Chhattisgarh

Jashpur

CC/15/2

Dashrath Prasad Gupta - Complainant(s)

Versus

BM, The Oriental Insurance Company - Opp.Party(s)

Sanjay Shing

24 Sep 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/15/2
( Date of Filing : 27 Feb 2015 )
 
1. Dashrath Prasad Gupta
Purani Basti, Pathalgaon, TH-Pathalgaon
Jashpur
Chhattisgarh
...........Complainant(s)
Versus
1. BM, The Oriental Insurance Company
Rahut Complex, Third flour Axis Bank, Dhimrapur Road Raigarh
Raigarh
Chhattisgarh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE B.P.Pandey PRESIDENT
 HON'BLE MR. Sanjay Soni MEMBER
 HON'BLE MRS. Anamika Nande MEMBER
 
For the Complainant:Sanjay Shing, Advocate
For the Opp. Party: Sageera Bano, Advocate
Dated : 24 Sep 2016
Final Order / Judgement


जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जशपुर (छ0ग0)
                     प्रकरण क्रमांक :-CC/02/2015
                   प्रस्तुति दिनांक :-27/02/2015


दथरथ प्रसाद गुप्ता, आ. श्री महाबीर साव,
उम्र 38 वर्ष, जाति सोढ़ी पेशा फल विक्रेता
निवासी ग्राम पुरानी बस्ती पत्थलगांव .
जिला-जशपुर (छ.ग.)                      ..................परिवादी /आवेदक
    
( विरूद्ध )

प्रबंधक,
दि ओरिएण्टल इश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
मण्डल कार्यालय राहुल काम्पलेक्स,
तृतीय तल एक्सिस बैंक के उपर ढ़िमरापुर रोड
जिला रायगढ़ छ.ग......                       ....विरोधी पक्षकार/अनावेदक

    ///आदेश///
( आज दिनांक  24/09/2016 को पारित)


    
1. परिवादी/आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद विरूद्ध पक्षकार/अनावेदक के विरूद्ध सेवा में कमी करने के आधार पर दुर्घटनाग्रस्त वाहन को होने वाली क्षति 7,90,878/-रू. मय ब्याज, मानसिक क्षतिपूर्ति 10,000/-रू., वाद-व्यय, उक्त राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज सहित अन्य अनुतोश्ष् दिलाए जाने हेतु दिनांक 27.02.2015 को प्रस्तुत किया है।
2. स्वीकृत तथ्य है कि :-
1.    परिवादी ने अपने स्वामित्व की वाहन महेन्द्रा एण्ड महिन्द्रा पीकप एफ.बी. क्रमांक सी.जी. 14 डी. 0269 का बीमा पॉलिसी क्रमांक 93490/31/2014/1348 9417 दिनांक 05.12.2013 से 04.12.2014 तक की अविधि के लिए अनावेदक बीमा कंपनी से बीमा कराया था। 
2.    परिवादी ने दिनांक 27.01.2014 को अनावेदक बीमा कंपनी के समक्ष दावा प्रपत्र प्रस्तुत किया था। 
3.    परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से पंजीकृत सूचना पत्र 26.11.2014 को अनावेदक बीमा कंपनी को प्रेषित किया था। 
3. अ. परिवाद के निराकरण के लिए आवश्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी/आवेदक द्वारा अनावेदक बीमा कंपनी से वाहन महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा पीकप एफ.बी. क्रमांक सी.जी. 14 डी. 0269 का बीमा कराया गया था, जिसका पॉलिसी क्रमांक 93490/31/2014/1348 9417 है, जिसकी अवधि दिनांक 05.12.2013 से 04.12.2014 तक थी। परिवादी द्वारा नियमित रूप से प्रिमियम की राशि दिया जा रहा है तथा किसी भी पालिसी शर्त का उल्लंघन नहीं किया गया है। दिनांक 10.01.2014 को परिवादी के उक्त वाहन को वाहन चालक जोगेन्द्र गोड़ के द्वारा चलाते हुए चाईबासा ले जाया जा रहा था तब जशपुर रायगढ़ मार्ग एन.एच. 43 पर मनसा देवी मंदिर के पास गाड़ी को रोककर लघुशंका करने उतरा था कि उसी समय सामने से तेजी एवं लापरवाही पूर्वक चलाते हुए ट्रक क्रमांक एम.एच. 192-3522 का चालक उक्त वाहन को टक्कर मार दिया, जिसके कारण उक्त वाहन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। जिसकी रिपोर्ट तत्काल थाना जशपुरनगर में करायी गई थी, जिस पर अपराध क्रमांक 13/14 दिनांक 10.01.2014 दर्ज किया गया।  उक्त दुर्घटना की सूचना अनावेदक बीमा कंपनी को दी गई। अनावेदक कंपनी द्वारा दुर्घटनाग्रस्त बीमित वाहन का अपने सर्वेयर द्वारा मूल्यांकन कराया ।  उक्त वाहन को होने वाली क्षति का आंकलन 7,90,878.38/-रू. किया गया। परिवादी द्वारा अनावेदक बीमा कंपनी में दावा जनवरी 2014 में समस्त औपचारिकताओं को पूर्ण कर किया गया, किंतु आज पर्यन्त उक्त दावा लंबित है। 
ब. परिवादी द्वारा दिनांक 26.11.2014 को अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रजीकृत डाक द्वारा सूचना प्रेषित किया गया, किंतु उसके उपरांत भी अनावेदक ने परिवादी के दावे का निराकरण नहीं किया ।  इस प्रकार अनावेदगण द्वारा सेवा में कमी किए जाने से परिवादी को आर्थिक एवं मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । अतः परिवादी/आवेदक ने यह परिवाद प्रस्तुत कर अनावेदक से दुर्घटनाग्रस्त वाहन को होने वाली क्षति 7,90,878.38/-रू. मय ब्याज, मानसिक क्षतिपूर्ति 10,000/-रू., वाद-व्यय, उक्त राशि पर 12 प्रतिशत वार्शिक दर से ब्याज सहित अन्य अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना किया है। 
4. अ. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार जवाब दावा प्रस्तुत कर प्रारंभिक आपत्ति करते हुए स्वीकृत तथ्य को छोड़ कर शेष तथ्यों से इंकार करते हुए यह अभिकथन किया है कि आवेदक द्वारा अपने वाहन की आई.डी.व्ही. 4,00,000/-रू. दर्शाते हुए बीमा पॉलिसी क्रमांक 93490/31/2014/1348 9417 दिनांक 05.12.2013 से 04.12.2014 तक के लिए अनावेदक से प्राप्त किया। आवेदक ने दिनांक 27.01.2014 को अनावेदक के समक्ष दावा प्रपत्र प्रस्तुत किया तथा साथ में आयुशि मोटर्स का स्टीमेट वास्ते 3,14,069/-रू. पेश किया। आवेदक ने दावा प्रपत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए तथा मांग करने पर आवेदक द्वारा शीघ्र प्रदान करने का आश्वासन देने के उपरांत भी समस्त आवश्यक दस्तावेज प्रदान नहीं किए गए, जिस कारण से दावा का निराकरण लंबित रहा। 
ब. आवेदक के अधिवक्ता नोटिस का जवाब दिनांक 06.12.2014 को प्रेषित कर बताया गया कि आवश्यक दस्तावेज पेश नहीं करने तथा मांग किए जाने पर आश्वासन के बावजूद प्रदान न करने के कारण दावा लंबित होना एवं अथक प्रयास के बावजूद प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने से भी कार्यवाही लंबित है, यह भी अपेक्षा की गई कि आवेदक संबंधित कार्यालय से उक्त संबंध में प्रमाण प्राप्त कर यदि प्रस्तुत करे तो लंबित कार्यवाही शीघ्र अग्रसर हो सकती है। इसके बावजूद आवेदक द्वारा न तो अन्य आवश्यक दस्तावेज अनावेदक को प्रदान किए गए एवं न ही वाहन चालन अनुज्ञप्ति के संबंध में प्रमाण पेश किया गया। जोगेन्द्र गोड़ को एच.जी.व्ही. वाहन चालन हेतु अस्थायी लायसेंस दिनांक 13.07.2012 से 19.06.2015 की अवधि के लिए डी.टी.ओ. गया (बिहार) द्वारा जारी किया जाना दर्शाया है। दिये गये विवरण से चालन अनुज्ञप्ति की प्रमाणिकता मान्य किए जाने योग्य नहीं है। एच.जी.व्ही. वाहन चालन का लायसेंस तीन वर्ष से कुछ कम अवधि के लिए अस्थायी प्रदान किया जाना मोटर यान अधिनियम के प्रावधान अनुरूप नहीं है। 
स. अनावेदक ने वाहन को कारित क्षति के आंकलन हेतु श्री ए.एम. गोस्वामी को सर्वेयर नियुक्त किया, जिनके द्वारा प्रतिवेदन दिनांक 15.02.2014 पेश की गई, जिसमें यह व्यक्त किया गया है कि वाहन की आई.डी.व्ही. 4,00,000/-रू. अनुसार वाहन का बीमा किया गया है, वाहन का रिपेयर किया जाना वस्तुतः रिपेयर नहीं होगा बल्कि वाहन में नए पुर्जों के साथ वाहन की रिअसेम्बलिंग होगी जिस कारण रिपेयरिंग कास्ट वाहन की आई.डी.व्ही. से ज्यादा होगा, इस स्थिति में आंकलित रिपेयर कास्ट 4,35,162/-रू. आई.डी.व्ही. से 108.79 प्रतिशत अधिक है। सर्वेयर ने उपरोक्त तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में यह सलाह दी कि वाहन की रिपेयरिंग किया जाना सही नहीं होगा तथा टोटल लॉस एसेसमेंट अनुसार बीमा पॉलिसी की शर्त के तहत निराकरण किया जावे। 
द. अनावेदक ने वाहन चालक जोगेन्द्र गोंड़ की वाहन चालन अनुज्ञप्ति की जांच डी.टी.ओ. गया (बिहार) किये जाने वास्ते श्री अखौरी धर्मेन्द्र कुमार को अन्वेषक नियुक्त किया, जिनके द्वारा अपने पत्र दिनांक 19.11.2014 अनुसार सूचित किया कि डी.टी.ओ. गया के कार्यालय में रजिस्टर निकालकर देखने एवं मौखिक रूप से बताये जाने से यह ज्ञात हुआ कि डी.एल. नं. 8453/2012 एवं 3294/1982 (गया) संबंधित रजिस्टर में अंकित नहीं है। जिसके संबंध में लिखित प्रतिवेदन मांगने पर लिखकर देने से इंकार किये हैं, जिस कारण डाक से लोक सूचना पदाधिकारी के आवेदन प्रेषित किया गया है, परंतु सूचना प्राप्त नहीं हो पायी है। आवेदक द्वारा अनावेदक के अनुरोध पर विचार नहीं करने, मांग किए गये दस्तावेज को प्रदान नहीं करने एवं अन्वेषक द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार अनावेदक ने दिनांक 30.01.2014 को आवेदक का दावा टेनेबल नहीं होने संबंधी पत्र प्रेषित किया तथा आवेदक को अपने दावा के समर्थ्ज्ञन में दो सप्ताह के भीतर पुनः साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया जिसके बावजूद आवेदक द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने के कारण अनावेदक ने पत्र दिनांक 27.01.2015 के जरिए आवेदक का दावा निरस्त किया।  इस प्रकार अनावेदक ने किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी नहीं किया है। अतः परिवादी का परिवाद सव्यय निरस्त किये जाने का निवेदन किया है।
5. परिवाद पर उभय पक्ष को विस्तार से सुना गया। अभिलेखगत सामग्री का परिशीलन किया गया है ।
6. विचारणीय प्रश्न यह है कि :-
क्या परिवादी/आवेदक द्वारा प्रस्तुत दावा पत्र का निराकरण न कर अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार ने सेवा में कमी किया है ? 
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रश्न का सकारण निष्कर्ष :-
7. परिवादी ने परिवाद के समर्थन में अपना शपथ पत्र एवं सूची अनुसार दस्तावेज वाहन क्रमांक सी.जी. 14 डी. 0269 का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र दस्तावेज क्रमांक 1, उक्त वाहन का फिटनेश प्रमाण पत्र दस्तावेज क्रमांक 2, उक्त वाहन का बीमा पेपर दस्तावेज क्रमांक 3, दी ओरियेन्टल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड शाखा पत्थलगांव द्वारा दिया गया रसीद दस्तावेज क्रमांक 4, वाहन चालक विजय चौहान का ड्रायविंग लायसेंस  दस्तावेज क्रमांक 5, वाहन चालक जोगेन्द्र गोड़ का ड्रायविंग लायसेंस दस्तावेज क्रमांक 6, डी.टी.ओ. लोहार डागा द्वारा विजय चौहान का ड्रायविंग लायसेंस विवरण दस्तावेज क्रमांक 7, प्रथम सूचना पत्र दस्तावेज क्रमांक 8, अपराध विवरण दस्तावेज क्रमांक 9, नक्शा पंचायतनामा दस्तावेज क्रमांक 10. विजय चौहान के शव परीक्षण के आवेदन दस्तावेज क्रमांक 11. शव परीक्षण प्रतिवेदन दस्तावेज क्रमांक 12, सम्पत्ति जप्ती पत्रक दस्तावेज क्रमांक 13;पसे पअद्धएआवेदक दशरथ गुप्ता के द्वारा थाना प्रभारी जशपुर के समक्ष पेश आवेदन दिनांक 11.01.2014 दस्तावेज क्रमांक 14, वाहन सुपुर्दनामा पावती दस्तावेज क्रमांक 15, गिरफ्तारी पत्रक दस्तावेज क्रमांक 16, अंतिम प्रतिवेदन दस्तावेज क्रमांक 17,वाहन मुलाहिजा दस्तावेज क्रमांक 18,पंजीकृत डाक रसीद दस्तावेज क्रमांक 19, प्राप्ति अभिस्वीकृति दस्तावेज क्रमांक 20, अधिवक्ता नोटिस दिनांक 26.11.2014की कार्यालयीन प्रति दस्तावेज क्रमांक 21. विधिक नोटिस का जवाब दिनांक 06.12.2014 दस्तावेज क्रमांक 22, दी ओरियेन्टल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड डिवीजनल आफिस द्वारा प्रेषित पंजीकृत सूचना दिनांक 30.12.2014दस्तावेज क्रमांक 23, दी ओरियेन्टल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड डिवीजनल आफिस द्वारा प्रेषित पंजीकृत सूचना दिनांक 27.01.2015 दस्तावेज क्रमांक 24 एवं वाहन का सर्विस कोटेशन दिनांक 07.02.2014 दस्तावेज क्रमांक 25 प्रस्तुत किया है। 
8. अनावेदक ने जवाब दावा के समर्थन में  विजय कुमार बेन्डे, मण्डल प्रबंधक का शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। 
9. स्वीकृत तथ्य अनुसार परिवादी के स्वामित्व की वाहन महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा पीकप एफ.बी. क्रमांक सी.जी. 14 डी. 0269 का पंजीयन प्रमाण पत्र दस्तावेज क्रमांक 1 है तथा फिटनेश प्रमाण पत्र दस्तावेज क्रमांक 2 है। अनावेदक बीमा कंपनी ने पालिसी क्रमांक 93490/31/2014/1348 9417 के तहत दिनांक 05.12.2013 से 04.12.2014 तक उक्त वाहन का बीमा किया था। बीमा पालिसी की प्रति दस्तावेज क्रमांक 3 प्रस्तुत कर प्रमाणित किया है। 
10. शपथ पत्र से समर्थित परिवाद में बताया गया है कि परिवादी की उक्त वाहन दिनांक 10.01.2014 को वाहन चालक जोगेन्द्र गोड़ के द्वारा चलाते हुए चाईबासा ले जाया जा रहा था तब जशपुर रायगढ़ मार्ग एन.एच. 43 पर मनसा देवी मंदिर के पास गाड़ी को रोककर लघुशंका करने उतरा था कि उसी समय सामने से तेजी एवं लापरवाही पूर्वक चलाते हुए ट्रक क्रमांक एम.एच. 192-3522 (वस्तुतः डभ् 19 र्.3522द्धका चालक उक्त वाहन को टक्कर मार दिया, जिसके कारण उक्त वाहन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। जिसकी रिपोर्ट तत्काल थाना जशपुरनगर में करायी गई थी, जिस पर अपराध क्रमांक 13/14 दिनांक 10.01.2014 दर्ज किया गया दुर्घटना के रिपोर्ट की प्रति दस्तावेज क्रमांक 8 प्रस्तुत किया है। परिवादी ने थाना जशपुर में दर्ज अपराध क्रमांक 13/14 के विवेचन की दस्तावेज अपराध विवरण का फार्म दस्तावेज क्रमांक 9, नक्शा पंचायत नामा दस्तावेज क्रमांक 10, जप्ति पत्रक दस्तावेज क्रमांक 13 (प् से प्टतकद्धथाना प्रभारी जशपुर को की गई लिखित रिपोर्ट दिनांक 11.01.2014 दस्तोवज क्रमांक 14, वाहन का सुपुर्द नामा पावती दस्तावेज क्रमांक 15, गिरफ्तारी/न्यायालय समर्पण पत्रक दस्तावेज क्रमांक 16, अंतिम प्रतिवेदन दस्तावेज क्रमांक 17, वाहन मुलाहजा दस्तावेज क्रमांक 18 प्रस्तुत किया है, जिससे परिवादी के स्वामित्व की वाहन दिनांक 10.01.2014 को क्षतिग्रस्त हुई थी की पुष्टि होती है। उक्त तथ्यों का अनावेदक पक्ष से कोई खण्डन नहीं है, फलस्वरूप परिवाद में प्रस्तुत दस्तावेजी प्रमाण से प्रमाणित किया है कि उसके स्वामित्व की वाहन को जो अनावेदक बीमा कंपनी में बीमित थी बीमा अवधि में दिनांक 10.01.2014 को दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गई। 
11. परिवादी ने घटना की तत्काल रिपोर्ट थाना जशपुर में दर्ज कराया था तथा बीमा कंपनी को दुर्घटना की सूचना दिया था। अनावेदक कंपनी द्वारा दुर्घटनाग्रस्त बीमित वाहन का अपने सर्वेयर द्वारा मूल्यांकन कराया ।  उक्त वाहन को होने वाली क्षति का आंकलन 7,90,878.38/-रू. निर्धारण किया गया था बतलाया है। समर्थन में दस्तावेज क्रमांक 25 सर्विस कोटेशन दिनांक 07.02.2014 कुल राशि 7,90,878.38/-रू. का प्रस्तुत किया है। इस प्रकार परिवादी के स्वामित्व की वाहन का दस्तावेज 25 सर्विस कोटेशन के अनुसार उक्त राशि सामानों की क्षति एवं लेबर चार्ज मद में सर्विस कोटेशन होना स्पष्ट है। 
12. परिवादी ने अनावेदक बीमा कंपनी में दावा पत्र जनवरी 2014 में प्रस्तुत करना बतलाया है, जिसे अनावेदक ने जवाबदावा में स्वीकार करते हुए दिनांक 27.01.2014 को दावा प्रपत्र प्रस्तुत किया था बताया है। इस प्रकार अनावेदक के समक्ष परिवादी ने दुर्घटनाग्रस्त वाहन क्षति का दावा प्रपत्र प्रस्तुत किया था प्रमाणित है। 
13. शपथ पत्र से समर्थित परिवाद में परिवादी ने परिवाद की कण्डिका 5,6 एवं 7 में बतलाया है कि प्रस्तुत दावा प्रपत्र अनावेदक कंपनी के कार्यालय में लंबित है। लगभग एक वर्ष व्यतीत होने के उपरांत भी दावे का निराकरण नहीं किया गया है। परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से पंजीकृत सूचना दस्तावेज क्रमांक 21 दिनांक 26.11.2014 दिया जाना बताया है, जिसकी डाक रसीद दस्तावेज क्रमांक 19 एवं प्राप्ति अभिस्वीकृति दस्तावेज क्रमांक 20 प्रस्तुत किया है। जिसके बाद भी उसके दावे का निराकरण नहीं किया गया, जो सेवा में कमी की कोटी में आता है, बतलाया गया है। 
14. अनावेदक बीमा कंपनी ने जवाब की कण्डिका 4 में बताया है कि परिवादी द्वारा भेजी गई पंजीकृत नोटिस दिनांक 26.11.2014 का अपने अधिवक्ता के माध्यम से जवाब दिनांक 06.12.2014 को प्रेषित कर दिया गया है। परिवादी द्वारा अनावेदक के समक्ष के समक्ष प्रस्तुत दावा पत्र को दिनांक 30.12.2014 को दावा पोशणीय नहीं होने संबंधी पत्र प्रेशित किया गया तथा दावा के समर्थन में साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया, किंतु परिवादी की ओर से कोई कार्यवाही नहीं करने के कारण अनावेदक बीमा कंपनी ने दिनांक 27.01.2015 को निरस्त कर दिया जाना बताया है। 
15. परिवादी ने सूची अनुसार दस्तावेज में अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा परिवादी की ओर से भेजे गए नोटिस दिनांक 26.11.2014 का जवाब दिनांक 06.12.2014 दस्तावेज क्रमांक 22 प्रस्तुत किया है। इसी प्रकार अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से परिवादी को पंजीकृत पत्र दिनांक 30.12.2014 दस्तावेज क्रमांक 23 एवं दिनांक 27.01.2015 दस्तावेज क्रमांक 24 मूल प्रति प्रस्तुत किया है। उक्त दस्तावेजी प्रमाण से स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा दिनांक 26.11.2014 को भेजे गए पंजीकृत नोटिस का अनावेदक बीमा कंपनी ने दिनांक 06.12.2014 को जवाब दिया गया। इस प्रकार अनावेदक द्वारा परिवादी को भेजी गई पंजीकृत पत्र दिनांक 30.12.2014 दस्तावेज क्रमांक 23 एवं दिनांक 27.01.2015 दस्तावेज क्रमांक 24 से परिवादी द्वारा अनावेदक बीमा कंपनी के समक्ष प्रस्तुत दावा को इंकार कर दिया गया है। 
16. इस प्रकार परिवाद के तथ्य कि अनावेदक के समक्ष परिवादी द्वारा प्रस्तुत दावा प्रपत्र को लंबित रखकर निराकरण नहीं किया गया है, से सेवा में कमी किए जाने का तथ्य स्थापित, प्रमाणित नहीं होता है, बल्कि अनावेदक बीमा कंपनी ने परिवादी द्वारा प्रस्तुत दावा पत्र को दिनांक 27.01.2015 के लिखित पत्र द्वारा इंकार कर दिया हम पाते हैं । 
17. परिवादी ने वस्तुतः उसके द्वारा प्रस्तुत दावा पत्र को दावा पत्र अनुसार क्षति की राशि प्राप्त नहीं होने के आधार पर परिवाद किया गया है होना स्पष्ट है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत दावा पत्र को अनावेदक बीमा कंपनी ने दिनांक 27.01.2015 के पंजीकृत पत्र दस्तावेज क्रमांक 24 द्वारा इंकार कर दिया गया है। इंकार करने का निम्नलिखित कारण उल्लेखित है :-
1.    दुर्घटनाग्रस्त वाहन सी.जी. 14 । 0269 बुलेरो पीकप गुड केयरिंग व्हीकल ;ळब्ब्टद्ध है । उक्त वाहन का चालक श्री जोगेन्द्र गोड़ का चालन अनुज्ञप्ति क्रमांक 8453/2012 एवं 3294/1982 डी.टी.ओ. (गया) में पंजीकृत नहीं है। 
2.    वाहन चालक उक्त वाहन को दुर्घटना के समय प्रभावशील चालन अनुज्ञप्ति के बिना चला रहा था, जो बीमा पॉलिसी के ड्रायव्हर क्लॉज ;क्तपअमतश्े ब्संनेमद्ध का उल्लंघन किया है।             
18.  परिवादी ने अपने स्वामित्व की वाहन का पंजीयन प्रमाण पत्र दस्तावेज क्रमांक 1 प्रस्तुत किया है, जिसके अनुसार वाहन क्रमांक सी.जी. 14 डी. 0269 हल्का माल वाहन (लाईट गुड व्हीकल) पिकप महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा की बुलेरो वाहन के रूप में पंजीकृत है। फिटनेश प्रमाण पत्र दस्तावेज क्रमांक 2 से लाईट गुड व्हीकल के रूप में डी.टी.ओ. जशपुर छ.ग. में पंजीकृत है। इस प्रकार परिवादी की वाहन लाईट गुड व्हीकल के रूप में पंजीकृत होना स्पष्ट है। 
    19. बीमा पालिसी दस्तावेज क्रमांक 3 एवं 4 से उक्त लाईट गुड व्हीकल का आई.डी.व्ही. 4,00,000/-रू. का बीमा दिनांक 05.12.2013 से दिनांक 04.12.2014 तक के लिए बीमित थी। 
    20. परिवादी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज क्रमांक 8 से 18 के थाना जशपुर के अपराध क्रमांक 13/14 के दस्तावेजों से परिवादी के उक्त वाहन दिनांक 10.01.2014 को क्षतिग्रस्त होना प्रमाणित है। 
    21. परिवादी ने परिवाद पत्र में अपने स्वामित्व के उक्त वाहन को दुर्घटना के समय चालक जोगेन्द्र द्वारा चलाया जा रहा था बताया गया है तथा उसके चालन अनुज्ञप्ति दस्तावेज क्रमांक 6 प्रस्तुत किया गया है। दस्तावेज क्रमांक 6 का उक्त चालन अनुज्ञप्ति में लाईसेंस अथार्टी गया (बिहार) से जारी होना उल्लेखित है, जिसमें एल.एम.व्ही. (लाईट मोटर व्हीकल ) एवं एच.जी.व्ही. (हेवी गुड व्हीकल) के चालन की अनुज्ञप्ति दिनांक 14.06.2015 तक के लिए वैधता होना उल्लेखित है। चालन अनुज्ञप्ति दिनांक 13.07.2012 को जारी होना तथा दिनांक 14.06.2015 तक के लिए वैध होना चालन अनुज्ञप्ति के दस्तावेज में उल्लेखित है। 
    22. अनावेदक ने वाहन चालक जोगेन्द्र गोड़ का चालन अनुज्ञप्ति क्रमांक 8453/2012 एवं 3294/1982 डी.टी.ओ. गया (...ट्रांसपोर्ट आफिसर) में पंजीकृत नहीं होना जवाबदावा में उल्लेखित किया है। अनावेदक ने उक्त अभिकथन के समर्थन में कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है। जोगेन्द्र गोड़ का चालन अनुज्ञप्ति पंजीकृत नहीं होने के संबंध में न तो किसी अन्वेषक की रिपोर्ट है, न तो शपथ पत्र है, न ही डी.टी.ओ. गया बिहार उक्त संबंध में कोई रिपोर्ट या उक्त कार्यालय का किसी व्यक्ति का अनावेदक के कथन के समर्थन का कोई साक्ष्य है। इस प्रकार अनावेदक बीमा कंपनी का यह अभिकथन कि वाहन चालक जोगेन्द्र गोड़ का चालन अनुज्ञप्ति क्रमांक 8453/2012 एवं 3294/1982 डी.टी.ओ. गया (बिहार) में पंजीबद्ध नहीं है प्रमाणित नहीं हुआ है। 
    23. परिवादी की ओर से प्रस्तुत दस्तावेज क्रमांक 6 वाहन चालक जोगेन्द्र गोड़ का चालन अनुज्ञप्ति में एल.एम.व्ही. एवं एच.जी.व्ही. वाहन चलाने के लिए दिनांक 14.06.2015 तक की वैधता अवधि का चालन अनुज्ञप्ति होना उल्लेखित है। परिवादी के स्वामित्व का वाहन लाईट गुड व्हीकल है, उसी रूप में दस्तावेज क्रमांक 3 अनुसार बीमा हुआ है। इस प्रकार परिवादी के स्वामित्व का वाहन क्रमांक सी.जी. 14 डी. 0269 स्पहीज हववक अमीपबसम होकर ज्तंदेचवतज अमीपबसम(ट्रांसपोर्ट व्हीकल) है, जैसा कि मोटर यान अधिनियम 1982 की धारा 2 (47) में परिभाषा उपबंधित है। 
    24. परिवादी के स्वामित्व की वाहन एक लाईट गुड व्हीकल है अर्थात् गुड केरीज व्हीकल है जो कि ट्रांसपोर्ट व्हीकल है तथा मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 10 में 1994 में किए संशोधन (क्रमांक 54/1994) प्रभावशील तिथि 14.11.1994 तथा केंद्रीय मोटर यान अधिनियम 1989 के नियम 14 में दिनांक 28.03.2001 के पश्चात् वाहन लाईट गुड व्हीकल जो ट्रांसपोर्ट व्हीकल है को चलाने के लिए ट्रांसपोर्ट व्हीकल चलाने का चालन अनुज्ञप्ति में पृष्ठांकन आवेदन देकर कराया जाना आवश्यक हो गया है। 
    25. मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 10 (2) अनुसार चालन अनुज्ञप्ति निम्नानुसार होना चाहिए । 
    ;1द्ध ३३३३ण्ण्        
;2द्ध । समंतदमतश्े सपबमदबम वतए ें जीम बेंम उंल इमए कतपअपदह सपबमदबम ेंसस ंसेव इम मगचतमेमक ें मदजपजसपदह जीम ीवसकमत जव कतपअम ं उवजवत अमीपबसम वि वदम वत उवतम वि जीम विससवूपदह बसेंमेए दंउमसलरू
        ;ंद्ध  उवजवत बलबसम ूपजीवनज हमंतए 
        ;इद्ध उवजवत बलबसम ूपजी हमंतए 
        ;बद्धपदअंसपक बंततपंहमए
        ;कद्ध सपहीज उवजवत अमीपबसमए
    2 ख्;मद्ध जतंदेचवतज अमीपबसमए, 
;पद्ध    तवंक.तवससमतए
;रद्ध    उवजवत अमीपबसम वि ं ेचमबपपिमक कमेबतपचजपवदए
वाहन चालक जोगेन्द्र के वाहन चालन अनुज्ञप्ति दस्तावेज क्रमांक 6 में ट्रांसपोर्ट व्हीकल चालन का पृश्ठांकन नहीं है। चालक जोगेन्द्र गोड़ के चालन अनुज्ञप्ति में एल.एम.व्ही. अर्थात (लाईट मोटर व्हीकल) तथा एच.जी.व्ही. अर्थात (हेवी गुड व्हीकल) चालन का पृश्ठांकन है। ज्तंदेचवतज अमीपबसम (ट्रांसपोर्ट व्हीकल) चालन का अनुज्ञप्ति होना प्रस्तुत दस्तावेज क्रमांक 6 चालन अनुज्ञप्ति में पृष्ठांकित नहीं है। चालन अनुज्ञप्ति दस्तावेज क्रमांक 6 में एच.जी.व्ही. पृश्ठांकित है, किंतु मोटर यान अधिनियम की धारा 1988 की धारा 10 (2) अनुसार उक्त एच.जी.व्ही. का पृष्ठांकन नहीं होता, बल्कि ज्तंदेचवतज अमीपबसमका पृश्ठांकन होता है, जो दस्तावेज क्रमांक 6 में नहीं है। 
    26. परिवादी के स्वामित्व की वाहन का पंजीयन प्रमाण पत्र दस्तावेज क्रमांक 1 अनुसार बुलेरो पिकप जिसका बिना लदान वनज 1,690 किलो ग्राम है अर्थात 7,500 किलो ग्राम से कम है से एक हल्का मोटर यान (लाईट मोटर व्हीकल) है। उक्त वाहन हल्का गुड व्हीकल के रूप में पंजीकृत एवं बीमित है, से परिवहन यान जिसके चालन के लिए ट्रांसपोर्ट व्हीकल चालन का चालन अनुज्ञप्ति होना आवश्यक है, जो परिवादी के वाहन के चालक जोगेंद्र गोड़ के चालन अनुज्ञप्ति दस्तावेज क्रमांक 6 में ट्रासपोर्ट व्हीकल चालन का अनुज्ञप्ति नहीं है, से जोगेंद्र गोड़ परिवादी के स्वामित्व की वाहन स्पहीज हववक अमीपबसमको दुर्घटना के समय चालन के लिए प्रभावशील चालन अनुज्ञप्ति नहीं था हम पाते हैं। 
    27. बीमा पालिसी दस्तावेज क्रमांक 3 अनुसार वाहन चालक के पास वैध एवं प्रभावशील चालन अनुज्ञप्ति होना एक आवश्यक शर्त है। दिनांक 10.01.2014 को चालक जोगेन्द्र के पास परिवादी के स्वामित्व की वाहन क्रमांक सी.जी. 14 डी. 0269 जो एक ट्रांसपोर्ट व्हीकल है, को चालन के लिए प्रभावशील चालन अनुज्ञप्ति नहीं था। 
    28. परिवादी द्वारा अनावेदक बीमा कंपनी के समक्ष प्रस्तुत दावा पत्र दिनांक 27.01.2014 को दिनांक 27.01.2015 दस्तावेज क्रमांक 24 से बीमा पालिसी के ड्रायव्हर क्लॉज ;क्तपअमतश्े ब्संनेमद्ध का उल्लंघन होने के आधार पर इंकार किया गया है, को बीमा पालिसी के नियम एवं शर्त अनुसार होना हम पाते हैं । 
29. इस प्रकार अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा परिवादी को पंजीकृत पत्र दिनांक 27.01.2015 दस्तावेज क्रमांक 24 द्वारा परिवादी के दावा को इंकार किया जाना भी बीमा पालिसी दस्तावेज क्रमांक 3 के नियम एवं शर्तों के अनुसार होने से, सेवा में कमी किया गया होना हम नहीं पाते हैं। तद्नुसार विचारणीय प्रश्न का निष्कर्ष ’’प्रमाणित नहीं’’ में हम देते हैं। 
30. अनावेदक बीमा कंपनी के विरूद्ध धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 अंतर्गत परिवादी द्वारा प्रस्तुत यह परिवाद अनावेदक द्वारा परिवादी के विरूद्ध सेवा में कमी किए जाने के आधार पर प्रमाणित नहीं हुआ है, फलस्वरूप परिवाद स्वीकार करने योग्य प्रमाणित नहीं हुआ है, निरस्त करने योग्य पाते हुए हम निरस्त करते हैं । 
31. प्रकरण की परिस्थितियों में पक्षकारगण अपना-अपना वादव्यय स्वयं वहन करेंगे।  

(श्रीमती अनामिका नन्दे)                                         (संजय कुमार सोनी)                                                      (बी0पी0पाण्डेय)
           सदस्य                                                                  सदस्य                                                                        अध्यक्ष
  जिला उपभोक्ता विवाद प्रति.                           जिला उपभोक्ता विवाद प्रति.                                     जिला उपभोक्ता विवाद प्रति.
  फोरम जशपुर (छ0ग0)                                        फोरम जशपुर ़(छ.ग.)                                        फोरम जशपुर (छ0ग0)

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE B.P.Pandey]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Sanjay Soni]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Anamika Nande]
MEMBER

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