न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 28 सन् 2016ई0
प्रकाश चैरसिया पुत्र नरेन्द्र कुमार चैरसिया निवासी जहानपुर (रामपुर) पो0 भभौरा थाना चकिया जिला चन्दौली।
...........परिवादी बनाम
1-शाखा प्रबन्धक बजरंग एक्साइड बैट्री वक्र्स चन्दौली।
2-मे0 ए0के0 बैट्री एस-10/143-ए हुकुलगंज वाराणसी।
3-शाखा प्रबन्धक एक्साइड इण्डस्ट्रीज लि0 रजिस्टर्ड आफिस एक्साइड हाउस 59 ई कोइरिंग रोड कोलकाता 700020
.............................विपक्षी
उपस्थितिः-
रामजीत सिंह यादव, अध्यक्ष
लक्ष्मण स्वरूप सदस्य
निर्णय
द्वारा श्री रामजीत सिंह यादव,अध्यक्ष
1- परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण से आर्थिक व मानसिक क्षति की क्षतिपूर्ति हेतु रू0 50000/- एवं वाद व्यय हेतु रू0 2000/- दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया है।
2- परिवादी का संक्षेप में अभिकथन है कि उसने दिनांक 31-8-2015 को एक्साइड पावर सेफ प्लस बैट्री रू0 7760/- नगद देकर खरीदा था जिस पर 12 माह की वारण्टी थी परिवादी ने मे0 ए0के0 बैट्री (विपक्षी संख्या 2) से इसी शर्त पर बैट्री खरीदा था कि बैट्री में किसी प्रकार की खराबी होने पर उसकी निःशुल्क मरम्मत की जायेगी। उपरोक्त बैट्री दिनांक 11-9-2015 को खराब हो गयी तो बैट्री खरीदने के करीब 12 दिन बाद परिवादी ने उक्त बैट्री विपक्षी को दिखाया। विपक्षी ने कई बार परिवादी को अपनी दूकान पर बुलाया लेकिन मरम्मत नहीं किया और आजतक परिवादी की उक्त बैट्री खराब पडी हुई है जिससे परिवादी को आर्थिक एवं मानसिक क्षति हुई है। परिवादी ने इस सम्बन्ध में विपक्षी को विधिक नोटिस भी दिया लेकिन विपक्षी ने कोई क्षतिपूर्ति नहीं दिया तब परिवादी ने यह परिवाद दाखिल किया।
3- विपक्षीगण पर नोटिस का तामिला पर्याप्त रूप से हुआ और उन्होने उपस्थित होकर आपत्ति/जबाबदावा दाखिल किया। विपक्षी संख्या 1 ने परिवाद के अभिकथनों को अस्वीकार करते हुए संक्षेप में यह अभिकथन किया है कि परिवादी ने न तो उसके यहाॅं से कोई बैट्री क्रय किया है और न उसने परिवादी को कोई वारण्टी दिया है और न बैट्री क्रय करने की सलाह दिया है। परिवादी ने जो बैट्री खरीदा है वह विपक्षी संख्या 2 के यहाॅं से खरीदना कहा गया है। परिवादी ने मुकदमा का क्षेत्राधिकार चन्दौली जिला में करने हेतु विपक्षी संख्या 1 को पक्षकार बना दिया है जबकि इस फोरम को सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। बल्कि जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम वाराणसी को है। अतः परिवादी से विपक्षी को मानसिक व आर्थिक परेशानी हेतु रू0 10000/- क्षतिपूर्ति दिलाते हुए परिवादी का परिवाद खारिज किया जाय।
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4- विपक्षी संख्या 2 ने अपने जबाबदावा में इस तथ्य को स्वीकार किया है कि परिवादी ने उनके यहाॅं से परिवाद में वर्णित बैट्री खरीदा है किन्तु परिवाद के शेष अभिकथनों से इन्कार करते हुए संक्षेप में यह अभिकथन किया है कि दिनांक 31-8-2015 को परिवादी ने उनके यहाॅं से बैट्री खरीदा था जिस पर उन्होंने बताया कि कम्पनी के नियम के मुताबिक वारण्टी,गारण्टी व रिपेयरिंग दी जाती है और पक्की रसीद तथा वारण्टी कार्ड दिया जाता है जब परिवादी बैट्री लेकर विपक्षी संख्या 2 के पास आया तो चेक करने पर वह बैट्री फूली हुई थी तब कम्पनी के डीलर से फोन करके पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ओवर चार्जिग की वजह से बैट्री फूल जाती है।अतः फूली हुई बैट्री कम्पनी नहीं लेती है इसलिए रिपेयरिंग नहीं होगा यह बात परिवादी को बता दी गयी थी। विपक्षी का अभिकथन है कि इस परिवाद के सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम चन्दौली को नहीं है बल्कि जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम वाराणसी को है उनका यह भी कथन है कि परिवाद पोषणीय नहीं है और निरस्त किये जाने योग्य है।
5- इसी प्रकार विपक्षी संख्या 3 ने भी आपत्ति/जबाबदावा दाखिल करते हुए मुख्य रूप से यह अभिकथन किया गया है कि प्रस्तुत परिवाद पोषणीय नहीं है क्योंकि परिवादी उपभोक्ता नही है और उसे कोई वाद कारण प्राप्त नहीं है उसने तथ्यों को छिपाते हुए गलत अभिकथन के साथ परिवाद दाखिल किया है जिसके सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस फोरम को नहीं है। इस मुकदमें में तमाम पेचेदीगियाॅं है जिसके सम्बन्ध में तमाम गवाहों के बयान जिरह की आवश्यकता है और तथ्य तथा विधि के ऐसे प्रश्न निहित है जिनका निस्तारण दीवानी न्यायालय द्वारा ही किया जा सकता है। उपभोक्ता फोरम द्वारा नहीं। विपक्षी संख्या 3 ने कोई लापरवाही या सेवा में कमी नहीं किया है उनका यह भी कथन है कि परिवादी ने अपने नाम से कोई बैट्री नहीं खरीदा था बल्कि विपक्षी संख्या 2 ने दिनांक 31-8-2015 को मातृश्री पावरट्रोनिक्स प्रा0लि0 वाराणसी से 4 बैट्री खरीदा था। विपक्षी के संज्ञान में यह आया है कि परिवादी ने बैट्री का प्रयोग ई-बाइक में किया है जबकि वारण्टी में स्पष्ट प्राविधान है कि ई-बाइक तथा इनर्वटर आदि में इस्तेमाल करने पर बैट्री की कोई वारण्टी नहीं होगी। परिवादी ने बैट्री गलत ढंग से चार्ज किया जिसके कारण उसमे खराबी आ गयी है और इस आधार पर परिवादी को वारण्टी प्राप्त नहीं हो सकती। परिवादी बैट्री को कभी विपक्षी संख्या 3 के सर्विस सेन्टर पर नही ले गया था परिवादी ने कोई एक्सपर्ट ओपीनियन नहीं दाखिल किया है जिससे यह सिद्ध हो सके कि बैट्री में निर्माण सम्बन्धी कोई खराबी थी। अतः परिवादी का परिवाद खारिज करते हुए धारा-26 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत विपक्षी को रू0 10000/- दिलाया जाय तथा स्पेशल कास्ट के रूप में रू0 20000/- परिवादी से दिलाया जाय।
6- परिवादी की ओर से परिवादी प्रकाश चैरसिया का शपथ पत्र दाखिल किया गया है तथा फेहरिस्त के साथ दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में एक्साइड पावर सेफ प्लस का मूल वारण्टी कार्ड,मे0 ए0के0 बैट्री हुकुलगंज,वाराणसी की मूल
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क्रय रसीद,प्रकाश चैरसिया के आधार कार्ड की छायाप्रति,कानूनी नोटिस की कार्बन प्रति एवं रजिस्ट्री रसीद की छायाप्रति दाखिल की गयी है। इसके अतिरिक्त विपक्षी संख्या 1 की ओर से सन्तोष कुमार सिंह विपक्षी संख्या 2 की ओर से लक्ष्मण प्रसाद एवं विपक्षी संख्या 3 की ओर से रितेश बरनवाला एरिया मैनेजर का शपथ पत्र दाखिल किया गया है। कोई दस्तावेजी साक्ष्य दाखिल नहीं है।
7- पक्षकारों के अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी है। पक्षकारों द्वारा दाखिल लिखित तर्को तथा पत्रावली का सम्यक रूपेण परिशीलन किया गया।
8- परिवादी ने अपने अभिकथनों के समर्थन में अपना शपथ पत्र दाखिल किया है जिससे परिवाद के अभिकथनों की पूर्ण रूप से पुष्टि होती है इसके अतिरिक्त परिवादी ने विपक्षी संख्या2 से बैट्री क्रय करने की मूल रसीद तथा वारण्टी कार्ड भी दाखिल किया है तथा विपक्षी संख्या 2 ने भी अपने जबाबदावा में इस तथ्य को स्वीकार किया है कि परिवादी ने उनके यहाॅं से बैट्री दिनांक 31-8-2015 को खरीदी। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र एवं शपथ पत्र में स्पष्ट रूप से यह कहा है कि उसके द्वारा विपक्षी से खरीदी गयी बैट्री दिनांक 11-9-2015 को खराब हो गयी और काम करना बन्द कर दी तब वह उसकी मरम्मत कराने के लिए विपक्षी दूकानदार के पास गया लेकिन विपक्षी संख्या 2 उसे कई बार अपनी दूकान पर बुलाने के बावजूद बैट्री की मरम्मत नहीं किया और आज तक बैट्री खराब पडी हुई है जिससे परिवादी को आर्थिक एवं मानसिक क्षति कारित हुई है।
9- इसके विपरीत विपक्षी संख्या 2 ने परिवादी द्वारा बैट्री खरीदे जाने तथा बैट्री खराब होने पर विपक्षी के पास मरम्मत हेतु ले जाने के तथ्य को तो स्वीकार किया है किन्तु उनका अभिकथन है कि जब उन्होेने बैट्री को चेक किया तो बैट्री फूली हुई थी और जब उन्होने इस सम्बन्ध में कम्पनी के डीलर से पूछा तो डीलर ने बताया कि ओवर चार्जिग की वजह से बैट्री फूल जाती है इसलिए फूली हुई बैट्री कम्पनी द्वारा न तो वापस होती है और न ही रिपेयर होती है यहीं बात विपक्षी संख्या 2 ने परिवादी को भी बताया था।
10- इसी प्रकार विपक्षी संख्या 3 ने भी यह अभिकथन किया है कि परिवादी ने बैट्री का प्रयोग ई-बाइक में किया है जबकि वारण्टी में स्पष्ट प्राविधान है कि ई-बाइक/इनवर्टर आदि में प्रयोग करने पर बैट्री की कोई वारण्टी नहीं होगी। किन्तु विपक्षी संख्या 2 व 3 की ओर से ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिया गया है जिससे यह सिद्ध हो सके कि परिवादी ने बैट्री की ओवरचार्जिग की थी या फिर बैट्री का प्रयोग ई-बाइक में किया था। यहाॅं तक कि विपक्षी संख्या 2 व 3 की ओर से जो शपथ पत्र दाखिल किया गया है उसमे भी स्पष्ट रूप से कही यह नहीं कहा गया है कि परिवादी ने बैट्री ओवरचार्जिग किया था या उसका प्रयोग ई-बाइक में किया था क्योंकि विपक्षी संख्या 3 के शपथ पत्र में केवल यह कहा गया है कि अभिलेख के अनुसार उनके जबाबदावा के कथन सत्य है किन्तु उनकी ओर से ऐसा कोई अभिलेख दाखिल नहीं है जिससे यह सिद्ध हो सके कि परिवादी ने बैट्री का कोई
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दुरूपयोग किया था। इसी प्रकार विपक्षी संख्या 2 के शपथ पत्र में भी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया गया है कि बैट्री का किस प्रकार दुरूप्योग किया गया था।
11- यहाॅं यह तथ्य उल्लेखनीय है कि यह स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 2 से बैट्री दिनांक 31-8-2015 को खरीदा था और बैट्री खरीदने के मात्र 11 दिन बाद दिनांक 11-9-2015 को ही उक्त बैट्री खराब हो गयी जिसे ठीक कराने के लिए परिवादी विपक्षी संख्या 2 के यहाॅं गया था जैसा कि पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य से सिद्ध है। यह सिद्ध करने का भार विपक्षी संख्या 2 व 3 पर ही है कि परिवादी ने बैट्री की ओवर चार्जिग की थी या बैट्री का उपयोग ई-बाइक में किया था जिससे बैट्री खराब हो गयी थी किन्तु इस तथ्य को सिद्ध करने के लिए उनकी ओर से अभिकथन के अतिरिक्त कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं दिया गया है। अतः पत्रावली पर उपलब्ध समस्त साक्ष्यों के परिशीलन से यह स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या 2 से बैट्री खरीदने के मात्र 11 दिन बाद उसकी बैट्री खराब हो गयी जबकि वारण्टी पीरियड 12 महीने का था। पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे यह सिद्ध हो सके कि परिवादी की किसी गलती के कारण बैट्री खराब हुई है ऐसी स्थिति में विपक्षी संख्या 2 व 3 का यह दायित्व था कि वह वारण्टी पीरियड के अन्र्तगत बैट्री में आई खराबी को दूर करते या परिवादी को वारण्टी के अनुसार क्षतिपूर्ति करते किन्तु उनकी ओर से ऐसा कुछ नहीं किया गया है।
12- विपक्षी संख्या 2 व 3 की ओर से यह तर्क दिया गया है कि इस फोरम को सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है क्योंकि विपक्षी संख्या 2 व 3 चन्दौली जनपद में निवास नहीं करते है इसके जबाब में परिवादी के अधिवक्ता द्वारा यह तर्क दिया गया कि विपक्षी एक्साइड बैट्री कम्पनी है जिसका व्यवसाय पूरे भारत में होता है और चन्दौली जनपद में भी उनकी एक शाखा एक्साइड बैट्री वक्र्स के नाम से मौजूद है जिसे विपक्षी संख्या 1 के रूप में पक्षकार बनाया गया है चूंकि विपक्षी जनपद चन्दौली में व्यवसाय करते है इसलिए इस फोरम को प्रस्तुत मुकदमें की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त है। फोरम की राय में परिवादी के उपरोक्त तर्क में बल पाया जाता है क्योंकि एक्साइड बैट्री का व्यवसाय चन्दौली में भी होता है और इसीलिये परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 को पक्षकार बनाया है। अतः फोरम की राय में इस परिवाद के सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस फोरम को प्राप्त है।
13- उपरोक्त सम्पूर्ण विवेचन से यह स्पष्ट है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 2 से एक बैट्री रू0 7760/- में दिनांक 31-8-2015 को खरीदा था जो खरीदने के मात्र 11 दिन बाद दिनांक 11-9-2015 को ही खराब हो गयी और वारण्टी पीरियड में बैट्री खराब होने के बावजूद विपक्षी संख्या 2 व 3 द्वारा परिवादी की बैट्री न तो ठीक की गयी और न ही उसे बदलकर दूसरी बैट्री दी गयी। अतः इससे निश्चित रूप से परिवादी को आर्थिक एवं मानसिक क्षति कारित हुई है। अतः परिवादी को बैट्री का मूल्य 7760/-तथा शारीरिक एवं मानसिक क्षति हेतु रू0 2000/- एवं वाद व्यय के रूप में रू0 1000/- अर्थात कुल रू0 10760/-विपक्षी संख्या 2 व
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3 से दिलाया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। विपक्षी संख्या 1 की परिवादी के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं पाई जाती है।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या 2 व 3 के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 2 व 3 को आदेशित किया जाता है कि वे आज से एक माह के अन्दर परिवादी को उसके द्वारा खरीदी गयी बैट्री का मूल्य रू0 7760/-(सात हजार सात सौ साठ) तथा शारीरिक एवं मानसिक क्षति की क्षतिपूर्ति हेतु रू0 2000/-(दो हजार) तथा वाद व्यय के रूप में रू0 1000/-अर्थात कुल रू0 10760/-(दस हजार सात सौ साठ मात्र)अदा करे। यदि विपक्षी उक्त अवधि में उपरोक्त धनराशि परिवादी को अदा नहीं करते है तो उन्हें निर्णय की तिथि से पैसा अदा करने की तिथि तक इस धनराशि पर 8 प्रतिशत साधारण वार्षिक व्याज भी परिवादी को देना होगा।
(लक्ष्मण स्वरूप) (रामजीत सिंह यादव)
सदस्य अध्यक्ष
दिनांकः30-1-2018