Uttar Pradesh

Faizabad

CC/202/2007

Vinod Kumar Upadhayay - Complainant(s)

Versus

BOB - Opp.Party(s)

07 Oct 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/202/2007
 
1. Vinod Kumar Upadhayay
Faizabad
...........Complainant(s)
Versus
1. BOB
FAIZABAD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम फैजाबाद । 

 

 

़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़                    ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
                            (2) श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या                            (3) श्री विश्णु उपाध्याय, सदस्य


                परिवाद सं0-202/2007


    विनोद कुमार उपाध्याय पुत्र स्व0 श्री लाल बहादुर उपाध्याय निवासी ग्राम देवा सूर्यभानपुर परगना हवेली अवध तहसील सदर जिला फैजाबाद..................परिवादी        

                    बनाम

1-    श्री बी.एन. राम षाखा प्रबन्धक बैंक आफ बड़ौदा मया बाजार फैजाबाद।
2-    विनोद कुमार मालवीय हल्का अमीन तहसील सदर जिला फैजाबाद।
3-    तहसीलदार सदर जिला फैजाबाद                   ................... विपक्षीगण

                    
निर्णय दिनाॅंक 07.10.2015            
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या।

                    निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आर.सी. की वसूली तथा क्षतिपूर्ति  हेतु योजित किया है।


            (  2  )
संक्षेप में परिवादी का केस इस प्रकार है कि परिवादी ने प्रधानमन्त्री रोजगार योजना के अंतर्गत रूपये 60,000/- विपक्षीगण संख्या -1 से रेडीमेड स्टोर खोलने हेतु उधार लिया था। विपक्षी सं01 बराबर परिवारी के साथ लेन देन करते समय उस पर अनुचित दबाव डालता था तथा अपने हिसाब से किष्तों का भुगतान तथा लेन देन व जमा की रसीद आदि देता था तथा अपने बही खाते में व लिखित आंकडों में मनचाही प्रविश्टि करता था। परिवादी के विरोध करने पर विपक्षी संख्या-1 बराबर उसे यह समझता रहा कि तुम्हें बैंकिंग के नियमों व योजनाओं की जानकारी नहीं है। मैं तुम्हारे हित में बैंक के नियमों तथा उच्चाधिकारियों के निर्देषानुसार कार्य कर रहा हैॅू जिससे अन्ततः तुम्हें लाभ होगा। परिवादी का कारोबार परिस्थितिवष प्रभावित होता रहा तथा उसे लाभ नहीं हो सका जिस कारण परिवादी अपनी किष्तें समयानुसार जमा नहीं कर सका। विपक्षी संख्या-1 ने परिवादी के विरूद्व रूपया 55,182/- की वसूली हेतु आर0 सी0 जारी कर दिया जिसकी वसूली हेतु विपक्षीगण परिवादी से मिला। 
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्व एक पक्षीय किया गया।
परिवादी को अपना परिवाद स्वयं साबित करना है। परिवादी ने विपक्षी संख्या-1 के यहाँ से रूपये 60,000/- रेडीमेड स्टोर खोलने हेतु लिया था। परिवादी का विपक्षी संख्या-1 पर आरोप है कि लेन देन करते समय उस पर अनुचित दबाव डालता था। लेन देन व जमा की रसीद आदि देता था, उसे अपने बही खाते में व लिखित आकंडों में मनचाही प्रविश्टि करता था और कहता था कि बैंक के नियमों की जानकारी आपको  नही है। मैं बैंक के नियमों के अनुसार काम कर रहा हँू। परिवादी के विरूद्व विपक्षी नं01 ने वसूली हेतु रूपये 55,182/- जारी कर दिया। परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में कागज संख्या 1/19 विपक्षी बैंेक के कागज की छायाप्रति लगाया है। दिनंाक 17-04-1999 को रू0 38,000/-लिया। अन्त में यह धनराषि रूपये 55,182/- हो गयी। इस प्रकार विपक्षी नं01 से परिवादी ने जो ऋण लिया है, उसे वापस करने की जिम्मेदारी परिवादी की बनती है। परिवादी ने विपक्षी पर जो आरोप लगाये हैं, उसका कोई साक्ष्य नही है। परिवादी ने विपक्षी नं01 के विरूद्व एफ0 आइ्र्र0 आर0 कराया है। परिवादी अपना परिवाद साबित करने में असफल रहा है। इस प्रकार परिवादी का परिवाद खारिज होने योग्य हैं। 


                   (  3  )

आदेष

परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।   
     
( विश्णु उपाध्याय )        ( माया देवी षाक्य )         (  चन्द्र पाल  )
             सदस्य                 सदस्या                 अध्यक्ष

                
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 07.10.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया। 


           (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              ( चन्द्र पाल )
                सदस्य                 सदस्या                      अध्यक्ष

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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