Chhattisgarh

Durg

CC/14/278

Nohar Singh - Complainant(s)

Versus

Branch Manager, The New India Insurance Co. - Opp.Party(s)

Mr. Keshav Sahu

17 Mar 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM, DURG (C.G.)
FINAL ORDER
 
Complaint Case No. CC/14/278
 
1. Nohar Singh
Village Bagheli
Balod
Chhattisgarh
...........Complainant(s)
Versus
1. Branch Manager, The New India Insurance Co.
Durg
Durg
Chhattisgarh
2. Branch Manager, State Bank
Bhardakala
Balod
Chhattisgarh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MRS. MAITREYI MATHUR PRESIDENT
 HON'BLE MRS. SHUBHA SINGH MEMBER
 
For the Complainant:Mr. Keshav Sahu, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

                                                  प्रकरण क्र.सी.सी./14/278

                                                                                                  प्रस्तुती दिनाँक 25.09.2014

नोहर सिंह आ. रामनाथ ठाकुर, आयु-50 वर्ष, निवासी-ग्राम बघेली, तह. गुण्डरदेही, पो. भरदाकला, जिला-बालोद (छ.ग.)

                                                - - - -            परिवादी

विरूद्ध

1. शाखा प्रबंधक, दि न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, पारख भवन, स्टेशन  रोड, दुर्ग (छ.ग.)

2.             शाखा प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक, भरदाकला, तह. गुण्डरदेही, जिला-बालोद (छ.ग.) - - - -      अनावेदकगण

आदेश

(आज दिनाँक 17 मार्च 2015 को पारित)

श्रीमती मैत्रेयी माथुर-अध्यक्ष

                                परिवादी द्वारा अनावेदकगण से पशु बीमा दावा राशि 25,000रू., मानसिक कष्ट हेतु 5,000रू., वाद व्यय व अन्य अनुतोष दिलाने हेतु यह परिवाद धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत प्रस्तुत किया है।

परिवाद-

                                (2) परिवादी का परिवाद संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी कृषक के द्वारा अनावेदक क्र.2 से ऋण प्राप्त कर कृषि कार्यो हेतु एक जोड़ी बैल कीमती 50,000रू में क्रय किया गया था, जिनका संयुक्त रूप से बीमा अनावेदक क्र.1 बीमा कंपनी से कैटल इंश्योरेंस बीमा अंतर्गत कराया गया था। परिवादी के दोनों बैल में से एक बैल की मृत्यु दिनंाक 28.01.2014 को बीमारी के कारण हो गई, परिवादी के द्वारा अनावेदक क्र.2 को जिसकी जानकारी प्रदान की गई।  अनावेदक क्र.2 द्वारा मृत बैल का पंचनामा तथा पोस्टमार्टम कराया गया तथा समस्त दस्तावेज अनावेदक क्र.2 के द्वारा अनावेदक क्र.1 को प्रेषित किए गए, किंतु अनावेदक बीमा कंपनी के द्वारा परिवादी के दावे को मृत पशु बीमित पशु नहीं था तथा फीमेल टेग को मृत पशु के चमड़े के टुकडे़ मे मृत्यु उपरांत छेदकर दबाव डालकर फंसाना जाना पाया है,  के आधार पर तथा मृत पशु फीमेल है का कथन कर दावा निरस्त कर दिया गया। परिवादी के द्वारा दावा राशि न प्रदान किए जाने पर अनावेदकगण को अधिवक्ता मार्फत नोटिस दिनंाक 10.06.2014 को प्रेषित कराया गया, किंतु अनावेदकगण के द्वारा पशु बीमा राशि परिवादी को प्रदान नहीं की गई। अतः परिवादी को अनावेदकगण से पशु बीमा दावा राशि 25,000रू. मानसिक कष्ट हेतु 5,000रू., वाद व्यय व अन्य अनुतोष दिलाया जावे।

जवाबदावाः-

(3) अनावेदक क्र.1 का जवाबदावा इस आशय का प्रस्तुत है कि अनावेदक क्र.1 बीमा कंपनी के द्वारा परिवादी के बैलों का बीमा अनावेदक क्र.2 के माध्यम से किया गया था। पहला बैल लाल एवं काला रंग टेग क्र.2099 तथा दूसरा बैल सफेद रंग का टेग क्र.2066 था, जिनका बीमा मूल्य 15,000-15,000रू. था।  पंचनामा में बैल का टेग नंबर एवं कलर नहीं लिखा है, पंचनामा में एक जोड़ी बैल में से एक बैल की मृत्यु बीमार होने से हो गई लिखा गया है, इसी प्रकार पशु की पोस्टमार्टम रिर्पोट में भी पशु का रंग नहीं लिखा गया है तथा टेग क्र.एन.आई.ए.451203 लिखा है, जिससे यह स्पष्ट है कि बीमाकृत बैल नहीं मरा है। परिवादी के द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों को बीमा कंपनी के द्वारा कैटल क्लेम इनवेस्टीगेटर एवं कैटल टैग एक्ज़ामिनर के पास भेजा गया, जिनकी रिपोर्ट के अनुसार मृत पशु बीमित पशु नहीं था तथा फीमेल टेग को मृत पशु के चमड़े के टुकडे़े में छेद कर दबाव डालकर फंसाया जाना पाया है, जिसके आधार पर बीमा कंपनी के द्वारा दिनंाक 28.04.2014 को परिवादी के दावे को निरस्त कर दिया गया। इस प्रकार परिवादी, अनावेदक क्र.1 बीमा कंपनी से किसी प्रकार के अनुतोष को पाने की पात्रता नहीं रखता, आवेदक का आवेदन सव्यय निरस्त किया जावे।

(4) अनावेदक क्र.2 का जवाबदावा इस आशय का प्रस्तुत है कि आवेदक के द्वारा अनावेदक क्र.2 बैंक से ऋण प्राप्त कर एक जोड़ी बैल क्रय किए थे तथा जिसका बीमा अनावेदक क्र.1 बीमा कंपनी से कराया गया था। दिनंाक 28.01.14 को आवेदक ने बैंक को सूचित किया कि बैल जोडी में से एक बैल की बीमारी से मृत्यु हो गई है, किंतु मृत्यु की दिनांक एवं किस बीमारी से मृत्यु हुई यह पत्र में सूचित नहीं किया गया है। साथी ही आवेदक ने एक पंचनामा प्रस्तुत करते हुए यह सूचित किया कि अचानक चलते फिरते घटना हो गई, इसलिए वह डाॅक्टर के पास रिपोर्ट करने एवं इलाज करवाने में असमर्थ हो गए, इस कारण बिल जमा करने में असमर्थ है, अतः पंचनामा प्रस्तुत कर रहे हैं। अनावेदक क्र.2 के द्वारा अनावेदक क्र.1 बीमा कंपनी को दि.19.02.14 के पत्र के साथ दावा प्रपत्र अग्रेषित किया गया। दिनांक 31.03.2014 को बीमा कंपनी के द्वारा अनावेदक क्र.1 दावा प्रपत्र भरकर प्रेषित करने तथा डाक्टर के द्वारा लिखी गई पर्ची व मृत पशु का टेग कान के चमड़े सहित भेजने कहा गया, जिसे अनावेदक क्र.2 के द्वारा दिनंाक 10.04.2014 को अनावेदक क्र.1 को अग्रेषित कर दिया गया। लेबारेटरी जांच के दौरान परिवादी के दावे को भुगतान योग्य न पाए जाने पर अनावेदक क्र.1 के द्वारा परिवादी के बीमा दावे को दि.08.05.14 निरस्त कर दिया गया। अनावेदक क्र.2 के द्वारा परिवादी के प्रति किसी प्रकार सेवा में कमी एवं व्यवसायिक कदाचरण नहीं किए जाने से उसके विरूद्ध संस्थित यह परिवाद सव्यय निरस्त किया जावे।

                                (5) उभयपक्ष के अभिकथनों के आधार पर प्रकरण मे निम्न विचारणीय प्रश्न उत्पन्न होते हैं, जिनके निष्कर्ष निम्नानुसार हैं:-

1.             क्या परिवादी, अनावेदकगण से पशु बीमा राशि 25,000रू. मय ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी है?   नहीं

2.             क्या परिवादी, अनावेदकगण से मानसिक परेशानी के एवज में 5,000रू. प्राप्त करने का अधिकारी है?               नहीं

3.             अन्य सहायता एवं वाद व्यय?           आदेशानुसार परिवाद खारिज

 निष्कर्ष के आधार

                                (6) प्रकरण का अवलोकन कर सभी विचारणीय प्रश्नों का निराकरण एक साथ किया जा रहा है। 

फोरम का निष्कर्षः-

                                (7) प्रकरण का अवलोकन करने पर हम यह पाते है कि एनेक्चर-9 अनुसार टेग मृत पशु के चमड़े में मृत्यु उपरांत छेद कर दबाव डालकर फंसाया गया था, ऐसा एनेक्चर एन.ए.2 प्रतिवेदन से भी यही सिद्ध होता है कि मृत पशु में कोई टेग लगा होने का उल्लेख नहीं पाया गया।  अनावेदक का भी यही बचाव है कि मृत पशु बीमित पशु नहीं था और फीमेल टेग को मृत पशु के चमड़े के टुकडे़े में छेद कर दबाव डालकर फंसाया जाना पाया है, जबकि दावा बैल के संबंध में है, चूंकि अनावेदक के इस बचाव की सम्पुष्टि प्रकरण में संलग्न दस्तावेजों से होती है, फलस्वरूप इस आधार पर यदि अनावेदक बीमा कंपनी ने परिवादी का पशु बीमा दावा खारिज किया है तो उसे सेवा में निम्नता नहीं कहा जा सकता।

(8) फलस्वरूप हम परिवादी का दावा स्वीकार करने के समुचित आधार नहीं पाते हैं, फलस्वरूप खारिज करते हैं।

(9) प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों को देखते हुए पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।

 
 
[HON'BLE MRS. MAITREYI MATHUR]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. SHUBHA SINGH]
MEMBER

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