Chhattisgarh

Janjgir-Champa

CC/14/5

MEJAR PRAFULL KUMAR YADAY - Complainant(s)

Versus

BM THE ORIENTAL INSURANCE CO LTD - Opp.Party(s)

SHRI CHANDRABHUSHAN KESHARWANI

09 Sep 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Janjgir-Champa
Judgement
 
Complaint Case No. CC/14/5
 
1. MEJAR PRAFULL KUMAR YADAY
GP RAHAUD PAMGARH
JANJGIR
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. BM THE ORIENTAL INSURANCE CO LTD
DIVISIONAL OFFICE GITANJALI BHAVAN NAIN ROAD KORBA
KORBA
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. BHISHMA PRASAD PANDEY PRESIDENT
 HON'BLE MR. MANISHANKAR GAURAHA MEMBER
 HON'BLE MRS. SHASHI RATHORE MEMBER
 
For the Complainant:
SHRI CHANDRABHUSHAN KESHARWANI
 
For the Opp. Party:
SHRI MUKESH PANDEY
 
ORDER

                                              जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर-चाॅपा (छ0ग0)
                         

                                                                                                 प्रकरण क्रमांक:- CC/2014/05
                                                                                                   प्रस्तुति दिनांक:- 25/01/2014


मेजर प्रफुल्ल कुमार यादव उम्र 30 साल पिता
श्री गयाराम यादव निवासी ग्राम पो. राहौद
तह. पामगढ़ जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग.                  ...................आवेदक/परिवादी
    
                       ( विरूद्ध )    
                  
दि आरिएण्टल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
द्वारा- शाखा प्रबंधक, मण्डल कार्यालय
गीतांजली भवन मेनरोड कोरबा
जिला कोरबा छ.ग.                                                 .........अनावेदक/विरोधी पक्षकार


                                                                 ///आदेश///
                                         ( आज दिनांक  09/09/2015 को पारित)

    1. आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदक के विरूद्ध अपने स्वामित्व की चोरी गए वाहन सोनालिका ट्रेक्टर क्रमांक सी.जी. 11/डी/2417 की कीमत 4,15,730/-रू. चोरी दिनांक से मय ब्याज, कृषि कार्य में हुई व्यवधान के कारण आर्थिक क्षति लगभग 3,00,000/-रू., शारीरिक एवं मानसिक क्षति हेतु 1,00,000/-रू. तथा वाद व्यय 10,000/-रू. एवं अन्य अनुतोष दिलाए जाने का दिनांक 25.01.2014 को प्रस्तुत किया है । 
2. प्रकरण में यह अविवादित तथ्य है कि आवेदक के स्वामित्व की वाहन सोनालिका ट्रेक्टर क्रमांक सी.जी. 11/डी/2417  जिसका चेचिस नंबर डी.जेड.क्यू.एस.सी. 218587/3 तथा इंजन नंबर 3/00 डी.एल. 03 आई. 219688 एफ./3, सोनालिका डी.आई. 734 ैब् अनावेदक के समक्ष पाॅलिसी क्रमांक 192490/47/11/421 के तहत बीमित थी । उक्त नये वाहन का आवेदक पंजीकृत स्वामी था, जिसका अनावेदक द्वारा बीमा किया गया था। अनावेदक ने आवेदक का दावा दिनांक 30.01.2012 को निरस्त कर दिया।
    3. अ. परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक वाहन सोनालिका ट्रेक्टर क्रमांक सी.जी. 11/डी/2417 का पंजीकृत स्वामी है, जिसका इंजन नंबर 3/00 डी.एल. 03 आई. 219688 एफ. 3, जो अनावेदक के पास बीमित है, जिसका पाॅलिसी क्रमांक 192490/47/11/421  है । उक्त ट्रेक्टर दिनांक 19.10.2011 की रात्री व दिनांक 20.10.2013 की सुबह किसी अज्ञात चोर द्वारा चोरी कर के ले गए, जिसकी जानकारी आवेदक के पिता गयाराम को होने पर अविलंब दिनांक 20.10.2011 को षिवरीनारायण थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया, जिसे अपराध क्रमांक 186/11 के अंतर्गत धारा 379 भा.द.वि. के तहत् पंजीकृत किया गया है। घटना के समय आवेदक रांची में अध्ययनरत होने के कारण स्वयं संबंधित विभाग में जाकर संपर्क नहीं कर पाया, किंतु उसके पिता के द्वारा तत्काल चोरी की सूचना मय प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति के साथ अनावेदक बीमा कंपनी के समक्ष प्रस्तुत किया था । 
    ब. आवेदक के पिता ने संबंधित कर्मचारी को सूचना दिया तो लेने से इंकार कर दिया एवं शपथ पत्र की मांग किया । शपथ पत्र बनवाकर प्रस्तुत करने को अनावष्यक विलंब की संज्ञा देकर आवेदक के दावा को दिनांक 30.01.2012 निरस्त किया गया । इस प्रकार अनावेदक द्वारा सेवा में कमी की गई, जिससे आवेदक को आर्थिक, शारीरिक, मानसिक परेषानी का सामना करना पड़ा।
स. आवेदक ने उक्त वाहन पंजाब नेषनल बैंक शाखा राहौद से ऋण लेकर खरीदा था, जिसकी अदायगी में छूट दिये जाने पर बैंक द्वारा ओव्हर ड्यूज का नोटिस दिया गया, जिसके लिए अनावेदक कंपनी जिम्मेदार है, जिसकी क्षतिपूर्ति अनावेदक से दिलायी जावे। अनावेदक के उक्त व्यवहार से आवेदक के कृषि कार्य में व्यवधान उत्पन्न हुआ एवं लगातार उत्पादन कम हुआ, जिससे आवेदक को लगभग 3,00,000/-रू. की आर्थिक क्षति एवं शारीरिक एवं मानसिक क्षति लगभग 1,00,000/-रू. की  हुई । 
द. अतः आवेदक ने अनावेदक से चोरी गए ट्रेक्टर की कीमत 4,15,730/-रू. चोरी दिनांक से मय ब्याज, कृषि कार्य में हुई क्षति के कारण आर्थिक क्षति लगभग 3,00,000/-रू., शारीरिक एवं मानसिक क्षति हेतु 1,00,000/-रू. तथा वाद व्यय 10,000/-रू. एवं अन्य अनुतोष दिलाए जाने का अनुरोध किया गया है । 
4. अ. अनावेदक ने जवाबदावा प्रस्तुत कर स्वीकृत तथ्यों को छोड़ शेष तथ्यों को इंकार करते हुए अभिकथन किया कि ऐसी किसी घटना की जानकारी अनावेदक को बीमा शर्तों के अनुसार निर्धारित समय सीमा 48 घण्टों के भीतर नहीं दी गई, जबकि बीमा पाॅलिसी में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि यदि वाहन चोरी होती है और उसकी जानकारी 48 घण्टों के अंदर कंपनी को नहीं दी जाती है तो कंपनी द्वारा किसी भी तरह का दावा स्वीकार नहीं किया जावेगा, जबकि उक्त घटना की जानकारी आवेदक या उसके पिताजी द्वारा कभी अनावेदक को नहीं दी गई है । उक्त संबंध में पंजाब नेषनल बैंक शाखा तरौद, शाखा प्रबंधक पत्र दिनांक 18.11.2011 के द्वारा अनावेदक को जानकारी हुई, जबकि घटना दिनांक 19.10.2011 का बताया गया है । साथ ही अनावेदक द्वारा कभी भी किसी तरह से शपथ पत्र की मांग नहीं की गई है । उक्त दावा खारिज के संबंध में दिनांक 24.11.2011 को ही आवेदक एवं बैंक को सूचित किया जा चुका था, जिससे किसी तरह से वाद कारण उत्पन्न नहीं होता और उक्त आवेदन समय बाधित होने से भी निरस्त किये जाने योग्य है ।  
ब.  अनावेदक ने अपने जवाबदावा में अतिरिक्त कथन करते हुए बताया है कि निर्धारित नियमानुसार वाहन चोरी होने की स्थिति में एफ.आई.आर., दावा प्रपत्र, आर.टी.ओ. को वाहन चोरी होने बाबत् सूचना एवं आर.टी.ओ. के समक्ष फोटो सहित शपथ पत्र, लेटर आॅफ अंडर टेकिंग, लेटर आॅफ सबरोटेषन (दोनों नोटरी पेपर पर नोटरीकृत), फार्म 28,29,30 एवं 35 सत्यापित, गाड़ी की दोनों चाबीयाॅं, मूल आर.सी.बुक., बीमा पाॅलिसी, थाने को वाहन चोरी बाबत् सूचना एवं मिलने पर सूचित करने संबंधी पत्र, धारा 173 द.प्र. संहिता के तहत न्यायालय से जारी एवं स्वीकृत जाॅच प्रतिवेदन (अत्यावष्यक) एवं अन्य संबंधित दस्तावेज विधिवत रूप से निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर कार्यालय में प्रस्तुत किया जाना आवष्यक होता है, जो इस प्रकरण में नहीं किया गया है । अतः अनावेदक ने आवेदक के आवेदन को विधि विपरीत एवं समय बाधित होने से निरस्त किए जाने का निवेदन किया गया है।
5. प्रकरण में उभय पक्ष को सुना गया है । अभिलेखगत सामग्री का परिषीलन किया गया है । 
विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
   क्या अनावेदक ने आवेदक का दावा निरस्त कर सेवा में कमी की है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न का सकारण निष्कर्ष:-
6. आवेदक ने वाहन सोनालिका ट्रेक्टर क्रमांक सी.जी. 11/डी/2417  जिसका चेचिस नंबर डी.जेड.क्यू.एस.सी. 218587/तीन तथा इंजन नंबर 3/00 डी.एल. 03 आई. 219688 एफ. 3, का स्वामी होना बताया है । मेसर्स श्री गणेष ट्रेक्टर चाॅपा रोड जांजगीर का कोटेषन दिनांक 05.11.2010 व के्रयी क्रेडिट मेमो दिनांक 31.12.2010 प्रस्तुत किया है । उक्त अनुसार आवेदक ने उक्त वाहन अपने स्वामित्व का होना प्रमाणित किया है । 
7. आवेदक के स्वामित्व की वाहन सोनालिका ट्रेक्टर क्रमांक सी.जी. 11/डी/2417  दिनांक 19-20.10.2011 की मध्य रात्रि चोरी हो गई थी, जिसकी सूचना दिनांक 20.10.2011 को पुलिस थाना षिवरीनारायण में दी गई थी, जिसकी प्रथम सूचना पत्र क्रमांक 186/11 20.10.2011 को दर्ज की गई, आवेदक ने प्रथम सूचना पत्र की कार्बन प्रति प्रकरण में संलग्न किया है। इस तरह उक्त दस्तावेज से समर्थित शपथ पत्र और आवेदक ने उसके स्वामित्व की वाहन दिनांक 19-20.10.2011 की मध्य रात्रि चोरी हो गई, जिसकी रिपोर्ट दिनांक 20.10.2011 को थाना षिवरीनारायण में दर्ज कराई स्थापित प्रमाणित करता है । 
8. आवेदक ने शपथ पत्र द्वारा बताया है कि उसके पिता द्वारा तत्काल चोरी होने की सूचना प्रथम सूचना पत्र की फोटोप्रति के साथ अनावेदक के समक्ष प्रस्तुत किया गया है । उक्त दावा प्रकरण की सुनवाई किए बिना दिनांक 30.01.2012 को एक लिखित सूचना पे्रषित कर निरस्त कर दिया गया, जिस पर अनावेदक ने शपथ पत्र से समर्थित जवाब दावा में अभिकथन किया है कि वाहन चोरी की जानकारी 45 घण्टे के अंदर अनावेदक कंपनी को आवेदक द्वारा नहीं दी गई । अनावेदक को पंजाब नेषनल बैंक शाखा तरौद के शाखा प्रबंधक के पत्र दिनांक 18.11.2011 से जानकारी हुई। दावा खारिजी के संबंध में दिनांक 24.11.2011 को ही आवेदक तथा बैंक को सूचित की गई थी । इस प्रकार अनावेदक ने आवेदक की ओर से उसके वाहन चोरी की सूचना अनावेदक को निर्धारित समय सीमा में नहीं किए जाने के आधार पर आवेदक का दावा निरस्त किया जाना बताया है । 
9. अनावेदक ने जवाब दावा तथा उसके समर्थन में आर.सी. परतेती का शपथ पत्र प्रस्तुत किया है । इसके अतिरिक्त कोई दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है, जबकि आवेदक ने अनावेदक द ओरिएण्टल इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा आवेदक को लिखा गया पत्र दिनांक 30.01.2012 प्रस्तुत किया है, जिसमें पाॅलिसी कंडिषन के आधार पर 48 घण्टा के अंदर वाहन चोरी की सूचना कार्यालय को न देते हुए तीन दिन बाद सूचना दी गई थी, इस आधार पर दावा फाईल को दिनांक 27.12.2011 को बंद कर दिया गया है की सूचना दी । उक्त पत्र दिनांक 30.01.2012 से अनावेदक ने आवेदक द्वारा उसके वाहन चोरी की सूचना तीन दिन बाद दिया जाना उल्लेख किया है, जबकि आवेदक ने प्रथम सूचना की रिपोर्ट की फोटोप्रति के साथ अनावेदक कंपनी को वाहन चोरी होने की सूचना तत्काल दिया जाना बताया है । 
10. आवेदक ने परिवाद के समर्थन में अनावेदक ओरिएण्टल इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा आवेदक को दिया गया पंजीकृत पत्र दिनांक 31.10.2011 की प्रति संलग्न किया है, जिसके अनुसार आवेदक ने दिनांक 22.10.2011 को वाहन सोनालिका ट्रेक्टर क्रमांक सी.जी. 11/डी/2417 की चोरी होने की लिखित सूचना अनावेदक को दिया जाना उल्लेख है तथा चोरी की घटना को दो दिन बाद रिपोर्ट किया जाना उल्लेखित है । 
11. अनावेदक द्वारा आवेदक को दिया गया पत्र दिनांक 31.10.2011 से स्पष्ट है कि आवेदक ने दिनांक 22.10.2011 को अपने वाहन चोरी होने की लिखित सूचना अनावेदक को दी थी ।  आवेदक द्वारा परिवाद के साथ प्रस्तुत दस्तावेजों को या उसके अंर्तवस्तु को इंकार/आक्षेप नहीं किया है।  आवेदक ने परिवाद पत्र तथा उसके समर्थन में  दिए शपथ पत्र एवं संलग्न प्रथम सूचना पत्र रिपोर्ट की प्रति से बताया है कि दिनांक 19-20.10.2011 की मध्य रात्रि वाहन चोरी हो गई थी, जिसकी सूचना दिनांक 20.10.2011 को थाना षिवरीनारायण में रिपोर्ट दर्ज करायी थी, जिससे आवेदक को दिनांक 20.10.2011 को वाहन चोरी होने की जानकारी हुई, जिससे अनावेदक को चोरी की सूचना देने का निर्धारित समय दिनांक 20.10.2011 से प्रारंभ होता है तथा उससे 48 घण्टा अर्थात 22.10.2011 तक की निर्धारित समयावधि में दिनांक 22.10.2011 को आवेदक ने वाहन की चोरी होने की लिखित सूचना अनावेदक द ओरिएण्टल इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड को नियमानुसार दे दी गई है । इस प्रकार प्रथम सूचना पत्र रिपार्ट दिनांक 20.10.2011 तथा अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा आवेदक को दिए पत्र दिनांक 31.10.2011 से वाहन चोरी होने की लिखित सूचना निर्धारित अवधि में अनावेदक कंपनी को दे दी गई है प्रथम दृष्टया हम पाते हैं । 
12. परिवादी/आवेदक की ओर से तर्क किया गया है कि वाहन चोरी होने की सूचना समय पर अनावेदक बीमा कंपनी को दी जा चुकी है। यदि चोरी की सूचना विलंब से प्राप्त हुई हो ऐसी स्थिति में भी आवेदक का संपूर्ण दावा अनावेदक निरस्त नहीं कर सकता, तर्क के समर्थन में द ओरिएण्टल इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड विरूद्ध श्रीमती गीता देवी 2014 (2) ब्ळस्श्र 10 (ब्ब्ब्) के न्याय दृष्टांत का अवलंब लिया गया है, जिसमें माननीय छ.ग. राज्य आयोग द्वारा अभिनिर्णित किया गया है कि केवल सूचना को विलंब से देने के आधार पर बीमा कंपनी को परिवादी/उत्तरवादी के पूरे दावा को अस्वीकार करने के बीमा कंपनी का आदेष उचित नहीं है । बीमा कंपनी द्वारा कम-से-कम नाॅन स्टैण्डर्ड आधार पर प्रतिकर के भुगतान के लिए अपेक्षित थी । 
13. इंष्योरंेस रेग्यूलेटरी एवं डवलपमेंट अथार्टी के परिपत्र क्रमांक प्त्क्।ध्भ्स्ज्भ्ध्डप्ैब्ध्ब्प्त्ध्ध्216ध्09ध्2011 दिनांक 20.09.2011 द्वारा बीमा कंपनी को निर्देषित किया गया है कि केवल विलंब से सूचना देने के आधार से अन्यथा दावा देय योग्य हो तो संपूर्ण दावा अस्वीकार नहीं करें । प्त्क्। के उक्त परिपत्र से भी स्पष्ट है कि परिवादी का दावा आवेदक/विरूद्ध पक्षकार बीमा कंपनी ने चोरी की सूचना विलंब से दी गई के एक मात्र आधार पर दावा इंकार किया है, से उक्त परिपत्र अनुसार भी आवेदक का दावा स्वीकार योग्य है । 
14. अनावेदक ने वाहन चोरी की सूचना विलंब से आवेदक द्वारा दिए जाने के आधार पर उसका संपूर्ण दावा अस्वीकार किया है, जबकि चोरी की घटना की लिखित सूचना अनावेदक को समय पर दिया जा चुका है। ऐसी स्थिति में अनावेदक द्वारा आवेदक का दावा इंकार किया जाना बीमा पाॅलिसी क्रमांक 192490/47/11/421  के तहत सेवा में कमी होना हम पाते हैं । 
15. आवेदक ने परिवाद में चोरी गए ट्रेक्टर की कीमत 4,15,730  ब्याज सहित अनावेदक से दिलाए जाने का निवेदन किया है । आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज बीमा पाॅलिसी के सेड्यूल अनुसार आवेदक के वाहन की कुल मूल्य 4,92,730/-रू. करते हुए कुल 6,235/-रू. का प्रीमियम अनावेदक ने दिनांक 17/18 जनवरी 2011 को प्राप्त किया था । 
16. आवेदक ने उसके वाहन चोरी होने की सूचना समय पर अनावेदक को देकर बीमा पाॅलिसी शर्तों का पालन किया है, फलस्वरूप परिवाद में उल्लेखित राषि 4,15,730/-रू. ट्रेक्टर की कीमत जैसा परिवाद में कीमत उल्लेखित किया गया है आवेदक पाने का अधिकारी होना हम पाते हैं । 
17. आवेदक ने कृषि कार्य के व्यवधान से आर्थिक क्षति 3,00,000/-रू. एवं शारीरिक व मानसिक क्षति 1,00,000/-रू. अनावेदक से दिलाए जाने का निवेदन परिवाद में किया है । आर्थिक क्षति का विस्तृत कोई विवरण आवेदक द्वारा प्रकट नहीं किया गया है । परिवाद में प्रकट तथ्यों से मानसिक क्षति 25,000/-रू. दिया जाना उचित व न्यायोचित हम पाते हैं तथा वादव्यय 2,000/-रू. दिलाया जाना उपयुक्त होगा। 
18. इस प्रकार हम पक्षकारों की ओर से किए अभिवचनों, प्रस्तुत साक्ष्य/प्रमाण तथा किए तर्क एवं अवलंबित न्याय दृष्टांत में अभिनिर्णित के प्रकाष में अनावेदक द्वारा उसके समक्ष आवेदक द्वारा वाहन चोरी होने की सूचना समय पर दिए जाने के बाद भी आवेदक का दावा स्वीकार न कर सेवा में कमी की गई है पाते हैं, फलस्वरूप विचारणीय प्रष्न का निष्कर्ष सकारात्मक रूप से ’’हाॅं’’ में देते हंै ।
19. अभिलेखगत सामग्री अंतर्गत अनावेदक के विरूद्ध आवेदक  द्वारा प्रस्तुत यह परिवाद स्वीकार करने योग्य होना पाते हैं, अतः स्वीकार         कर निम्नांकित निर्देष देने वाला आदेष करते हैं :- 
अ. अनावेदक चोरी गए वाहन सोनालिका ट्रेक्टर  पंजीयन क्रमांक सी.जी. 11/डी/2417 की कीमत 4,15,730/-रू. (चार लाख प्रद्रह हजार सात सौ तीस रूपये) आवेदक को तीस दिवस के भीतर प्रदान करेगा।  
ब.  अनावेदक उक्त राषि पर परिवाद प्रस्तुति दिनांक 25.01.2014 से अदायगी दिनांक तक 9 प्रतिषत वार्षिक साधारण ब्याज प्रदान करेगा।   
स. अनावेदक मानसिक क्षति का 25,000/-रू. (पच्चीस हजार रूपये) आवेदक को प्रदान करेगा । 
द. अनावेदक 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) वादव्यय का आवेदक को प्रदान करेगा ।  

           ( श्रीमती शशि राठौर)      (मणिशंकर गौरहा)        (बी.पी. पाण्डेय)     
                       सदस्य                           सदस्य                अध्यक्ष   

 
 
[HON'BLE MR. BHISHMA PRASAD PANDEY]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. MANISHANKAR GAURAHA]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. SHASHI RATHORE]
MEMBER

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