Uttar Pradesh

StateCommission

A/1953/2018

Satish Kumar - Complainant(s)

Versus

Branch Manager Indian Bank - Opp.Party(s)

V.P. Nagaur & S.N. Diwedi

10 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1953/2018
( Date of Filing : 05 Nov 2018 )
(Arisen out of Order Dated 08/10/2018 in Case No. C/18/2018 of District Hardoi)
 
1. Satish Kumar
S/O Sri Prabhu Dayal R/O Vill. Bhelawa Police Station Baghauli Distt. Hardoi
...........Appellant(s)
Versus
1. Branch Manager Indian Bank
(Branch ) Bekapur Post of Sautera Distt. Hardoi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 10 Nov 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

 (मौखिक) 

अपील सं0- 1953/2018

Satish kumar aged about 46 years son of Prabhu Dayal, Resident of Village Bhelawa, Police Station- Baghauli, District Hardoi.

                                          ………Appellant

Versus

Branch Manager of Indian Bank (Branch) Bekapur, Post of Sautera District-Hardoi and 05 Others.                                          

                                        ……..Respondents

 

समक्ष:-

   माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

   माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित    : श्री वी0पी0 नागौर,

                               विद्वान अधिवक्‍ता।                

प्रत्‍यर्थी सं0- 1 की ओर से उपस्थित   : श्री शरद कुमार शुक्‍ला,

                                विद्वान अधिवक्‍ता।

शेष प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित   : कोई नहीं।  

 

दिनांक:- 10.11.2022

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

निर्णय

1.        परिवाद सं0- 18/2018 सतीश कुमार बनाम शाखा प्रबंधक, इंडियन बैंक में जिला उपभोक्‍ता आयोग, हरदोई द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 08.10.2018 के विरुद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है।

2.        अपीलार्थी/परिवादी ने उपभोक्‍ता परिवाद इस आधार पर प्रस्‍तुत किया कि अपीलार्थी/परिवादी का किसान क्रेडिट कार्ड व बचत खाता प्रत्‍यर्थी सं0- 1/विपक्षी की शाखा में पोषित है और दोनों खाता की एक ही पासबुक है। अपीलार्थी/परिवादी ने दि0 24.07.2017 को उपरोक्‍त दोनों खातों में अलग-अलग 2,00,000/-रू0 जमा किया था जिसकी रसीद बैंक द्वारा प्राप्‍त करायी गई थी, परन्‍तु प्रत्‍यर्थी सं0- 1/विपक्षी ने किसान क्रेडिट कार्ड खाता क्रमांक 6202800277 में अंकन 2,00,000/-रू0 जमा होना दर्शाया है, जब कि बचत खाता सं0- 6241779735 में जमा 2,00,000/-रू0 की धनराशि नहीं अंकित की गई है। अत: अपीलार्थी/परिवादी ने बचत खाते में उक्‍त जमा धनराशि दर्ज करने के लिए उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया है।

3.        प्रत्‍यर्थी सं0- 1/विपक्षी बैंक का कथन है कि अपीलार्थी/परिवादी का के0सी0सी0 खाता अनियमित था। इस खाते में 2,18,200/-रू0 जमा करना था। दि0 24.07.2017 को इस खाते में 2,00,000/-रू0 जमा किए गए। इसके पश्‍चात अपीलार्थी/परिवादी का यह खाता संचालन योग्‍य हो गया। दि0 24.07.2017 को अपने बचत खाते में 2,00,000/-रू0 जमा नहीं किए गए जो बाउचर प्रस्‍तुत किया गया है, उस पर एक बैंक कर्मचारी के हस्‍ताक्षर हैं जब कि अंकन 25,000/-रू0 जमा करने या आहरित करने पर बैंक अधिकारियों के हस्‍ताक्षर होने चाहिए। के0सी0सी0 खाते में जमा धनराशि 2,00,000/-रू0 से सम्‍बन्धित पर्ची पर दो बैंक अधिकारियों के हस्‍ताक्षर हैं। दि0 20.09.2017 को अपीलार्थी/परिवादी ने अपने बचत खाते में 90,000/-रू0 जमा किए। इस तिथि को 2,00,000/-रू0 उसके खाते में अंकित न होने के सम्‍बन्‍ध में कोई आपत्ति नहीं की गई। दि0 29.01.2018 को लिखित रूप में स्‍वीकार किया है कि 2,00,000/-रू0 बचत खाता में जमा नहीं किए और बैंक से कोई शिकायत नहीं है।  

4.        उभयपक्ष के साक्ष्‍य पर विचार करने के उपरांत विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने यह निष्‍कर्ष दिया है कि दि0 24.07.2017 को कोई राशि बचत खाते में जमा नहीं की गई। दि0 24.07.2017 को के0सी0सी0 खाते में 2,00,000/-रू0 जमा किए। उसके बाद दि0 25.07.2017 को 18,200/-रू0 नकद जमा किए गए। तदनुसार परिवाद खारिज कर दिया गया।

5.        इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने साक्ष्‍य के विपरीत निर्णय एवं आदेश पारित किया है। अपीलार्थी/परिवादी ने 2,00,000/-रू0 जमा करने की रसीद प्रस्‍तुत की है।

6.        हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0पी0 नागौर और प्रत्‍यर्थी सं0- 1 के विद्वान अधिवक्‍ता श्री शरद कुमार शुक्‍ला को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया। शेष प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

7.        अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा इस पीठ का ध्‍यान पृष्‍ठ सं0- 16 पर स्थित एनेक्‍जर सं0- 3 की ओर आकर्षित किया गया। यह अंकन 2,00,000/-रू0 प्राप्‍त करने की रसीद है जिस पर केवल एक कर्मचारी के हस्‍ताक्षर जाहिर होते हैं जब कि इसी तिथि को अपीलार्थी/परिवादी द्वारा के0सी0सी0 खाते में 2,00,000/-रू0 जमा किए गए हैं। अत: एक किसान के पास अंकन 4,00,000/-रू0 एक ही तिथि में नकद होने की सम्‍भावना से यद्यपि पूर्णत: इंकार नहीं किया जा सकता, परन्‍तु परिस्थिति यह जाहिर करती है कि अंकन 4,00,000/-रू0 इस तिथि को अपीलार्थी/परिवादी के पास जमा करने के उद्देश्‍य से मौजूद नहीं थे, क्‍योंकि उसका के0सी0सी0 खाता अनियमित है। यदि अपीलार्थी/परिवादी वास्‍तव में इतनी बड़ी धनराशि की व्‍यवस्‍था अपने पास रखता तब के0सी0सी0 खाता अनियमित न हो पाता।

8.        अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दि0 24.07.2017 को के0सी0सी0 खाते में जमा 2,00,000/-रू0 की रसीद भी एनेक्‍जर सं0- 4 के रूप में प्रस्‍तुत की गई है। एनेक्‍जर सं0- 4 पर हस्‍ताक्षर व एनेक्‍जर सं0- 3 पर मौजूद हस्‍ताक्षर भिन्‍न हैं। इसी प्रकार 18,200/-रू0 की रसीद पर जिस पर बैंक कर्मी के हस्‍ताक्षर हैं जो एनेक्‍जर सं0- 3 पर मौजूद हस्‍ताक्षर से भिन्‍न हैं। विशेष उल्‍लेखनीय तथ्‍य यह है कि अपीलार्थी/परिवादी ने दि0 29.01.2018 को लिखित रूप में स्‍वीकार किया है कि दि0 24.07.2017 को 2,00,000/-रू0 बचत खाते में जमा नहीं किया, अपितु केवल लोगों के बरगलाने से 2,00,000/-रू0 मिल जाने की उम्‍मीद में असत्‍य कथन किया गया। इस लेख पर अपने हस्‍ताक्षर होने के तथ्‍य को कभी भी अपीलार्थी/परिवादी द्वारा इंकार नहीं किया गया। अत: स्‍पष्‍ट है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा कभी भी 2,00,000/-रू0 अपने बचत खाते में जमा नहीं किए गए। तदनुसार अपील 1,00,000/-रू0 (एक लाख रू0) हर्जे पर खारिज किए जाने योग्‍य है।            

आदेश

09.       अपील 1,00,000/-रू0 (एक लाख रू0) हर्जे पर खारिज की जाती है। प्रत्‍यर्थी सं0- 1/विपक्षी बैंक को यह अधिकार होगा कि वह निष्‍पादनवाद प्रस्‍तुत कर अपीलार्थी/परिवादी से उपरोक्‍त धनराशि की वसूली करा ले।

          अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे 

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।           

 

      (विकास सक्‍सेना)                     (सुशील कुमार)

                सदस्‍य                             सदस्‍य                             

शेर सिंह, आशु0,

कोर्ट नं0- 2

        

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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