
( आज दिनांक 16/10/2015 को पारित)
1. परिवादी/आवेदिका ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना अनुसार 5,00,000/-रू. मय 12 प्रतिषत ब्याज, मानसिक क्षतिपूर्ति, वादव्यय एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने के लिए दिनांक 20.03.2015 को प्रस्तुत किया है ।
2. प्रकरण में यह अविवादित तथ्य है कि अ. परिवादी के पति स्व. जगेष्वर का एक सेविंग बैंक एकाउंट नं. 7240 अनावेदक क्रमांक 2 जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित षाखा अकलतरा में था, जिसके अनुसार जगेष्वर दुर्घटना बीमा योजना का सदस्य था ।
ब. परिवादी के पति स्व. जगेष्वर कुर्मी का अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना अंतर्गत बीमा किया था, जिसका पाॅलिसी नंबर 51259063, 51259066, 51259068, 51259070, 51259075 के तहत (अनावेदक क्रमांक 1 के जवाब की कंडिका 3 अनुसार) पाॅलिसी लिया गया था ।
स. परिवादी के पति स्व. जगेष्वर की मृत्यु हो गई ।
द. परिवादी द्वारा बीमा दावा प्रस्तुत किया गया था, जिसे अनावेदक द्वारा दिनांक 26.03.2014 को निरस्त कर दिया गया ।
3. परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदिका के पति स्व. जगेष्वर कुर्मी ने एक सेविंग बैंक एकाउंट नं. 7240 खाता पन्ना क्रमांक 84/73 अनावेदक क्रमांक 2 जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित षाखा अकलतरा जिला जांजगीर चांपा में दिनांक 27.01.2013 को खोला था, जिस पर बैंक अपने खाता धारकों के दुर्घटनात्मक मृत्यु होने पर 5,00,000/-रू. बीमा मूल्य के एक कल्याणकारी व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना अनावेदक क्रमांक 1 के माध्यम से लागू किया था और उक्त बीमा की प्रीमियम आवेदिका के पति स्व. जगेष्वर कुर्मी के सेविंग बैंक एकाउंट से दिनांक 01.03.2013 का 100/-रू. डेविट किया है। आवेदिका के पति स्व. जगेष्वर कुर्मी के बीमा अवधि में दिनांक 27.09.2013 को मोटरयान दुर्घटना में दुर्घाटनात्मक मृत्यु हो गई, तब आवेदिका ने अनावेदक क्रमांक 2 बैंक में दावा सूचना प्रस्तुत की, किंतु अनावेदक क्रमांक 1 ने दिनांक 26.03.2014 को आवेदिका के दावे को बिना किसी कारण व आधार के की बीमा धारक मृत्यु के समय 76 वर्श का था और पाॅलिसी में 70 वर्श से अधिक उम्र के व्यक्ति कव्हर न होने व दावा सूचना विलंब से दिया जाना कहकर दावे को अनुचित रूप से निरस्त कर दिया गया। इस प्रकार अनावेदकगण द्वारा आवेदिका के बीमा दावा को निरस्त कर सेवा में कमी की गई, जिससे आवेदिका को आर्थिक व मानसिक परेषानी हुई, अतः आवेदिका ने अनावेदकगण से व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के अनुसार 5,00,000/-रू. मय 12 प्रतिषत ब्याज, मानसिक क्षतिपूर्ति, वादव्यय एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने का निवेदन की है।
4. अनावेदक क्रमांक 1 ने जवाबदावा प्रस्तुत कर स्वीकृत तथ्य को छोड़ शेष तथ्यों से इंकार करते हुए कथन किया है कि अनावेदक द्वारा पाॅलिसी क्रमांक 51259063, 51259066, 51259068, 51259070, 51259074 के तहत पाॅलिसी ली गई थी, जिसमें उक्त पाॅलिसी के अंतर्गत 70 वर्ष तक उम्र में मृत्यु होने पर ही राषि दिया जाता है, परंतु मृतक जगेष्वर कष्यप की उम्र आवेदिका द्वारा प्रस्तुत पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार 76 वर्ष है, साथ ही आवेदिका द्वारा मृतक का व्होटर आई डी प्रस्तुत किया गया है, जिसमें मृतक की उम्र 77 वर्ष बताई गई है। उक्त बीमा पाॅलिसी के नियम एवं शर्तों के अनुसार 70 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति का पाॅलिसी में रिस्क कव्हर न होने के कारण अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा दिनांक 26.03.2014 को आवेदक का आवेदन खारिज किया गया है, जो कि विधि अनुसार है। आवेदिका द्वारा विलंब से पाॅलिसी की राषि की मांग की गई है । मृतक जगेष्वर की मृत्यु दिनांक 23.10.2013 को हुई थी, जबकि आवेदिका द्वारा उक्त आवेदन दिनांक 14.02.2014 को प्रस्तुत किया गया है, जो कि बीमा पाॅलिसी के नियम एवं शर्तों के अनुसार सही समय पर आवेदन नहीं दिया गया है इसलिए भी आवेदिका का दावा याचिका अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा खारिज किया गया है । फलस्वरूप अनावेदक क्रमांक 1 ने आवेदिका के आवेदन को खारिज किए जाने का निवेदन किया है।
5. परिवाद पर उभय पक्ष के अधिवक्ता को विस्तार से सुना गया। अभिलेखगत सामग्री का परिषीलन किया गया है ।
6. विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
क्या अनावेदक क्रमांक 1 बीमा कंपनी ने पदिवादी द्वारा प्रस्तुत दुर्घटना बीमा दावा निरस्त कर सेवा में कमी की है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न का सकारण निष्कर्ष:-
7. पक्षकारों के मध्य स्वीकृत तथ्य अनुसार परिवादी के पति स्व. जगेष्वर कुर्मी का एक सेविंग बैंक एकाउंट नं. 7240 अनावेदक क्रमांक 2 जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित षाखा अकलतरा में था, जिसके अनुसार जगेष्वर दुर्घटना बीमा योजना का सदस्य था, उसका बीमा अनावेदक क्रमांक 1 बीमा कंपनी द्वारा दिनांक 01.03.2013 को 100/-रू. का प्रीमियम लेकर 5,00,000/-रू. का बीमा किया गया था । जगेष्वर कुर्मी की मृत्यु दिनांक 23.10.2013 को हो गई । आवेदिका द्वारा बीमा की राषि के लिए दावा प्रस्तुत किया गया, जिसे अनावेदक क्रमांक 1 ने दिनांक दिनांक 26.03.2014 को निरस्त कर दिया ।
8. अनावेदक क्रमांक 1 ने जवाब में परिवादी की ओर से प्रस्तुत दुर्घटना दावा को इंकार करने का कारण मृतक की आयु 70 वर्श से अधिक थी । पाॅलिसी के नियम व षर्तों के अनुसार 70 वर्श उम्र के व्यक्ति का पाॅलिसी में रिस्क कव्हर दावा नहीं होता है ।
9. परिवादी ने तर्क किया है कि मृत्यु के समय बीमा पाॅलिसी धारक की उम्र 70 वर्श से अधिक होने के आधार पर उत्तराधिकारी द्वारा प्रस्तुत दावा निरस्त नहीं किया जा सकता । तर्क के समर्थन में सहारा इंडिया कामर्सियल कार्पोरेषन लिमिटेड एवं अन्य विरूद्ध रसल देवी मेघवंषी व अन्य प्ट ;2013द्ध ब्च्श्र 467 ;छब्द्ध का अवलंब लिया है ।
10. अनावेदक ने परिवाद का जवाब तथा सूची अनुसार दस्तावेज बीमा पाॅलिसी, जगेष्वर का भारतीय निर्वाचन आयोग का परिचय पत्र की फोटोप्रति प्रस्तुत किया है । जवाब सहित दस्तावेजी प्रमाण को प्रमाणित/पुश्टि कराने के लिए अनावेदक क्रमांक 1 की ओर से किसी व्यक्ति का षपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है, फलस्वरूप जगेष्वर के नाम का परिचय पत्र किसने प्रस्तुत किया था स्थापित प्रमाणित नहीं है ।
11. परिवादी की ओर से सूची अनुसार दस्तावेज जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर प्रधान कार्यालय का पत्र क्रमांक 7/डिपाॅजिटर/दुर्घटना बीमा/2014 बिलासपुर दिनांक 31.03.2014, अनावेदक क्रमांक 1 का पजीयन पत्र दिनांक 26.03.2014 , जगेष्वर का अनावेदक क्रमांक 2 बैंक में सेविंग बैंक का पास बुक, पुलिस थाना अकलतरा का सूचना पत्र 308/13 में अतिम प्रतिवेदन की प्रथम सूचना रिपोर्ट, मर्ग इंटीमेंषन, अकाल एवं आकस्मिक मृत्यु की सूचना, नक्षा पंचनामा, षव परीक्षण के लिए आवेदन, षव परीक्षण प्रतिवेदन के प्रमाणित प्रति की फोटोप्रति प्रस्तुत किया है, जिसमें जगेष्वर की आयु 75 वर्श उल्लेखित है ।
12. यह अविवादित है कि मृतक जगेष्वर कुर्मी का बचत खाता अनावेदक क्रमांक 2 के बैंक में था । अनावेदक क्रमांक 2 ने मृतक जगेष्वर का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा मृतक के खाते से 100/-रू. काट कर अनावेदक क्रमांक 1 बीमा कंपनी से कराया था । मृतक जगेष्वर कुर्मी का दुर्घटना में मृत्यु होना भी अविवादित है।
13. मृतक जगेष्वर कुर्मी का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कराते समय मृतक ने अपनी आयु लिखित में अनावेदक क्रमांक 1 को प्रकट किया था, जिसमें उसने अपनी आयु को छिपाया था, इस आषय का कोई साक्ष्य अनावेदक क्रमांक 1 बीमा कंपनी द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है । अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा मृतक जगेष्वर कुर्मी का बीमा कराते समय उसकी आयु की जांच करते हुए बीमा हेतु उसकी आयु अधिक होने की कोई जानकारी अनावेदक क्रमांक 2 को तथा खाता धारक जगेष्वर कुर्मी को दिया था यह तथ्य भी अनावेदक क्रमांक 1 की ओर से प्रस्तुत प्रमाण से प्रकट नहीं हो रहा है ।
14. अनावेदक क्रमांक 1 ने अनावेदक क्रमांक 2 के माध्यम से खाता धारक जगेष्वर कुर्मी का 100/-रू. दिनांक 01.03.2013 को प्राप्त किया तथा उसका अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा उपयोग किया गया, किंतु बीमा अवधि में खाता धारक जगेष्वर की मृत्यु होने पष्चात व्यक्तिगत दुर्घटना दावा को मृत्यु के समय आयु 70 वर्श से अधिक के आधार पर दावा इंकार किया गया है ।
15. अनावेदक क्रमांक 2 के बैंक में खाता धारक जगेष्वर कुर्मी का खाता खोलने के समय आयु/जन्म तिथि का विवरण खाता धारक ने स्वयं दिया था, जिसके आधार पर मृतक की आयु का निर्धारण किया जाना उचित होता, किंतु अनावेदक क्रमांक 1 ने मृतक के सेविंग एकाउंट खाता से उसके आयु जानने का कोई प्रयास नहीं किया न ही उस संबंध में कोई दस्तावेज परिवाद में प्रस्तुत किया है ।
16. अनावेदक क्रमांक 1 बीमा कंपनी द्वारा मृतक जगेष्वर कुर्मी का बीमा किया जाना बताते हुए बीमा पाॅलिसी की फोटोप्रति प्रस्तुत किया है, जिसमें आयु के संबंध में निम्नलिखित तथ्य उल्लेखित है:-
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उक्त आयु सीमा अनुसार 80 वर्श तक की आयु का बीमा किया जा सकता है । परिवाद पत्र में परिवादी तथा अनावेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी साक्ष्य से जगेष्वर की आयु बीमा करते समय 80 वर्श पूरा हो गया था, ऐसी स्थिति नहीं है ।
17. जगेष्वर कुर्मी का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा अनावेदक क्रमांक 2 बैंक द्वारा अनावेदक क्रमांक 1 बीमा कंपनी से 100/-रू. प्रीमियम देकर कराया है। बीमा कराते समय बीमा धारक (मृतक) व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं था । अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा मृतक जगेष्वर का बीमा कराते समय आयु सीमा में होने बाबत् जाॅच क्यों नहीं किया, जबकि बीमा करते समय बीमा धारक बीमा में के षर्तों की पूर्ति रहा है देखा जाना व्यक्तिगत दायित्व में था। बीमा का प्रीमियम तो प्राप्त कर बीमा भी कर दिया गया, जब बीमा राषि देने की बात आयी, तो आयु सीमा का आधार बताते हुए बीमा राषि देने से इंकार किया गया । यदि मृतक जगेष्वर की दुर्घटना में मृत्यु नहीं होती दुर्घटना दावा नहीं किया गया होता, तो यह जानकारी भी नहीं होती कि मृतक बीमा के षर्तों के अधिन था या नहीं। यह अनावेदक क्रमांक 1 की लापरवाही होगी ।
18. मृतक जगेष्वर का बीमा के लिए राषि प्राप्त कर राषि का उपयोग किया गया है । मृतक जगेष्वर का उसका बीमा करने में किसी प्रकार का कोई दोश या मलती होना प्रकट नहीं हुआ है । सहकारी बैंक के खाता धारक का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कल्याणकारी योजना अंतर्गत है । बीमा पाॅलिसी की षर्तों से संपूर्ण बीमा दावा को अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा इंकार करना उपभोक्ता के सेवा में कमी किया गया है हम पाते हैं।
19. उपरोक्त स्थिति में प्रथमतः मृतक जगेष्वर कुर्मी का व्यवक्तिगत दुर्घटना बीमा कराते समय उसकी आयु 70 वर्श से अधिक होने के आधार पर उसका बीमा करने को इंकार नहीं किया गया, बल्कि बीमा हेतु प्रीमियम राषि लेकर उसका बीमा किया गया । द्वितीय बीमा करते समय जगेष्वर कुर्मी की आयु बीमा पाॅलिसी अनुसार आयु सीमा में नहीं थी को युक्तियुक्त रूप से प्रमाणित नहीं किया गया है । प्रस्तुत बीमा पाॅलिसी अनुसार 80 वर्श की आयु तक के व्यक्ति का बीमा कव्हर होने के आधार पर परिवादी के पति श्री जगेष्वर कुर्मी का बीमा कराए गए बीमा अनुसार आच्छादित था हम पाते हैं ।
20. इस प्रकार मृतक जगेष्वर कुर्मी का अनावेदक क्रमांक 2 के माध्यम से अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा 100/-रू. का प्रीमियम लेकर उसका व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा करने पष्चात बीमा अवधि में दुर्घटना में मृत्यु होने के पष्चात भी मृतक के उत्तराधिकारी परिवादी द्वारा किए बीमा दावा को इंकार किया जाना सेवा में कमी की परिधि में होना हम पाते हैं । तद्नुसार विचारणीय प्रष्न का निश्कर्श अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा परिवादी की ओर से प्रस्तुत उसके पति का दुर्घटना बीमा दावा को इंकार कर सेवा में कमी किया है में देते है।
21. अनावेदक क्रमांक 1 ने जवाब में दुर्घटना दावा विलंब से परिवादी द्वारा प्रस्तुत किए जाने को दावा निरस्त करने का आधार बताया है । रजिस्टर्ड पत्र दिनांक 26.03.2014 में भी विलंब से सूचना दिए जाने का तथ्य उल्लेखित किया गया है । विलंब से दावा किया जाना, दुर्घटना में मृत्यु की सूचना विलंब से दिए जाने के आधार पर परिवादी का संपूर्ण दुर्घटना दावा निरस्त किए जाने योग्य नहीं है, ओरिएंटल इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड विरूद्ध गीता देवी 2014 ;2द्ध ब्ळस्श्र 10 ;ब्ब्ब्द्ध में माननीय राज्य आयोग द्वारा अवलंबित किया गया है। इस प्रकार दिनांक 20.03.2014 में दिए गए आधार पर परिवादी द्वारा प्रस्तुत दुर्घटना दावा को निरस्त किया जाना न्याय संगत तथा विधि अनुरूप नहीं है । सेवा में कमी किया गया हम पाते हैं ।
22. परिवाद की सामग्री से स्पश्ट है कि अनावेदक क्रमांक 2 ने उसके खाता धारक जगेष्वर कुर्मी का 100/-रू. प्रीमियम लेकर अनावेदक क्रमांक 1 से 5,00,000/-रू. का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कराया था । बीमा अवधि में परिवादी के पति की मृत्यु हो गई, फलवरूप बीमा की राषि 5,00,000/-रू. परिवादी पाने की पात्रता रखती है । इस प्रकार अनावेदकगण के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद को स्वीकार करने योग्य पाते हुए हम स्वीकार करते हैं तथा निम्नानुसार निर्देष देते हैं:-
अ. अनावेदक क्रमांक 1 इफको टोकियो जनरल इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड जगेष्वर कुर्मी की व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना अंतर्गत बीमा की राषि 5,00,000/-रू. (पाच लाख रूपये) परिवादी को 1 माह के भीतर प्रदान करे ।
ब. अनावेदक क्रमांक 1 बीमा कंपनी परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से अदायगी दिनांक तक उक्त 5,00,000/-रू. (पाच लाख रूपये) पर 9 प्रतिषत ब्याज भी परिवादी को प्रदान करे।
स. अनावेदक क्रमांक 1 बीमा कंपनी, परिवादी को मानसिक परिवेदना हेतु 5,000/-रू. (पाच हजार रूपये) प्रदान करे ।
द. अनावेदक क्रमांक 1 बीमा कंपनी, परिवादी को वादव्यय हेतु 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) प्रदान करे ।
( श्रीमती शशि राठौर) (मणिशंकर गौरहा) (बी.पी. पाण्डेय)
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