दिनांक: 26/11/2015
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी गण के विरुद्ध शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत करते हुए कहा है कि उसने विपक्षी सं02 का कार्यालय स्थापित करन के लिए सम्पर्क किया। विपक्षी सं02 वृक्षारोपण व जमीन कार्य के लिए लोगों से पैसा जमा कराते थे तथा उन्हें वादे के मुताबिक भुगतान या जमीन में सहभीगीदारिता कराते थे । विपक्षी सं02 का कार्यालय परिवादी के गॉव में खुला और विपक्षी सं01के रूप में कार्य करने लगा। विपक्षी गण ने एक योजना बताई जिसके तहत छ: साल के लिए रू03 लाख जमा करने की योजना थी । विपक्षी गण के बताने पर परिवादी ने दि026-03-2015 को रू0 3,00000/- विपक्षी के खाते में जमा किया तथा उस धनराशि के एवज में 300वर्ग गज जमीन का बन्दोबस्त किया। छठवें साल पूर्ण होने पर रू0 324000/- के बावत कागजात जारी किया। विपक्षी सं02 का करोबार बढ़ाने के लिए एक शाखा प्रबन्धक की आवयकता थी और शाखा प्रबन्धक के रूप में कार्य करने हेतु सिक्योरिटी मनी रू0 2,00000/- जमा करने की बात हुई। दिनांक 28-03-15 को रू0 2,00000/- विपक्षी गण को हस्तगत करा दिया और 31 मार्च के पहले शाखा प्रबन्धक के रूप में जिम्मेदारी हस्तगत कराने ओर अच्छा वेतन देने का वादा किया। दिनांक: 31-03-15 तक नियुक्ति न होने पर विपक्षी गण पर अपनी सम्पूर्ण धनराशि वापसी हेतु दबाव बनाया गया तो रू02,00000/- वापस करने का चेक आरिएण्टल बैंक आफ कामर्स शाखा नदेसर वाराणसी का दिया और कहा कि इसे 10 दिन बतौर जमानत रखें, नियुक्ति न होने पर आप पैसा कैश कर लीजियेगा। परिवादी को उपरोक्त चेक की धनराशि नहीं प्राप्त हुई जो अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस के दायरे मे आता है और सेवा में त्रुटि है। क्षेत्राधिकार जिला फोरम को है।उक्त कथनों को कहते हुए परिवादी ने दि0 04-05-15 को जारी चेक रू0 2,00000/- अठारह प्रतिशत ब्याज सहित,शारीरिक, मानसिक उत्पीड़ने के लिए रू0 5,000/- तथा वाद व्यय रू0 5,000/- की प्राप्ति हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया है।
परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में प्रश्नगत चेक की छाया प्रति व लिखित बहस प्रस्तुत की है।
विपक्षी को सूचना भेजी गयी। विपक्षी गण उपस्थित नहीं आये। विपक्षी गण को जारी रजिस्ट्री नोटिस पोस्ट मैन द्वारा मार्क करते हुए वापस कर दी गयी है। उक्त के अनुसार फोरम द्वारा दिनांक 30-09-15 को विपक्षी गण के विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की गयी।
परिवादी के अधिवक्ता की एक पक्षीय बहस सुनी गयी। पत्रावली पर उपलब्ध समस्त साक्ष्यों एवं कागजातों का अवलोकन किया गया जिससे स्पष्ट है कि परिवादी ने विपक्षी गण को कार्य करने के बदले में सिक्योरिटी मनी के रूप में रू0 2,00000/- दिये हैं।परिवादी को न तो कार्यकरने का अवसर मिला और न उसे चेक की धनराशि ही मिली। विपक्षी द्वारा जो चेक दिनांक 05-4-15 को जारी किया गया है उसका कैश असंग्रहीत होकर वापस कर दिया गया जो चेक की धनराशि परिवादी को प्राप्त नहीं हुई है। जो विपक्षी की सेवा में कमी एवं लापरवाही का द्योतक है, उक्त धनराशि को परिवादी विपक्षी गण से प्राप्त करने का हकदार है। इस प्रकार परिवादी के परिवाद में बल प्रतीत होता है जो स्वीकार किये जाने योग्य है।परिवादी सेवा लापरवाही के एवज में क्षतिपूर्ति भी प्राप्त करने का हकदार है। उपरोक्तानुसार परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देश दिया जाता है कि चेक की धनराशि रू0 2,00000/-दिनांक 05-04-15 से 09 प्रतिशत ब्याज के साथ एवं मानसिक, आर्थिक उत्पीड़न एव वाद व्यय के रूप में रू0 5000/-दो माह के अन्दर परिवादी को अदा करे। अवधि बीत जाने पर उक्त धनराशि पर 12प्रतिशत ब्याज देय होगा।
इस निर्णय की एक-एक प्रति पक्षकारों को नि:शुल्क दी जाय। निर्णय आज खुले न्यायालय में, हस्ताक्षरित, दिनांकित कर, उद्घोषित किया गया।