CC/2022/133 प्रणव अग्रवाल व अन्य वि0 स्टार हेल्थ एलाईड इश्यो. व अन्य दिनांक 09/05/2023
/जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, जांजगीर-चॉपा (छ0ग0)/
प्रस्तुति दिनांक :- 05/09/2022
अंतिम तर्क हेतु-09/05/2023
आदेश पारित दिनांक- 09/05/2023
प्रकरण क्र.CC/2022/133
1. प्रणव अग्रवाल आयु 40 वर्ष, आ. स्व. जगतराम अग्रवाल
साकिन नैला, चोमिस्ट भवन के पास नैला जांजगीर,
तहसील जांजगीर, जिला जांजगीर-चांपा छ.ग.
2. संगीता अग्रवाल आयु 39 वर्ष,
पति श्री प्रणव अग्रवाल, साकिन नैला,
चोमिस्ट भवन के पास नैला जांजगीर, तहसील जांजगीर,
जिला जांजगीर-चांपा छ.ग. ..... श्री साकेत केशरवानी/शिकायतकर्तागण
( विरूद्ध )
1. शाखा प्रबंधक स्टार हेल्थ एण्ड एलाईड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
शाखा बिलासपुर, सेकेंड फ्लोर एस एस बी टॉवर,
भारतीय स्टेट बैंक के उपर, गुंबर पेट्रोल पंप के बगल,
व्यापार विहार बिलासपुर, तहसील बिलासपुर
जिला बिलासपुर छ.ग.
2. प्रबंधक स्टार हेल्थ एण्ड एलाईड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
कारपोरेट ऑफिस चैन्नई, नं. 15 श्री बालाजी काम्पलेक्स,
प्रथम तल, व्हाईट्स लेन,
रोयापीटहा, चैन्नई 600014 .....श्री अनूप मजूमदार/विरूद्ध प्रक्षकारगण
समक्षः प्रशांत कुन्डू अध्यक्ष,
श्रीमती मंजुलता राठौर, सदस्य
शिकायतकर्तागण द्वारा श्री साकेत केशरवानी अधिवक्ता ।
विरूद्ध पक्षकारगण द्वारा श्री अनुप मजूमदार अधिवक्ता।
श्रीमती मंजुलता राठौर, सदस्य
1. शिकायतकर्तागण/आवेदकगण ने धारा 35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अंतर्गत यह परिवाद विरूद्ध पक्षकारगण/अनावेदकगण के विरूद्ध सेवा में कमी किए जाने के आधार पर, यंग स्टार बीमा योजना के तहत 1,20,443/-रू. मय 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज, मानसिक क्षतिपूर्ति, वाद व्यय एवं अन्य अनुतोष दिलाए जाने हेतु प्रस्तुत किये हैं।
2. उभय पक्षकारों के मध्य स्वीकृत तथ्य है कि शिकायतकर्तागण द्वारा विरूद्ध पक्षकारगण से यंग स्टार बीमा योजना के तहत अपने परिवार के सदस्यों का 10,00,000/-रू. का बीमा 17,950/-रू. वार्षिक प्रीमियम पर दिनांक 17.08.2020 से 16.08.2021 तक के लिए लिया था, जिसका पालिसी क्रमांक P/201311/01/2021/002597 है।
3. परिवाद के आवश्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता क्रमांक 1 ने विरूद्ध पक्षकार क्रमांक 1 से यंग स्टार बीमा योजना का बीमा स्वयं एवं उनके परिवार के सदस्य पत्नी शिकायतकर्ता क्रमांक 2 संगीता अग्रवाल, पुत्री आरोही अग्रवाल तथा पुत्र आरव अग्रवाल के लिये 10,00,000/-रू. का 17,950/-रू. वार्षिक प्रीमियम पर पालिसी क्रमांक P/201311/01/2021/002597 दिनांक 17.08.2020 से 16.08.2021 तक के लिए लिया था। उक्त बीमा पालिसी के नियम एवं शर्तों के अनुसार किसी भी बीमित व्यक्ति को किसी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में उनके इलाज का संपूर्ण खर्च 10,00,000/-रू. का विरूद्ध पक्षकारगण द्वारा वहन किया जाना था। शिकायतकर्ता क्रमांक 2 को उक्त बीमा अवधि के दौरान सर्दी बुखार, कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ, सर दर्द एवं कमर दर्द आदि समस्यायें हुई तो दिनांक 28.03.2021 को सुयश अस्पताल रायपुर के डॉ. अविनाश चतुर्वेदी को दिखाया तथा डॉ. के सलाह पर शिकायतकर्ता क्रमांक 2 ने कोविड टेस्ट कराया तथा कोरोना पाजिटिव आने पर ईमरजेंसी होने के कारण दिनांक 28.03.2021 से 04.04.2021 तक 8 दिन उक्त अस्पताल में भर्ती रही, जिसका दवाई सहित इलाज में 1,20,443/-रू. खर्च आया। शिकायतकर्तागण द्वारा विरूद्ध पक्षकारगण के यहॉं संपूर्ण दस्तावेज एवं बिल जमा कर क्लेम किया। उसके पश्चात विरूद्ध पक्षकारगण द्वारा क्लेम दिनांक 14.08.2021 को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि शिकायतकर्ता क्रमांक 2 को एम्स के गाईडलाइन के अनुसार कोरोना के ईलाज के लिये अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं थी उसका इलाज वह होम आइसोलेशन में रहकर दवाई लेकर कर सकती थी। शिकायतकर्तागण के द्वारा दावा राशि की मांग किए जाने के बाद भी विरूद्ध पक्षकारगण द्वारा शिकायतकर्तागण का दावा निरस्त कर शिकायतकर्तागण के प्रतिं सेवा में कमी किया है। अतः शिकायतकर्तागण ने विरूद्ध पक्षकारगण से परिवाद पत्र में चाहे गए वांछित अनुतोष दिलाए जाने का निवेदन किया है।
4. विरूद्ध पक्षकारगण द्वारा लिखित कथन पेश कर स्वीकृत तथ्यों के अलावा परिवाद के समस्त अभिवचनों से इंकार करते हुए कथन किया गया है कि प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर बीमित मरीज को होम कोरेंटाइन के तहत प्रबंधित किया जा सकता था। किंतु मरीज को भर्ती किया जाकर उपचार किया गया जो कि पालिसी के चिकित्सकीय रूप से आवश्यक खंड के अंतर्गत भुगतान योग्य नहीं था। डिस्चार्ज समरी तथा ट्रीटमेंट चार्ट यह पुष्टि करते हैं कि आक्सीजन का स्तर सामान्य था तथा पल्स रेट भी 100 के अन्दर थी। एच आर सी टी रिपोर्ट दिनांक 28.03.2021 गंभीर स्कोर की पुष्टि नहीं करती है। उपरोक्तानुसार दावे का निरस्तीकरण पालिसी के दायरे में उचित तथा सही था। विरूद्ध पक्षकारगण ने दावे का निर्धारण बीमा पालिसी के चिकित्सकीय रूप से आवश्यक खण्ड के तहत किया है जिसे मानने हेतु बीमा अनुबंध के दोनों पक्ष बाध्य है। शिकायतकर्तागण किसी प्रकार के सेवा में कमी के आधार पर कोई अनुतोष विरूद्ध पक्षकारगण से प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। अतः विरूद्ध पक्षकारगण ने शिकायतकर्तागण का परिवाद विरूद्ध पक्षकारगण के विरूद्ध सव्यय निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया है।
5. शिकायतकर्तागण ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ-पत्र एवं सूची अनुसार दस्तावेज शिकायतकर्तागण के नाम का यंग स्टार बीमा योजना का पालिसी बाण्ड दिनांक 17.08.2020 प्रदर्श सी-1, सुयश अस्पताल जांजगीर का शिकायतकर्ता क्रमांक 2 के कोरोना संक्रमित होने के संबंध से दिया गया ईमरजेंसी एसेसमेंट शीट एवं फेस शीट दिनांक 28.03.2021 प्रदर्श सी-2 एवं 3, सुयश अस्पताल रायपुर में शिकायतकर्ता क्रमांक 2 के हुये ईलाज का संपूर्ण खर्च का बिल दिनांक 04.04.2021 प्रदर्श सी-4, सुयश अस्पताल रायपुर द्वारा जारी डिस्चार्ज समरी दिनांक 04.04.2021 प्रदर्श सी-5, विरूद्ध पक्षकारगण द्वारा शिकायतकर्तागण का क्लेम निरस्त किये जाने का पत्र दिनांक 14.08.2021 प्रदर्श सी-6, शिकायतकर्ता क्रमांक 1 एवं 2 का आधार कार्ड प्रदर्श सी-7 एवं 8 प्रस्तुत किये हैं।
6. विरूद्ध पक्षकारगण ने लिखित कथन के समर्थन में प्रमोद भटनागर का शपथ पत्र एवं सूची अनुसार दस्तावेज पालिसी की प्रति दिनांक 18.08.2020 ओ.पी. प्रदर्श-1, पालिसी की गाईड लाईन दिनांक 08.09.2020 ओ.पी. प्रदर्श-2, ग्राहक सूचना शीट ओ.पी. प्रदर्श-3 सुयश हास्पिटल की डिस्चार्ज समरी दिनांक 28.03.2021 ओ.पी. प्रदर्श-4, इमरजेंसी एसेसमेंट शीट दिनांक 28.03.2021 ओ.पी. प्रदर्श-5, सुयश हास्पिटल के रेडयोलाजिस्ट की रिपोर्ट दिनांक 28.03.2021 ओ.पी. प्रदर्श-6, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस का पत्र दिनांक 14.08.2021 ओ.पी. प्रदर्श-7 प्रस्तुत किये हैं।
7. परिवाद पर उभय पक्ष अधिवक्ता को सुना गया। अभिलेखगत सामग्री का परिशीलन किया गया ।
8. परिवाद प्रकरण के निराकरण हेतु निम्नलिखित विचारणीय प्रश्न उत्पन्न होते हैं :-
1. क्या विरूद्ध पक्षकारगण के द्वारा शिकायतर्कागण के विरूद्ध सेवा में कमी किया गया है ?
2. क्या शिकायतकर्तागण, विरूद्ध पक्षकारगण से वांछित अनुतोष प्राप्त करने की अधिकारी हैं ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रश्न क्रमांक 1 एवं 2 का सकारण निष्कर्ष :-
9. उभय पक्ष द्वारा अपने अभिवचन के अनुरूप ही तर्क पेश किया गया है। उभय पक्ष के अभिवचन, शपथ पत्र, दस्तावेजों एवं तर्कों के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण का अवलोकन किया गया।
10. शिकायतकर्तागण के परिवाद पत्र एवं दस्तावेजों का अवलोकन किया गया। प्रदर्श सी-1 यंग स्टार बीमा योजना से दर्शित है कि शिकायतकर्तागण द्वारा विरूद्ध पक्षकारगण से प्रणव अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, आरोही अग्रवाल, आरव अग्रवाल के नाम यंग स्टार हेल्थ बीमा योजना बीमा पालिसी क्रमांक P/201311/01/2021/002597 बीमा धन 10,00,000/-रू. का 17,950/-रू. वार्षिक प्रीमियम पर दिनांक 17.08.2020 से 16.08.2021 तक के लिए लिया था। प्रदर्श सी-2 ईमरजेंसी एसेसमेंट शीट द्वारा शिकायतकर्ता क्रमांक 2 संगीता अग्रवाल सुयश अस्पताल रायपुर में दिनांक 28.03.2021 को सर्दी बुखार आने पर भर्ती हुई। प्रदर्श सी-3 फेस शीट में शिकायतकर्ता क्रमांक 2 को दिनांक 28.03.2021 कोविड- प्लस होना उल्लेखित है। शिकायतकर्तागण ने प्रदर्श सी-4 द्वारा सुयश अस्पताल को उपचार व्यय 1,20,434/-रूपये का भुगतान किया था। प्रदर्श सी-5 डिस्चार्ज समरी है जिसमें शिकायतकर्ता क्रमांक 2 सुयश हास्पिटल रायपुर में दिनांक 28.03.2021 से 04.04.2021 तक भर्ती रही। प्रदर्श सी-6 द्वारा विरूद्ध पक्षकारगण ने शिकायतकर्तागण को दावा निरस्ती की सूचना पत्र दिनांक 14.08.2021 दिया जाना दर्शित है।
11. अनावेदकगण ने लिखित तर्क में बताया है कि प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर बीमित मरीज को होम कोरेंटाइन के तहत प्रबंधित किया जा सकता था। किंतु मरीज को भर्ती किया जाकर उपचार किया गया जो कि पालिसी के चिकित्सकीय रूप से आवश्यक खंड के अंतर्गत भुगतान योग्य नहीं था। डिस्चार्ज समरी तथा ट्रीटमेंट चार्ट यह पुष्टि करते हैं कि आक्सीजन का स्तर सामान्य था जैसा कि निम्नलिखित है तथा पल्स रेट भी 100 के अन्दर थी। एच आर सी टी रिपोर्ट दिनांक 28.03.2021 गंभीर स्कोर की पुष्टि नहीं करती है। उपरोक्तानुसार दावे का निरस्तीकरण उचित तथा सही था। चॅूंकि अस्पताल में भर्ती करना आवश्यक नहीं था इसलिए दावा भुगतान योग्य नहीं था। पालिसी धारक किसी प्रकार के सेवा में कमी के आधार पर कोई अनुतोष प्राप्त करने को अधिकारी नहीं है। अतः परिवाद विरूद्ध पक्षकारगण के विरूद्ध सव्यय निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया है।
12. विरूद्ध पक्षकारगण द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का विस्तार से अवलोकन किया गया। ओ.पी. प्रदर्श-6 Repoudiation of Claim दिनांक 14.08.2021 के अनुसार शिकायतकर्ता क्रमांक 2 को होम क्वारंटाइन के तहत प्रतिबंधित किया जा सकता था। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के कोविड-19 रोगियों को घर में देखभाल की आवश्यकता है, जबकि मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने के आधार पर बीमा क्लेम दावा निरस्त किया गया है। विरूद्ध पक्षकारगण द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज ग्राहक सूचना शीट ओ.पी. प्रदर्श-3 से दर्शित है कि चिकित्सकीय रूप से आवश्यक उपचार की अर्थ यह है कि किसी भी उपचार परीक्षण, दवा या अस्पताल में रहना या अस्पताल में रहने का हिस्सा जो बीमा धारक को हुई बीमारी या चोट के चिकित्सा प्रबंधन के लिए आवश्य है - सुरक्षित, पर्याप्त चिकित्सा प्रदान करने के लिए आवश्यक देखभाल के स्तर से अधिक नहीं होना चाहिए। एक चिकित्सक द्वारा निर्धारित किया गया होना चाहिए।
13. उक्त तथ्य के संबंध में यह है कि शिकायतकर्ता क्रमांक 2 संगीता अग्रवाल को सर्दी बुखार तथा कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ, सर दर्द, कमर दर्द, लॉस ऑफ स्मेल होने पर मरीज सुयश अस्पताल रायपुर के डॉ. अवीनाश चतुर्वेदी के सलाह तथा इमरजेंसी होने पर ही शिकायतकर्ता क्रमांक 2 संगीता अग्रवाल हास्पिटल में भर्ती हुई तथा भर्ती के दौरान मरीज कोविड प्लस पायी गई जो कि दस्तावेज डिस्चार्ज समरी प्रदर्श सी-5 से दर्शित है। वर्ष 2021 में कोरोना महामारी की दहशत इतनी भयावह थी कि मरीज के साथ परिवार के सदस्य भी स्वास्थ्य अच्छी हो इसलिए मरीज को हास्पिटल में भर्ती कराते थे। शिकायकर्ता जानबूझकर हास्पिटल में भर्ती नहीं हुई थी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के द्वारा उक्त जारी दिशा-निर्देश मरीज की स्वास्थ्य की कंडीशन के आधार पर होम आइसोलेशन तथा हास्पिटल में भर्ती का सुझाव दिया गया है।
14. शिकायकर्तागण द्वारा विरूद्ध पक्षकारगण से प्रणव अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, आरोही अग्रवाल, आरव अग्रवाल के नाम यंग स्टार हेल्थ बीमा योजना के तहत बीमा पालिसी क्रमांक P/201311/01/2021/002597 लिया था। बीमा अवधि में शिकायतकर्ता क्रमांक 2 को सर्दी बुखार आने पर सुयश अस्पताल रायपुर में भर्ती हुई तथा प्रदर्श सी-4 द्वारा सुयश अस्पताल रायपुर में दिनांक 04.04.2021 को शिकायतकर्तागण द्वारा 1,20,434/-रू. भुगतान किया गया था। विरूद्ध पक्षकारगण का तर्क है कि चिकित्सकीय रूप से आवश्यक उपचार का अर्थ यह है कि किसी भी उपचार परीक्षण, दवा या अस्पताल में रहना या अस्पताल में रहने का हिस्सा जो बीमा धारक को हुई बीमारी या चोट के चिकित्सा प्रबंधन के लिए आवश्य है - सुरक्षित, पर्याप्त चिकित्सा प्रदान करने के लिए आवश्यक देखभाल के स्तर से अधिक नहीं होना चाहिए जो कि अनावेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज ग्राहक सूचना शीट ओ.पी. प्रदर्श-3 से दर्शित है।
15. उक्त संबंध में यह है कि चॅूंकि शिकायतकर्ता क्रमांक 1 ने विरूद्ध पक्षकार क्रमांक 1 से यंग स्टार बीमा योजना का बीमा स्वयं एवं उनके परिवार के सदस्य पत्नी शिकायतकर्ता क्रमांक 2 संगीता अग्रवाल, पुत्री आरोही अग्रवाल तथा पुत्र आरव अग्रवाल के लिये 10,00,000/-रू. का 17,950/-रू. वार्षिक प्रीमियम पर पालिसी क्रमांक P/201311/01/2021/002597 दिनांक 17.08.2020 से 16.08.2021 तक के लिए लिया था तथा बीमा अवधि में शिकायतकर्ता क्रमांक 2 बीमार होने पर सुयश अस्पताल रायपुर में भर्ती होने के दौरान इलाज में हुई खर्च 1,20,443/-रू. की मांग शिकायतकर्तागण द्वारा विरूद्ध पक्षकारगण से किया गया है जो कि 10,00,000/-रू. से कम होने के कारण आवश्यक देखभाल के स्तर से अधिक होना नहीं पाते है।
16. उक्त विवेचना के आधार पर शिकायतकर्तागण द्वारा विरूद्ध पक्षकारगण से दावा राशि की मांग किए जाने पर विरूद्ध पक्षकारगण द्वारा कोविड-19 रोगियों को घर में देखभाल की आवश्यकता है, मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने आवश्यकता नहीं तथा आक्सीजन लेबल स्थिर होने का आधार लेकर बीमा क्लेम दावा निरस्त कर शिकायतकर्तागण जो अनावेदकगण का उपभोक्ता के विरूद्ध सेवा में कमी किया गया है। अतः शिकायतकर्तागण विरूद्ध पक्षकारगण से शिकायतकर्ता क्रमांक 2 के उपचार हेतु सुयश हास्पिटल में भुगतान की गई राशि 1,20,443/-रू. एवं मानसिक क्षतिपूर्ति व अन्य अनुतोष पाने का अधिकारी होना हम पाते है। फलस्वरूप विचारणीय प्रश्न क्रमॉक-1 एवं 2 का निष्कर्ष ’’प्रमाणित ’’ में दिया जाता है।
17. हम लोगों की राय में तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 35 के अंतर्गत शिकायतकर्तागण का परिवाद आंशिंक रूप से स्वीकार कर विरूद्ध पक्षकारगण के विरूद्ध निम्न आदेश पारित किया जाता है :-
1. विरूद्ध पक्षकारगण, शिकायतकर्तागण द्वारा उपचार हेतु सुयश हास्पिटल में भुगतान की गई राशि 1,20,443/-;एक लाख बीस हजार चार सौ तिरालिस रूपये) आदेश दिनांक से 45 दिन के भीतर शिकायतकर्तागण को भुगतान करेंगे।
2. विरूद्ध पक्षकारगण, शिकायतकर्तागण को मानसिक क्षतिपूर्ति 5,000/-(पॉच हजार रूपये) आदेश दिनांक से 45 दिन के भीतर भुगतान करेंगे।
3. विरूद्ध पक्षकारगण, शिकायतकर्तागण को वाद व्यय 2,000/-(दो हजार रूपये) आदेश दिनांक से 45 दिन के भीतर भुगतान करेंगे।
4. विरूद्ध पक्षकारगण, आदेशित राशि का भुगतान 45 दिन के भीतर शिकायतकर्तागण को कर देंवे, चूक करने की स्थिति में आदेशित राशि पर आदेश दिनांक से भुगतान दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भुगतान करना होगा।
(प्रशान्त कुन्डू) (श्रीमती मंजुलता राठौर)
अध्यक्ष सदस्य
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग
जांजगीर-चॉपा छ.ग. जांजगीर-चॉपा छ.ग.
दिनांक 09/05/2023 दिनांक 09/05/2023