Mohd. Injmaam Ul Haq filed a consumer case on 27 Jul 2023 against Branch Manager, L.B. Katiyar, Saharayan Universal Multipurpose Limited in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/64/2022 and the judgment uploaded on 27 Jul 2023.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 64/2022
परिवाद दाखिला तिथि :- 13.07.2022
निर्णय दिनांक:- 27 .07.2023
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
मो0 इंजमामुल हक पुत्र मो0 हलीम उम्र लगभग 45 वर्ष निवासीगण ग्राम बील्हापुर, थाना भोगनीपुर, जिला कानपुर देहात । ...........................परिवादी
बनाम
Sahara Q Shop, Central Regd Office Sahara India Bhawan, Kapoorthala Complex Aliganj, Lucknow-226024
…........................प्रतिवादी
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद परिवादी मो0 इंजमामुल हक की ओर से विपक्षीगण के विरुद्ध सशपथ पत्र इस आशय का संस्थित किया गया है कि परिवादी की जमा धनराशि मय ब्याज सहित 2018 तक के 1,70,000 व 2018 से आज तक का ब्याज 80,000 सहित शारीरिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 1,50,000 व वाद व्यय विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु दिनांक 13.07.2022 को प्रस्तुत किया गया ।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी बहुत अधिक निर्धन साधारण ग्रामीण व्यक्ति है । परिवादी ने एक-एक पैसा जोड़कर शाखा प्रबन्धक पता ऑफिस कालपी 2508 जिला जालौन हाल पता ऑफिस SAHARAYN UNIVERSAL MULTIPURPOSE SOCIETY LIMITED एवं SAHARA Q SHOP CENTRAL (Authorized Center Pukhrayan) (2066) Gopal Bhawan Main Road Pukhrayan P.S. & Tehsil-Bhognipur District Kanpur Dehat में विभिन्न तिथियों में अलग-अलग रसीदों के माध्यम से टोटल मूलधन 80,000 ब्याज सहित सन 2018 तक 1,70,000 और आज तक ब्याज सहित 2,50,000 से अधिक हो चुका है । वादी के द्वारा जमा किये गये धन का भुगतान सन 2018 में मय ब्याज सहित होना था, लेकिन एक भी पैसे का भुगतान आज तक नहीं हुआ है । परिवादी उक्त कम्पनी की शाखा पुखरायाँ में सन 2018 से लगातार रुपये प्राप्त करने हेतु जा रहे है लेकिन शाखा प्रबन्धक पुखरायाँ ने वादी को न तो पैसे का भुगतान किया है और न ही किसी भी प्रकार के भुगतान देने की जानकारी दी है । वादी का मूल्य धन 80,000/- ब्याज सहित सन 2018 तक रु0 1,70,000/- आज तक ब्याज सहित 2,50,000/- रुपये से अधिक हो चुका है । दिनांक 03.06.2022 को वादी शाखा पुखरायाँ में जाकर अपने पैसे के भुगतान के संबंध में कहा तो शाखा प्रबन्धक एल0बी0 कटियार व शाखा के कर्मचारी ने वादी से गलत व्यवहार किया व गाली-गलौज करके भगा दिया । वादी बेरोजगार व्यक्ति है, मजदूरी करके अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण करते है । वादी सन 2018 से बराबर शाखा सहारा इण्डिया पुखरायां में आपसे पैसे के भुगतान हेतु जा रहा है जबकि शाखा प्रबन्धक द्वारा पैसों के भुगतान से स्पष्ट रूप से इन्कार कर दिया गया । वादी ने दिनांक 07.06.2022 को जरिये अधिवक्ता सहारा इंडिया हेड ऑफिस लखनऊ व शाखा पुखरायाँ के शाखा प्रबन्धक को जरिये रजिस्ट्री नोटिस भेजी लेकिन नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया गया । इससे साफ जाहिर होता है कि वादी का पैसा शाखा प्रबन्धक हड़प लेना चाह रहे हैं, वादी बहुत परेशान है । परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त विपक्षी को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस जारी किया गया । विपक्षी को प्रेषित नोटिस वापस लौटकर नहीं आया न ही विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित आया । कई बार अवसर दिये जाने के बावजूद न तो विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित आया और न ही उनकी ओर से जवाबदेही दाखिल की गयी । परिवादी द्वारा दाखिल Track Consignment Report के आधार पर विपक्षी पर नोटिस का तामीला पर्याप्त मानते हुये प्रकरण एक पक्षीय साक्ष्य व सुनवाई हेतु दिनांक 07.02.2023 को अग्रसारित किया गया ।
परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूंची से आधार कार्ड परिवादी मो0 इंजमामुल हक की छायाप्रति, सहारा क्यू शॉप सेंट्रल द्वारा जारी सर्टिफिकेटस क्रमांक 643000584274, 643000584275, 643000584276, 643000584277, 643000584278, 643000584279, 643000584280, 643000584281, 643000584282 व 643000584283 की छायाप्रतियाँ, अधिवक्ता द्वारा विपक्षी को प्रेषित रजिस्टर्ड नोटिस की छायाप्रति मय मूल रजिस्ट्री रसीद सहित साक्ष्य में दाखिल किया है ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी मो0 इंजमामुल हक का साक्ष्य शपथपत्र दाखिल किया गया है ।
परिवादी ने एक अन्य दस्तावेजों की सूंची से सहारा क्यू शॉप सेंट्रल द्वारा जारी सर्टिफिकेटस क्रमांक 643000584274, 643000584275, 643000584276, 643000584277, 643000584278, 643000584279, 643000584280, 643000584281, 643000584282 व 643000584283 की मूल प्रतियाँ भी साक्ष्य में दाखिल की हैं ।
परिवादी द्वारा अपनी लिखित बहस पत्रावली पर दाखिल की गयी ।
मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी तथा पत्रावली व साक्ष्य का परिशीलन किया ।
पत्रावली पर परिवादी द्वारा दाखिल एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र, लिखित बहस एवं अन्य अभिलेखों का परिशीलन किये जाने से विदित है कि परिवादी द्वारा विपक्षी सहारा क्यू शॉप सेंट्रल की योजना के अन्तर्गत कुल 10 विभिन सर्टिफिकेटस (जमा धनराशि के बावत विपक्षी द्वारा जारी प्रमाणपत्र) के माध्यम से 8000/- रुपया धनराशि प्रति सर्टिफिकेट द्वारा कुल धनराशि मु0 80,000/- रुपया दिनांक 23.10.2013 में जमा की गयी है, परिवादी द्वारा दस्तावेजों की सूंची से सहारा इण्डिया द्वारा जारी उपरोक्त सर्टिफिकेटस की कुल 10 किता मूल प्रतियाँ भी दाखिल की गयी हैं, जिन पर सर्टिफिकेटस क्रमांक 643000584274, 643000584275, 643000584276, 643000584277, 643000584278, 643000584279, 643000584280, 643000584281, 643000584282 व 643000584283 अंकित है एवं सभी प्रमाणपत्रों पर रुपया 8,000/- अंकित है । उक्त सभी मूल सर्टिफिकेटस दिनांक 23.10.2013 को विपक्षी द्वारा जारी किये गये हैं । जिससे स्पष्ट है कि विपक्षी द्वारा संचालित स्कीम में परिवादी द्वारा कुल धनराशि मु0 80,000/- रुपया जमा की गयी है । परिवादी का कथन है कि वादी के द्वारा जमा धन का भुगतान सन 2018 में ब्याज सहित होना था, लेकिन अवधि पूर्ण होने के बाद भी परिवादी को भुगतान नहीं किया गया ।
परिवादी द्वारा जमा धनराशि के बावत दाखिल किये गये मूल प्रमाणपत्रों में पूर्णावधि तथा पूर्णावधि पर भुगतान की जाने वाली राशि का कोई उल्लेख नहीं है ।
परिवादी का यह कथन है कि शाखा प्रबन्धक द्वारा उक्त पैसों के भुगतान से स्पष्ट रूप से इन्कार कर दिया गया । परिवादी ने दिनांक 07.06.2022 को जरिये अधिवक्ता सहारा इंडिया के हेड ऑफिस लखनऊ व शाखा पुखरायाँ के शाखा प्रबन्धक को जरिये रजिस्ट्री लीगल नोटिस भेजी लेकिन नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया गया । परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र के उत्तर में विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया एवं न ही उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल की गयी । इसके अतिरिक्त परिवादी के साक्ष्य शपथपत्र के खण्डन में विपक्षी की ओर से कोई साक्ष्य प्रति शपथपत्र व अभिलेख भी प्रस्तुत नहीं किया गया है ।
परिवादी मो0 इंजमामुल हक द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र के खण्डन में विपक्षी द्वारा कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र दाखिल नहीं किया गया है । अतः इस परिस्थिति में परिवादी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र को खण्डित किये जाने एवं उस पर अविश्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है । परिवादी का परिवाद प्रतिवादी के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को उसकी जमा धनराशि मु0 80,000/- रुपया मय 7% साधारण वार्षिक ब्याज की दर से तथा 5,000/- रुपया वाद व्यय सहित एक माह में अदा करे । ब्याज़ की गणना आदेश के दिनांक से वास्तविक भुगतान की तिथि तक सुनिश्चित की जायेगी ।
विपक्षी द्वारा उक्त धनराशि एक माह के अन्दर भुगतान न किये जाने की स्थिति में परिवादी न्यायालय के माध्यम से धनराशि वसूल करवाने में सक्षम होगा ।
( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 27.07.2023
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