Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/66/2006

FERU RAM ETC. - Complainant(s)

Versus

BOB - Opp.Party(s)

YOGENDRA TIWARI

15 Nov 2018

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum
Azamgarh(U.P.)
 
Complaint Case No. CC/66/2006
( Date of Filing : 01 May 2006 )
 
1. FERU RAM ETC.
AZAMGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. BOB
AZAMGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 15 Nov 2018
Final Order / Judgement

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 66 सन् 2006

प्रस्तुति दिनांक 01.05.2006

  निर्णय दिनांक 15.11.2018       

  1. फेरू राम उम्र तखo 50 साल पुत्र रामजियावन
  2. बासमती पत्नी फेरूराम उम्र तखo 45 साल

.... ग्राम- रसूलपुर उर्फ बाज बहादुर, तप्पा- बेला, परo- बेला दौलताबाद, तहसील- लालगंज, जिला- आजमगढ़।

   ...........................................................................................................याचीगण।

बनाम

  1. शाखा प्रबन्धक, बैंक ऑफ बड़ौदा, शाखा- दामोदर भवन, चौक- आजमगढ़।
  2. चेयरमैन, बैंक ऑफ बड़ौदा प्रo काo मांडवी बड़ौदा।
  3. स्टेट ऑफ यू.पी. बजरिये जिलाधिकारी, आजमगढ़।

..........................................................................................................विपक्षीगण।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादीगण ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उन्होंने बनारस स्टेट बैंक में दिनांक 13.08.1998 को 75 माह के लिए खाता संख्या 13225 तथा खाता संख्या 13226 में मुo 64,890/- तथा 64,440/- रुपया जमा किया था, जिसकी परिपक्वता मूल्य 1,31,803/- तथा 1,30,901/- रुपया थी। दिनांक 28.12.2004 को समय-सीमा समाप्त हो जाने के बाद परिवादीगण बैंक पहुंचे तो बैंक मैनेजर ने कहा कि बनारस स्टेट बैंक का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में कर दिया गया है और आप लोगों को क्रमशः 1,31,803/- रुपये की जगह 96,062/- रुपया तथा 1,30,901/- रुपये की जगह 95,418/- रुपया ही मिलेगा। जिसका परिवादीगण ने विरोध किया, लेकिन विपक्षीगण ने उनकी कोई सुनवाई नहीं किया। बार-बार कहे जाने के बावजूद भी विपक्षीगण द्वारा परिवादीगण को रुपया नहीं दिया गया। परिवादीगण को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है और उन्हें मानसिक परेशानी, तनाव भी हो रहा है। परिवादीगण ने विपक्षीगण कई प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन वे सुनवा नहीं हुए। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वसूली बाबत गलत रूप से काटने मुo 70,224/- रुपया व मानसिक आघात व परेशानी हेतु 25,000/- रुपया कुल 95,224/- रुपया वादीगण को दें और खर्चा मुकदमा भी उसे प्राप्त कराएं।

परिवादी ने परिवाद के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है।

परिवादी ने बनारस स्टेट बैंक में जो पैसा जमा किया था, उसके प्रमाण-पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।

विपक्षी संख्या 01 ने जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है तथा विशेष कथन में उसने यह कहा है कि परिवाद संधार्य नहीं है। वास्तविकता यह है कि परिवादीगण ने 64,890/- रुपया दिनांक 18.08.1998 को शुभ लक्ष्मी बचत योजना के तहत बनारस स्टेट बैंक आजमगढ़ में 75 माह के लिए जमा किया था। जिसकी रसीद बैंक ने उन्हें दिया था। दिनांक 20.06.2002 को बनारस स्टेट बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में सम्मिलित कर लिया गया। स्कीम के तहत अगर एक लाख रुपया जमा करता है तो 14.15% काटकर उसे वापस किया जाता है। अकाउन्ट डिपाजिट रसीद नं. 039473 में

2

रुपया 1,382/- दिनांक 13.08.1998 को काटा गया। उपरोक्त स्कीम के तहत परिवादी 96,062/- रुपया प्राप्त करने के लिए अधिकृत है और परिवादी संख्या 02 द्वारा 95,418/- रुपया प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। जिसका कि उन्हें भुगतान कर दिया गया है। परिवाद झुठे आधारों पर दाखिल किया गया है। अतः खारिज किया जाए।

विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया गया है और विशेष कथन में यह कहा गया है कि उन्हें परिवाद दाखिल करने का कोई हक हासिल नहीं था। परिवादी ने 64,890/- रुपया दिनांक 18.08.1998 शुभ लक्ष्मी बचत योजना के तहत बनारस स्टेट बैंक आजमगढ़ में जमा किया था। जिसकी बनारस स्टेट बैंक ने रसीद दिया था। दिनांक 20.06.2002 को बनारस स्टेट बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में सम्मिलित कर लिया गया। स्कीम के तहत अगर एक लाख रुपया जमा करता है तो 14.15% काटकर उसे वापस किया जाता है। अकाउन्ट डिपाजिट रसीद नं. 039473 में रुपया 1,382/- दिनांक 13.08.1998 को काटा गया। उपरोक्त स्कीम के तहत परिवादी 96,062/- रुपया प्राप्त करने के लिए अधिकृत है और परिवादी संख्या 02 द्वारा 95,418/- रुपया प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। जिसका कि उन्हें भुगतान कर दिया गया है। परिवाद झुठे आधारों पर दाखिल किया गया है। अतः खारिज किया जाए।

जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। भारतीय रिजर्व बैंक के गाइड लाइन के अनुसार कोई भी परिवाद अथवा वाद केन्द्रीय सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया तथा वह बैंक जिसमें किसी बैंक का विलय हो गया हो, के विरुद्ध संधार्य नहीं होगा। चूंकि भारतीय रिजर्व बैंक के गाइड लाइन के तहत यह परिवाद संधार्य नहीं है।

अतः मेरे विचार से परिवाद खारिज किए जाने योग्य है।

आदेश

परिवाद खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 

         राम चन्द्र यादव                     कृष्ण कुमार सिंह

   (सदस्य)                              (अध्यक्ष)

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV]
MEMBER

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