Uttar Pradesh

Kanpur Dehat

CC/27/2022

Daroga - Complainant(s)

Versus

Branch Manager, State Bank of India, Branch Mohammadpur, Kanpur Dehat - Opp.Party(s)

Dhirendra Singh Bhadauria

30 Apr 2024

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।

अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष

          श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य

          

उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 27/2022

परिवाद दाखिला तिथि :- 30.03.2022

निर्णय दिनांक:- 30.04.2024

(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)

 

दरोगा पुत्र स्व0 गुरुदयाल निवासी ग्राम कुटरा, पोस्ट बरौर, तहसील भोगनीपुर जिला कानपुर देहात ।                                                                                                                                                                                                                        ............................परिवादी

बनाम

 

1. शाखा प्रबन्धक महोदय, भारतीय स्टेट बैंक शाखा मोहम्मदपुर, तहसील भोगनीपुर      

   जिला कानपुर देहात ।

2. जिलाधिकारी महोदय कानपुर देहात ।

                                                                                                                                                .....................प्रतिवादीगण

निर्णय

 

     प्रस्तुत परिवाद परिवादी दरोगा की ओर से सशपथ पत्र, विपक्षी द्वारा प्रेषित बकाया धनराशि मु0 12831.16 रुपये को माफ किये जाने, परिवादी द्वारा जमा धनराशि 105/- रुपये मय 18 प्रतिशत अद्यतन ब्याज सहित दिनांक 04.09.2014 से विपक्षीगण से परिवादी को दिलाये जाने, मानसिक एवं शारीरिक क्षतिपूर्ति के रूप में मु0 20,000/- रु0 तथा वाद व्यय के रूप में 10,000/- रुपया विपक्षीगण से दिलाये जाने के आशय से  दिनांक 30.03.2022 को योजित किया गया ।

     संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी ने अपनी कृषि भूमि पर विपक्षी/ प्रतिवादी संख्या-1 से दिनांक 05.07.2010 को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया था जिसका खाता संख्या- 0031236928622 है, जिस कारण परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है ।  परिवादी ने दिनांक 04.09.2014 को अपना सम्पूर्ण ऋण जमा कर दिया था । परिवादी ने अपने किसान क्रेडिट कार्ड खाता संख्या-0031236928622 में दिनांक 04.09.2014 को 105/- रुपये अधिक जमा कर दिये थे । परिवादी ने विपक्षी संख्या-1 के यहाँ सम्पूर्ण ऋण जमा करने के उपरान्त दिनांक 04.09.2014 से कोई ऋण नहीं लिया है । विपक्षी संख्या-1 द्वारा दिनांक 11.09.2021 को लोक अदालत माती कानपुर देहात में उपस्थित होकर मु0 8783 + ब्याज जमा करने हेतु नोटिस प्राप्त करवायी थी । परिवादी दिनांक 11.09.2021 को लोक अदालत माती कानपुर देहात पहुँचा और विपक्षी संख्या-1 के अधिकृत कर्मचारी से जानकारी की और निवेदन किया कि उसने अपना सम्पूर्ण ऋण जमा कर दिया है, उक्त खाते में 105/- रुपया अधिक जमा है अब उसका कोई ऋण शेष नहीं है तथा आपके द्वारा गलत तरीके से यह नोटिस प्रेषित की गयी है । परिवादी से विपक्षी के अधिकृत कर्मचारी द्वारा कहा गया कि आप शाखा प्रबन्धक से मिलकर अपनी समस्या का निदान करवा लेना आपको गलत तरीके से यह नोटिस प्रेषित की गयी है तथा आपका गलत ऋण चल रहा है । परिवादी इसके बाद विपक्षी संख्या-1 से व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपनी उक्त समस्या के बावत बातचीत की तथा निवेदन किया कि उसका गलत तरीके से ऋण चल रहा है, परिवादी अपना सम्पूर्ण ऋण जमा कर चुका है, उसका ऋण खाता बन्द करके भारमुक्त प्रमाण पत्र प्राप्त करा दें किन्तु विपक्षी संख्या-1 द्वारा परिवादी की किसी समस्या का समाधान नहीं किया गया, तब मजबूर होकर प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता महोदय के माध्यम से लीगल नोटिस प्रेषित करवायी । विपक्षी द्वारा किसी समस्या का समाधान न करने के कारण परिवादी व उसका परिवार भारी मानसिक परेशान हो गया है । विपक्षी द्वारा किया गया कृत्य उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है । परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध क्षतिपूर्ति सहित सव्यय स्वीकार किया जाये ।

     मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त प्रतिवादीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस प्रेषित की गयी । प्रतिवादीगण पर नोटिस का पर्याप्त तमीला होने के बावजूद भी विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल की गयी । Track Consignment Report के आधार पर प्रतिवादीगण पर नोटिस का पर्याप्त तमीला मानते हुए दिनांक 05.12.2023 को प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।

     परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों में बैंक पासबुक व लेन-देन विवरण की छायाप्रति, शाखा प्रबन्धक भारतीय स्टेट बैंक शाखा मोहम्मदपुर द्वारा परिवादी के नाम प्रेषित नोटिस दिनांकित 11.10.2021 की मूलप्रति, अधिवक्ता श्री धीरेन्द्र सिंह भदौरिया एडवोकेट द्वारा प्रतिवादी संख्या-1 शाखा प्रबन्धक भारतीय स्टेट बैंक को प्रेषित नोटिस दिनांकित 02.11.2021 की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल की हैं ।

     परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी दरोगा का साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 03.02.2024 पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।

     परिवादी की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा एकपक्षीय लिखित बहस दिनांकित 23.04.2024 पत्रावली पर दाखिल की गयी ।

     परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय मौखिक बहस सुनी तथा पत्रावली का परिशीलन किया ।

     पत्रावली का परिशीलन किये जाने से विदित है कि परिवादी ने दिनांक 05.07.2010 को भारतीय स्टेट बैंक, शाखा मोहम्मदपुर तहसील भोगनीपुर कानपुर देहात से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया था जिसका खाता संख्या- 0031236928622 है । इस प्रकार परिवादी विपक्षी बैंक का उपभोक्ता है । दिनांक 04.09.2014 को परिवादी ने अपना सम्पूर्ण ऋण जमा कर दिया था । परिवादी के किसान क्रेडिट कार्ड खाता संख्या-0031236928622 में दिनांक 04.09.2014 को 105/- रुपये अधिक जमा कर दिये थे, इसके सम्बन्ध में परिवादी ने अपने उपरोक्त बैंक खाते की पासबुक की छायाप्रति दाखिल की है । इसके पश्चात परिवादी ने विपक्षी संख्या-1 से कोई ऋण नहीं लिया ।

     विपक्षी संख्या-1 भारतीय स्टेट बैंक, शाखा मोहम्मदपुर तहसील भोगनीपुर कानपुर देहात द्वारा दिनांक 11.09.2021 को लोक अदालत माती कानपुर देहात में मु0 8,783/- रुपया मय ब्याज जमा करने हेतु नोटिस प्राप्त करवायी गयी । परिवादी ने दिनांक 11.09.2021 को, लोक अदालत माती कानपुर देहात में उपस्थित होकर विपक्षी संख्या-1 के अधिकृत कर्मचारी से जानकारी किया और निवेदन किया कि परिवादी ने अपना सम्पूर्ण ऋण जमा कर दिया है और खाते में 105/- रुपया अधिक जमा है, कोई ऋण शेष नहीं है तथा आपके द्वारा गलत तरीके से नोटिस प्रेषित की गयी है परन्तु उसने कहा कि आप शाखा प्रबन्धक से मिलकर समस्या का निदान करा लें । इस पर परिवादी बैंक के शाखा प्रबन्धक से मिला और ऋण खाता बन्द करके भारमुक्त प्रमाण पत्र प्रदान किये जाने की माँग की किन्तु विपक्षी संख्या-1 बैंक द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी ।  परिवादी को जानबूझकर मानसिक रूप से परेशान किया गया और परिवादी के स्वाभिमान को भी ठेस पहुंची है । विपक्षी द्वारा दिनांक 11.10.2021 को मु0 12,831.16 रुपये की नोटिस प्राप्त करा दी गयी, इस कारण परिवादी ने यह परिवाद इस आशय से न्यायालय में दाखिल किया है कि विपक्षी द्वारा परिवादी को प्रेषित नोटिस दिनांकित 11.10.2021 धनराशि मु0 12,831.16 रुपये को माफ किया जाये तथा परिवादी द्वारा जमा धनराशि 105/- रुपये मय 18 प्रतिशत अद्यतन ब्याज सहित दिनांक 04.09.2014 से विपक्षीगण से परिवादी को मय मानसिक एवं शारीरिक क्षतिपूर्ति सहित दिलाया जाये ।

     परिवादी ने अपने ऋण खाता संख्या-0031236928622 की पासबुक की छायाप्रति दाखिल की है जिसमें परिवादी दरोगा पुत्र स्व0 गुरुदयाल के नाम से 105/- रुपया अधिक उसके खाते में जमा होने की प्रविष्टि है ।

     विपक्षी बैंक द्वारा प्रेषित नोटिस दिनांकित 11.10.2021 पर परिवादी ने बैंक से सम्पर्क किया और इस सम्बन्ध में उनके अधिवक्ता द्वारा विपक्षी बैंक को प्रेषित पत्रांक-992 दिनांकित 02.11.2021 की छायाप्रति पत्रावली में संलग्न है ।

     परिवादी ने साक्ष्य में स्वयं का शपथपत्र मय फोटो एवं आधार कार्ड की प्रति के साथ दाखिल किया है । नोटिस तामीला के बावजूद विपक्षी बैंक की ओर से इसके खण्डन में कोई प्रतिउत्तर व साक्ष्य प्रतिशपथपत्र या अन्य कोई दस्तावेज दाखिल नहीं किये गये हैं । अतः इन परिस्थितियों में परिवादी का साक्ष्य शपथपत्र अखंडित रह जाता है एवं उस पर अविश्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है ।

     अतएव परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या-1 के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है ।

आदेश

     परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या-1 शाखा प्रबन्धक महोदय, भारतीय स्टेट बैंक शाखा मोहम्मदपुर, तहसील भोगनीपुर जिला कानपुर देहात के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी बैंक द्वारा परिवादी को प्रेषित नोटिस दिनांकित 11.10.2021 धनराशि मु0 12,831.16 रुपये को निरस्त किया जाता है एवं विपक्षी बैंक को आदेशित किया जाता है कि परिवादी को उसके किसान क्रेडिट कार्ड खाते में जमा अधिक धनराशि मु0 105/- रुपये मय 7 प्रतिशत ब्याज सहित दिनांक 04.09.2014 से अदायगी की तिथि तक 30 दिन के अन्दर अंतरित करे । इसके अतिरिक्त विपक्षी संख्या-1 बैंक द्वारा परिवादी को 5000/- रुपया मानसिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति के एवज में अदा किया जायेगा ।

 

         ( हरिश चन्द्र गौतम )                                                              ( मुशीर अहमद अब्बासी )

                        सदस्य                                                                                  अध्यक्ष

       जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग                               जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग    

            कानपुर देहात                                                                             कानपुर देहात

प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।

 

         ( हरिश चन्द्र गौतम )                                                             ( मुशीर अहमद अब्बासी )

              सदस्य                                                                                       अध्यक्ष

  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग                                 जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग    

            कानपुर देहात                                                                            कानपुर देहात

दिनांक:- 30.04.2024

 

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