राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-1103/2019
(जिला उपभोक्ता आयोग, कासगंज द्धारा परिवाद सं0-03/2019 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 04.5.2019 के विरूद्ध)
अधिशासी अभियंता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, इलैक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन कासगंज, जिला कासगंज।
........... अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
बृजकिशोर शर्मा पुत्र श्रीकृष्ण शर्मा, निवासी ग्राम व पोस्ट गंगागढ़, थाना सोरों तहसील व जिला कासगंज।
…….. प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री इसार हुसैन
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 25-7-2022
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला उपभोक्ता आयोग, कासगंज द्वारा परिवाद सं0-03/2019 बृजकिशोर शर्मा बनाम अधिशासी अभियंता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण खण्ड, कासगंज में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 04.5.2019 के विरूद्ध योजित की गई है। जिला उपभोक्ता आयोग ने प्रत्यर्थी/परिवादी के पिता के नाम जारी बिल को निरस्त करने का आदेश पारित किया है।
इस निर्णय/आदेश को इस आधारों पर चुनौती दी गई है कि प्रत्यर्थी/परिवादी के पिता द्वारा ट्यूबवेल के लिए विद्युत कनेक्शन हेतु दिनांक 17.2.2010 को अंकन 29,043.00 रू0 जमा किये गये थे, जबकि परिवाद वर्ष-2019 में प्रस्तुत किया गया है। प्रत्यर्थी/परिवादी के पिता पर 85,379.00 रू0
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विद्युत शुल्क के बकाया हैं। दिनांक 31.12.2013 को विद्युत कनेक्शन चालू करने का आवेदन 03 वर्ष 08 माह बाद किया गया और ऐसा केवल विद्युत शुल्क के दायित्व से बचने के लिए किया गया, इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधि विरूद्ध है।
केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश का परिशीलन किया। प्रत्यर्थी की ओर से बहस के लिए कोई उपस्थित नहीं हुआ, जबकि प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री सुधांशु शर्मा का नाम वाद सूची में अंकित है, परन्तु वे अनुपस्थित है।
परिवाद के तथ्यों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि दिनांक 25.02.2010 को विद्युत कनेक्शन जारी करने का आवेदन स्वीकार किया गया। प्रत्यर्थी/परिवादी के पिता द्वारा दिनांक 17.02.2010 को 29,043.00 रू0 जमा किये गये। लाइन न खींचने पर उनके पिता द्वारा दिनांक 31.12.2013 को प्रार्थना पत्र दिया गया है, जिस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि विद्युत कनेक्शन जारी कर दिया गया, इसलिए विद्युत कनेक्शन जारी करने हेतु कोई आवेदन नहीं दिया गया है और तीन वर्ष आठ माह के बाद असत्य आवेदन प्रस्तुत किया गया, ताकि विद्युत शुल्क की अदायगी के दायित्व से बचा जा सके।
पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि विद्युत विभाग द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद में वर्णित तथ्यों का कोई खण्डन नहीं किया गया। विद्युत कनेक्शन जारी करने से सम्बन्धित विद्युत विभाग के कार्यालय का कोई अभिलेख भी पत्रावली में शामिल नहीं किया गया, इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अखडनीय तथ्यों के आधार पर निर्णय पारित
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किया है, जिसमें हस्तक्षेप करने का कोई आधार प्रतीत नहीं होता है। अत: अपील खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग, कासगंज द्वारा परिवाद सं0-03/2019 में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 04.5.2019 की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जाये।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1