Bihar

Darbhanga

EX/05/13

SHAMBHU NATH - Complainant(s)

Versus

BIHAR STATE ELECTRICITY BOARD - Opp.Party(s)

SRI SHAKTESHWAR PRASAD

19 Dec 2019

ORDER

Heading1
Heading2
 
Execution Application No. EX/05/13
( Date of Filing : 04 Mar 2013 )
In
57/10
 
1. SHAMBHU NATH
VILL & PS- SIMRI, PO- KANSI, ANCHAL- SINGHWARA, DISTT- DARBHANGA
...........Appellant(s)
Versus
1. BIHAR STATE ELECTRICITY BOARD
VIDUYUT BHAWAN, BAILY ROAD, PATNA
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SRI SARVJEET PRESIDENT
 HON'BLE MR. Sri Ravindra Kumar MEMBER
 HON'BLE MRS. Dr. Mala Sinha MEMBER
 
For the Appellant:SRI SHAKTESHWAR PRASAD, Advocate
For the Respondent:
Dated : 19 Dec 2019
Final Order / Judgement

आदेश

1              जयपत्रधारी ने इस आशय का आवेदन धारा 27 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत दाखिल किया कि निर्णीतऋणी  ने इस फोरम द्वारा उपभोक्ता वाद सं० 57/2010 दिनांक 27.09.2012 को पारित आदेश का अनुपालन नहीं किया जबकि उन्हें आदेश पारित होने के 45 दिन के अंदर अनुपालन सुनिश्चित करना था। निर्णीतऋणी जानबूझ कर फोरम द्वारा पारित आदेश दिनांक 26.09.2012 का अनुपालन नहीं कर रहा है। अतः अनुरोध है कि धारा 27 के अंतर्गत निर्णीतऋणी के विरुद्ध उचित कार्यवाही करने की कृपा करे।

2              निर्णीतऋणी मामले में उपस्थित होकर अपना कारण पृच्छा दाखिल किया है, उसका कथन है कि उपभोक्ता वाद सं० 57/2010 में पारित आदेश दिनांक 26.09.2012 के विरुद्ध उसने माननीय राज्य आयोग में अपील किया था। जिसका नंबर 70/2013 था। उक्त अपील में माननीय राज्य आयोग ने ब्याज कि धनराशि घटा कर 4% वार्षिक कर दिया था।

3              निर्णीतऋणी का यह भी कथन है कि जिला फोरम द्वारा पारित आदेश दिनांक 26.09.2012 के आलोक में उसने 8063 रु० का भुगतान चेक नंबर 119638 दिनांक 17.12.2018 के SBI दरभंगा के माध्यम से भुगतान कर दिया है और आवेदक के बिजली आपूर्ति को दिनांक 21.02.2012 से नियमित कर दिया है। तब से जयपत्रधारी बिजली का उपभोग कर रहा है।

4              निर्णीतऋणी का यह भी कथन है कि बिजली बिल को सुधार दिया गया है। जयपत्रधारी द्वारा जो अधिक बिजली बिल की धनराशि जमा कर दिया गया है उसे आने वाले बिजली बिल के साथ समायोजित किया जा रहा है। मार्च 2019 के विधुत बिल को देखने से स्पष्ट है कि 5454.85 रु० देय बिजली बिल की धनराशि ऋणात्मक चल रहा है। अर्थात इतनी धनराशि अभी जयपत्रधारी का बिजली विभाग द्वारा समायोजित करना है। निर्णीतऋणी ने अक्टूबर 2019 का बिल दाखिल किया है जिसको देखने से स्पष्ट है कि 2763.78 रु० की धनराशि जयपत्रधारी का बिजली विभाग द्वारा अभी भी देय है।

5.            चूँकि जयपत्रधारी को जो धनराशि मिलनी है उसको वह अगले विधुत बिल में समायोजित नहीं करना चाहते है। अपितु उसका भुगतान चाहते है। ऐसी स्थिति में निर्णीतऋणी को यह आदेश दिया जाता है कि जो धनराशि उनपर देय है उसका भुगतान जयपत्रधारी को माननीय राज्य आयोग के आदेश के आलोक में नगद अथवा चेक से इस आदेश के पारित होने के 30 दिन के अंदर कर दें। ऐसा नहीं करने पर धारा 27 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधान के तहत उन्हें दंडित किया जायेगा।

 
 
[HON'BLE MR. SRI SARVJEET]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Sri Ravindra Kumar]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. Dr. Mala Sinha]
MEMBER
 

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