Aasha sharma filed a consumer case on 09 Apr 2015 against Branch Manager, Sheyas Gramin Bank in the Kota Consumer Court. The case no is CC/68/2013 and the judgment uploaded on 20 Apr 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
पीठासीन: श्री एम अनवर आलम,अध्यक्ष,श्रीमती हेमलताभार्गव, श्री महावीर तंवर सदस्यगण।
प्रकरण संख्या- 68/13
श्रीमती आशा शर्मा पत्नी गिर्राज शंकर शर्मा निवासीनी 79 सी, पुरानी रेल्वे कालोनी, कोटा, राजस्थान, हाल ग्राम अकबर पुर, समसाबादरोड, गांव अकबरपुर, आगरा, (उत्तर प्रदेश) -परिवादिया।
बनाम
01. शाखा प्रबंधक महोदय, श्रेयस ग्रामीण बैंक शाखा बरौली अहीर जिला आगरा (उत्तर प्रदेश) 282003
02. सीनियर शाखा प्रबंधक महोदय, स्टेट बैंक आफ बीकानेर एवं जयपुर राज भवन रोड कोटा। -विपक्षीगण।
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1 परिवादिया की ओर से कोई उपस्थित नहीं।
2 श्री सतीश कुमार बक्षी, अधिवक्ता, विपक्षीगण की ओर से।
निर्णय दिनांक 09.04.2015
(1) प्रस्तुत परिवाद दिनांक 30-01-2013 को परिवादिया ने इन अभिकथनों के साथ पेष किया है कि उसे पोस्ट आफिस से दिनांक 10.01.2011 को चैक सं. 376727 तादादी 7,430/- रूपये का प्राप्त हुआ था, जिसे भुगतान हेतु अप्रार्थी सं. 2 के बैंक की शाखा में प्रस्तुत किया, जिसका भुगतान विपक्षीगण को नोटिस के बावजूद भी आज तक प्राप्त नहीं हुआ।
(2) अतः प्रार्थना है कि परिवदिया को विपक्षीगण से चैक की राशि 7,430/- रूपये का भुगतान मय ब्याज, मानसिक क्षति, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।
(3) विपक्षी संख्या 1 ने जवाब पेश किया है कि परिवाद में उल्लेखित को अस्वीकार करते हुये स्पष्ट किया है कि उसकी भूमिका केवल कलेक्शन एजेन्ट की थी,परिवादिया ने विवादित चैक भुगतान हेतु उनकी शाखा में दिनांक 10.01.2011 को भुगतान हेतु जमा किया था, जिसको कलेक्शन हेतु अप्रार्थी सं.2 को प्रस्तुत कर दिया गया। अप्रार्थी सं. 2 ने चैक की राशि प्राप्त होने पर परिवादिया के खाते में दिनांक 23.05.13 को जमा करा दी, इस प्रकार अप्रार्थी सं. 1 ने परिवादिया की सेवा में कोई कमी नहीं की ।
(4) अतः परिवादिया का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे।
(5) विपक्षी संख्या 2 ने जवाब पेश कर परिवादिया के परिवाद में उल्लेखित तथ्यों को अस्वीकार करते हुये स्पष्ट किया कि परिवादिया द्वारा कोई चैक विपक्षी सं. 2 की बैंक में पेश नहीं किया गया तथा स्पष्ट किया गया कि परिवादिया द्वारा विवादित चैक विपक्षी संख्या 1 के यहाॅ जमा कराया गया, जो कलेक्शन हेतु अप्रार्थी सं. 2 को प्राप्त हुआ, जिसका डी डी राशि 7,338/- रूपये दिनांक 15.02.11 को बनाया जाकर अप्रार्थी सं. 1 को भेजा जा चुका है। विपक्षी सं. 1 की प्रार्थना पर उक्त डी डी को निरस्त किया जाकर दिनांक 18.04.2013 को पुनः 7,338/- रूपये का डी डी जारी कर, अप्रार्थी सं.1 को प्रेषित कर दिया गया था और उस राशि का भुगतान विपक्षी सं. 1 को विपक्षी सं. 2 द्वारा दिनांक 20.05.13 को किया जा चुका है, परिवादिया का अप्रार्थी सं. 2 के यहाॅ कोई खाता नहीं है, इसलिये परिवादिया अप्रार्थी सं. 2 की उपभोक्ता नहीं है। अप्रार्थी सं. 2 ने परिवादिया की सेवा में कोई कमी नहीं की है।
(6) परिवाद के समर्थन में परिवादिया ने स्वयं का शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में दस्तावेज प्रदर्ष-1 लगायत प्रदर्ष-4 पेष किये गये है।
(7) विपक्षीसं.1 ने जवाब के समर्थन में आनंद प्रकाश का शपथ-पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में दस्तावेजात प्रदर्श ओ पी ए-1 से ओ पी ए-6 , तथा विपक्षी सं.2 ने अरूण शर्मा का शपथ-पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में दस्तावेजात ओ पी बी-1 से ओ पी बी-9 पेश किये।
(8) बहस एक तरफा सुनी गई। मामले में निम्न विचारणीय बिन्दु है:-
(अ) आया परिवादिया विपक्षीगण का उपभोक्ता है ?
(ब) आया परिवादिया के परिवाद को इस मंच को श्रवणाधिकार है या नहीं ?
(स) आया विपक्षीगण ने सेवा दोष किया है ?
(द) अनुतोष ?
(9) बहस विपक्षीगण सुनी गई, उभय पक्षों द्वारा प्रस्तुत तर्को, शपथ-पत्र, दस्तावेजात और पत्रावली का अवलोकन कर विचार किया गया। प्रस्तुत मामलें में विपक्ष सं. 2 ने अपने जवाब मंे स्वीकार किया है कि परिवादिया का उनकी शाखा में बचत खाता था, जिसमें परिवादिया ने विवादित चैक के भुगतान हेतु दिनांक 10.01.11 को प्रेषित किया था, उक्त चैक कलेक्शन हेतु विपक्षी सं.2 को प्रेषित किया गया, जिसने उक्त चैक कलेक्ट होने के तथ्य को स्वीकार किया है।
(10) अतः परिवादिया विपक्षी सं. 1 की उपभोक्ता है। परन्तु वह विपक्षी सं. 2 की उपभोक्ता नहीं है। परिवादिया ने ऐसा कोई दस्तावेज पेश नहीं किया है जिससे विपक्षी सं. 2 की उपभोक्ता होना साबित होता है।
(11) चूंकि विपक्षी संख्या 1 की शाखा बरौली अहीर जिला आगरा में स्थित है एवं विपक्षी संख्या 1 की कोई शाखा, कोटा जिले के क्षैत्राधिकार में होना पत्रावली से साबित नहीं है।
(12) अतः उपरोक्त विवेचन को दृष्टिगत रखते हुये हमारे विनम्र मत में इस जिला मंच को परिवादिया के परिवाद को सुनने का क्षैत्राधिकार नहीं है। परिवादिया के परिवाद को जिला मंच आगरा उत्तर प्रदेश को सुनने का क्षैत्राधिकार है।
(13) परिवादिया ने बिन्दु संख्या 2 अपने पक्ष में साबित नहीं किया है, इसलिये इस बिन्दु पर विवेचन करने की आवश्यकता नहीं है।
(14) परिवादिया का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेष
(15) परिणामतः परिवादिया श्रीमती आशा शर्मा का परिवाद खारिज किया जाता है। खर्चा मुकदमा पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(महावीर तंवर) (श्रीमति हेमलता भार्गव) (मोहम्मद अनवर आलम)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच,कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
(16) निर्णय आज दिनंाक 09.04.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
(महावीर तंवर) (श्रीमति हेमलता भार्गव) (मोहम्मद अनवर आलम)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच,कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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