Uttar Pradesh

Kanpur Dehat

CC/79/2021

Nagendra Singh - Complainant(s)

Versus

Branch Manager, U.P. Coperative Gram Vikas Bank Ltd. - Opp.Party(s)

Shailendra Singh Gaur

03 May 2023

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।

                                                         अध्यासीन:-    श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष

             श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य

             सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य

 

उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 79/2021

परिवाद दाखिला तिथि :- 06.10.2021

निर्णय दिनांक:- 03.05.2023

(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)

 

नागेन्द्र सिंह उम्र लगभग 59 वर्ष पुत्र स्व0 सुरेन्द्र सिंह नि0 ग्राम संगसियापुर पो0 सरियापुर थाना व तहसील अकबरपुर कानपुर देहात ।     

                                                                                                                                                             ..........................परिवादी

बनाम

 

  1. श्रीमान शाखा प्रबन्धक महोदय, उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 शाखा अकबरपुर कानपुर देहात ।
  2. श्रीमान वरिष्ठ प्रबन्धक महोदय, उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 शाखा अकबरपुर कानपुर देहात ।
  3. डा0 एस0 वी0 श्रीवास्तव बी0वी0एस0सी0ए0एच0 तत्कालीन तैनाती गजनेर कानपुर देहात ।
  4. यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड कौशलपुरी कानपुर नगर ।

                                                                                                                                                             .….................प्रतिवादीगण

निर्णय

 

     प्रस्तुत परिवाद परिवादी नागेन्द्र सिंह की ओर से सशपथ पत्र इस आशय का संस्थित किया गया है कि परिवादी के सभी परिस्थिति की दृष्टिगत रखते हुये मुकदमे में दोषीजनों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने व उपभोक्ता को क्षतिपूर्ति दिलाये जाने का आदेश पारित जाने हेतु दिनांक 06.10.2021 को प्रस्तुत किया गया ।

     संक्षेप में, परिवादी का कथन है कि परिवादी/ प्रार्थी ने दिनांक 30.06.2010 को डेयरी विविधीकरण (गाय) का पालन हेतु मु0 30,000/- रुपया का लोन हेतु आवेदन किया था । प्रार्थी से शाखा प्रबन्धक महोदय द्वारा बैंक शाखा की औपचारिकताएँ पूर्ण करने हेतु आवश्यक कमीशन की बात कही गयी जिस पर प्रार्थी/ उपभोक्ता तैयार हो गया । शाखा प्रबन्धक महोदय द्वारा प्रार्थी से आवश्यक कमीशन लेकर सभी औपचारिकताएँ स्वयं पूरी की और दो चेकों द्वारा प्रार्थी/ उपभोक्ता को दिनांक 25.06.2010 को मु0 28,560/- रुपये भुगतान कर दिया गया तथा आवश्यक कमीशन के नाम पर प्रार्थी/ उपभोक्ता से मु0 8,000/- रुपया वापस ले लिया गया तथा शेष भुगतान कर दिया गया । प्रार्थी/ उपभोक्ता द्वारा डेयरी विविधीकरण (गाय) हेतु ऋण आवेदन किया था जिसे शाखा प्रबन्धक एवं बैंक कर्मचारियों द्वारा मिली भगत करके गाय के स्थान पर पड़िया कर दिया गया । शाखा प्रबन्धक महोदय द्वारा दिनांक 24.01.2020 पत्रांक 757/2019/2020 श्री अनुज सिंह पुत्र श्री नागेन्द्र सिंह ग्राम संगसियापुर पोस्ट सरियापुर कानपुर देहात के जन सूचना अधिकार अधिनियम के पत्र में पैरा-1 में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है कि डेयरी विविधीकरण योजना अंतर्गत बछिया क्रय करने हेतु ऋण लिया था, पैरा-2 में बछिया क्रय करने के पश्चात श्री नागेन्द्र सिंह द्वारा बछिया क्रय रसीद एवं स्वास्थ्य प्रमाण पत्र शाखा पर प्रस्तुत करने के पश्चात दोनों बछियों का बीमा यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड कौशलपुरी कानपुर देहात से करवाया गया था । प्रार्थी/ उपभोक्ता के पत्रांक-797/ ऋण/ डेयरी विविधीकरण/ जनसूचना 2019-20 दिनांक 25.06.2020 अनुज सिंह पुत्र श्री नागेन्द्र सिंह के पत्र में बैंक द्वारा बछिया/ पड़िया क्रय रसीद की प्रमाणित प्रति का उल्लेख किया गया है । अत्यंत महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पत्र दिनांक 24.01.2020 में ऋण हेतु बछिया क्रय करना बताया गया है जिससे बैंक कर्मचारियों की लापरवाही अनियमितता अपने कार्य के प्रति उतावलापन स्पष्ट रूप से प्रतीत हो रहा है । विपक्षी बैंक शाखा द्वारा दिनांक 24.03.2020 के पत्र में दिनांक 24.01.2020 व 25.02.2020 के पत्र के क्रय किये सही कथन को छुपाने के उद्देश्य में पैरा-1 में गाय के स्थान पर पड़िया तथा डॉ0 एल0बी0 श्रीवास्तव पशु चिकित्साधिकारी गजनेर द्वारा कान में बटन लगाया जाना बताया जा रहा है जब कि सत्यता यह है कि किसी भी पशु चिकित्साधिकारी दारा आप शाखा प्रबन्धक द्वारा कान में बटन लगवाये ही नहीं गये । दिनांक 24.03.2020 के पैरा-3 में स्वास्थ्य प्रमाण पत्र एवं रमन्ना मुझ उपभोक्ता द्वारा लाया जाना बताया जा रहा है जबकि सत्यता यह है कि आवश्यक कमीशन लेकर आप शाखा प्रबन्धक द्वारा उक्त पत्र स्वयं तैयार कराये जाते हैं । वाद का कारण जब बना जब प्रस्तुत प्रार्थना पत्र दिनांकित 21.07.2020 को बैंक में प्रस्तुत किया और क्लेम देने से माना कर दिया । गाय बीमार होते ही आप बैंक शाखा में उपभोक्ता द्वारा सूचित किया गया था जिसे आप स्पष्ट रूप से मानने से मना कर रहे हैं । प्रार्थी/ उपभोक्ता ने उक्त सूचना समाचार पत्र में भी प्रकाशित कराने को समाचार पत्र दैनिक जागरण दिनांक 22 मार्च 2011 के पेपर की कटिंग साथ में संलग्न है । प्रार्थी/ उपभोक्ता द्वारा बीमित गाय एवं गाँव के अन्य मेरे जानवरों की सूचना दिनांक 25.03.2011 को शाखा प्रबन्धक महोदय भूमि विकास बैंक शाखा अकबरपुर कानपुर देहात को दी थी । तत्पश्चात दिनांक 03.09.2020 को पुलिस अधीक्षक महोदय कानपुर देहात को घटना के सम्बन्ध में व बैंक कर्मचारियों के विरुद्ध फर्जीवाडे हेतु आवश्यक कार्यवाही किये जाने के लिये शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसमें पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात द्वारा विवेचना कर मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश पारित किया गया था, जिसमें थाना अकबरपुर कानपुर देहात के थानाध्यक्ष ने मुकदमा पंजीकृत नहीं किया था । श्रीमान सी0ओ0 साहब ने उपभोक्ता के बयान को दिनांक 06.10.2020 को पंजीकृत किया था । दिनांक 21.07.2020 को उपभोक्ता द्वारा शाखा प्रबन्धक महोदय, उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 शाखा अकबरपुर कानपुर देहात को एक लीगल नोटिस जरिये अधिवक्ता श्री सुरेन्द्र राठौर द्वारा प्रेषित की गयी, जिसका जवाब नहीं दिया गया । दिनांक 21.11.2020 को माननीय मुख्यमंत्री व दिनांक 29.10.2020 को क्षेत्रीय प्रबन्धक उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 अकबरपुर कानपुर देहात व मण्डल कार्यालय कानपुर नगर को दिया गया परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुयी । परिवादी का परिवाद स्वीकार कर क्षतिपूर्ति करने का आदेश पारित किया जाये ।

     संक्षेप में विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा संयुक्त रूप से जवाबदेही दाखिल की गयी, जिसमें विपक्षीगण ने कथन किया है कि परिवाद पत्र की धारा-1 को प्रमाणित करने का भार परिवादी पर है, परिवाद पत्र की धारा-2 आंशिक संशोधन के साथ स्वीकार है परिवादी ने दिनांक 18.05.2010/ 02.06.2010 को डेयरी विविधीकरण (गाय) पालन करने हेतु रु0 30,000/- का ऋण लेने हेतु आवेदन किया था जो स्वीकृत किया गया । परिवाद पत्र की धारा-3 में वर्णित कथन असत्य हैं, अस्वीकार है । परिवाद पत्र की धारा-4 को मिथ्या एवं भ्रामक बताते हुये अस्वीकार किया है तथा केवल यह स्वीकार किया है कि बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण की राशि 15,000/- दिनांक 25.06.2010 व 15,000/- दिनांक 08.07.2010 को पशु बीमा राशि काटकर भुगतान किया गया । विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा दाखिल जवाबदेही में परिवाद पत्र की धारा-5 व 6 के कथनों को अस्वीकार किया है, धारा-7 को आंशिक रूप से स्वीकार तथा धारा-8, 9, 10, 11, 12 व 13 के कथनों को पूर्ण रूप से अस्वीकार किया है । जवाबदेही के प्रस्तर-14 में परिवाद पत्र की धारा-14 में वर्णित तथ्य आंशिक रूप से स्वीकार किया है, धारा-15, 16, 17 व 18 में वर्णित कथनों को अस्वीकार किया है एवं धारा-19 के संदर्भ में अभिकथन किया है कि शाखा प्रबन्धक को वसूली की कार्यवाही रोकने का कोई अधिकार नहीं है ।

     संक्षेप में विपक्षी संख्या-4 यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड कौशलपुरी कानपुर नगर द्वारा दाखिल जवाबदेही में मुख्य रूप से कथन किया गया है कि प्रतिवादी का दावा बीमा कम्पनी को सूचना न दिये जाने के कारण विचार नहीं किया, प्रतिवादी द्वारा बैंक शाखा प्रबन्धक महोदय को मृतक भैंस की सूचना/ औपचारिकताओं को वादी स्वयं सिद्ध करे । परिवादी के परिवाद पत्र में अनावश्यक रूप से विपक्षी संख्या-4 को पक्षकार बनाया गया है जो अनावश्यक पक्षकार बनाये जाने के कुसंयोजन के दोष से दूषित है । परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या-4 उत्तरदाता के कार्यालय में आज तक कोई प्रपत्र उपलब्ध नहीं कराया गया और न ही कभी सम्पर्क किया और न कभी पत्राचार किया और विपक्षी संख्या-4 द्वारा परिवादी को प्रेषित पत्र व स्मरणीय पत्र को नजरंदाज़ किया जिसके लिए परिवादी स्वयं जिम्मेदार है । उत्तरदाता द्वारा परिवादी को किसी भी तरह से आर्थिक, सामाजिक व शारीरिक क्षति नहीं पहुंचायी गयी है न ही परेशान किया गया है और उत्तरदाता द्वारा परिवादी की सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है । परिवादी द्वारा जानबूझकर गलत उद्देश्य को रखते हुये आज तक विपक्षी संख्या-4 को कोई भी लिखित सूचना न देने से पूर्व परिवादी द्वारा कथित मृतक गाय की सूचना अन्य प्रकार से न दिये जाने से स्पष्ट दर्शित होता है कि परिवादी द्वारा कोई षड्यंत्र रचा गया है जिस कारण से परिवादी द्वारा मृतक गाय की सूचना विपक्षी संख्या-4 को नहीं दिया गया । इसी आधार पर परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है ।

     विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा दाखिल संयुक्त जवाबदेही के विरुद्ध परिवादी ने जवाबुल जवाब दिनांक 18.04.2022 को प्रस्तुत किया जिसमें परिवादी ने परिवाद पत्र में कहे गये कथनों की सत्यता की पुष्टि की है ।

     परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूंची से ऋण स्वीकृति पत्र दिनांकित 03.06.2010 की छायाप्रति, उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 अकबरपुर कानपुर देहात द्वारा प्रेषित पत्र संख्या-757 दिनांकित 24.01.2020 व पत्र संख्या-797 दिनांकित 25.02.2020 की छायाप्रतियाँ तथा मूल प्रतियाँ, जन सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रेषित पत्र दिनांकित 24.03.2020 की छायाप्रति तथा मूल प्रति, परिवादी नागेन्द्र सिंह द्वारा प्रबन्धक भूमि विकास बैंक अकबरपुर को प्रेषित पत्र दिनांकित 25.03.2011 की छायाप्रति, पुलिस अधीक्षक महोदय को प्रेषित पत्र की छायाप्रति, विपक्षीगण को जरिये अधिवक्ता प्रेषित लीगल नोटिस दिनांकित 21.07.2020 की छायाप्रति, अपर पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात द्वारा परिवादी को प्रेषित पत्र संख्या-121/20 दिनांकित 22.04.2020 की छायाप्रति, माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को प्रेषित पत्र दिनांकित 21.11.2020 की छायाप्रति, जनसुनवाई संबंधी प्रपत्र की छायाप्रति, जांच अधिकारी/ क्षेत्रीय प्रबन्धक को प्रेषित पत्र दिनांकित 29.10.2020 की छायाप्रति, सहकारिता सचिव को प्रेषित पत्र दिनांकित 11.03.2020 की छायाप्रति, पुलिस अधीक्षक महोदय को प्रेषित पत्र दिनांकित 24.08.2020 की छायाप्रति, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र दिनांकित 26.06.2010, 10.07.2010 की छायाप्रति, पशु बीमा पॉलिसी की छायाप्रति तथा पशु मेला व बाज़ार गजनेर संबंधी प्रपत्र की छायाप्रति व समाचार पत्र की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल की है ।

     विपक्षी संख्या-1 उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 शाखा अकबरपुर कानपुर देहात द्वारा दस्तावेजों की सूंची से परिवादी नागेन्द्र सिंह का स्टेटमेंट ऑफ एकाउंट की छायाप्रति, बीमा पॉलिसी की छायाप्रति, रसीद संख्या-1787 दिनांक 10.07.2010 गाजीशाह पशु मेला व बाज़ार गजनेर की छायाप्रति, वेटेरिनरी हैल्थ सर्टिफिकेट की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल की है ।

     विपक्षी संख्या-4 यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड कौशलपुरी कानपुर नगर द्वारा दस्तावेजों की सूंची से परिवादी को प्रेषित पत्र संख्या-797 दिनांकित 25.02.2020 की छायाप्रति, परिवादी नागेन्द्र सिंह द्वारा प्रबन्धक भूमि विकास बैंक अकबरपुर को प्रेषित पत्र दिनांकित 25.03.2011 की छायाप्रति, पुलिस अधीक्षक महोदय को प्रेषित पत्र की छायाप्रति, जन सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रेषित पत्र दिनांकित 24.03.2020 की छायाप्रति, जांच अधिकारी/ क्षेत्रीय प्रबन्धक को प्रेषित पत्र दिनांकित 29.10.2020 की छायाप्रति, सहकारिता सचिव को प्रेषित पत्र दिनांकित 11.03.2020 की छायाप्रति व पुलिस अधीक्षक महोदय को प्रेषित पत्र दिनांकित 24.08.2020 की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल किया है ।

     परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी नागेन्द्र सिंह का साक्ष्य शपथपत्र दिनांक 06.06.2022 को दाखिल किया गया है ।

     विपक्षी संख्या-1 व उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 शाखा अकबरपुर कानपुर देहात द्वारा साक्ष्य शपथपत्र दिनांक 01.08.2022 को पत्रावली पर दाखिल किया गया एवं विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा दिनांक 03.04.2023 को संयुक्त रूप से प्रति शपथपत्र भी दाखिल किया गया ।

     विपक्षी संख्या-4 यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड कौशलपुरी कानपुर नगर की ओर से श्री संतोष कुमार, वरिष्ठ मंडलीय प्रबन्धक द्वारा साक्ष्य शपथपत्र पत्रावली पर दाखिल किया गया ।

     परिवादी नागेन्द्र सिंह व विपक्षी संख्या-1, 2 तथा 4 द्वारा लिखित बहस पत्रावली पर दाखिल की गयी ।

     उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं की मौखिक बहस सुनी तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य शपथपत्र व लिखित बहस का परिशीलन किया ।

     प्रस्तुत परिवाद, परिवादी ने न्यायहित में मामले का परिशीलन करते हुये विवेचना करके दोषीजनों को दंडित किये जाने तथा दौरान मुकदमा उपभोक्ता के खिलाफ किसी भी प्रकार की वसूली की कार्यवाही रोके जाने हेतु प्रस्तुत किया ।

     सर्वप्रथम, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत विवेचना करके दोषीजनों को दंडित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है और परिवादी ने स्वयं अपने परिवाद पत्र की धारा-2 में इस बात का उल्लेख किया है कि उसने डेयरी विविधीकरण (गाय पालन) हेतु मु0 30,000/- रुपया लोन हेतु आवेदन किया था और परिवाद पत्र की धारा-4 में कहा है कि विपक्षीगण द्वारा औपचारिकताएँ पूर्ण करके दो चेकों द्वारा दिनांक 25.06.2010 को मु0 28,560/- रुपये का भुगतान कर दिया गया और पैरा-5 में यह अभिकथन किया है कि बैंक शाखा प्रबन्धक एवं बैंक कर्मचारियों द्वारा मिली भगत करके गाय के स्थान पर पड़िया कर दिया गया । इस प्रकार परिवादी द्वारा माँगा गया दूसरा अनुतोष यह कि उनके खिलाफ किसी प्रकार की वसूली की कार्यवाही रोक दी जाये या वसूली न की जाये, यह अनुतोष भी विधि विरुद्ध एवं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है । परिवादी ने स्वयं अपनी लिखित बहस में स्पष्ट किया है कि सत्यता यह है कि किसी भी पशु चिकित्साधिकारी द्वारा या बैंक के शाखा प्रबन्धक द्वारा कान में बटन (ईयर टैग) लगवाये ही नहीं गये ।

     विपक्षी संख्या-1 व 2 उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 की ओर से श्री बनवारी लाल वरिष्ठ प्रबन्धक का साक्ष्य शपथपत्र दिनांक 01.04.2023 को दाखिल किया गया है जिसकी प्रतिलिपि परिवादी ने दिनांक 03.04.2023 को प्राप्त किया है । इस साक्ष्य शपथपत्र में डेयरी विविधीकरण योजना के अन्तर्गत दिनांक 18.05.2010 व 02.06.2010 को 30,000/- रुपया का ऋण प्राप्त करना स्वीकार किया है तथा शपथपत्र की धारा-2 में अंकित है कि परिवादी ने पशु की बीमारी या मरने की सूचना बैंक को कभी नहीं दी । इसके खण्डन में परिवादी ने कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र दाखिल नहीं किया है । परिवादी ने उक्त ऋण के बावत केवल 1,500/- रुपये का भुगतान किया है शेष धनराशि अदा नहीं की गयी है । परिवादी को ऋण धनराशि अदा न करना पड़े, इस कारण परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद दाखिल किया है ।

     इसके अतिरिक्त विपक्षी संख्या-1 व 2 की ओर से यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया है कि पशु क्रय करने में ऋणी के साथ बैंक का कोई प्रतिनिधि नहीं होता है, ऋणी द्वारा केवल पशु क्रय करने की रसीद व पशु का मेडिकल बैंक में जमा किया जाता है । इस कारण परिवादी के इस तर्क में बल नहीं है कि गाय के स्थान पर बैंक कर्मचारियों द्वारा मिली भगत करके पड़िया कर दिया गया । 

     अतः इन परिस्थितियों में विपक्षीगण के विरुद्ध सेवा में कमी का कोई मामला न पाये जाने के कारण परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है । परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है ।

आदेश

     परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है । पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करें ।

 

 ( सुश्री कुमकुम सिंह )               ( हरिश चन्द्र गौतम )       ( मुशीर अहमद अब्बासी )

      म0 सदस्य                                   सदस्य                              अध्यक्ष

जिला उपभोक्ता आयोग          जिला उपभोक्ता आयोग       जिला उपभोक्ता आयोग

    कानपुर देहात                         कानपुर देहात                     कानपुर देहात

प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।

 

( सुश्री कुमकुम सिंह )          ( हरिश चन्द्र गौतम )              ( मुशीर अहमद अब्बासी )

     म0 सदस्य                               सदस्य                                     अध्यक्ष

 जिला उपभोक्ता आयोग      जिला उपभोक्ता आयोग          जिला उपभोक्ता आयोग

    कानपुर देहात                       कानपुर देहात                        कानपुर देहात

दिनांक:- 03.05.2023

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