Rajasthan

Kota

CC/4/2012

Chandra prakash gupta - Complainant(s)

Versus

Branch Manager, Indian State Bank - Opp.Party(s)

G.L.Gupta

07 Dec 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या-04/12    
चन्द्र प्रकाश गुप्ता पुत्र स्व0 प्रभूलाल गुप्ता उम्र 63 साल साकिन 231, बाल मंदिररोड, कोटा जंक्शन-240002                 -परिवादी।
                  बनाम
भारतीय स्टेट बैंक, कृषि विस्तार शाखा, कोटा जंक्शन, जरिये शाखा प्रबंधंक।
-विपक्षीगण
समक्ष   :
अध्यक्ष  :        भगवान दास     
सदस्य  :        हेमलता भार्गव 
       परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1  श्री जी0एल0 गुप्ता, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2  श्री मनोज गौतम, अधिवक्ता, विपक्षी की ओर से। 
    निर्णय           दिनांक 07.12.15
परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उसका संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि  उसके मियादी खाता सं. 30590992393 के ब्याज पेटे 11,892/- रूपये का प्रमाण पत्र 23.06.10 को जारी किया गया, जिसमें आयकर कटौती नहीं बताई, कोई टी.डी.एस. प्रमाण-पत्र भी जारी नहीं किया, इसी आधार पर परिवादी ने अपना आयकर रिटर्न प्रस्तुत किया। उसे मालूम हुआ कि वित्तीय वर्ष 2009-10 हेतु विपक्षी ने 1190/- रूपये आयकर काटा है व टी.डी.एस. कटौती का प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया तो सूचना के अधिकार हेतु आवेदन व अपील प्रस्तुत की गई तब टी.डी.एस. प्रमाण-पत्र दिनांक 23.09.11 को जारी किया गया तथा ब्याज की देय रकम पूर्व के प्रमाण-पत्र में वर्णित 11,892/- रूपये के स्थान पर 11,553रु- ही बताये गये , इस प्रकार 339/- रूपये का ब्याज भी कम दिया गया। विपक्षी ने समय पर टी.डी.एस. प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया, इससे आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप भी हुआ। 
    विपक्षी के जवाब का सार है कि परिवादी को 23.06.10 को आय सहित प्रमाण-पत्र जारी किया गया था। नियमानुसार वित्तीय वर्ष 2009-10 में देय ब्याज 10,000/- रूपये से अधिक होने के कारण टी.डी.एस. काटा गया, जिसका प्रमाण-पत्र भी उपलब्ध करा दिया गया था। लिपिकीय त्रुटि से देय ब्याज की रकम 11,892/- रूपये के स्थान पर 11,553/- रूपये अंकित हो गई, जबकि वास्तव में 11,892/- रूपये का ही भुगतान किया गया है। सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। 
     परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा विपक्षी बैंक द्वारा जारी प्रमाण-पत्र दिनांक 23.06.10, आयकर गणना, आयकर रिटर्न, विपक्षी बैंक को सूचना प्राप्ति हेतु प्रस्तुत आवेदन-पत्र, प्राप्त जवाब व टी.डी.एस. प्रमाण-पत्र, अपील व प्राप्त जवाब आदि की प्रतिया प्रस्तुत की हैं ।
    विपक्षी बैंक ने साक्ष्य में शाखा प्रबंधक मुकेश गुप्ता का शपथ-पत्र प्रस्तुत किया। 
    हमने दोनों पक्षों की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया। 
     जहाॅ तक परिवादी को 339/- रूपये कम ब्याज देने का प्रश्न है विपक्षी ने स्पष्ट कर दिया है कि लिपिकीय त्रुटि से प्रमाण-पत्र में रकम 11,553/- रूपये अंकित हो गई जबकि वास्तव में 11,892/- रूपये ही अदा की गई थी, इस प्रकार स्पष्ट है कि परिवादी को ब्याज की कम अदायगी नहीं की गई है। यह परिवादी को अपनी पास बुक व स्टेटमेन्ट से भी भलीभाॅति जानकारी हो गई, इसके बावजूद उसने परिवाद में तथ्यों का अंकन गलत किया है। 
    जहाॅ तक टी.डी.एस. प्रमाण-पत्र समय पर जारी नहीं करने का प्रश्न है विपक्षी बैेक ने स्पष्ट किया है कि परिवादी को टी.डी.एस. प्रमाण-पत्र उपलब्ध करा दिया गया था। यदि टी.डी.एस. प्रमाण-पत्र समय पर नही मिला तब परिवादी का यह दायित्व था कि वह अपनी जमा राशि पर अर्जित ब्याज का टी.डी.एस. प्रमाण-पत्र स्वयं विपक्षी बैंक से जाकर प्राप्त कर लेता। उसने सूचना प्राप्ति के लिये जो आवेदन-पत्र विपक्षी बैंक को प्रस्तुत किया उसमें ही स्पष्ट किया है कि उसे टी.डी.एस. प्रमाण-पत्र जारी किया जावे अर्थात् यह उसकी जानकारी में पूर्व से था कि उसके मियादी खाते में अर्जित ब्याज की राशि पर आयकर की कटौती होनी थी। इसलिये हम पाते है कि विपक्षी बैंक ने कोई सेवादोष नहीं किया है। परिवादी का कोई आर्थिक नुकसान होना भी नहीं माना जा सकता क्योंकि यदि परिवादी ने उसकी आयकर रिटर्न प्रस्तुत करते समय टी.डी.एस. कटौती का विवरण अंकित नहीं किया तब वह नियमानुसार संशोधित आयकर रिटर्न प्रस्तुत कर समायोजत करा सकता था अथवा रिफंड ले सकता था। उपरोक्त विवेचन के आधार पर परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।      
    
                      आदेश 

     परिवादी का परिवाद विपक्षी के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 


(हेमलता भार्गव)                             ( भगवान दास)  
  सदस्य                                             अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                          जिला उपभोक्ता विवाद 
प्रतितोष  मंच, कोटा।                           प्रतितोष मंच, कोटा।
    निर्णय  आज दिनंाक 07.12.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 
                                     
  सदस्य                                           अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                         जिला उपभोक्ता विवाद 
प्रतितोष  मंच, कोटा।                          प्रतितोष मंच, कोटा।

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