Uttar Pradesh

Mahoba

88/13

GANGA PRASAD - Complainant(s)

Versus

BIRLA SUNLIFE - Opp.Party(s)

G.L.PANDEY

02 Jun 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 88/13
 
1. GANGA PRASAD
BARIGHAD
...........Complainant(s)
Versus
1. BIRLA SUNLIFE
BANDA
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE JANARDAN KUMAR GOAYAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. NEELA MISHRA MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

समक्ष न्‍यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा

परिवाद सं0-88/2013                        उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्‍यक्ष,

                                                       श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्‍य,

गायत्री पत्‍नी एवं वारिस स्‍व0 गंगा प्रसाद गुप्‍ता (मूल परिवादी) निवासी-ग्राम-बारीगढ तहसील-गौरिहार जनपद-छतरपुर म0प्र0 हाल निवासी-गांधीनगर महोबा पी0डब्‍लू0डी0 के पास तहसील व जिला-महोबा                                                          ......परिवादी                                 

बनाम

1.प्रबंधक,बिरला सन लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 बी-87 आवास विकास कालोनी बांदा जनपद-बांदा उ0प्र0 ।

2.हरनारायन सोनी पुत्र श्री कृष्‍ण कुमार सोनी एजेन्‍ट बिरला सन लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 निवासी-पठा रोड डिग्री कालेज के सामने शहर महोबा तहसील व जनपद- महोबा   ....विपक्षीगण 

निर्णय

श्री जनार्दन कुमार गोयल,अध्‍यक्ष,द्वारा उदधोषित

      मूल परिवादी गंगा प्रसाद गुप्‍ता द्वारा यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया । कालांतर में गंगा प्रसाद गुप्‍ता की मृत्‍यु होने पर उसकी पत्‍नी को वारिस प्रतिस्‍थापित किया गया है ।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी सं01 के एजेंट विपक्षी सं02 से बिरला सन लाइफ इंश्‍योरेंस ड्रीम प्‍लान पालिसी सं002183369 दि028.12.2008 में ली थी,जिसकी परि‍पक्‍वता तिथि 28.12.2018 थी,जिसमें प्रीमियम धनराशि 10,051.20 रू0 प्रतिवर्ष देय था । विपक्षी सं02 मूल परिवादी के पास आया था और उसने बताया था कि पांच साल में धन दोगुना हो जाता है और पांच वर्ष के पहले तुडवाने पर ब्‍याज लगाकर धनराशि वापस कर दी जायेगी । अक्‍टूबर,2008 को मु010051/-रू0 प्रथम प्रीमियम की किस्‍त परिवादी ने विपक्षी सं02 को दी थी,जिसे उसने हमीरपुर में विपक्षी की शाखा में जमा किया था और दिसम्‍बर,2008 में पालिसी प्रदान की गई थी । दिसम्‍बर,2009 में विपक्षी सं02 परिवादी के पास दूसरी किस्‍त लेने आया और परिवादी से 10051/-रू0 ले गया और बताया कि मैंने आपकी किस्‍त विपक्षी सं01 के यहां जमा कर दी है तथा उसने किस्‍त जमा होने की रसीद प्रदान की । इसी प्रकार परिवादी ने विपक्षी सं02 के माध्‍यम से तीसरी किस्‍त जमा की और रसीद प्राप्‍त की। इस पालिसी में तीन वर्ष तक किस्‍त जमा करना अनिवार्य था । परिवादी को पैसों की जरूरत पडी तो उसने विपक्षी सं02 से पालिसी तुडवाने की बात कही तो वह टाल-मटोल करने लगा । बहुत कहने पर उसने कहा कि आप स्‍वयं शाखा में चले जाओ और पालिसी तुडवाकर पैसे प्राप्‍त कर लो । परिवादी अपनी सभी किस्‍तों की जमा रसीदें लेकर विपक्षी सं01 के यहां गया तो उनके द्वारा बताया कि आपकी मात्र प्रथम किस्‍त हमीरपुर शाखा में जमा है अन्‍य कोई प्रीमियम जमा नहीं है तथा अन्‍य दोनों किस्‍तों की रसीदों को फर्जी बताया और यह भी बताया कि आपकी धनराशि कटकर मात्र 707/-रू0 रह गई है । परिवादी ने लौटकर विपक्षी सं02 को यह बताया और कहा कि आपने मेरी दोनों किस्‍तें जमा नहीं की गईं तो उसके द्वारा कहा गया कि उसने दोनों किस्‍तें जमा कीं हैं और कहा कि चलो मैं तुम्‍हें दिलवा दूंगा । पुन: परिवादी विपक्षी सं01 के पास गया तो वहां उसे प्रथम किस्‍त की रसीद की प्रतिलिपि प्रदान की गई । दि0 08.08.2013 को विपक्षी सं02 ने उसके साथ चलने से मना कर दिया । यह कृत्‍य विपक्षीगण की सेवा में त्रुटि एवं व्‍यापारिक कदाचरण है । अत: यह परिवाद परिवादी ने उसके द्वारा जमा की गई तीन किस्‍तों के प्रीमियम की धनराशि 30,000/-रू0 एवं उस पर 18 प्रतिशत ब्‍याज तथा मानसिक कष्‍ट के एवज में 40,000/-रू0,पालिसी में हुई क्षति 20,000/-रू0 तथा परिवाद व्‍यय के रूप में 5,000/-रू0 दिलाये जाने हेतु प्रस्‍तुत किया है ।    

विपक्षी सं01 ने जबाबदावा प्रस्‍तुत किया है और कथन किया कि विपक्षी एक पंजीकृत कंपनी है। फोरम को सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है । परिवादी स्‍वयं स्‍वच्‍छ हाथों से नहीं आया है । परिवादी ने मात्र एक प्रीमियम जमा किया है । परिवादी ने अनुबंध की शर्तों का उल्‍लंघन किया है । विपक्षी सं01 का अधिकृत एजेंट अवधेश कुमार है । परिवादी तथा विपक्षी सं02 के मध्‍य हुये संव्‍यवहार का विपक्षी सं01 से कोई मतलब नहीं है । परिवादी को प्रथम किस्‍त जमा होने के बाद अन्‍य किस्‍तें जमा न होने पर पालिसी लैप्‍स होने की कई बार सूचना दी गई । परिवादी ने पालिसी का पुर्नजीवन नहीं कराया । पालिसी की शर्तों के अनुसार पालिसी समाप्‍त हो जाने पर परिवादी को 707/-रू0 का चेक सं0393883 द्वारा अदा कर दिया गया । पालिसी के अंतर्गत तीन वर्ष तक प्रीमियम जमा करना आवश्‍यक था ।

विपक्षी सं02 के जबाबदावा के अनुसार परिवादी ने गलत तथ्‍यों पर परिवाद प्रस्‍तुत किया है । विपक्षी सं02 को परेशान करने के लिये उसने परिवाद प्रस्‍तुत किया है । विपक्षी सं02 विपक्षी सं01 का एजेंट नहीं है और कभी एजेंट नहीं रहा है । परिवादी द्वारा विपक्षी सं02 को कभी कोई प्रीमियम नहीं दिया । विपक्षी सं02 ने कभी कोई रसीद नहीं दी ।  

      मूल परिवादी ने अभिलेखीय साक्ष्‍य के अतिरिक्‍त स्‍वयं श्री गंगा प्रसाद गुप्‍ता का शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया है । विपक्षीगण के जबाबदावा आने के उपरांत कोई शपथ पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया ।

      विपक्षी सं01 की ओर से क्षमा प्रियदर्शिनी मुख्‍य प्रबंधक का शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया ।       

      पत्रावली का अवलोकन कियागया व पक्षकारोंके विद्वान अधिवक्‍तागणके एकपक्षीय तर्क सुने गये।

स्‍वीकृत तथ्‍य है कि परिवादी गंगा प्रसाद गुप्‍ता ने विपक्षीगण से पालिसी 10051/-रू0 जमा कर केदि0 28.12.2008 को ली ।

विवाद इस प्रश्‍न पर है कि परिवादी के अनुसार उसने दो अन्‍य किस्‍तें विपक्षी सं02 को दीं और उसने परिवादी को रसीदें दी लेकिन वास्‍तव में किस्‍तें कार्यालय में जमा नहीं कीं थीं । परिवादी विपक्षी सं0 2 को विपक्षी सं01 का एजेंट होना कहता है । विपक्षी सं02 ने इन सभी तथ्‍यों का स्‍पष्‍ट खण्‍डन किया है कि वह विपक्षी सं01 का कोई एजेंट नहीं है और उसने केाई पालिसी परिवादी को नहीं दिलायी और न ही कोई प्रीमियम लिया । परिवादी ने उसको परेशान करने हेतु यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया ।

विपक्षी सं01 की ओर से तर्क दिया गया है कि परिवादी का परिवाद महोबा फोरम के क्षेत्राधिकार न होने के कारण पोषणीय नहीं है क्‍योंकि प्रथम किस्‍त हमीरपुर में जमा की गई है और पालिसी छतरपुर शाखा द्वारा जारी की गई है और विपक्षी सं01 बांदा कार्यालय है । विपक्षी सं01 का कोई कार्यालय महोबा में नहीं है और न ही एजेंट जे0एफ0 1022 अवधेश कुमार का नाम प्रस्‍ताव फार्म में अंकित हे और विपक्षी सं01 ने अपने जबाबदावा की धारा-13 में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख किया है कि परिवादी ने इस तथ्‍य का खण्‍डन नहीं किया है और न ही ऐसी कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत की कि विपक्षी सं02 विपक्षी सं01 का एजेंट था । किसी पालिसी या रसीद में हरनारायन सोनी का नाम नहीं है । विपक्षी सं01 द्वारा तर्क दिया गया है कि मात्र महोबा में क्षेत्राधिकार बनाने हेतु हरनारायन सोनी को पक्षकार बनाया है । विपक्षी सं01 ने भी इसका सशपथ कथन किया गया है । इस प्रकार वाद का कारण महोबा में उत्‍पन्‍न नहीं हुआ है । विपक्षी सं02 विपक्षी सं01 का एजेंट नहीं है और विपक्षी सं01 का कोई शाखा कार्यालय महोबा में नहीं है इसलिये महोबा फोरम को सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है । विपक्षी सं02 का विपक्षी सं01 का एजेंट न होने के कारण विपक्षी सं01 विपक्षी सं02 के किसी कृत्‍य के लिये उत्‍तरदाई नहीं है । परिवादी ने प्रश्‍नगत पालिसी में मात्र एक किस्‍त जमा की है । जबकि तीन किस्‍त जमा करना आवश्‍यक था । पालिसी लैप्‍स हो गई उसे परिवादी ने पुर्नजीवित किये जाने का प्रयास नहीं किया । चेक सं0 393883 के द्वारा विपक्षी सं01 द्वारा धनराशि परिवादी को अदा करना कहा गया है जिसका स्‍पष्‍ट खण्‍डन परिवादी द्वारा नहीं किया गया कि उक्‍त धनराशि परिवादी को प्राप्‍त नहीं हुई है ।

उपरोक्‍त परिस्थितियों में फोरम महोबा को इस परिवाद को सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है । पालिसी लैप्‍स हो चुकी है । विपक्षी सं02 विपक्षी सं01 का एजेंट नहीं है । विपक्षी सं01 की कोई सेवा त्रुटि नहीं है । अत: परिवादी का परिवाद निरस्‍त किये जाने योग्‍य है ।  

                                    आदेश     

      परिवादी का परिवाद निरस्‍त किया जाता है । पक्षकार अपना अपना परिवाद व्‍यय स्‍वयं वहन करें ।

                      (श्रीमती नीला मिश्रा)                       (जनार्दन कुमार गोयल)

               सदस्‍या,                                   अध्‍यक्ष,

          जिला फोरम,महोबा।                        जिला फोरम,महोबा।

             02.06.2016                             02.06.2016

 

 

यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।

 

         (श्रीमती नीला मिश्रा)                       (जनार्दन कुमार गोयल)

               सदस्‍या,                                   अध्‍यक्ष,

          जिला फोरम,महोबा।                        जिला फोरम,महोबा।

             02.06.2016                             02.06.2016

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE JANARDAN KUMAR GOAYAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. NEELA MISHRA]
MEMBER

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