Uttar Pradesh

StateCommission

CC/368/2016

Kirti Gupta - Complainant(s)

Versus

BPTP Resort Pvt Ltd and Oth. - Opp.Party(s)

Manju Gupta

09 Jul 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/368/2016
( Date of Filing : 25 Nov 2016 )
 
1. Kirti Gupta
Lucknow
...........Complainant(s)
Versus
1. BPTP Resort Pvt Ltd and Oth.
New Delhi
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 09 Jul 2019
Final Order / Judgement

सुरक्षि‍त

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

 

                                                                                 परिवाद संख्‍या- 368/2016

 

Ms. Kirti Gupta, aged about years, D/o Sri N.K.Gupta resident of House No. MMS-2/264, Sector-C, Jankipuram Lucknow.

                                                                                                                                                                     Complainant.

 

Vs.

1- Manager/Director Kabul Chawla, BPTP, Resort Private Limited, Registered Office : M-11, Middle Circle, Connaught Circus, New Delhi-110001.

2- Sri Sudhanshu Tripathi, BPTP Resort Private Limited, Registered Office-M-11, Middle Circle, Connaught Circus, New Delhi-110001.

3- Mr. David Hamilton Schaefer [Nominee of Citi Property Investment Real Estate Arm of Citi Group]

No.1 to 3 BPTP Resort Private Limited, registered office-M-11, Middle Circle, Connaught Circus, New Delhi-110001.

                                                                                                                                                                             Opposite Partie.

 

समक्ष :-

 माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

 

परिवादिनी की ओर से उपस्थित:   विद्वान अधिवक्‍ता, सुश्री मंजू गुप्‍ता।

विपक्षीगण सं०-1 व 2 की ओर से उपस्थित: विद्वान अधिवक्‍ता श्री हरी शंकर                    

विपक्षी सं०-3 की ओर से उपस्थित : कोई उपस्थित नहीं।

 

दिनांक 09-08-2019

 

2

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

                                                                                              निर्णय

 

     वर्तमान परिवाद, परिवादिनी Ms. Kirti Gupta ने विपक्षीगण Manager/Director/ Sri Kabul Chawla, बी०पी०टी०पी० रिसोर्ट, प्रा०लि०, Sri Sudhanshu Tripathi, और Mr. David Hamilton के विरूद्ध धारा-17 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया है और निम्‍न अनुतोष चाहा   है :-

  1. That this Hon’ble Commission may be pleased to direct the Opp. Parties to provide the possession of Flat Unity No. F-1603 The Resort Sector 75 Faridabad in favour of the complainant forthwith by providing Occupancy Certificate to the Complainant.
  2. That this Hon’ble Commission may be pleased to direct the opposite parties to make payment of following amount to the complainant;
  1. Rs. 7,59,833 alongwith interest at the rate of 18% date of its excess deposit till the date of actual refund.
  2. Delayed charges of Rs.5/-per sq.ft. per month as per advertisement/scheme from may 2011 onwards till the date of providing actual possession.

 

 

3

  1. Rs. 25,000/- per month taken by the complainant from may 2011 till the date of actual Possession total Rs. 5,50,000/- till date refund amount with interest.
  2. Rs. 15,00,000/- for mental agony and Rs. 15,00,000/- for Physical harassment. [Total amount of Rs. 50,00,000/-]
  1. any other order or direction which this Hon’ble Commission may deem just and proper under the circumstances of the case.
  2. allow the instant complaint with heavy costs...

    परिवाद-पत्र के अनुसार परिवादिनी का कथन है कि प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर परिवादिनी ने पार्कलैण्‍ड सेक्‍टर-75 फरीदाबाद में एक फ्लैट बुक किया और उसे फ्लैट/यूनिट नं० 1603, 1500 Sq. ft. का सेक्‍टर-75 फरीदाबाद में एलाट किया गया। परिवाद पत्र के अनुसार परिवादिनी का कथन है कि सारा पत्राचार उसके द्वारा लखनऊ पते से किया गया। परिवादिनी के आवंटित फ्लैट/यूनिट का कुल मूल्‍य 32,73,750/-रू० था जिसमें परिवादिनी ने 5,06,250/-रू० चेक के माध्‍यम से जमा किया और उसके बाद परिवादिनी ने एच०डी०एफ०सी० बैंक से 33,39,173/-रू० का लोन लिया और यह धनराशि भी उसने विपक्षीगण को अदा किया। इस प्रकार परिवादिनी ने कुल धनराशि 38,45,423/-रू० का भुगतान फ्लैट के मूल्‍य 40,53,750/-रू० के विरूद्ध किया है। उसके बाद उसने और धनराशि का भुगतान विपक्षीगण को किया है और कुल मूल्‍य परिवादिनी ने 40,33,583/-रू० का भुगतान विपक्षीगण को कर दिया है फिर भी विपक्षीगण परिवादिनी को अदर चार्जेज के भुगतान हेतु नोटिस भेज

 

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रहे हैं। परिवा‍द-पत्र के अनुसार परिवादिनी का कथन है कि उसने फ्लैट के मूल्‍य की सम्‍पूर्ण धनराशि अन्‍य मदों हेतु देय धनराशि के साथ पूर्ण रूप से जमा कर दिया है, अत: वह विज्ञापन में प्रकाशित सुविधाओं को पाने की अधिकारी है और विपक्षीगण सम्‍पूर्ण धनराशि अदा किये जाने की तिथि से 36 महीने के अन्‍दर Occupancy Certificate  प्राप्‍त कर उसे कब्‍जा देने हेतु बाध्‍य हैं। परन्‍तु विपक्षीगण ने अपने दायित्‍व का निर्वहन नहीं किया है और कब्‍जा परिवादिनी को नहीं दिया है। ऐसी स्थिति में विपक्षीगण, परिवादिनी को विज्ञापन के नियम 12 (C) के अनुसार 5/-रू० प्रति Sq. ft. की दर से फ्लैट के क्षेत्रफल पर प्रति माह क्षतिपूर्ति मई 2011 से देने हेतु उत्‍तरदायी है। परिवाद पत्र के अनुसार परिवादिनी का कथन है कि कब्‍जा देने में हुए विलम्‍ब हेतु जमा धनराशि पर 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज भी पाने की वह अधिकारी है।

परिवाद पत्र के अनुसार विपक्षीगण ने अभी Occupancy Certificate   उपलब्‍ध नहीं कराया है फिर भी उन्‍होंने परिवादिनी को दिनांक             18-02-2014 को नोटिस भेजकर 08,50,827/- रू० की मांग की है और उसके बाद नोटिस दिनांक 13-06-2014 को भेजकर 09,22,708/-रू० की मांग की है जो उचित नहीं है। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादिनी ने परिवाद राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया है और उपरोक्‍त अनुतोष चाहा है।

विपक्षीगण संख्‍या-1 व 2 ने लिखित कथन प्रस्‍तुत कर कहा है कि परिवादिनी ने परिवाद दुर्भावनावश गलत कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है। पक्षों के बीच हुए करार के क्‍लाज- 32 में आर्बीट्रेशन क्‍लाज उपलब्‍ध है। अत: यह परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत ग्राह्य नहीं है। लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-1 और 2 की ओर से यह भी कहा गया है कि

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परिवादिनी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद कालबाधित है और उ०प्र० राज्‍य आयोग के भौमिक क्षेत्राधिकार से परे है। विपक्षीगण संख्‍या-1 व 2 ने लिखित कथन में कहा है कि फ्लैट की अनुमानित कीमत 32,73,750/-रू० थी और बुकिंग एग्रीमेंट के समय परिवादिनी को यह स्‍पष्‍ट कर दिया गया था कि यह टेंटेटिव कीमत है अंतिम कीमत सक्षम अधिकारी द्वारा Occupancy Certificate  प्रदान किये जाने के समय बतायी जाएगी। लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-1 और 2 की ओर से कहा गया है कि जब फ्लैट का निर्माण पूरा हुआ तो उसका सुपर बिल्‍ट एरिया 1798 Sq. ft. पाया गया जो प्रस्‍तावित क्षेत्रफल से 298  Sq. ft. अधिक था। अत: 91 Sq. ft. की छूट के साथ परिवादिनी को 1701 Sq. ft. क्षेत्र का मूल्‍य अदा करने हेतु कहा गया और इसी आधार पर फ्लैट की कीमत 37,25,999/-रू० निर्धारित की गयी तथा परिवादिनी को सूचित किया गया।

लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-1 व 2 ने कहा है कि बुकिंग आवेदन पत्र दिनांक 06-05-2008 के साथ परिवादिनी ने दो चेक, जिसमें एक चेक 50,000/-रू० का दिनांकित 06-05-2008 और दूसरा चेक 4,56,250/- का दिनांकित 18-05-2008 था, जमा किया। उसने जो एक पोस्‍ट डेटेड चेक 4,56,250/-रू० का दिया था वह परिवादिनी द्वारा पेमेण्‍ट रोकने के निर्देश के कारण डिसआनर हो गया है और उक्‍त धनराशि का चेक पुन: दिनांक        04-06-2008 को दिया गया। लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-1 व 2 ने कहा है कि फ्लैट का बेसिक सेल प्राइस 32,73,750/-रू० था जो  फ्लैट के सुपर एरिया में वृद्धि के आधार पर संशोधित कर 37,25,999/-रू० निर्धारित किया गया है।

 

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लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-1 व 2 की ओर से कहा गया है कि परिवादिनी ने भुगतान में विलम्‍ब किया है। अत: वह विलम्‍ब हेतु ब्‍याज के‍ लिए उत्‍तरदायी है।

लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-1 व 2 ने कहा है कि फ्लैट के बायर एग्रीमेंट के क्‍लाज 1.3 में प्राविधान है कि फ्लैट के सुपर एरिया में बढ़ोत्‍तरी या कमी होने पर भुगतान या वापसी जैसा भी हो, बिना किसी विलम्‍ब ब्‍याज के किया जाएगा और उसी दर से किया जाएगा। अत: विपक्षीगण द्वारा बढ़े क्षेत्र पर की जा रही संशोधित मांग करार के अनुसार है। लिखित कथन में विपक्षीगण संख्‍या-1 व 2 ने कहा है कि पत्र दिनांक 13-09-2013  के द्वारा परिवादिनी को सूचित किया गया है कि फ्लैट कब्‍जा अन्‍तरण हेतु तैयार है परन्‍तु स्‍वयं उसके द्वारा कब्‍जा लेने में विलम्‍ब किया गया है। अत: वह कोई प्रतिकर पाने की अधिकारी नहीं है।

विपक्षी संख्‍या-3 को रजिस्‍टर्ड डाक से नोटिस भेजी गयी है जो अदम तामील वापस नहीं आयी है। अत: 30 दिन की अवधि समाप्‍त होने के बाद नोटिस का तामीला विपक्षी संख्‍या-3 पर पर्याप्‍त माना गया है, फिर भी विपक्षी संख्‍या-3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

परिवाद पत्र के कथन के समर्थन में परिवादिनी कीर्ति गुप्‍ता ने शपथ-पत्र संलग्‍नकों सहित प्रस्‍तुत किया है। विपक्षीगण संख्‍या- 1 व 2 की ओर से श्री इन्‍द्रजीत अर्थराइज्‍ड सिग्‍नेचरी का शपथ-पत्र संलग्‍नकों सहित प्रस्‍तुत किया गया है।

परिवाद की सुनवाई के समय परिवादिनी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता सुश्री मंजू गुप्‍ता और विपक्षीगण संख्‍या-1 व 2 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता

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श्री हरी शंकर उपस्थित आए हैं। विपक्षी संख्‍या-3 की ओर से नोटिस तामीला के बाद भी कोई उपस्थित नहीं है।

मैंने उभय पक्ष के तर्क को सुना है और पत्रावली का अवलोकन किया है।

मैंने परिवादिनी की ओर से प्रस्‍तुत लिखित तर्क का भी अवलोकन किया है।

विपक्षीगण के लिखित कथन का संलग्‍नक-4 एलाटमेंट लेटर है जो अविवादित है। यह एलाटमेंट लेटर दिनांकित 07-06-2008 है और परिवादिनी को लखनऊ के पते पर स्‍पीड पोस्‍ट/यू०पी०सी० से भेजा गया है। अत: यह मानने हेतु उचित आधार है कि एलाटमेंट लेटर परिवादिनी को लखनऊ उत्‍तर प्रदेश में प्राप्‍त हुआ है। अत: वाद का कारण लखनऊ उत्‍तर प्रदेश में आंशिक रूप से उत्‍पन्‍न हुआ है और राज्‍य आयोग उत्‍तर प्रदेश को परिवाद ग्रहण करने का अधिकार प्राप्‍त है।

परिवाद-पत्र का संलग्‍न-1 फाइनल डिमाण्‍ड नोटिस दिनांक 03-12-2014 है जो विपक्षीगण संख्‍या-1 व 2 के लिखित कथन का संलग्‍नक-4 है। वर्तमान परिवाद दिनांक 25-11-2016 को प्रस्‍तुत किया गया है। अत: परिवाद में मियाद बाधक नहीं है।

माननीय राष्‍ट्रीय आयोग ने उपभोक्‍ता विवाद संख्‍या- 701 वर्ष 2015 आफताब सिंह बनाम EMAAR  Mef  Land Ltd. व एक अन्‍य में पारित निर्णय में धारा-3 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के प्राविधान को दृष्टिगत रखते हुए यह माना है कि करार-पत्र का आर्बीट्रेशन क्‍लाज उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत परिवाद में बाधक नहीं है।

 

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विपक्षीगण संख्‍या-1 व 2 की ओर से प्रस्‍तुत श्री इन्‍द्रजीत अर्थराइज्‍ड सिग्‍नेचरी के शपथ-पत्र का संलग्‍नक-1 परिवादिनी के फ्लैट बायर एग्रीमेंट की प्रति है। इसके क्‍लाज 1.2 में फ्लैट का क्षेत्रफल 1500 वर्ग फिट और मूल्‍य 101250/-रू० की छूट के साथ 32,73,750/-रू०  अंकित है। उपरोक्‍त मूल्‍य के अतिरिक्‍त EDC+IDC चार्ज 150/-प्रति वर्गफुट की दर से प्रीफ्रोंसिक लोकेशन चार्ज 150/- रू० प्रतिवर्ग फुट की दर से, क्‍लब मेम्‍बरशिप चार्ज 75000/-रू० इन्‍ट्रेस्‍ट फ्री मेन्‍टेनेंस सिक्‍यूरिटी चार्ज 25/-रू० प्रति वर्ग फुट, रिजर्बब्‍ड कार पार्किंग चार्ज 2,00,000/-रू० और फायर फाइटिंग चार्ज, पावर बैंक इस्टिलेशन चार्ज 100/- प्रति वर्ग फुट की दर से देय है।

 बायर एग्रीमेंट के क्‍लाज 1.3 में उल्‍लेख है कि फ्लैट का अंतिम रूप से मूल्‍य/क्षेत्रफल निर्माण पूर्ण होने पर तय किया जाएगा और फ्लैट के एरिया में बढ़ोत्‍तरी होने पर भुगतान करना होगा। फ्लैट के एरिया में कमी होने पर धनराशि वापस की जाएगी।

बायर एग्रीमेंट के क्‍लाज 1.3 में यह भी उल्‍लेख है कि यदि परिवर्तन 10 प्रतिशत से अधिक है और एलाटी संशोधित क्षेत्र का फ्लैट लेने को तैयार नहीं है तो उसकी जमा धनराशि 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज के साथ वापस की जाएगी।

परिवादिनी को आवंटित फ्लैट के क्षेत्रफल में विपक्षीगण द्वारा कथित बढोत्‍तरी से परिवादिनी ने इन्‍कार नहीं किया है। अत: बढ़े क्षेत्र हेतु विपक्षीगण द्वारा की गयी अतिरिक्‍त मांग करार के अनुसार वैध है।

 

 

9

 

 

फ्लैट बायर एग्रीमेंट के क्‍लाज 2.2 के अनुसार क्रेता सम्‍पूर्ण भुगतान करने के बाद ही फ्लैट का कब्‍जा पाने का अधिकारी होगा।

फ्लैट बायर एग्रीमेंट के क्‍लाज 2.3 में प्राविधान है कि करार-पत्र की शर्तों के अधीन रहते हुए यदि विक्रेता बिल्डिंग प्‍लान के सैक्‍संन तिथि से 42 माह के अन्‍दर कब्‍जा देने में असफल रहता है तो वह क्रेता को 5/-रू० प्रति वर्ग फुट मासिक की दर से फ्लैट के क्षेत्रफल के अनुसार प्रतिकर देने हेतु उत्‍तरदायी होगा।

विपक्षीगण संख्‍या-1 व 2 ने पत्र दिनांक 13-09-2013 के द्वारा परिवादिनी को Fitout Possession का आफर दिया है और 867513.52/-रू० की अवशेष धनराशि की मांग है परन्‍तु परिवादिनी ने यह धनराशि विपक्षीगण को अदा नहीं की है। बायर एग्रीमेंट के अनुसार बढ़े क्षेत्रफल के लिए अतिरिक्‍त मांग किया जाना उचित है और परिवादिनी ने यह धनराशि जमा नहीं की है। अत: बायर एग्रीमेंट के अनुसार वह कब्‍जा पाने की अधिकारी नहीं है।

बायर एग्रीमेंट के अनुसार बिल्डिंग प्‍लान के सैक्‍संन की तिथि से 42 महीना के अन्‍दर कब्‍जा न देने पर बिल्‍डर द्वारा एलाटी को 5/-रू० मासिक प्रति वर्गफुट की दर से प्रतिकर दिये जाने का प्राविधान है। बिल्डिंग प्‍लान के सैक्‍संन की तिथि विपक्षीगण द्वारा नहीं बतायी गयी है। अत: बायर करार के अनुसार विपक्षीगण द्वारा कब्‍जा न दिये जाने के कारण दिनांक 01-05-2011 से परिवादिनी द्वारा याचित 5/-रू० प्रति वर्गफुट की दर से उपरोक्‍त मासिक प्रतिकर पत्र दिनांक 13-09-2013 के द्वारा परिवादिनी को Fitout Possession

 

 

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का आफर विपक्षीगण द्वारा दिये जाने तक दिया जाना उचित है। इस पत्र के बाद यह प्रतिकर दिया जाना उचित नहीं है क्‍योंकि परिवादिनी ने सूचित किये

जाने के बाद भी बढ़े क्षेत्र की धनराशि एवं अन्‍य अवशेष धनराशि का भुगतान नहीं किया है।

उपरोक्‍त विवेचना एवं सम्‍पूर्ण तथ्‍यों व साक्ष्‍यों पर विचार करने के बाद परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है और विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादिनी को प्रश्‍नगत फ्लैट का कब्‍जा अवशेष धनराशि बायर एग्रीमेंट के अनुसार परिवादिनी से प्राप्‍त कर धनराशि प्राप्‍त करने की तिथि से दो माह के अन्‍दर प्रदान करें और Occupancy Certificate  प्रदान करते हुए आवश्‍यक विलेख परिवादिनी के पक्ष में निष्‍पादित करें।

विपक्षीगण, परिवादिनी को दिनांक 01-05-2011 से दिनांक 13-09-2013 तक परिवादिनी को आवंटित फ्लैट के क्षेत्रफल 1500 वर्गफुट पर 5/-रू० प्रति वर्गफुट मासिक की दर से प्रतिकर अदा करेंगे। यह प्रतिकर धनराशि परिवादिनी के जिम्‍मा अवशेष धनराशि में समायोजित की जाएगी।

उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।..

 

                 (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)

                            अध्‍यक्ष                                                                                         

           

कृष्‍णा, आशु0

कोर्ट नं01

 

 

              

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

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