Uttar Pradesh

Aligarh

CC/38/2013

SUNHARI W/O BANWARILAL - Complainant(s)

Versus

BM LIC - Opp.Party(s)

12 Sep 2023

ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग
अलीगढ
 
Complaint Case No. CC/38/2013
( Date of Filing : 18 Feb 2013 )
 
1. SUNHARI W/O BANWARILAL
R/O FATEHPUR POST NARYANPUR DISTT ALIGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. BM LIC
PALWAL HARYANA
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. HASNAIN QURESHI PRESIDENT
 HON'BLE MR. ALOK UPADHYAYA MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Sep 2023
Final Order / Judgement

परिवाद संख्या   38 /2013

सुनहरी पुत्नी श्री बनवारी लाल निवासी फतहपुर,डाकखाना नरायनपुर तहसील खैर जिला अलीगढ

बनाम

  1. शाखा प्रबंधक, भारतीय जीवन बीमा निगम पिन्टैड शाखा 11 एच पलवल हरियाणा।
  2. मडंल प्रबंधक, भारतीय जीवन बीमा निगम मसूदाबाद, अलीगढ

उपस्थिति

श्री हसनैन कुरैशी, अध्यक्ष

श्री आलोक उपाध्याय, सदस्य

 

निर्णय

      1.वादी ने प्रतिवादी से रु0 26415/- मय 14 प्रतिशत वार्षिक व्याज की दर से भुगतान कराने हेतु परिवाद प्रस्तुत किया है और वाद व्यय रु0 4000/- भी भुगतान कराने की प्रार्थना की है।

 

2. संक्षेप में वादी का कथन है कि उसने भारतीय जीवन बीमा निगम की योजना के अन्तर्गत दि0 28.12.2006 को प्रतिवादी के एजेन्ट सुखदेव शर्मा के माध्यम से अपना 100000/- का बीमा कराया था । बीमा की पालिसी न0 1237742063 व प्लान न0 179/20 थे और पालिसी दि0 28.12.2026 को परिपक्व होनी थी । वादी ने 14.10.2011 तक किश्तो का भुगतान किया । उपभोक्ता द्वारा तीन बर्षो तक किश्तो का भुगतान करने के पश्चात  किश्ते अदा न करने पर पालिसी सरेन्डर करने की दशा में उपभोक्ता द्वारा जमा की गयी सपूर्ण किश्तो की धनराशि प्रतिवादी उपभोक्ता को अदा करेगा किन्तु वादी द्वारा किश्तो के रुपये वापिस करने पर केवल रु0 5557/ का भुगतान किया है तथा रु0 26415/- वकाया है जिसे प्रतिवादी ने अदा नहीं किया है।

3. प्रतिवादी  ने प्रतिवाद पत्र में कथन किया है कि वादी ने पालिसी न0 1237742063 लिखा है वह गलत है बल्कि सही पालिसी न. 123774263 है जो हरियाणा राज्य की पलवल शाखा से क्रय की है पालिसी का प्लान न0 179/20 दि0  28.12.06 से 100000/ रु0 बीमा कराया था उक्त पालिसी के अन्तर्गत दि0 28.6.2007 तक तीन किश्ते जमा की और उसके बाद कोई किस्त जमा न करने पर बीमा लेप्स हो गया । वादिनी के प्रार्थना पत्र दि.9.10.2011 के आधार पर पालिसी का मनी बैक कम पुनः चलन कराया गया। दि. 12.10.2011 को रु.16415/ जमा करने पर मनी बैक धनराशि रु. 10000/ का समायोजन कर पालिसी के अन्तर्गत पुनःचलन किया गया। तत्पश्चात पालिसी सरेन्डर करने हेतु दि.15.12.2012 को फ्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया और सरेन्डर वैल्यू फैक्टर के आधार पर दि0 22.12.2012 को  रु0 5557/- का भुगतान किया गया । इस प्रकार वादी की कोई भी देयता प्रतिवादी पर नहीं है।

 

      4 पक्षकारो ने अपने-अपने केस के समर्थन में  शपथ पत्र एवं प्रलेख दाखिल किये है।

5. वादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ । प्रतिवादी की ओर से तर्क सुने गये तथा पत्रावली का अवलोकन किया।

निष्कर्ष

      6. निर्विवाद रुप से वादी द्वारा दि0 28.12.2006 से अपना प्रतिवादी से रु0 100000/- का बीमा कराया था जो परिपक्व की अवस्था तक नहीं पहुँचा ।  वादी द्वारा पालिसी सरेन्डर करने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर प्रतिवादी द्वारा सरेन्डर वैल्यू रु0 5557/- वादी को भुगतान किया गया है जो बीमा संविदा की शर्तों के अनुरूप है।

      7. बीमा पालिसी एक संविदा है संविदा की शर्तो के अनुसार वादी पालिसी की सरेन्डर वैल्यू प्राप्त करने का अधिकारी है जिसका वादी को भुगतान कर दिया गया है ।अतः परिवाद  

निरस्त होने जाने योग्य है ।  

       

आदेश

      परिवाद निरस्त किया जाता है।

 
 
[HON'BLE MR. HASNAIN QURESHI]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. ALOK UPADHYAYA]
MEMBER
 

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