ष फोरम महोबा
परिवाद सं0-97/2013 उपस्थित- श्री बाबूलाल यादव, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
श्रीमती सियारानी पत्नी स्व0 श्री कृष्णकांत पटैरिया निवासी-ग्राम-उरवारा तहसील व परगना व जिला महोबा ....परिवादिनी
बनाम
दि ओरियेंटल इंश्योरेंस कं0लि0 द्वारा शाखा प्रबंधक,दि ओरियेंटल इंश्योरेंस कं0लि0 शाखा कार्यालय गुरूद्वारा के पीछे गांधीनगर,तहसील व जनपद महोबा .....विपक्षी
निर्णय
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी,सदस्य द्वारा उदधोषित
परिवादिनी श्रीमती सियारानी पत्नी स्व0 श्री कृष्णकांत पटैरिया ने यह परिवाद खिलाफ विपक्षी दि ओरियेंटल इंश्योरेंस कं0लि0 बाबत दिलाये जाने बीमित धनराशि मु0 1,00,000/- रूपये व अन्य अनुतोष हेतु प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवादिनी का कथन इस प्रकार है कि परिवादिनी ग्राम उरवारा तहसील व जिला महोबा की निवासिनी है तथा स्व0 श्री कृष्णकांत पटैरिया कि पत्नी व विधिक वारिस है । परिवादिनी के स्व0 पति श्री कृष्ण कांत पटैरिया द्वारा अपनी हीरोहोन्डा मोटर साइकिल सं0 यू0पी095 ई 3767 का कंप्रिहेंसिव बीमा 1088/-रू0 बीमा प्रीमियम देकर विपक्षी बीमा कंपनी से कराया गया था जिसकी पालिसी सं0223307 है तथा इसकी आच्छादन तिथि 22.05.2013 से दिनांक:21.05.2014 तक थी तथा बीमित धनराशि बीमा पालिसी में 1,00,000/-रू0 दिखाई गयी है । परिवादिनी के पति के पास वैध ड्राइविंग लाईसेंस भी है । परिवादिनी के पति दिनांक:25.07.2013 को घर से महोबा के लिये चले कि तभी निवास स्थान गैलरी में स्थित मैन स्विच में हाई वोल्ट विधुत करेंट लग गया और वह वहीं मौके पर गिर गये । तत्काल परिवादिनी व अन्य घर के सदस्य उनको लेकर जिला अस्पताल ले गये लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो गई थी । तत्पश्चात उक्त दुर्घटना की सूचना थाना-कोतवाली महोबा में दर्ज कराई गई। पुलिस द्वारा मृतक का पंचायतनामा व पोस्टमार्टम कराया गया । परिवादिनी द्वारा नियत समय के अंतर्गत संपूर्ण औपचारिकतायें पूरी कर के बीमा दिलाये जाने के संबंध में क्लेम प्रपत्र दाखिल किये गये लेकिन बीमा कंपनी ने बिना किसी उचित आधार के व्यापारिक कदाचरण करते हुये परिवादिनी का क्लेम दिनांक:05.09.2013 को निरस्त कर दिया गया । गये लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हृत्यु कर जिला अस्पताल ले गबये ऐसी परिस्थितियों में परिवादिनी ने यह परिवाद मा0 फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया है।
इसके विरूद्ध विपक्षी द्वारा जवाबदावा दाखिल किया गया है जिसमें उन्होने प्रारंभिक आपत्ति व प्रस्तरवार जबाब में यह कहा है कि परिवादिनी के परिवाद को गलत व असत्य तथ्यों के आधार पर दायर किया जाना बताया है तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्राविधानों के अंतर्गत पोषणीय नहीं है । उनका यह कथन है कि इस प्रकरण में परिवादिनी के पति की मृत्यु विधुत दुर्घटना में हुई है इसलिये यह वाहन दुर्घटना की श्रेणी में नहीं आयेगा तथा इसके संबंध में परिवादिनी को विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा सूचित भी किया गया था । उन्होंने परिवादिनी के पति का बीमा होना तो स्वीकार किया है लेकिन चूंकि उनके पति की मृत्यु विधुत स्पर्शाघात से हुई है जिसकों उन्होंने दुर्घटना नहीं माना और इस आधार पर परिवादिनी का क्लेम खारिज किये जाने योग्य है ।
परिवादिनी ने अपने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र कागज सं0-4ग व 16ग/1 लगायत 16ग/3 प्रस्तुत किया है तथा अभिलेखीय साक्ष्य में शपथ पत्र धर्म सिंह कागज सं017ग दाखिल किया है तथा अभिलेखीय साक्ष्य में छायाप्रति नौ क्लेम लेटर कागज सं06ग, छायाप्रति बीमा पालिसी कागज सं07ग/1 लगायत 7ग/3,ड्राइविंग लाइसेंस की छायाप्रति कागज सं0 8ग दाखिल किया है ।
विपक्षी की और से शपथ पत्र द्वारा श्री मनोरंजन द्विवेदी वरिष्ठ मंडलीय प्रबंधक कागज सं0 15ग/1 व 15ग/2 दाखिल किया गया है तथा अभिलेखीय साक्ष्य में पालिसी की छायाप्रति कागज सं021ग/1 लगायत 21ग/3 दाखिल की गई है ।
फोरम द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
उभय पक्ष को यह स्वीकार है कि परिवादिनी के पति का बीमा विपक्षी बीमा कंपनी से 1,00,000/-रू0 का था एवं दुर्घटना दिनांक:25.07.2013 की थी तथा बीमा पालिसी की आच्छादन तिथि दिनांक:22.05.2013 से 21.05.2014 तक के लिये है । विवाद इस बात का है कि विपक्षी बीमा कंपनी की और से यह कहा गया है कि परिवादिनी के पति मृत्यु विधुत स्पर्शाघात से हुई है और मोटर वाहन दुर्घटना की श्रेणी में यह केस नहीं आता है । जबकि इस संबंध में परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता की और से यह कहा गया है कि परिवादिनी श्रीमती सियारानी पी0डब्लू01 तथा धर्म सिंह पी0डब्लू02 ने अपने शपथ पत्रों कागज सं016ग/1 लगायत 16ग/3 व 17ग में यह स्पष्ट रूप से कहा है कि परिवादिनी के पति दिनांक:25.07.2013 को मृतक अपनी मोटर साइकिल घर से बाहर निकाल रहे थे । तभी निवास स्थान की गैलरी में स्थित मैनस्विच से उनको हाई वोल्टेज करेंट लग गया । इसी प्रकार पी0डब्लू0 2 धर्म सिंह ने भी इस तथ्य का सशपथ समर्थन किया है । यह दोनों शपथ पत्र दिनांक:05.05.2015 को दाखिल किये गये हैं । इन शपथ पत्रों का कोई खण्डन विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा शपथ पत्र या किसी अन्य साक्ष्य से नहीं किया गया है । ऐसी परिस्थिति में यह फोरम इस मत का है कि परिवादिनी के स्व0 पति कृष्णकांत पटैरिया की मृत्यु मोटर साइकिल दुर्घटना से हुर्इ है । अंत: इस आधार पर विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा गलत तरीके से उसके बीमा दावे को अस्वीकार किया गया है और ऐसा कर के बीमा कंपनी ने सेवा में घोर त्रुटि की है । तद़नुसार परिवादिनी विपक्षी बीमा कंपनी से दुर्घटना के संबंध में बीमित धनराशि मु01,00,000/-रू0 व अन्य अनुतोष पाने का अधिकारी है ।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद खिलाफ विपक्षी आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादिनी को इस निर्णय के अंदर एक माह बीमित धनराशि 1,00,000/-रू0 रूपया प्रदान करे । इसके अलावा परिवादिनी विपक्षी से मानसिक क्षतिपूर्ति के एवज में 2,000/-रू0 एवं वाद व्यय के एवज में मु0 2,500/- रूपये पाने की हकदार होगी। विपक्षी इस धनराशि को परिवादिनी को इस निर्णय के अंदर एक माह प्रदान करे अन्यथा परिवादिनी विपक्षी से इस धनराशि पर 9 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज भी पाने की अधिकारिणी होगी ।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्य, सदस्य,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
20.01.2016 20.01.2016