जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री महेन्द्र कुमार अग्रवाल - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 1021/2012
मनोज कुमार पुत्र श्री बजरंग लाल, उम्र 30 वर्ष, जाति कुमावत, निवासी 23, विकास नगर विस्तार, मुरलीपुरा, जयपुर Û
परिवादी
ं बनाम
1. BIG Cinemas पता बी-6, सिनेस्टार, सेन्ट्रल स्पाईन, विद्याधर नगर, जयपुर । जरिए प्रबंधक/प्रभारी अधिकारी/अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता ।
2 Reliance Mediaworks Limited, Filmcity Complex, Goregaon East, Mumbai400065ए जरिए प्रबंध निदेशक/निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी/अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री संदीप सैनी - परिवादी
श्री राकेश तिवाड़ी - विपक्षी सॅंख्या 1 व 2
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 29.08.12
आदेश दिनांक: 05.01.2015
यह परिवाद मनोज कुमार ने बिग सिनेमा व अन्य के विरूद्ध अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पेश किया है। परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी दिनंाक 11.08.2012 को विपक्षी सॅंख्या 1 के यहां फिल्म देखने गया और फिल्म देखने के दौरान प्यास लगी तो सिनेमा में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी इस कारण परिवादी ने विपक्षीगण के काउंटर से एक एक्वाफिना ब्राण्ड की एक लीटर की पानी की बोतल खरीदी । जिसके लिए विपक्षी सॅंख्या 1 ने इनवाईस जारी कर 30/- रूपए प्राप्त किए परन्तु पानी की बोतल को देखने पर पाया कि पानी की बोतल पर सभी कर सहित अधिकतम विक्रय मूल्य 16/- रूपए अंकित था और इस प्रकार विपक्षी सॅंख्या 1 ने अधिकतम विक्रय मूल्य से 14/- रूपए अधिक वसूल की जो बार-बार मांगे जाने पर भी वापिस नहीं लौटाए गए ना ही परिवादी को शिकायत पुस्तिका प्रदान की गई बल्कि परिवादी के साथ अभद्र व्यवहार किया गया जिससे परिवादी का कथन है कि उसे काफी मानसिक एवं शारीरिक वेदना हुई । परिवादी ने अधिक वसूल की गई राशि 14/- रूपए 11.08.2012 से अदायगी तक 24 प्रतिशत ब्याज सहित, शारीरिक व मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति स्वरूप 50,000/- रूपए एवं बतौर हर्जाना 25000/- रूपए, परिवाद व्यय एवं अधिवक्ता फीस के 6500/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षीगण की ओर से अपने जवाब में कहा गया है कि परिवादी का यह परिवाद गलत तथ्यों पर आधारित है । विपक्षीगण का कथन है कि थियेटर में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था की गई है इस सम्बन्ध में अधिशाषी अभियंता सार्वजनिक निर्माण, खण्ड प्रथम, जयपुर की वर्ष 2011 की निरीक्षण रिपोर्ट भी पेश की गई है । विपक्षीगण की ओर से अपने जवाब में आगे कहा गया है कि विपक्षीगण द्वारा सिनेमाधर में सभी दर्शकों की विभिन्न प्रकार की मूलभूत सेवाओं व उच्च गुणवत्ता का ध्यान रखा जाता है और परिवादी का यह कथन गलत है कि सिनेमा घर में मुफ्त पीने का पानी नहीं था । विपक्षीगण का यह कथन है कि सभी एक्वाफिना ब्राण्ड की पानी की बोतल निर्धारित दर पर ही बेची जाती हैं । इसके अलावा अलग से कोई चार्ज नहीं लिया जाता है तथा विपक्षीगण द्वारा परिवादी को एक्वाफिना ब्राण्ड पानी की बोतल 30/- रूपए में कभी नहीं बेची गई । परिवादी द्वारा परिवाद में दर्शाई गई बोतल की फोटो सम्बन्धित थियेटर/विपक्षीगण की नहीं है बल्कि परिवादी ने यह बोतल अन्यत्र स्थान से खरीद कर क्लेम लेने के उद्देश्य से झूठा मामला बनाकर पेश किया है । विपक्षीगण के थियेटर में शिकायत पुस्तिका को निर्धारित स्थान पर रखा गया है जो किसी व्यक्ति के मांगे जाने पर उपलब्ध करवाई जाती है । विपक्षीगण द्वारा परिवादी के साथ किसी प्रकार का अभद्र व्यवहार नहीं किया गया और परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध किसी भी थाने में अभद्र व्यवहार करने अथवा निश्चित राशि से अधिक राशि वसूल करने बाबत एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई है । विपक्षी संस्थान मल्टी नेशनल व लोकप्रिय संस्थान है । इस संस्थान के किसी भी कर्मचारी को ग्राहक के निर्देशों के अनुसार सेवा देने का परिक्षण दिया जाता है । किसी भी कर्मचारी द्वारा कभी भी किसी दर्शक के साथ अभद्र व्यवहार या अनुचित व्यापार नहीं किया जाता है तथा प्रत्येक ग्राहक को सही बिल बनाकर नियमानुसार दिया जाता है । विपक्षीगण द्वारा मिनरल वाटर की बोतल को निर्धारित दरों से अधिक दर पर नहीं बेचा गया और ना ही किसी प्रकार के नियमों का कोई उल्लंधन किया गया है इसलिए परिवादी का यह परिवाद गलत तथ्यों पर आधारित होने के कारण सव्यय खारिज किया जावे ।
हमने उभय पक्षों को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया ।
परिवादी की ओर से मुख्यत: यह बहस की गई है कि दिनांक 11.08.2012 को जब वह विपक्षी सॅख्या 1 के संस्थान मल्टीप्लैक्स बिग सिनेमा पर फिल्म देखने गयाय और उसने विपक्षीगण के काउंटर से एक्वाफिना ब्राण्ड की पानी की बोतल खरीदी तो विपक्षी सॅंख्या 1 ने इन्वाईस सॅंख्या 050542 जारी कर के 30/- रूपए प्राप्त कर लिए परन्तु जब परिवादी ने भुगतान करने के पश्चात पानी की बोतल देखी तो पानी की बोतल पर सभी कर सहित अधिकतम मूल्य 16/- रूपए अंकित था । इस प्रकार विपक्षी सॅंख्या 1 ने पानी की बोतल पर अधिकतम विक्रय मूल्य से 14/- रूपए अधिक प्राप्त कर के अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस की है । परिवादी की ओर सेे यह भी कथन है कि जब उसने विपक्षी सॅंख्या 1 को इस बात की शिकायत की तो उन्होंने पानी की बोतल वापिस लेने अथवा अधिक वसूली गई रकम वापिस करने से इंकार कर दिया और उसके साथ अभद्र व्यवहार किया तथा शिकायत पुस्तिका मांगने पर शिकायत पुस्तिका भी उपलब्ध नहीं करवाई ।विपक्षी सॅंख्या 1 के संस्थान पर जो काउंटर बनाया गया है वह विपक्षी सॅंख्या 1 के निर्देश में कार्य करता है और विपक्षी सॅंख्या 1 मल्टीप्लैक्स सिनेमा विपक्षी सॅंख्या 2 का है इसलिए विपक्षी सॅंख्या 1 व 2 अधिक वसूल की गई रकम को लौटाने एवं परिवादी को हुए मानसिक संताप के लिए क्षतिपूर्ति व परिवाद व्यय देने के लिए उत्तरदायी है ।
परिवादी की ओर से हमारा ध्यान प्ट;2008द्ध सी पी जे पृष्ठ 582 राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, जयपुर के न्याय निर्णय एन्टरटेनमेन्ट पेराडाईज (ई.पी.) बनाम भवनेश कुमावत , प्प् ;2007द्ध सी पी जे 96 जैका बाजार बनाम हेमन्त गोयल दिल्ली राज्य आयोग का न्याय निर्णय, 2003 एन सी जे 334 (एन सी) नेशनल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड बनाम शाह क्लाॅथ हाउस राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली का न्याय निर्णय, 2011 एन सी जे 46 (एन सी) होटल न्याय मंदिर बनाम इश्वर लाल जिनाभाई देसाई राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली के न्याय निर्णय की ओर दिलवाया गया है । इसके अलावा उन्होंने वित्त विभाग द्वारा दी राजस्थान वेल्यू एड्डेड टैक्स रूल्स, 2006 तथा दी लीगल मेट्रोलाॅजी (पैकेज कोमोडिटिज) रूल्स, 2011 की प्रति पेश की है।
विपक्षीगण की ओर से यह बहस की गई कि सिनेमा घर पर दर्शकों के लिए मुफ्त पीने के पानी की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करवाई हुई है तथा विपक्षी सॅंख्या 1 सिनेमा घर के काउंटर पर किसी भी सेण्डवीच, कोल्डड्रिंक व अन्य सामान अंकित अधिकतम मूल्य से अधिक राशि पर नहीं बेचा जाता है तथा परिवादी को एक्वाफिना ब्राण्ड पानी की बोतल निर्धारित दर पर ही बेची गई जो 30/- रूपए की है । परिवादी द्वारा परिवाद में दर्शाई गईपानी की बोतल कभी विपक्षी सॅंख्या 1 के काउंटर पर विक्रय नहीं की गई । परिवादी ने यह पानी की बोतल अन्य किसी संस्थान से खरीद कर क्लेम प्राप्त करने के उद्देश्य से यह झूठा परिवाद पेश किया है । परिवादी के साथ किसी प्रकार का कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया गया है और ना ही किसी प्रकार के नियमों का कोई उल्लंधन किया गया है । विपक्षीगण की ओर से हमारा ध्यान माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटिशन (सी) 6517/03 और 14691-16927/05 दी फेडरेशन आॅफ होटल्स एण्ड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आॅफ इण्डिया एण्ड अदर्स बनाम यूनियन आॅफ इण्डिया (यू ओ आई) एण्ड अदर्स व कम्पीटिशन कमीशन आॅफ इण्डिया द्वारा केस नंबर यी टी पी ई 99/2009 कन्ज्यूमर गाईडेन्स सोसायटी बनाम हिन्दुस्तान कोका कोला बेवरीज प्रा0 लि0 में दिनांक 23 मई 2011 को पारित आदेश की प्रति पेश की है ।
हमने उभय पक्षों के तथ्यों पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया । पेश किए गए न्यायिक दृष्टांतों का सावधानीपूर्वक अवलोकन किया ।
परिवादी अपने परिवाद में यह बात स्पष्ट रूप से कह कर आया है कि दिनांक 11.08.2012 को जब वह विपक्षी सॅंख्या 1 के यहां फिल्म देखने गया और उसने विपक्षी सॅंख्या 1 के काउंटर से एक्वाफिना ब्राण्ड की पानी की बोतल खरीदी तो विपक्षी सॅंख्या 1 ने उक्त पानी की बोतल के 30/- रूपए प्राप्त कर बिल जारी किया । परिवादी ने विपक्षी सॅंख्या 1 काउंटर द्वारा जारी की गई रसीद की फोटोप्रति पेश की है । विपक्षी सॅंख्या 1 ने प्रदर्श-1 बिल जारी किए जाने के सम्बन्ध में कोई आपत्ति नहीं की है कि उनके द्वारा यह बिल जारी नहीं किया गया है बल्कि उनका यह कथन है कि उनके द्वारा अधिकतम मूल्य पर ही पदार्थो की बिक्री की जाती है और परिवादी द्वारा जिस पानी की बोतल का फोटोग्राफ पेश किया गया है वह पानी की बोतल विपक्षी सॅंख्या 1 के यहां बने काउंटर से खरीद नहीं की गई है ।
हम विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा उठाई गई इस आपत्ति से सहमति प्रकट नहीं करते हैं क्योंकि परिवादी का विपक्षी सॅंख्या 1 के काउंटर के कर्मचारियों से किसी प्रकार का कोई पूर्व में विवाद होना हमाने सामने नहीं आया है । इस प्रकार परिवादी की ओर से पेश की गई साक्ष्य से यह बात प्रमाणित है कि विपक्षी सॅंख्या 1 के यहां बने काउंटर से जो परिवादी को बोतल 30/- रूपए में बेची गई उस पर अधिकतम मूल्य 16/- रूपए अंकित था ।
परिवादी की ओर से जो न्यायिक दृष्टांत हमारे समक्ष पेश किए गए हैं उनमें माननीय राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, जयपुर द्वारा प्ट;2008द्ध सी पी जे पृष्ठ 582 एन्टरटेनमेन्ट पेराडाईज (ई.पी.) बनाम भवनेश कुमावत के मामले में जो निर्णय दिया गया है उसमें माननीय राजस्थान राज्य आयोग, जयपुर द्वारा मिनरल वाटर की बोतल के 10/- रूपए के स्थान पर 13 रूपए 33 पैसे चार्ज किए गए जिसको अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस माना है और माननीय राजस्थान राज्य आयोग ने परिवादी को अधिक वसूल की गई राशि मय ब्याज तथा क्षतिपूर्ति दिलवाए जाने के आदेश पारित किए हैं । माननीय राजस्थान राज्य आयोग द्वारा पारित किया गया निर्णय इस प्रकरण पर पूरी तरह लागू होता है ।
परिवादी द्वारा पेश की गई साक्ष्य से यह बात प्रमाणित है कि विपक्षी सॅंख्या 1 द्वारा परिवादी को एक्वाफिना ब्राण्ड मिनरल वाटर की बोतल 16/- रूपए के स्थान पर जरिए बिल प्रदर्श-1 30/- रूपए में अर्थात 14/- रूपए अधिक वसूल कर बेची गई जो कि अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस की परिभाषा में आता है ।
विपक्षी की ओर से जो न्यायिक दृष्टांत प्रस्तुत किए गए हैं हमने उनका सावधानीपूर्वक अवलोकन किया । प्रत्येक न्यायिक दृष्टांत अपने तथ्यों पर आधारित होता है । तथ्यों की भिन्नता के कारण विपक्षी की ओर से प्रस्तुत न्यायिक दृष्टांत इस प्रकरण पर लागू नहीं होते हैं ।
उपरोक्त समस्त विवेचन केे आधार पर मंच की राय में विपक्षी सॅंख्या 1 द्वारा एक्वाफिना ब्राण्ड पानी की बोतल परिवादी को 14/- रूपए अधिकतम मूल्य से अधिक राशि लेकर बेची गई है जो अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस की परिभाषा में आता है । इसलिए परिवादी का परिवाद विरूद्ध विपक्षीगण स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि विपक्षीगण संयुक्त व पृथक-पृथक रूप से उत्तरदायी होते हुए परिवादी को उससे अधिक वसूल की गई राशि 14/- रूपए अक्षरे चैदह रूपए आज से एक माह की अवधि मंे अदा करेंगे अन्यथा परिवादी इस राशि पर परिवाद पेश करने की दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेंगे। परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।
निर्णय आज दिनांक 05.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (महेन्द्र कुमार अग्रवाल)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष