( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :1018/2023
सीमा तिवारी
ब्रांच मैनेजर, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा फाइनेंसियल सर्विस लि0 व एक अन्य
दिनांक : 22-06-2023
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-09/2018 सीमा तिवारी बनाम शाखा प्रबन्धक, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा फाइनेंसियल सर्विस लि0 शाखा हरपुर तथा अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, बलिया द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 22-09-2022 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
विद्धान जिला आयोग द्वारा परिवादिनी का परिवाद अदम पैरवी में निरस्त करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया है :-
‘’ दिनांक 22-09-2022
वाद पुकारा गया। परिवादिनी अनुपस्थित। विपक्षीगण अनुपस्थित। पत्रावली में कई बार वाद पुकारा गया, किन्तु परिवादिनी तथा उसके विद्धान अधिवक्ता एवं पैरवीकार विगत लगभग पौने तीन वर्षों से अधिक की अवधि से पत्रावली में लगातार अनुपस्थित चल रहे हैं और उनकी ओर से पत्रावली में कोई पैरवी भी नहीं किया जा रहा है। इस कारण पत्रावली में अग्रिम तिथि नियत करते हुए पत्रावली को आगे जारी रखना न्यायाचित नहीं है।
अत: उपरोक्त आधार पर परिवादिनी की अदम पैरवी में वाद निरस्त किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।‘’
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अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की विद्धान अधिवक्ता श्रीमती सीमा पाण्डेय एवं श्री सुनीत कुमार पाण्डेय उपस्थित। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव एवं श्री सुभम श्रीवास्तव उपस्थित आए।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि वह जिला आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हो सके और जिला आयोग द्वारा बिना उन्हें साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान किये परिवाद पक्षकारों की अनुपस्थिति में निरस्त कर दिया है अत: उन्हें न्यायहित में एक अवसर साक्ष्य एवं सुनवाई का प्रदान किया जावे।
उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का परिशीलन करने एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अवलोकन करने के पश्चात मैं इस मत का हूँ कि न्यायहित में अपीलार्थी को एक अवसर साक्ष्य एवं सुनवाई का प्रदान किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है।
तदनुसार अपील स्वीकार की जाती है तथा विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त करते हुए पत्रावली जिला आयोग को इस आग्रह के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला आयोग परिवाद को अपने मूल नम्बर पर प्रतिस्थापित करते हुए उभयपक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का निस्तारण गुणदोष के आधार पर 06 माह की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें।
उभयपक्ष जिला आयोग के सम्मुख दिनांक 20-07-2023 को उपस्थित होंवे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1