समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-148/2011 उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य,
1.देशराज 2. राजू पुत्रगण स्व0 धुपका
3.श्रीमती कौशिल्या देवा पत्नी स्व0 श्री धुपका निवासीगण ग्राम-संतोषपुरा तहसील-चरखारी जिला महोबा ......परिवादीगण
बनाम
1.शाखा प्रबंधक,इलाहाबाद यू0पी0 ग्रामीण बैंक,रिवई जिला-महोबा ।
2.प्रबंधक,दि ओरियेंटल इंश्योरेंस कंपनी लि0 शाखा-महोबा ....विपक्षीगण
निर्णय
श्री जनार्दन कुमार गोयल,अध्यक्ष,द्वारा उदधोषित
मूल परिवादी धुपका द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया था । धुपका की मृत्यु होने पर उसके वारिसान को कायम कराया गया । परिवादी द्वारा इन आधारों पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी ग्राम-संतोषपुरा तहसील-चरखारी जिला-महोबा का निवासी है और मजदूरी कर के परिवार का भरण-पोषण करता है तथा अनुसूचित जाति चमार का सदस्य है । परिवादी ने आई0आर0डी0 योजना के अंतर्गत विपक्षी सं01 के द्वारा ऋण स्वीकृत कराकर अपने घरेलू उपयोग हेतु एक भैंस क्रय की थी,जिसका स्वास्थ्य प्रमाण पत्रपशु चिकित्साधिकारी,चरखारी द्वारा दिया गया था तथा भैंस को छल्ला सं05467 कान में पहनाया गया था । दि0 02.07.2010 को भैंस मर गई,जिसकी सूचना विपक्षीगण व पशु चिकित्साधिकारी,चरखारी को दी। दि0 03.07.2010 को पशु चिकित्साधिकारी,चरखारी द्वारा पोस्टमार्टम किया गया । विपक्षी सं01 ने भैंस का विपक्षी सं02 के यहां से बीमा कराया था । विपक्षी सं01 ने विपक्षी सं02 को क्लेम भेजा लेकिन उसे बीमित धनराशि नहीं दी गई । परिवादी ने इसकी तहसील दिवस में शिकायत की । भैंस मरने से परिवादी को अपूर्णनीय क्षति हुई । परिवादी ऋण अदा करने में सक्षम नहीं है । परिवादी ने भैंस की बीमित धनराशि ब्याज सहित एवं परिवाद व्यय हेतु 2000/-रू0 एवं मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में 20,000/-रू0 दिलाये जाने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया है ।
विपक्षी सं01 के जबाबदावा के अनुसार एस0जे0एस0वाई0 योजना के अंतर्गत परिवादी ने ऋण लेकर भैंस क्रय की थी । परिवादी ने भैंस की मृत्यु की सूचना दी थी । परिवादी का क्लेम आवेदन भेजा गया था । दि010.11.2008 को 32,000/-रू0 ऋण स्वीकृत किया गया था । दि025.01.2009 को 14,000/-रू0 में ग्राम-सजेती,घाटमपुर से परिवादी ने एक भैंस खरीदी थी। स्वास्थ्य प्रमाण पत्र दिनांक:28.01.2009 अप्रैल,2009 में विपक्षी सं01 को प्राप्त कराया गया था । बीमा विपक्षी सं02 की पालिसी सं0223367/47/2010/81 द्वारा कराया गया था जो घटना की तिथि को प्रभावी था । परिवादी ने भैंस की मरने की सूचना विलंब से दी । क्लेम दावा फार्म समस्त औपचारिकतायें पूर्ण कर दि0 26.11.2010 को भेजा । विपक्षी सं01 ने कोई सेवा में त्रुटि नहीं की । बीमा क्लेम की धनराशि प्रदान करने का उत्तरदायित्व विपक्षी सं02 का है । बीमित धनराशि को ऋण खाते की धनराशि में वसूली करायी जाये ।
विपक्षी सं02 के जबाबदावा के अनुसार परिवाद कालबाधित है,पोषणीय नहीं है । दावाफार्म के साथ स्वास्थ्य प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था,जिसमें टैग नं0एन0आई0सी0 9562 अंकित था । दावाफार्म आदि में टैग नं05467 दर्शाया गया है । इस भिन्नता के कारण दावा नौ क्लेम किया गया । कोई सेवा में त्रुटि नहीं की गई है । विपक्षी सं02 की और से पत्र दि015.02.2011 से विपक्षी सं01 से सूचनायें मांगी गई कि रीटैंगिंग की सूचना कब दी गई । टैग खोने और रीटैगिंग की कोई जानकारी नहीं दी गई । विपक्षी सं02 ने कोई सेवा में त्रुटि नहीं की है ।
परिवादी की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त परिवाद पत्र के साथ मूल परिवादी धुपका का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं01 ने अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त शाखा प्रबंधक का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है ।
विपक्षी सं02 की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त मनोरंजन द्विवेदी शाखा प्रबंधक का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है ।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व पक्षकारों के अधिवक्ता के तर्क सुने गये ।
यह स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी ने विपक्षी सं01 से ऋण लेकर एक भैंस क्रय की जिसका बीमा दि015.04.2009 से 14.04.2012 तक की अवधि हेतु पालिसी सं0223367/47/2010/81 द्वारा विपक्षी सं02 द्वारा किया गया । भैंस की मृत्यु दि0 02.07.2010 को हो गई,जिसका पोस्टमार्टम 03.07.2010 को हुआ । पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक भैस का टैग नं0एन0आई0सी0/5467 दर्ज है ।
विपक्षी सं02 की और से अवधि से बाधित परिवाद प्रस्तुत करने का तर्क दिया गया है लेकिन भैंस की मृत्यु दि0 02.07.2010 को हुई और 26.11.2010 को क्लेम भेजा गया और 15.11.2011 को परिवादी ने परिवाद प्रस्तुत किया,जो 02 वर्ष की अवधि में है । विपक्षी सं02 ने क्लेम नौ क्लेम करना जबाबदावा में कहा अवश्य है लेकिन नौ क्लेम आदेश की कोई प्रतिलिपि प्रस्तुत नहीं की है । विपक्षी सं02 की और से तर्क दिया गया है कि बीमा करते समय टैग नं0एन0आई0सी0/9562 अंकित था । जबकि क्लेम प्रपत्र में एन0आई0सी0/5467 अंकित है। इस भिन्नता के कारण क्लेम निरस्त किया गया है । उल्लेखनीय है कि बीमा पालिसी की प्रतिलिपि जो पत्रावली में उपलब्ध है,उसमें भैंस का टैग अंकित नहीं है । यदि बीमा करते समय टैग नं0 एन0आई0सी0/9562 को उपलब्ध कराया गया था तो बीमा पालिसी में इसका उल्लेख क्यों नहीं किया गया । इसका कोई कारण विपक्षी सं02 के अधिवक्ता नहीं बता सके । यह संभव हो सकता है कि 25.01.2009 को भैंस क्रय करते समय टैग नं0 एन0आई0सी0/9562 लगा हो । अभिलेख सं036ग/4 स्वास्थय प्रमाण पत्र दि0 15.04.2010 का है जिसमें धुपका की भैंस को नया टैग नं0 एन0आई0सी0/5467 डाला गया तथा पुराना टैग नं0 एन0आई0सी0/9562 भी लिखा है । इससे यह दर्शित होता है कि 15.04.2010 को रीटैगिंग हुई है लेकिन परिवादी अथवा विपक्षी सं01 ने इस स्थिति का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया । रीटैगिंग की कोई सूचना यदपि विपक्षी सं02 को नहीं दी गई तथापि इस प्रमाण पत्र तथा मृत्यु प्रमाण पत्र से यह दर्शित होता है कि भैंस का टैग नं0 एन0आई0सी0/5467 की मृत्यु हुई और बीमा करते समय भैस का टैग नं0 एन0आई0सी0/9562 था जो परिवर्तित कर एन0आई0सी0/5467 हुआ । बीमा पालिसी में कोई टैग नंबर अंकित नहीं है । मात्र इस तकनीकी आधार पर यह क्लेम निरस्त करना उचित नहीं था । जबकि भैंस की पहचान पुराने व नये टैग नंबरों से हो रही थी । इससे परिवादी को मानसिक व आर्थिक कष्ट हुआ और उसे परिवाद प्रस्तुत करना पडा । भैंस की कीमत 14,000/-रू0 थी । यदि सही समय से परिवादी अथवा उसके वारिसों को यह धनराशि प्रदान कर दी जाती तो वह इसका वह उपयोग कर पाता ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इस प्रकार स्वीकार किया जाता है । विपक्षी सं02 मृतक भैंस की बीमा की धनराशि 14,000/-रू0 परिवादी को परिवाद योजित करने की तिथि 15.11.2011 से वास्तविक अदायगी की तिथि तक 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज सहित तथा परिवाद व्यय के रूप में 2,000/-रू0 व मानसिक व आर्थिक कष्ट की क्षतिपूर्ति के रूप में 2,000/-रू0 आज से एक माह के भीतर विपक्षी सं01 को मृतक धुपका के ऋण खाते में जमा करने हेतु अदा करे । विपक्षी सं01 उक्त धनराशि को ऋण खाते में समायोजित करने के उपरांत अवशेष धनराशि के लेन-देन के लिये स्वतंत्र होगा ।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
05.05.2016 05.05.2016 05.05.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
05.05.2016 05.05.2016 05.05.2016