जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर-चाॅपा (छ0ग0)
प्रकरण क्रमांक:- CC/10/2013
प्रस्तुति दिनांक:- 08/03/2013
विजय लाल भारद्वाज
मु. मेडहा पाली, पो.आ. बारापीपर,
तह. एवं थाना डभरा,
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. ..................आवेदक/परिवादी
( विरूद्ध )
1. शाखा प्रबंधक इलाहाबादबैंक डभरा
द्वारा भारतीय स्टेट बैंक, शाखा डभरा
2. भारतीय स्टेट बैंक डभरा
डभरा थाना व तह. डभरा,
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. .........अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण
///आदेश///
( आज दिनांक 01/10/2015 को पारित)
1. परिवादी/आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध 10,000/-रू. आहरण को ब्याज सहित आवेदक के खाते में समायोजित किए जाने एवं मानसिक क्षतिपूर्ति 10,000/-रू. तथा वादव्यय 5,000/-रू. दिलाए जाने के लिए दिनांक 08.03.2013 को प्रस्तुत किया है ।
2. प्रकरण में यह अविवादित तथ्य है कि परिवादी का खाता क्रमांक 21430682157 अनावेदक बैंक इलाहाबाद बैंक षाखा डभरा में स्थित है । परिवादी द्वारा दिनांक 21.02.2012 को लिखित सूचना अनावेदक क्रमांक 1 इलाहाबाद बैंक को दिया गया था कि उक्त खाता से दिनांक 21.02.2012 को 10,000/-रू. ए.टी.एम. से प्राप्त नहीं हुआ, किंतु बैलेंस देखने पर उक्त राषि 10,000/-रू. कम दिखाया गया है ।
3. परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक ने इलाहाबाद बैंक षाखा डभरा में खाता क्रमांक 21430682157 खोला था, जिसमें आवेदक के नाम से ए.टी.एम. कार्ड जारी किया गया है, परिवादी ने दिनांक 21.02.2012 को ए.टी.एम. कार्ड द्वारा एस.बी.आई. बैंक डभरा के ए.टी.एम. से 10,000/-रू. आहरण हेतु उपयोग किया, किंतु आहरण प्राप्त नहीं हुआ । बैलेंस चेक करने पर 10,000/-रू. कम बताया । परिवादी ने उसी दिन तथा दिनांक 06.12.2012 को अपने खाता बैंक अनावेदक क्रमांक 1 को उक्त की लिखित सूचना दिया, किंतु खाता में 10,000/-रू. वापस जमा नहीं हुआ है । जिससे परिवादी को आर्थिक, मानसिक क्षति हुई । अतः परिवादी ने परिवाद ने प्रस्तुत परिवाद द्वारा अनावेदक से 10,000/-रू. आहरण को ब्याज सहित आवेदक के खाते में समायोजित किए जाने एवं मानसिक क्षतिपूर्ति 10,000/-रू. तथा वादव्यय 5,000/-रू. दिलाए जाने का निवेदन किया है ।
4. अनावेदक क्रमांक 1 ने जवाबदावा प्रस्तुत कर कथन किया है कि आवेदक द्वारा दिनांक 21.02.2012 को अनावेदक क्रमांक 1 को आवेदन प्रस्तुत किये जाने के बाद अनावेदक द्वारा संबंधित C.B.S.Project Office को टिकट बुक कर दिया गया है । सामन्यतः राषि ए.टी.एम. से प्राप्त नहीं होने की स्थिति में ं24 घण्टे अथवा 7 दिवस के अंदर स्वतः संबंधित खाते में रूपयों की वापसी हो जाती है। वर्तमान प्रकरण में कथित रूपयों की वापसी खाते में नहीं हो पाई है, इसका आषय यह है कि संबंधित ए.टी.एम. मषीन में कोई तकनीकी कमी रही होगी, अथवा तो आवेदक को रूपये ए.टी.एम. से प्राप्त हो चुके होंगे । अनावेदक क्रमांक 1 को जानकारी प्राप्त होते ही वह त्वरित कार्यवाही कर चुका है । भौतिक रूप से रूपये S.B.I. A.T.M से नहीं निकलने के लिए अनावेदक क्रमांक 2 जवाबदेह है । C.B.S.Project Office को पुनः स्मरण पत्र अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा जारी किया गया है, जिसके निराकरण का आष्वासन दिया गया है ।C.B.S.Project Office से अभी तक अनावेदक क्रमांक 1 को नहीं बताया गया है कि आवेदक को राषि प्राप्त हो चुकी है अथवा नहीं । प्रकरण अभी भी C.B.S.Project Office में विचाराधीन है । आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र सव्यय निरस्त करने योग्य है।
5. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार क्रमांक 2 एकपक्षीय हुआ है । परिवाद का जवाब प्रस्तुत नहीं किया है ।
6. परिवाद पर उभय पक्ष के अधिवक्ता को विस्तार से सुना गया। अभिलेखगत सामग्री का परिषीलन किया गया है ।
7. विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
1. क्या परिवादी दिनांक 21.02.2012 को ए.टी.एम. से 10,000/-रू. प्राप्त कर लिया है ?
2. क्या अनावेदकगण ने परिवादी के खाता क्रमांक 21430682157 में 10,000/-रू. जमा न कर सेवा में कमी की है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न का सकारण निष्कर्ष:-
8. परिवादी/आवेदक ने परिवाद पत्र के समर्थन में सूची अनुसार दस्तावेज आवेदक का इलाहाबाद बैंक को आवेदक द्वारा लिखा गया पत्र दिनांक 21.02.2012, दिनांक 06.12.2012, ए.टी.एम. की पर्ची दिनांक 21.02.2012 तथा 10.02.2012, आवेदक का ए.टी.एम. कार्ड क्रमांक 4213370475501633 तथा खाता क्रमांक 21430682157 के पास बुक की फोटोप्रति प्रस्तुत किया है।
9. अनावेदक क्रमांक 1 ने जवाबदावा के समर्थन में सूची अनुसार दस्तावेज डिप्टी जनरल मैनेजर जोन रायपुर को लिखा गया पत्र दिनांक 24.12.2012, टिकिट नं. 423264 दिनांक 17.08.2012 तथा टिकिट नं. 492132 दिनांक 09.11.2012 उक्त टिकिट नंबरों के संबंध में ए.टी.एम. बैंक आॅफिस से ली गई जानकारी, अनावेदक क्रमांक 1 इलाहाबाद बैंक का पत्र दिनांक 01.05.2013, टिकिट क्रमांक 743238 दिनांक 11.06.2015 तथा दिनांक 07.07.2015 को ए.टी.एम. ब्रांच मुम्बई को अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा लिखा गया पत्र, परिवादी के खाता क्रमांक 21430682157 का स्टेटमेंट दिनांक 05.09.2010 से 14.09.2015 की फोटोप्रति/कम्प्यूटर प्रति प्रस्तुत किया है ।
10. परिवादी ने परिवाद पत्र के साथ संलग्न दस्तावेजों द्वारा बताया है कि उसका बैंक खाता क्रमांक 21430682157 इलाहाबाद बैंक में है, जिसमें डभरा स्थित स्टेट बैंक के ए.टी.एम. से ए.टी.एम. कार्ड (क्रमांक 4213370475501633) द्वारा 10,000/-रू. निकालना चाहा, किंतु उक्त राषि नहीं निकला, बैलेंस देखने पर कुल राषि में 10,000/-रू. कम दिखाया, जिसकी उसी दिनांक को लिखित में षाखा प्रबंधक को सूचित किया, उसके पष्चात भी दिनांक 06.12.2012 को पूर्व में षिकायत का उल्लेख करते हुए उसने 10,000/-रू. का उसके बैंक खाता में समायोजन करने का निवेदन किया, किंतु उसके बैंक खाते में उक्त 10,000/-रू. का समायोजन नहीं हुआ, तब उसने अनावेदकगण के विरूद्ध यह परिवाद प्रस्तुत किया । परिवादी ने अनावेदक क्रमांक 1 को लिखा गया पत्र दिनांक 21.02.2012 की फोटोप्रति तथा दिनांक 06.12.2012 की कार्बन प्रति प्रस्तुत किया है । इसके साथ ही भारतीय स्टेट बैंक की ए.टी.एम. ग्राहक सूचना स्लीप दिनांक 21.02.2012 एवं 10.02.2012 की फोटोप्रति तथा अपना ए.टी.एम. कार्ड एवं पास बुक स्टेटमेंट की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
11. परिवादी द्वारा प्रस्तुत अपने खाता की पास बुक की फोटोप्रति में दिनांक 21.02.2012 को ए.टी.एम. ॅक्स् 4213370475501633 एमाउंट 10,000/-रू. बैलेंस 24,948/-रू. उल्लेखित है
12. अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज आवेदक के खाता क्रमांक 21430682157 का स्टेटमेंट दिनांक 10.09.2010 से 14.09.2015 में दिनांक 21.02.2012 को उक्त ए.टी.एम. कार्ड से 10,000/-रू. निकाले जाने की प्रविश्टि होना बताया है ।
13. अनावेदक क्रमांक 1 ने जवाब दावा में बताया है कि परिवादी से षिकायत प्राप्त होते ही उसने C.B.S.Project Office को टिकट बुक करा दिया है तथा उसने पुनः स्मरण पत्र भी जारी किया गया है, किंतु C.B.S.Project Office से अनावेदक क्रमांक 1 को यह नहीं बताया गया है कि आवेदक को राषि प्राप्त हो चुकी है अथवा नहीं वह अभी भी विचाराधीन है। परिवादी के खाते में रूपये की वापसी नहीं हो पाया है इसका आषय यह है कि संबंधित ए.टी.एम. मषीन में कोई तकनीकी कमी रही होगी, अथवा तो आवेदक ने रूपये ए.टी.एम. से प्राप्त कर लिया होगा बताया है तथा अनावेदक कमांक 1 द्वारा उक्त के संबंध में C.B.S.Project Office को किए संव्यवहार से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किया है ।
14. प्रकरण में अनावेदक क्रमांक 2 एकपक्षीय हुआ है, उसकी ओर से जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ।
15. इस प्रकार प्रकरण में अनावेदकगण द्वारा प्रस्तुत जवाब एवं दस्तावेजी प्रमाण से अनावेदक क्रमांक 1 का आवेदन C.B.S.Project Office में विचाराधीन होने से निष्चित रूप से यह नहीं बताया जा सका है कि दिनांक 21.02.2012 को आवेदक को राषि प्राप्त हो चुका है अथवा नहीं । अनावेदकगण की ओर से आवेदक के खाते में 10,000/-रू. वापस जमा नहीं किया गया है, कब तक जानकारी दी जाएगी यह भी स्पश्ट नहीं किया गया है । ऐसी स्थिति में परिवाद प्रस्तुत करने के दिनांक 08.03.2013 को परिवादी को राषि प्राप्त हो चुका है या नहीं स्पश्ट रूप से अनावेदकगण द्वारा नहीं बताया जा सका है, जबकि आवेदक ने उसे राषि प्राप्त नहीं हुआ बताते हुए उसी दिनांक 21.02.2012 को ही अनावेदक क्रमांक 1 को लिखित सूचना दे चुका है ।
16. प्रकरण में अनावेदकगण की ओर से यह बताने में असफल रहा है कि परिवादी ने अपना ए.टी.एम. कार्ड क्रमांक 4213370475501633 का कौन से ए.टी.एम. (आई.डी.) नंबर का उपयोग कर 10,000/-रू. का आहरण किया था यह ए.टी.एम. कार्ड का उपयोग किए गए ए.टी.एम. मषीन में आहरण से संबंधित संव्यवहार का विस्तृत विवरण तथा ए.टी.एम. मषीन में लगे कैमरे की फुटेज से स्पश्ट बताया जा सकता था, किंतु उक्त अनुसार अनावेदकगण प्रकरण में बताने में असफल रहे हैं कि आवेदक ने अपना ए.टी.एम. कार्ड को निष्चित ए.टी.एम. (आई.डी. सहित) का उपयोग कर राषि आहरण किया था ।
17. उपरोक्त कारण से अनावेदक क्रमांक 1 जिसके बैंक खाता से परिवादी का राषि 10,000/-रू. का समायोजन नहीं हुआ है अर्थात वापस परिवादी के खाते में जमा नहीं हुआ है, से अनावेदक क्रमांक 1 परिवादी को उक्त राषि देने के लिए दायित्वाधीन है । दिनांक 08.03.2013 को परिवाद प्रस्तुत करने के बाद भी आज दिनांक तक अनावेदकगण द्वारा यह नहीं बताया जा सका है कि आवेदक को राषि प्राप्त हो चुकी है अथवा नहीं, जिसके संबंध में C.B.S.Project Office में विचाराधीन होना दिनांक 12.06.2015 को प्रस्तुत जवाब में बताया गया है, इस प्रकार परिवादी ने दिनांक 21.02.2012 को ए.टी.एम. से 10,000/-रू. आहरण प्राप्त कर लिया है प्रमाणित नहीं हुआ है तथा अनावेदकगण ने परिवादी के खाता क्रमांक 21430682157 में राषि जमा न कर सेवा में कमी की है हम पाते हैं, तद्नुसार विचारणीय प्रष्न क्रमांक 1 का निश्कर्श ’’प्रमाणित नहीं’’ तथा प्रष्न क्रमांक 2 का निश्कर्श ’’हाॅ’’ देते हैं ।
18. परिवादी ने परिवाद अंतर्गत आहरण नहीं किए गए 10,000/-रू. तथा मानसिक क्षति 10,000/-रू. एवं वादव्यय 5,000/-रू. अनावेदकगण से दिलाए जाने का अनुरोध किया है । परिवादी द्वारा उक्त 10,000/-रू. उसके खाता से उसके द्वारा आहरण नहीं किए जाने, उक्त राषि को उसके खाता में वापस करने के संबंध में लगातार अनावेदक क्रमांक 1 से संपर्क कर पत्राचार कर रहा है, से दिनांक 21.02.2012 से अब तक परिवादी को उक्त 10,000/-रू. प्राप्त नहीं होने से उक्त राषि पर ब्याज पाने का भी अधिकारी होना हम पाते हैं, से 10,000/-रू. पर परिवादी को खाता में जमा करने के दिनांक तक 12 प्रतिषत ब्याज दिलाए जाने योग्य है । इसी प्रकार परिवादी मानसिक क्षति हेतु 5,000/-रू. एवं वादव्यय का 2,000/-रू. अनावेदक क्रमांक 1 से पाने का अधिकारी है हम पाते हैं, तद्नुसार अनावेदकगण विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद स्वीकार करने योग्य पाते हुए, स्वीकार करते हैं तथा निम्नलिखित निर्देष देते हैं:-
अ. अनावेदक क्रमांक 1 इलाहाबाद बैंक, परिवादी के खाता क्रमांक 21430682157 में 10,000/-रू. (दस हजार रूपये) एक माह के भीतर वापस जमा करे तथा उक्त 10,000/-रू. राषि पर दिनांक 21.02.2012 से जमा करने के तिथि तक 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज भी प्रदान करे।
ब. अनावेदक क्रमांक 1 इलाहाबाद बैंक, परिवादी को मानसिक क्षति का 5,000/-रू. (पाच हजार रूपये) एवं वादव्यय का 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) एक माह के भीतर प्रदान करे ।
( श्रीमती शशि राठौर) (मणिशंकर गौरहा) (बी.पी. पाण्डेय)
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