( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या: 1232/2019
(जिला उपभोक्ता आयोग, हाथरस द्वारा परिवाद संख्या- 46/2014 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 19-03-2019 के विरूद्ध)
जितेन्द्र सिंह पुत्र श्री सुलतान सिंह, निवासी- नगला नाला भाग कन्जौली तहसील सादाबाद जनपद हाथरस।
बनाम
- ब्रांच मैनेजर, केनरा बैंक, राम नगर, खन्दौली, आगरा
2- चीफ रीजनल मैनेजर, एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कम्पनी आफ इण्डिया लि0 रीजनल आफिस ।। फ्लोर, मैरी गोल्ड शाहनजफ रोड लखनऊ।
3- मैनेजर, केनरा बैंक, ए.एफ एण्ड बी०एस० सेक्शन सर्कल आफिस टी.आई. नेहरू आगरा
प्रत्यर्थीगण
समक्ष :-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
माननीय श्री विकास सक्सेना सदस्य
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्या
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से – विद्वान अधिवक्ता श्री एस०के० श्रीवास्तव
प्रत्यर्थी की ओर से – विद्वान अधिवक्ता श्री दिनेश कुमार
दिनांक :20-03-2023
माननीय सदस्या श्रीमती सुधा उपाध्याय द्वारा उदघोषित
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी जितेन्द्र सिंह द्वारा विद्वान जिला आयोग, हाथरस द्वारा परिवाद संख्या- 46/2014 जितेन्द्र सिंह बनाम शाखा प्रबन्धक, केनरा बैंक राम नगर खन्दौली आगरा व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक- 19-03-2019 के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण
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अधिनियम 1986 के अन्तर्गत इस आयोग के सम्मुख योजित की गयी है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनांक 03-10-2011 को आलू की फसल हेतु विपक्षी संख्या-1 केनरा बैंक क्राप लोन लिया क्योंकि परिवादी का गांव केनरा बैंक रामनगर खन्दौली जोन में आता है जिसे विपक्षी संख्या-1 ने अपने लिखित कथन के पैरा-1 में स्वीकार भी किया है। परिवादी का कथन है कि ओलावृष्टि के बाद निकली तेज धूप के कारण उसकी फसल नष्ट हो गयी जिसकी शिकायत विपक्षी संख्या- 1 से की गयी तथा नष्ट हुयी फसल का बीमा दिलाए जाने की प्रार्थना की गयी परन्तु विपक्षी संख्या-1 द्वारा बीमा धनराशि नहीं दिलायी गयी तब विवश होकर परिवाद जिला आयोग के सम्मुख प्रस्तुत किया गया।
विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत करते हुए कथन किया गया कि परिवादी को वाद का कारण प्राप्त नहीं, परिवादी उपभोक्ता विधि के प्रावधान के अन्तर्गत उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। अत: परिवाद पोषणीय नहीं है, जिला उपभोक्ता आयोग को परिवाद की सुनवाई का अधिकार नही प्राप्त नहीं है।
जिला उपभोक्ता आयोग ने उभय-पक्ष को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन करते हुए परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध खण्डित कर दिया गया है जिससे क्षुब्ध होकर परिवाद के परिवादी की ओर से यह अपील प्रस्तुत की गयी है।..
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अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री एस०के० श्रीवास्तव एवं प्रत्यर्थी बैंक की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री दिनेश कुमार उपस्थित हुए।
हमारे द्वारा उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को विस्तार से सुना गया तथा समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया गया।
समस्त तथ्यों पर विचार करने के उपरान्त हम इस मत के हैं कि चूँकि जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत परिवाद संख्या- 46/2014 अधिनियम 1986 की धारा 11 -सी के अन्तर्गत आता है। विपक्षी संख्या-1 ने परिवादी की जिस भूमि पर क्राप लोन दिया है वह तहसील सादाबाद जनपद हाथरस में स्थित है जिसे विपक्षी संख्या-1 ने अपने लिखित कथन के पैरा-1 में स्वीकार किया है। अत: जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त करते हुए पत्रावली जिला आयोग को इस आदेश के साथ प्रतिप्रेषित की जाए कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उपरोक्त परिवाद को अपने मूल नम्बर पर पुर्नस्थापित करते हुए पुन: उभय-पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए 03 माह की अवधि में विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया जाए।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है, विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जाता है तथा पत्रावली जिला आयोग को इस आदेश के साथ प्रतिप्रेषित की जाती है कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उपरोक्त परिवाद को अपने मूल नम्बर पर
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पुर्नस्थापित करते हुए पुन: उभय-पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए 03 माह की अवधि में विधि अनुसार पुन: निर्णय एवं आदेश पारित किया जाए।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना) (सुधा उपाध्याय)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
कृष्णा–आशु0 कोर्ट नं0 1