जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,जैसलमेर(राज0)
1. अध्यक्ष ः श्री रामचरन मीना ।
2. सदस्या ः श्रीमति संतोष व्यास
3. सदस्य ः श्री मनोहर सिंह नरावत।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथी - 29.01.2014
मूल परिवाद संख्या:- 10/2014
श्री मूलचन्द पुत्र श्री किषनलाल, जाति- सौलकी,
निवासी- नोख, तहसील पोकरण व जिला जैसलमेर
............परिवादी।
बनाम
श्रीमान् शाखा प्रबन्धक, महोदय, बैंक आॅफ बडौदा जैसलमेर।
.............अप्रार्थी।
प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 12, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित/-
1. श्री मैहबूब साॅवरा, अधिवक्ता परिवादी की ओर से।
2. अप्रार्थी की ओर से श्री जी.के.सोनी अधिवक्ता उपस्थित।
ः- निर्णय -ः दिनांक 16.09.2015
1. परिवादी का सक्षिप्त मे परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी का खाता अप्रार्थी बैंक आॅफ बडौदा जैसलमेर मे है जिसमे वह राषि जमा करवाता हुआ निकालता था। अप्रार्थी बैक से परिवादी ने ए.टी.एम कार्ड भी ले रखा है जिसके माध्यम से वह अपने खाते सेे आवष्यकता अनुसार जमा राषि निकालता रहता है। परिवादी द्वारा दिनांक 02.04.2013 को बैक आॅफ बडोदा शाखा अमरसागर पोल के ए.टी.एम से 10,000/- रूपये निकालने का प्रयास किया लेकिन एटीएम कार्ड से परिवादी के 10,000/- रू नही निकले तब परिवादी द्वारा दूबारा 10,000/- रू निकालने का प्रयास किया तो भी परिवादी को उक्त राषि का भुगतान नही हुआ फिर 5,000/- रू निकालने के लिए ए.टी.एम का प्रयोग किया तो 5,000/- रू की राषि उसे नही मिली इस प्रकार उसे 25,000/- रू प्राप्त नही हुए लेकिन परिवादी के खाते से 25,000/- रू की राषि डेबिट हुई जिसकी रसीद भी उसे मिली उसके पश्चात् अप्रार्थी के बैक के प्रबधंक से मिला तथा 25,000/- रू प्राप्त नही होने की बात बताई तथा उनको तीनो रसीदे भी बताई प्रबंधक ने आवष्यक कार्यवाही करने का आष्वासन दिया। परिवादी द्वारा पैसे की अत्यधिक आवष्यकता होने केे कारण उसी दिन करीब 2 घंटे एस.बी.बी.जे शाखा षिव रोड के एटीएम गया जहा उसने अपने एटीएम का प्रयोग कर क्रमषः 10,000/-,10,000/-,5,000/- कुल 25,000/- रू की राषि प्राप्त की ओर एटीएम द्वारा इस राषि का डेबिट बता दिया गया। परिवादी द्वारा पूर्व मे बैक आॅफ बडौदा के एटीएम से 25,000/- रू प्राप्त नही होने की षिकायत दिनांक 14.04.2013 को लिखित मे की। फिर भी राषि का आज दिन तक समायोजन नही किया गया है। नियमानुसार एटीएम के शर्तो के अनुसार एक ही दिन मे 40,000/- रू की राषि ही निकाली जा सकती है। परिवादी को 9 माह पश्चात् भी कोई कार्यवाही नही की गई है। षिकायत के बावजूद भी अप्रार्थी द्वारा कोई संतोषजनक जवाब न देकर राषि पुनः खातें मे जमा न कर सेवा दोष कारित किया है। मानसिक एवं आर्थिक परेषानी पेटे 25,000/- रू व किराया भाडा राषि 10,000/- रू व परिवाद व्यय 5,000/- रू दिलाये जाने का निवेदन किया।
2. अप्रार्थी की तरफ से जवाब पेष कर प्रकट किया गया हैं कि दिनांक 02.04.2013 को अप्रार्थी बैक के एटीएम का उपयोग परिवादी द्वारा नही किया गया। परिवादी से इस तारीख के डेबिट वाउचर पेष करने का कहा जो परिवादी द्वारा पेष नही किये गये। परिवादी द्वारा जो भी ट्राजेक्षन किये गये वो बैक द्वारा अपने स्तर पर कार्यवाही कर जाॅच कर परिवादी को सूचना दे दी गयी कि वे सभी ट्राजेक्षन सफल रहै। परिवादी द्वारा 01.04.2013 को यूनियन बैक आॅफ इण्डिया के एटीएम का प्रयोग कर 25,000/- रू आहरित किये। जिसके डेबिट एन्ट्री परिवादी के बैक आॅफ बडौदा एस.बी एकाउन्ट मे 02.04.2013 को की गयी क्योकि दिनांक 01.04.2013 को वार्षिक खाता बन्दी होने के कारण खाते मे इन्द्राज डेबिट रूप मे 02.04.2013 को दर्षाया गया है। परिवादी को दिनांक 01.04.2013 को आहरित राषि 25,000/- रू का भुगतान सफलतापूर्वक प्राप्त हो चूका है। परिवादी ने यह परिवाद असत्य आधारांे पर प्रेषित किया हैं जो परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने का निवेदन किया
3. हमने विद्वान अभिभाषक एवं पक्षकारान की बहस सुनी और पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया ।
4. विद्वान अभिभाषकगण पक्षकारान द्वारा की गई बहस पर मनन करने, पत्रावली में पेष किए गए शपथ पत्रों एवं दस्तावेजी साक्ष्य का विवेचन करने तथा सुसंगत विधि को देखने के पष्चात इस प्रकरण को निस्तारित करने हेतु निम्नलिखित विवादित बिन्दु कायम किए जाते है
1. क्या परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है ?
2. क्या विपक्षी का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटि के दोष की तारीफ में आता है?
3. अनुतोष क्या होगा ?
5.बिन्दु संख्या 1:- जिसे साबित करने का संम्पूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या परिवादी उपभोक्ता की तारीफ में आता है अथवा नहीं और मंच का भी सर्वप्रथम यह दायित्व रहता है कि वे इस प्रकार के विवादित बिन्दु पर सबसे पहले विचार करें, क्यों कि जब तक परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में नहीं आता हो, तब तक उनके द्वारा पेष किये गये परिवाद पर न तो कोई विचार किया जा सकता है और न ही उनका परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनीयम के प्रावधानों के तहत पोषाणिय होता है, लेकिन हस्तगत प्रकरण में अप्रार्थी बैक आॅफ बडौदा ने तो स्वीकार किया है कि प्रार्थी का खाता सं. 08520100021344 अप्रार्थी बैक मे है उसका एटीएम बैक से जारी किया हुआ है अतः परिवादी अप्रार्थी बैक का उपभोक्ता है। बैक की आपस मे कई प्रकार की संविदाए है जिसमे एक सविदा यह भी है कि एक बैक का एटीएम दूसरे बैक मे खाता एटीएम कार्ड मे प्रयोग कर सकता है ओर इसी व्यवस्था के अन्तर्गत परिवादी ने अप्रार्थी बैक के खाते के एटीएम का प्रयोग यूनियन बैक आॅफ इण्डिया व एस.बी.बी.जे के एटीएम पर किया है। इसलिए हमारी विनम्र राय में परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2; 1द्ध;क्द्ध के तहत एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है, फलतः बिन्दु संख्या 1 परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया जाता है।
6.बिन्दु संख्या 2:- जिसे भी साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या विपक्षी का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटी के दोष की तारीफ में आता है अथवा नहीं ?
विद्वान परिवादी अभिभाषक की दलील है कि दिनांक 02.04.2013 को बैक आॅफ बडौदा के एटीएम काउटर से परिवादी ने क्रमषः 10,000 रू ,10,000 रू ,5,000 रू निकालने के लिये एटीएम का प्रयोग किया लेकिन परिवादी को 25,000 रू नही मिले तथा परिवादी के खाते से 25,000 रू डेबिट हो गये इसकी षिकायत की गई लेकिन राषि का समायोजन नही किया गया।
उनकी यह भी दलील है कि दिनंाक 02.04.2013 को एसबीबीजे षिव मार्ग जैसलमेर के एटीएम काउटर का प्रयोग किया गया जिसमे से परिवादी ने 25,000 रू निकाले इस प्रकार परिवादी का 1 दिन मे टाॅजेक्षन 50,000 रू हो गया जबकि नियमानुसार एटीएम से एक दिन मे 40,000 रू की ही राषि निकल सकती है। इससे भी यह प्रकट है कि परिवादी को बैक आॅफ बडौदा के एटीएम काउटर से 25,000 रू प्राप्त नही हुए जबकि उनकी पासबुक के विवरण के अनुसार भी दिनांक 02.04.2013 को 50,000 रू निकलना बताया है। अतः परिवादी को उसके 25,000 रू के साथ परिवाद व्यय व खर्चो दिलाये जाने का तर्के प्रस्तुत किया।
7. इसका प्रबल विरोध करते हुए अप्रार्थी बैक आॅफ बडौदा के विद्वान अभिभाषक की दलील है कि दिनांक 02.04.2013 को परिवादी ने बैक आॅफ बडौदा के एटीएम काउटर का उपयोग नही किया बल्कि 01.04.2013 को एटीएम नम्बर 00ॅश्र।प्0340 जो कि यूनियन बैक आॅफ इण्डिया का है से परिवादी ने क्रमषः 10,000 रू, 10,000 रू, 5,000 रू कुल 25,000 रू आहरित किये जिसकी डेबिट एन्ट्री प्रार्थी परिवादी के बैक खाता मे एस.बी एकाउन्ट नम्बर 08520100021344 मे दिनांक 02.04.2013 को डेबिट किया गया क्योकि दिनंाक 01.04.2013 को वार्षिक खाताबन्दी होने के कारण खाते के इन्द्राज डेबिट रूप मे 02.04.2013 को दर्षाया गया परिवादी ने डेबिट वाउचर माॅगने के बाद भी पेष नही किया इससे भी यह प्रकट है कि दिनांक 02.04.2013 को परिवादी ने बैक आॅफ बडौदा के एटीएम काउटर का उपयोग करते हुए 25,000 रू विड्रो नही किये।
8. उनकी यह भी दलील है कि यूनियन बैक आॅफ इण्डिया के म्श्र स्व्ळै से परिवादी द्वारा दिनांक 01.04.2013 को 10,000 रू टाॅजैक्षन नम्बर 2325, 10,000 रू टाॅजेक्षन सं0 2326, 5,000 रू टाॅजेक्षन सं. 2327 द्वारा परिवादी के खाता सं. 08520100021344 से निकलना साबित है तथा टाॅजेक्षन सफल होने का रेस्पोन्स कोर्ड 000 बताया गया है। उक्त आहरित राषि का इन्द्राज दिनंाक 01.04.2013 को वार्षिक खाताबन्दी होने के कारण अप्रार्थी बैक ने दिनांक 02.04.2013 को करना बताया है जिसकी ताईद एकाउन्ट लेजर इन्कवारी से होती है। अतः एक दिन मे ही परिवादी द्वारा 50,000 रू एटीएम से नही निकाले गये बल्कि दिनंाक 01.04.2013 को 25,000 रू व दिनांक 02.04.2013 को 25,000 रू परिवादी द्वारा निकाले गये अतः बैक नियमानुसार परिवादी केवल 40,000 रू तक ही निकाल सकता है। अप्रार्थी द्वारा कोई सेवा दोष कारित नही किया गया है अतः परिवादी का परिवादी मय हर्जे खर्चे के खारिज किये जाने का निवेदन किया।
9. उभयपक्षों की तर्को की रोषनी मे पत्रावली मे उपलब्ध साक्ष्य पर हमारी राय इस प्रकार है। परिवादी ने अपने परिवाद व साक्ष्य मे यह बताया है कि दिनांक 02.04.2013 को बैक आॅफ बडौदा एटीएम शाखा अमर सागर पोल मे अपने ही बैक के एटीएम का उपयोग परिवादी द्वारा समय 11.04ः45 बजे किया गया लेकिन एटीएम मे राषि 10,000 रू नही निकले दूबारा समय 11.05ः34 बजे पुनः एटीएम का प्रयोग किया लेकिन दोनो बार राषि नही निकली किन्तु परिवादी के एटीएम राषि मे दोनो बार ही 10,000-10,000 डेबिट बताया गया। तीसरी बार 11.06ः08 बजे 5 हजार रू निकाले लेकिन वह भी राषि नही निकली। परन्तु वह राषि डेबिट हो गयी इस प्रकार उसको 25,000 रू प्राप्त नही हुए। लेकिन परिवादी को बैक आॅफ बडौदा की एटीएम मषीन का जो डेबिट वाउचर उसे प्राप्त होना बताया है। उसे पेष कर यह साबित नही कराया गया कि दिनांक 02.04.2013 को परिवादी ने बैक आॅफ बडौदा के एटीएम का प्रयोग किया बल्कि अप्रार्थी द्वारा परिवादी से डेबिट वाउचर जो बैक आॅफ बडौदा के एटीएम से प्राप्त किये उसे पेष करने को कहा लेकिन वो डेबिट वाउचर परिवादी ने पेष नही किये जो तीनों वाउचर (रसीदे) महत्वपूर्ण साक्ष्य थी।
10. अप्रार्थी ने अपनी खण्डनीय साक्ष्य मे भी बताया है कि दिनांक 02.04.2013 को परिवादी ने बैक आॅफ बडौदा के एटीएम का उपयोग, प्रयोग किया उसके सम्बंध मे उसे जो वाउचर मिलता है उसे पेष नही किया गया है। बैक रिकार्ड के अनुसार दिनांक 02.04.2013 को बैक आॅफ बडौदा के एटीएम काउटर का परिवादी ने उपयोग नही किया। खण्डनीय साक्ष्य मे यह भी तथ्य आया है कि परिवादी ने दिनांक 01.04.2013 को एटीएम नम्बर 00ॅश्र।प्0340 जो कि यूनियन बैक आॅफ इण्डिया का है इसमे परिवादी ने क्रमषः 10,000 रू, 10,000 रू, 5,000 रू कुल 25,000 रू आहरित किये जिसकी डेबिट एन्ट्री प्रार्थी परिवादी के बैक आॅफ बडौदा के खाता एसबी एकाउन्ट नम्बर 08520100021344 मे डेबिट दिनांक 02.04.2013 को किया गया क्योकि दिनंाक 01.04.2013 को वार्षिक खाताबन्दी होने के कारण खाते के इन्द्राज के रूप मे दिनांक 02.04.2013 को दर्षाया गया परिवादी द्वारा प्रस्तुत पासबुक मे जो दिनांक 02.04.2013 को ।ज्डध्ब्।ैभ्ध्2325 को 10,000 रू, ।ज्डध्ब्।ैभ्ध्2326 को 10,000 रू, ।ज्डध्ब्।ैभ्ध्2327 को 5,000 रू, जो राषि दर्षायी गयी है उसका इन्द्राज दिनांक 02.04.2013 को किया गया है। जो यूनियन बैक आॅफ इण्डिया के एटीएम से विड्रो की गयी राषि का है।
11. अप्रार्थी द्वारा पेष एकाउंट लेजर इन्क्वायरी परिवादी के खाता सं0 08520100021344 मे भी दिनंाक 01.04.2013 को टाॅजेक्षन सं0 2325 राषि 10,000 रू , टाॅजेक्षन सं0 2326 राषि 10,000 रू , टाॅजेक्षन सं0 2327 राषि 5,000 रू ,निकालना बताया गया है। तथा यूनियन बैक आॅफ इण्डिया के एटीएम काउटर के दिनांक 01.04.2013 के म्श्र स्व्ळै मे टाॅजेक्षन सं0 2325 परिवादी के खाता सं0 08520100021344 एटीएम कार्ड नम्बर 4029850283767744 से 10,000 रू निकालना बताया गया है तथा शेष बैलेंस राषि भी दर्षायी गयी है। तथा टाॅजेक्षन सफल रहा उसका रेस्पोन्स कोड 000 बताया गया है। इसी प्रकार टाॅजेक्षन सं0 2326 परिवादी के खाता सं0 08520100021344 एटीएम कार्ड नम्बर 4029850283767744 से 10,000 रू निकालना बताया गया है तथा शेष बैलेंस राषि भी दर्षायी गयी है। तथा टाॅजेक्षन सफल रहा उसका रेस्पोन्स कोड 000 बताया गया है। इसी प्रकार टाॅजेक्षन सं0 2327 परिवादी के खाता सं0 08520100021344 एटीएम कार्ड नम्बर 4029850283767744 से 5,000 रू निकालना बताया गया है तथा शेष बैलेंस राषि भी दर्षायी गयी है। तथा टाॅजेक्षन सफल रहा उसका रेस्पोन्स कोड 000 बताया गया है। इससे भी यह साबित है कि परिवादी ने 25,000 रू दिनांक 01.04.2013 को यूनियन बैक आॅफ इण्डिया के एटीएम काउटर से निकाले जो उसे प्राप्त हो गये जिसकी डेबिट एन्ट्री परिवादी के पासबुक मे 01.04.2013 को वार्षिक खाता बन्दी होने के कारण दिनांक 02.04.2013 मे इन्द्राज किया गया पासबुक मे दिनांक 02.04.2013 को ।ज्डध्ब्।ैभ्ध्2325 को 10,000 रू, ।ज्डध्ब्।ैभ्ध्2326 को 10,000 रू, व ।ज्डध्ब्।ैभ्ध्2327 को 5,000 रू का हवाला दिया गया है वह यूनियन बैक आॅफ इण्डिया के एटीएम काउटर से निकाले गये परिवादी के खाते से राषि दिनंाक 01.04.2013 के म्श्र स्व्ळै के टाॅजेक्षन से मेल खाते है। अतः पासबुक मे दिनांक 02.04.2013 को जिस 25,000 रू का इन्द्राज बताया गया है वह दिनांक 01.04.2013 को यूनियन बैक आॅफ इण्डिया के एटीएम काउटर से निकाली गयी 25,000 रू की राषि का है। न कि दिनांक 02.04.2013 को बैक आॅफ बडौदा के एटीएम काउटर से निकाली गयी राषि का है। इसलिए यह साबित है कि परिवादी द्वारा दिनांक 01.04.2013 को यूनियन बैक आॅफ इण्डिया के एटीएम काउटर से जो राषि 25,000 निकली वह उसे प्राप्त हो गयी। परिवादी ने दिनांक 02.04.2013 को बैक आॅफ बडौदा के एटीएम से कोई राषि निकालने का प्रयास किया हो ओर राषि नही निकली हो ओर उसकी पास बुक मे डेबिट एन्ट्री हो गयी हो ऐसा साबित नही है।
12. जहा तक परिवादी के विद्वान अभिभाषक का यह तर्क कि एक दिन मे एटीएम से 40,000 रू से ज्यादा राषि खाते से आहरित नही की जा सकती जबकि उसके खाते मे दिनांक 02.04.2013 को 50,000 रू का आहरण हो गया ओर उसके खाते से डेबिट हो गये। परिवादी विद्वान अभिभाषक की इस दलील मे हम बल नही पाते क्योंकि परिवादी द्वारा दिनांक 02.04.2013 को बैक आॅफ बडौदा के एटीएम से 25,000 रू निकालने का प्रयास किया हो ओर पैसे नही निकले हो ओर राषि डेबिट हो गयी हो ऐसा परिवादी साबित नही कर पाया है। केवल परिवादी ने दिनांक 01.04.2013 को यूनियन बैक आॅफ इण्डिया के एटीएम का प्रयोग किया ओर उससे जो राषि निकली उसको अप्रार्थी बैक ने दिनांक 01.04.2013 को वार्षिक खाताबन्दी होने के कारण दिनांक 02.04.2013 को परिवादी के खाते मे डेबिट किया गया जो परिवादी की खाता पासबुक से साबित है। यह बात सही है कि परिवादी ने दिनांक 02.04.2013 को स्टेट बैक आॅफ बीकानेर एण्ड जयपुर शाखा षिव रोड जैसलमेर के एटीएम से 25,000 रू निकाले जो परिवादी को प्राप्त हुए उसके बाबत् परिवादी की कोई षिकायत नही है। अतः परिवादी ने दिनांक 02.04.2013 को स्टेट बैक आॅफ बीकानेर एण्ड जयपुर शाखा षिव रोड जैसलमेर के एटीएम से केवल 25,000 रू ही निकाले जो उसे प्राप्त हुए अतः एक दिन मे 50,000 रू राषि निकाली गयी हो ऐसा साबित नही है।
अतः अप्रार्थी की खण्डनीय साक्ष्य को न मानने का कारण हमारे समक्ष नहीं हैं ं अतः अप्रार्थी ने कोई सेवा दोष कारित नहीं किया हैं । अतः बिन्दू सं. 2 अप्राथी के पक्ष मे निस्तारित किया जाता है।
13. बिन्दु संख्या 3:- अनुतोष । बिन्दु संख्या 2 अप्रार्थी के पक्ष में निस्तारित होने के फलस्वरूप परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है जो अस्वीकार कर खारीज किया जाता है ।
-ः आदेष:-ः
परिणामतः प्रार्थी का परिवाद अप्रार्थी के विरूद्व अस्वीकार किया जाकर खारीज किया जाता है । पक्षकारान अपना-अपना खर्चा स्वयं वहन करेंगें ।
( मनोहर सिंह नारावत ) (संतोष व्यास) (रामचरन मीना)
सदस्य, सदस्या अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
जैसलमेर। जैसलमेर। जैसलमेर।
आदेष आज दिनांक 16.09.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
( मनोहर सिंह नारावत ) (संतोष व्यास) (रामचरन मीना)
सदस्य, सदस्या अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
जैसलमेर। जैसलमेर। जैसलमेर।