राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1480/2019
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, झांसी द्वारा परिवाद संख्या 346/2009 में पारित आदेश दिनांक 09.10.2019 के विरूद्ध)
उदय नारायण चौबे पुत्र श्री जानकी प्रसाद चौबे, निवासी- विजय नगर, तहसील-पलेरा, जिला-टीकमगढ़ (एम0पी0) वर्तमान पता- कस्बा मउरानीपुर, तहसील व जिला-झांसी
........................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
ब्रांच मैनेजर, पंजाब नेशनल बैंक, ब्रांच-मउरानीपुर, जिला-झांसी
...................प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक सिन्हा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री एस0एम0 बाजपेयी,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 14.12.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, झांसी द्वारा परिवाद संख्या-346/2009 उदय नारायण चौबे बनाम शाखा प्रबंधक पंजाब नेशनल बैंक में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09.10.2019 के विरूद्ध योजित की गयी है।
प्रश्नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त परिवाद खारिज किया है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी का बचत खाता विपक्षी पंजाब नेशनल बैंक शाखा मउरानीपुर जिला झांसी में है। परिवादी द्वारा दिनांक 09.08.2009 को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, टीकमगढ़ (म0प्र0) शाखा पलेरा द्वारा जारी एक चैक सं0-248369 मु0 21,270/-रू0 को अपने उक्त बचत खाता में भुगतान हेतु विपक्षी पंजाब नेशनल बैंक में प्रस्तुत किया गया, परन्तु परिवादी को उक्त चैक का भुगतान नहीं किया गया। परिवादी द्वारा इस संबंध में विपक्षी बैंक में
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सम्पर्क किया गया, जिस पर विपक्षी द्वारा बताया गया कि कि अभी चैक क्लीयर होकर नहीं आयी है। परिवादी द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, टीकमगढ़ (म0प्र0) शाखा पलेरा से सम्पर्क किया गया तो शाखा प्रबंधक द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा एक पत्र विपक्षी पंजाब नेशनल बैंक को दिनांक 10.09.2009 को शीघ्र कार्यवाही हेतु भेजा गया है, परन्तु विपक्षी बैंक द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अत: क्षुब्ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षी बैंक के विरूद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।
विपक्षी बैंक द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख जवाबदावा दाखिल किया गया तथा मुख्य रूप से कथन किया गया कि प्रश्नगत चैक विपक्षी द्वारा दिनांक 14.08.2008 को क्लीयरेंस हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, टीकमगढ़ (म0प्र0) शाखा पलेरा को भेज दिया गया था, जो विपक्षी बैंक में क्लीयर होकर प्राप्त नहीं हुआ, जिसके लिए विपक्षी द्वारा कई बार उक्त बैंक को पत्र भेजा, जिसका कोई उत्तर नहीं दिया गया। परिवादी का परिवाद पत्र बैंकिंग अधिनियम से बाधित है। परिवाद पत्र में नॉनज्वाइंडर आफ पार्टीज एवं मिसज्वाइन्डर आफ पार्टीज का दोष है। परिवाद समय बाधित है। परिवाद निरस्त होने योग्य है।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा को सुना। प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री एस0एम0 बाजपेयी को सुना।
वाद के तथ्यों से यह तथ्य स्पष्ट सुसंगत है कि परिवादी को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, टीकमगढ़ (म0प्र0) शाखा पलेरा से एक चैक सं0-248369 मु0 21,270/-रू0 हेतु जारी किया गया था, जो परिवादी द्वारा विपक्षी पंजाब नेशनल बैंक शाखा मउरानीपुर जिला झांसी में भुगतान हेतु जमा किया गया, परन्तु उपरोक्त चैक वास्ते भुगतान क्लीयरेंस हेतु विपक्षी बैंक द्वारा चैक जारी करने वाले सम्बन्धित बैंक को प्रेषित किया गया, जिसमें सम्भवत: उक्त चैक दौरान विपक्षी बैंक द्वारा जारी करने एवं मूल बैंक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, टीकमगढ़ (म0प्र0) शाखा पलेरा तक पहुँचने के मध्य गायब हो गया, जिसके कारण परिवादी को उपरोक्त चैक में उल्लिखित धनराशि प्राप्त नहीं हो सकी, जिससे व्यथित होकर परिवादी द्वारा परिवाद विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख योजित किया गया, जो जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा विस्तृत उल्लेख करते हुए निरस्त किया गया।
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मेरे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्व्य को सुनने तथा तथ्यों को विचार करने के पश्चात् यह तथ्य निर्विवादित रूप से स्पष्ट है कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, टीकमगढ़ (म0प्र0) शाखा पलेरा द्वारा जारी चैक का भुगतान परिवादी को प्राप्त नहीं हुआ तथा उपरोक्त चैक दौरान विपक्षी बैंक एवं जारी किये जाने वाले बैंक के मध्य प्रेषण के दौरान गायब हो गया, जिससे वास्तव में परिवादी को प्राप्त होने वाला भुगतान प्राप्त नहीं हो सका।
समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायहित में अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की सहमति से प्रस्तुत अपील अन्तिम रूप से निस्तारित की जाती है तथा आदेशित किया जाता है कि प्रत्यर्थी/विपक्षी पंजाब नेशनल बैंक उपरोक्त चैक जारी करने वाले बैंक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, टीकमगढ़ (म0प्र0) शाखा पलेरा को 01 माह की अवधि में इस निर्णय की प्रति प्राप्त कराते हुए अपीलार्थी/परिवादी के पक्ष में मूल धनराशि 21,270/-रू0 हेतु चैक जारी करने का दिशा-निर्देश दें तथा यथासम्भव अपीलार्थी/परिवादी को उपरोक्त धनराशि का भुगतान 03 माह की अवधि में सुनिश्चित किया जावे।
यहॉं यह स्पष्ट किया जाता है कि ब्याज के सम्बन्ध में कोई देयता बैंक की नहीं होगी। यदि अपीलार्थी/परिवादी को पूर्व में भुगतान प्राप्त हो चुका हो तब सम्बन्धित बैंक उपरोक्त विवरण सविस्तार उल्लिखित करते हुए अपीलार्थी/परिवादी को प्राप्त कराये।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1