Uttar Pradesh

StateCommission

A/2008/397

N I A Co - Complainant(s)

Versus

Bindra Auto Dealers - Opp.Party(s)

Ved Prakash & Neeraj Paliwal

30 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2008/397
( Date of Filing : 25 Feb 2008 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. N I A Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Bindra Auto Dealers
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 30 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-397/2008

दि न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेन्‍स कंपनी लि0

बनाम

मैसर्स बिन्‍दा आटो डीजल्‍स

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

दिनां : 30.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.    परिवाद संख्‍या-103/2006, बिन्‍दा आटो डीजल्‍स बनाम दि न्‍यू इण्डिया इंश्‍योरेंस कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, लखीमपुर-खीरी द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.1.2008 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री नीरज पालीवाल तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आशीष कुमार सिंह को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.    विद्वान जिला आयोग ने बीमित परिसर में जल भराव के कारण कारित हानि की मद में अंकन 2,06,503/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है।

3.    परिवादी द्वारा कुल 2,22,094/-रू0 की क्षतिपूर्ति की मांग की गई थी। दिनांक 21/22.9.2004 की रात्रि में लखमीपुर में तूफानी बारिश हुई थी, जिसका पानी परिवादी की दुकान में भी भर गया था, जिसके कारण मशीन तथा सामान खराब हुआ। इसी तथ्‍य को स्‍वीकार करते हुए विद्वान जिला आयोग ने सॉल्‍वेज की मद में अंकन 15,591/-रू0 की कटौती करने के  पश्‍चात  अंकन 2,06,503/-रू0 अदा करने का आदेश पारित किया है,

 

-2-

परन्‍तु निर्णय में कहीं पर भी अंकन 2,22,094/-रू0 की क्षति के संबंध में कोई आंकलन नहीं किया गया। परिवादी द्वारा जिस धनराशि की मांग की गई, उसी को ज्‍यौं का त्‍यौं अंकित कर दिया गया तथा यह उल्‍लेख किया गया कि दिनांक 23.9.2004 को अंकन 16,83,628/-रू0 का स्‍टॉक मौजूद था, परन्‍तु इस स्‍टॉक में से हानि कितने सामान की हुई, इस संबंध में कोई निष्‍कर्ष नहीं दिया गया।

4.    सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में यह उल्‍लेख किया है कि उनके द्वारा अकाउंट बुक, क्रय बिल, विक्रय बिल, कैश बुक, स्‍टॉक रजिस्‍टर, बैंक स्‍टेटमेंट की मांग की गई, परन्‍तु इनमें से कोई भी दस्‍तावेज उपलब्‍ध नहीं कराए गए। सर्वेयर द्वारा मौके पर फोटोग्राफ भी लिए गए तथा जो सामान सुरक्षित था, उसे अलग किया गया और क्षतिग्रस्‍त सामान की सूची स्‍टेटमेंट के अनुसार जितनी उपलब्‍ध हो सके, कराई गई। जून 2004 में अंकन 13,94,360/-रू0, जुलाई 2004 में अंकन 15,09,485/-रू0, अगस्‍त 2004 में अंकन 15,17,650/-रू0 तथा दिनांक 23.9.2004 को स्‍वंय परिवादी की घोषणा के अनुसार अंकन 16,83,628/-रू0 का स्‍टॉक बताया गया था, परन्‍तु सर्वेयर द्वारा केवल 46,170/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया था, जिसमें अंकन 15,591/-रू0 साल्‍वेज की मद में घटाए गए हैं, परन्‍तु साल्‍वेज की मद में अंकन 15,591/-रू0 की राशि घटाने का कोई विवरण सर्वेयर ने अपनी रिपोर्ट में प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। साल्‍वेज बीमा कंपनी अपने पास सुरक्षित रखने के लिए अधिकृत हो सकती है, परन्‍तु सर्वेयर द्वारा आंकलित सम्‍पूर्ण राशि अंकन 46,170/-रू0 अदा किए जाने का आदेश विधिसम्‍मत था, क्‍योंकि विद्वान जिला आयोग के समक्ष स्‍वंय का आंकलन करने के लिए साक्ष्‍य पत्रावली पर मौजूद नहीं है, केवल स्‍टॉक रजिस्‍टर के आधार पर क्षति का आंकलन विधिसम्‍मत नहीं कहा  जा  सकता। तदनुसार यह निर्णय/आदेश परिवर्तित होने और प्रस्‍तुत अपील

 

-3-

आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

5.    प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.01.2008 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी को क्षतिपूर्ति की मद में केवल 46,170/-रू0 की राशि देय होगी। सॉल्‍वेज को बीमा कंपनी स्‍वत: प्रयुक्‍त करने के लिए अधिकृत होगी। ब्‍याज तथा मानसिक प्रताड़ना की मद में पारित आदेश पुष्‍ट किया जाता है

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

  लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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