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Om Prakash Verma filed a consumer case on 17 Mar 2023 against Birendra Kumar Verma & U.P. Government in the Barabanki Consumer Court. The case no is CC/54/2018 and the judgment uploaded on 21 Mar 2023.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि 19.04.2018
अंतिम सुनवाई की तिथि 21.02.2023
निर्णय उद्घोषित किये जाने के तिथि 17.03.2023
परिवाद संख्याः 54/2018
ओम प्रकाश वर्मा पुत्र स्व0 विद्या प्रसाद निवासी ग्राम धधौरा पोस्ट राममड़ई तहसील फतेहपुर जिला-बाराबंकी।
द्वारा-श्री सुनील चन्द्र वर्मा, अधिवक्ता
बनाम
1. बीरेन्द्र कुमार वर्मा पुत्र नन्हा निवासी ग्राम गुरसेल पोस्ट-साढे़मऊ तहसील फतेहपुर जिला-बाराबंकी, प्रोपाइटर वर्मा कृषि सेवा केन्द्र गुरसेल फतेहपुर जिला-बाराबंकी।
2. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिला कृषि रक्षा अधिकारी, बाराबंकी।
द्वारा-श्री प्रदीप कुमार वर्मा, अधिवक्ता
समक्षः-
माननीय श्री संजय खरे, अध्यक्ष
माननीय श्रीमती मीना सिंह, सदस्य
माननीय डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य
उपस्थितः परिवादिनी की ओर से -श्री सुनील चन्द्र वर्मा, अधिवक्ता
विपक्षी सं0-01 की ओर से-श्री प्रदीप कुमार वर्मा, अधिवक्ता
विपक्षी सं0-02 की ओर से-कोई नहीं
द्वारा-मीना सिंह, सदस्य
निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद, विपक्षीगण के विरूद्व धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 प्रस्तुत कर परिवादी को विपक्षी से नष्ट पिपरमेन्ट फसल की क्षतिपूर्ति रू0 50,000/-तथा शारीरिक, मानसिक, आर्थिक उपचार हेतु रू0 50,000/-, परिवाद व्यय एवं अधिवक्ता शुल्क रू0 25,000/- दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया है।
परिवादी का परिवाद में कथन है कि विपक्षी संख्या-01 विपक्षी संख्या-02 के निरीक्षण व निगरानी में कीटनाशक दवाए व कृषि बीज का विक्रय करते है। परिवादी ने दिनांक 21.03.2018 को साढ़े तीन लीटर दवा टरगा सुपर कीमत रू0 6,195/-की विपक्षी संख्या-01 की दुकान से खरपतवार नष्ट करने हेतु विपक्षी के निर्देशानुसार क्रय किया था। परिवादी उक्त दवा टरगा सुपर को अपने 30 बीघा पिपरमेन्ट के खेत स्थित ग्राम धधौरा में खरपतवार नष्ट करने हेतु छिड़काव किया तो दवा के गलत प्रभाव से खरपतवार नष्ट होने के बजाय पिपरमेन्ट के पौधे झुलस गये जिससे परिवादी की 30 बीघा पिपरमेन्ट की फसल क्षतिग्रस्त हो गयी। पिपरमेन्ट की रोपाई, निराई, गोड़ाई व सिचाई तथा खाद आदि में परिवादी का लगभग रू0 50,000/-का नुकसान हुआ। परिवादी दिनांक 31.03.2018 को विपक्षी संख्या-01 से मिलकर नकली दवा देने की शिकायत की तो विपक्षी गन्दी-गन्दी गालियाँ दिया और लात-घूसों से परिवादी को मारा पीटा। परिवादी ने विपक्षी के विरूद्व मुकदमा दर्ज करने एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रार्थना पत्र दिनांक 03.04.2018 को जिला कृषि अधिकारी, बाराबंकी व पुलिस अधीक्षक, बाराबंकी को दिया था जिस पर अभी तक कार्यवाही नहीं की गई है। अतः परिवादी ने उक्त अनुतोष हेतु प्रस्तुत परिवाद योजित किया है।
परिवाद के समर्थन में शपथपत्र तथा साक्ष्य शपथपत्र पी0 डब्लू0-1, पी0 डब्लू0-2, व पी0 डब्लू0-3 दाखिल किया गया है।
परिवादी ने सूची से दो खतौनी, दवाई खरीद की रसीद दिनांक 21.03.2018 की छाया प्रति दाखिल किया है।
विपक्षी संख्या-01 द्वारा जवाबदावा दाखिल करते हुये परिवाद पत्र की धारा-1, 2 को स्वीकार किया है तथा धारा-3 लगायत 10 से इंकार किया है। विशेष कथन में विपक्षी सं0-01 का यह कथन है कि परिवादी चालाक, फितरतबाज, मुकदमेबाज व्यक्ति है। परिवादी को मेन्था फसल में खरपतवार नाशक दवा टरगा सुपर की बिक्री की गयी थी जो मेन्था फसल में खरपतवार नष्ट करने के लिये बहुत ही कारगर दवा है जिसका कोई दुष्प्रभाव फसल पर नहीं पड़ता है। परिवादी ने मेन्था के खेत में छिड़काव किये जाने के बाद गलत व असत्य तथ्यों के आधार पर विपक्षी संख्या-02 को शिकायती प्रार्थना पत्र दिनांक 04.04.2018 को दिया था जिस पर विपक्षी संख्या-02 द्वारा मौके पर जाकर परिवादी की मेन्था फसल के खेत को देखा गया जहाँ पर फसल को किसी प्रकार की क्षति का होना नहीं पाया तथा शिकायत गलत पाई गई। जिसकी लिखित सूचना परिवादी को विपक्षी संख्या-02 द्वारा दिनांक 13.04.2018 को पत्रांक 15/कृ0र0/जाँच/आख्या/2018-19 के माध्यम से प्राप्त करायी गयी और अपनी संतुष्टि के लिये विपक्षी संख्या-01 की दुकान से उक्त टरगा सुपर रसायन का नमूना लेकर जांच हेतु प्रयोगशाला भेजा गया जो बाद जांच पास/सही पाया गया। परिवादी ने कई फसलों में कीटनाशक डालने हेतु विपक्षी सं0-01 की दुकान से मु0 69,000/-का उधार क्रय किया था जो लगभग एक वर्ष से अधिक समय से बकाया चल रहा है। उपरोक्त धनराशि को हड़पने के लिये परिवादी ने यह परिवाद योजित किया है जो गलत व निराधार है। परिवाद सव्यय निरस्त करने की याचना की गई है। विपक्षी संख्या-01 द्वारा जवाबदावा के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया गया है।
विपक्षी संख्या-01 द्वारा सूची से कीटनाशक जांच रिपोर्ट दिनांक 03.05.2018, पत्र दिनांक 13.04.2018, प्रार्थना पत्र दिनांक 04.06.2018 तथा पाॅच अद्द रंगीन छाया चित्र व लेजर की छाया प्रति दाखिल किया गया है।
विपक्षी संख्या-02 द्वारा जवाबदावा में कहा गया है कि परिवाद की धारा-1 व 2 सही है। प्रतिवादी ने कीटनाशक खरपतवार दवा टरगा सुपर 5% EC मात्रा 3.500 मिली0 रू0 5,250/-में मे0 वर्मा कृषि सेवा केन्द्र गुरसेल फतेहपुर जनपद-बाराबंकी से खरीदा था। परिवादी ओम प्रकाश वर्मा द्वारा दिनांक 04.04.2018 को एक शिकायती प्रार्थना पत्र कार्यालय में प्रेषित किया गया जिसकी जांच कार्यालय के व0 प्रा0 सहायक ग्रुप बी श्री के0 पी0 शर्मा से कराई। श्री शर्मा ने दिनांक 09.04.2018 को मौके पर जाकर फसल का निरीक्षण किया। खेत/फसल में कोई खरपतवार मौजूद नहीं थे और न फसल की किसी प्रकार की कोई क्षति हुई है। उक्त रसायन का नमूना मे0 वर्मा कृषि सेवा केन्द्र गुरसेल से दिनांक 03.01.2017 को लिया गया जिसका विश्लेषण हेतु फर्टिलाइजर एण्ड पेस्टीसाइड क्वालिटी कन्ट्रोल लेब्रोटरी आलमबाग लखनऊ भेजा गया है। जिसका परिणाम FP/Lab/138 दिनांक 11 मार्च 2017 को मानक स्तर का प्राप्त हुआ है। परिवादी की फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। नकली दवा नहीं है। विपक्षी के विरूद्व कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है। जवाबदावा के साथ पत्र दिनांक 13.04.2018, परिवादी का प्रार्थना पत्र दिनांक 04.04.2018, प्रारूप-20 तथा पाँच रंगीन छाया चित्र दाखिल किया है।
परिवादी व विपक्षी संख्या-01 द्वारा लिखित बहस दाखिल की गई है।
सुनवाई के लिये नियत तिथि पर परिवादी तथा विपक्षी संख्या-01 के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हुये। उपस्थित विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथा पत्रावली पर प्रस्तुत किये गये साक्ष्यों/अभिलेखों का गहन परिशीलन किया।
प्रस्तुत परिवाद में परिवादी ने विपक्षी संख्या-01 से पिपरमेन्ट की फसल में खरपतवार नष्ट करने के लिये पेस्टीसाइड (टरगा सुपर) का क्रय दिनांक 21.03.2018 को किया था। परिवादी का कथन है कि दिये गये निर्देशों व सुझाव के अनुसार जब पेस्टीसाइड का छिड़काव किया गया तो पिपरमेन्ट के पौधे झुलस गये जिसे 30 बीघा पिपरमेन्ट की फसल ध्वस्त हो गई। जिसकी शिकायत दिनांक 31.03.2018 को विपक्षी संख्या-01 से करने पर उसके साथ र्दुव्यवहार किया गया। इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी बाराबंकी व पुलिस अधीक्षक, बाराबंकी को एक प्रार्थना पत्र दिनांक 03.04.2018 को आवश्यक कार्यवाही हेतु दिया गया था किन्तु विपक्षी के विरूद्व कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
परिवाद के प्रतिउत्तर में विपक्षी संख्या-01 का कथन है कि परिवादी को मेन्था फसल में खरपतवार नामक दवा टरगा सुपर की बिक्री की गई थी जो मेन्था फसल में खरपतवार नष्ट करने के लिये बहुत ही कारगर दवा जिसका कोई दुष्प्रभाव फसल पर नहीं पड़ता है। विपक्षी संख्या-02 द्वारा मेन्था फसल में किसी प्रकार की क्षति का होना नहीं पाया गया। उसकी दुकान से टरगा सुपर पावर का नमूना लेकर जाँच कराई गई जो जांचोपरान्त सही पाया गया।
परिवाद के प्रतिउत्तर में विपक्षी संख्या-02 का कथन निम्न प्रकार है:-
‘‘प्रतिवादी कीटनाशक खरपतवार दवा टरगा सुपर 5% EC मात्रा 3.500 मिली0 Rs. 5250.00 रूपये में मे0 वर्मा कृषि सेवा केन्द्र गुरसेल फतेहपुर जनपद-बाराबंकी से खरीदा था। प्रतिवादी ओम प्रकाश वर्मा ग्राम धधौरा थाना कोतवाली फतेहपुर ने दिनांक 04.04.2018 को एक शिकायती पत्र कार्यालय में प्रेषित किया जिसकी जांच अधोहस्ताक्षरी ने अपने कार्यालय के व0 प्रा0 सहायक ग्रुप-बी श्री के0 पी0 शर्मा से कराई। श्री शर्मा ने दिनांक 09.04.2018 को मौके पर जाकर फसल का निरीक्षण किया। खेत/फसल में कोई खरपतवार मौजूद नहीं था और न फसल को किसी प्रकार की कोई क्षति हुई है तथा अधोहस्ताक्षरी द्वारा उक्त रसायन का नमूना मे0 वर्मा कृषि सेवा केन्द्र गुरसेल से दिनांक 03.01.2017 को लिया गया जिसका विश्लेषण हेतु फर्टिलाइजर एण्ड पेस्टीसाइड क्वालिटी कन्ट्रोल लैब्रोटरी आलमबाग लखनऊ भेजा गया है। जिसका परिणाम FP/Lab/138 दिनांक 11 मार्च 2017 को मानक स्तर पर प्राप्त हुआ (छाया प्रति संलग्न है) प्रतिवादी के फसल का कोई नुकसान नहीं हुआ है इस लिए मुआवजे का कोई औचित्य नहीं है।‘‘ इसके अतिरिक्त विपक्षी संख्या-02 का कथन है कि विपक्षी संख्या-01 की दुकान व रसायन की जांच कराई गई, दवा मानक स्तर की पाई गई।
उपरोक्त विवेचन पर पाया गया कि प्रस्तुत प्रकरण में जिला कृषि रक्षा अधिकारी, बाराबंकी को परिवादी की फसल नष्ट होने के संबंध में शिकायत दिनांक 04.04.2018 प्राप्त होने के उपरान्त व0 प्रा0 सहायक गु्रप-बी कार्यालय जिला कृषि रक्षा अधिकारी बाराबंकी ने परिवादी के साथ खेत पर जाकर फसल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय खेत में कोई खरपतवार मौजूद नहीं पाया गया और न ही फसल को किसी प्रकार की क्षति होना पाया गया।
विपक्षी संख्या-02 के पत्र दिनांक 28.08.2018 में उल्लेख है कि विपक्षी संख्या-02 द्वारा विपक्षी संख्या-01 की दुकान से दिनांक 03.01.2017 को लिये गये रसायन का नमूना जो मानक स्तर का पाया गया और उससे फसल का कोई नुकसान नहीं हुआ है, परन्तु यह जांच आख्या परिवादी की शिकायत दर्ज कराने के एक वर्ष पूर्व लिये गये नमूने की है।
परिवादी द्वारा जिला कृषि रक्षा अधिकारी को शिकायत करने पर विपक्षी संख्या-02 जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने परिवादी को सूचित करते हुये पत्र दिनांक 13.04.2018 में उल्लेख किया है कि ‘‘ टरगा सुपर रसायन मेन्था की फसल में संस्तुत रसायन है जो कि नुकसान नहीं कर सकती है। रसायन की गुणवत्ता की जाँच के लिये टरगा सुपर का नमूना जांच के लिये प्रयोगशाला भेजा जा रहा है।‘‘ रसायन की जांच आख्या दिनांक 03.05.2018 प्रस्तुत की गई है। साथ ही विपक्षी संख्या-02 द्वारा परिवादी के समक्ष ही मौके पर फसल की जांच कराने पर फसल को किसी प्रकार की क्षति होना नहीं पाया गया।
परिवादी का यह तर्क है कि विपक्षी संख्या-01 द्वारा साक्ष्य में दाखिल फोटोग्राफ तथा विपक्षी संख्या-02 द्वारा जवाबदावे के साथ दाखिल फोटोग्राफ उसके खेत के नहीं है। जबकि विपक्षीगण का कथन है कि परिवादी की शिकायत पर उसके खेत का मुआयना परिवादी के साथ किया गया था। परिवादी ने विपक्षीगण द्वारा दाखिल फोटोग्राम के खंडन में अपने खेत के घटना के समय के फसल की स्थिति के संबंध में कोई फोटोग्राफ नहीं दाखिल किये है। परिवादी ने फोटोग्राफ में दिखाई दे रहे ट्रैक्टर व अन्य पहचान की वस्तुओं के संबंध में भी यह विशिष्ट रूप से स्पष्ट नहीं किया है कि फोटोग्राफ के दिन की उक्त स्थिति परिवादी के खेत की न रही हो। परिवादी के केवल मौखिक कथन के आधार पर विपक्षीगण द्वारा दाखिल फोटोग्राफ, मौका मुआयना रिपोर्ट तथा पेस्टीसाइड क्वालिटी कन्ट्रोल लेबोरेटरी, आलमबाग, लखनऊ की आख्या को गलत नहीं माना जा सकता।
उपरोक्त समस्त विवेचन से यह स्पष्ट है कि परिवादी अपने द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य से विपक्षी संख्या-01 से खरीदी गई दवा टरगा सुपर को अपने खेत में खरपतवार नष्ट करने के लिये छिड़कने पर परिवादी की पीपरमेन्ट की फसल क्षतिग्रस्त होना, परिवादी सिद्व नहीं कर सके है। अतः विपक्षी संख्या-01 द्वारा परिवादी को दिनांक 21.03.2018 को विक्रय की गई साढ़े तीन लीटर टरगा सुपर दवा की गुणवत्ता/मानक त्रुटिपूर्ण होना सिद्व नहीं होता है। अतः परिवादी परिवाद पत्र में याचित किसी अनुतोष को प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है।
तद्नुसार परिवादी का परिवाद पत्र निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवाद संख्या-54/2018 निरस्त किया जाता है।
(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी) (मीना सिंह) (संजय खरे)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
यह निर्णय आज दिनांक को आयोग के अध्यक्ष एंव सदस्य द्वारा खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी) (मीना सिंह) (संजय खरे)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
दिनांक 17.03.2023
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