Rajasthan

Ajmer

CC/188/2016

TARUN AGRAWAL - Complainant(s)

Versus

BIG BAZAR - Opp.Party(s)

SELF

18 Jan 2017

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/188/2016
 
1. TARUN AGRAWAL
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. BIG BAZAR
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 18 Jan 2017
Final Order / Judgement

जिला    मंच,     उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

तरूण अग्रवाल , 332/31, पटेल नगर, तोपदड़ा, अजमेर । 
                                                -         प्रार्थी

                           बनाम

मैनेजर, बिग बाजार(फ्यूचर रिटेल लिमिटेड) बिग बाजार ओएसिस माॅल, ब्लाॅक -ए, राजीव सर्किल, पंचषील मार्ग, अजमेर-305004   

                                              -       अप्रार्थी 
                 परिवाद संख्या 188/2016  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री एस.के.गोयल, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री सीमान्त भारद्वाज, अधिवक्ता अप्रार्थी 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 31.01.2017
 
1.             संक्षिप्त तथ्यानुसार  प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी से दिनांक 4.9.2015 को रामदेव कम्पनी का 100 ग्राम का जो धनिया पाउडर क्रय किया, उसके खरीद बिल संख्या 0017868 में राषि रू. 30.60 पै का  अप्रार्थी द्वारा राउडिंग एडजेस्टमेंट कर उससे रू. 31/-  प्राप्त किए जाने का  उसने विरोध किया । साथ ही अप्रार्थी द्वारा ज्ीम स्महंस डमजतवसवहल ;च्ंबांहमक बवउउवकपजपमेद्धत्नसमे  ,2011 का भी उल्लंघन किया है । अप्रार्थी द्वारा  प्रष्नगत बिल के माध्यम से अधिक राषि प्राप्त कर लिए जाने को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।   
2.    अप्रार्थी ने जवाब प्रस्तुत कर दर्षाया है कि  उत्तरदाता द्वारा अपने उपभोक्ताओं  को सही जानकारी, उचित बिल व अन्य जानकारी अविलम्ब उपलब्ध करवाई जाती है, प्रष्नगत मामले में भी उत्तरदाता का ऐसा ही कृत्य रहा है जबकि प्रार्थी ने उत्तरदाता के स्टोर से  उत्पाद खरीदने के बाद  सारी कहानी    तैयार की है ।  क्योंकि प्रार्थी ने उत्तरदाता के यहां से जानबूझकर  ऐसा उत्पाद क्रय किया है जिसका मूल्य राउण्ड आॅफ होता हो  अन्यथा 100 ग्राम धनिया पाउडर  क्रय करने के लिए कोई 8 कि.मी दूर आएगा ।  आगे यह कथन किया है कि   भारतीय रिजर्व बैंक  द्वारा  भारत सरकार के गजट नोटिफिकेषन संख्या एस.ओ. 2978(ई) दिनंाक 20.12.2010 से 50 पैसे से कम छोटे सिक्के बंद कर दिए जाने के कारण उत्तरदाता ने प्रार्थी को प्रष्नगत बिल में अंकित राषि के 40 पैसे की बजाय 50 पैसे  लौटाने चाहे किन्तु प्रार्थी उक्त राषि को राउण्ड आफ करवाने पर आमादा था , इसी कारण प्रार्थी ने 50 पैसे लेने से इन्कार कर दिया ।  इसी  वजह से  उत्तरदाता के पास  40 पैसे लौटाने का कोई विकल्प नहीं था  और रू. 1/- लौटाने में असमर्थ था ।  इस प्रकार उसके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए  श्री योगेष षर्मा, मैेनेजर ने अपना ष्षपथपत्र पेष किया है । 
3.    प्रार्थी का तर्क है कि उसके द्वारा अप्रार्थी से सामान की खरीद की एवज में रू. 30. 60 पै. का बिल जारी करते हुए  40 पै. को  राउडिंग एडजेस्टमेंट कर कुल राषि रू. 31/- ली गई जबकि  ऐसा किया जाना पूर्णतया अनुचित था । उसके द्वारा ज्ीम स्महंस डमजतवसवहल ;च्ंबांहमक बवउउवकपजपमेद्धत्नसमे  ,2011 का भी हवाला  देते हुए  इसका उल्लंघन किया जाना बताया था तथा विक्रेता का उक्त कृत्य सेवा दोष की श्रेणी में आना बताते हुए परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य बताया है  । 
4.    अप्रार्थी ने खण्डन में  तर्क प्रस्तुत किया कि प्रार्थी को उत्पाद मूल्य रू. 30.60 पै.को ध्यान में रखते हुए षेष 40 पै. की बजाय 50 पै.  लौटाना चाहे जबकि प्रार्थी का एक रूपया राउण्ड आफ करवाने की जिद करना  तथा 50 पै. लेने से इन्कार कर दिया जाना बताया । तर्क प्रस्तुत किया गया कि उसके पास 40 पै. लौटाने का भी कोई विकल्प नहीं था व रू. 1/- लौटाने में  वह असमर्थ  था । अप्रार्थी ने 40 पै. के रूप में टाॅफी भी देनी चाही जिसे  प्रार्थी ने   लेने से इन्कार  कर दिया । कुल मिलाकर उनका तर्क है कि प्रार्थी ने  मनगढन्त आरोप लगाते हुए परिवाद प्रस्तुत किया है जो स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है । 
5.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए है एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
6.    प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी से प्रष्नगत उत्पाद का खरीद किया जाना तथा इसकी एवज में रू. 30.60 पै.का बिल दिया जाना विवादित नहीं है , क्योंकि प्रस्तुत बिल को देखने से यह स्पष्ट है कि विवाद मात्र 60 पै.  के स्थान पर प्रार्थी के कथन अनुसार उससे  विधिक प्रावधानों के प्रकाष में 50 पै. लिया जाना अपेक्षित था जबकि राउण्ड आफ करते हुए रू. 1/-  जोड़कर उससे रू. 31/- वसूल किए है ।  अप्रार्थी के अनुसार  60 पै.  की राषि को राउण्ड आफ करते हुए उसके द्वारा 50 पै. लौटाने चाहिए थे । प्रार्थी जबरन  रू. 1/- राउण्ड आफ  करवाना चाहता था  औैर  उसने  50 पै. लेने से इन्कार कर दिया ।  
7.     प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत ज्ीम स्महंस डमजतवसवहल ;च्ंबांहमक बवउउवकपजपमेद्धत्नसमे  ,2011 के अन्तर्गत त्मजंपस ैंसम च्तपबम की परिभाषा  में 50 पै.  से कम की राषि होने पर राउण्डेड आफ किया जाकर पहले वाले रूपए की गणना की जाएगी तथा 50 पै. से 95 पै. तक की स्थिति में 50 पै. राउण्डेड आफ किए जाएगें ।  इस प्रकार उत्पाद यदि रू. 30.60 पै.  के मूल्य का बनता है तो विक्रयकर्ता  रू. 30.50 पै. वसूल कर सकेगी  । प्रार्थी के अनुसार उक्त विधिक प्रावधान केे अनुसार कीमत वसूली  जानी थी । जबकि उसके लिए यह अपेक्षित था कि वह प्रष्नगत उत्पाद का मूल्य रू. 30.50 पैं का ही  भुगतान करता ।  प्रार्थी  रू.31/- ली जा रही राषि को दिए जाने से इन्कार  भी कर सकता था, जो कि उसके द्वारा नहीं किया गया  । अप्रार्थी के अनुसार उसने 60 पै. के स्थान पर  50 पै देने चाहे है किन्तु प्रार्थी ने इन्कार किया है जबकि प्रार्थी के लिए यह  अपेक्षित था कि  वह अप्रार्थी द्वारा प्रस्तुत इस तथ्य का खण्डन जवाबुलजवाब के रूप में प्रस्तुत कर सकता था, जो कि उसके द्वारा नहीं किया गया है ।
8.    कुल मिलाकर सरा यह है कि  जो स्थिति सामने आई है, को देखते हुए अप्रार्थी द्वारा कोई अनुचित व्यापार व्यवहार  का परिचय नहीं दिया गया है । प्रार्थी  अपना पक्ष कथन सिद्व करने में असफल रहा है । ऐसी स्थिति में परिवाद अस्वीकार होकर खारिज होने योग्य है एवं आदेष है कि 
                           -ःः आदेष:ः-
9.            प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार  किया जाकर  खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
            आदेष दिनांक 31.01.2017 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।


 (नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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