जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 404/2022
उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-02.07.2022
परिवाद के निर्णय की तारीख:-29.08.2024
इरम फातिमा पुत्री एम0एच0 सिद्दीकी नि0-154/80, हसन मंजिल, हैदर मिर्जा रोड, द्वितीय तल, फ्लैट न0-3, लखनऊ-226016 । ................परिवादिनी।
बनाम
1. फ्यूचर रिटेल लिमिटेड पता-नॉलेज हाउस, श्याम नगर, मुम्बई जागेश्वरी-विकरोली लिंक रोड, मुम्बई-400060 द्वारा प्रोपराइटर।
2. फ्यूचर रिटेल लिमिटेड पता-सीडीसी-ईजेड-अमौसी परगना, खसरा नम्बर-3119, अमौसी इण्डस्ट्रियल एरिया, ग्राम-अमौसी, परगना-बिजनौर, लखनऊ-226008 ।
3. रिलायन्स रिटेल लिमिटेड, रिवर साइड माल, पता-विपिन खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ। ..................विपक्षीगण।
परिवादिनी के अधिवक्ता का नाम:- मुजीब इफेण्डी।
विपक्षीगण के अधिवक्ता का नाम:-कोई नहीं।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद धारा-35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 के अन्तर्गत विपक्षीगण से परिवादिनी को वांशिंग मशीन की कीमत 17,990.00 रूपये एवं फ्रिज की कीमत 22,900.00 रूपये मय 18 प्रतिशत ब्याज के साथ, परिवादिनी को हुए मानसिक तनाव के लिये 1,00,000.00 रूपये, परिवादिनी को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिये 1,00,000.00 रूपये एवं वाद व्यय हेतु 25,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया गया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने दिनॉंक 05.11.2018 को रिवर साइड माल स्थित प्रतिष्ठान से एक वर्ल्हपूल फ्रिज 22,900.00 रूपये में एवं एक वाशिंग मशीन फुली ऑटोमेटिक वर्ल्हपूल 17,990.00 रूपये में तथा एक सैमसंग टीवी 17.290.00 रूपये में, एक ए0सी0 एल0जी0 कम्पनी का 37,790.00 रूपये में क्रय किया था, यह सभी सामान परिवादिनी की शादी में देना था। परिवादिनी के ससुराल के मकान में सभी सामानों को एडजस्टमेंट किया जा रहा था। इसलिये परिवादिनी ने सबसे पहले सैमसंग टी0वी0 और एल0जी0 का ए0सी0 को प्राप्त कर लिया था। लेकिन शेष सामान उपरोक्त फ्रिज और वाशिंग मशीन की डिलीवरी कुछ दिन बाद लेने को कहा था।
3. विपक्षी के तत्कालीन प्रबन्धक श्री अंशुल ने कहा था कि उपरोक्त दोनों सामान कम्पनी के वेयरहाउस में रखें है, आपको जब भी सुविधा हो उपरोक्त सामान की डिलीवरी आपके आदेश पर कर दी जायेगी। लगभग एक माह बाद परिवादिनी ने अपने सामान की डिलीवरी चाही तो विपक्षी के स्टाफ द्वारा बताया गया कि आपके द्वारा जो सामान खरीदा गया था उसकी बिक्री हो चुकी है तथा वो सामान अभी स्टाक में नहीं है, जिसे उपलब्ध कराने में कम से कम 10 से 15 दिन का समय चाहिये।
4. परिवादिनी ने विपक्षी के कर्मचारियों की बात पर विश्वास कर लिया, लेकिन लगभग एक माह बीतने के बाद भी विपक्षी ने सामान की डिलीवरी नहीं दी। पुन: संपर्क करने पर विपक्षी के कर्मचारियों द्वारा कहा गया कि परिवादिनी उनके वेयर हाउस आकर अपने सामानों की पहचान कर ले।
5. परिवादिनी जब वेयरहाउस पहुँची तो उसके दोनों सामान वहॉं मौजूद नहीं थे। इस पर कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि हो सकता है कि गलती से किसी और शोरूम में चला गया होगा। शीघ्र पता करके आपको सामान की डिलीवरी की जायेगी। लेकिन कई बार सम्पर्क करने के बावजूद विपक्षी कम्पनी के कर्मचारी कोई न कोई बहाना बनाते रहे लेकिन उपरोक्त दोनों सामानों की डिलीवरी नहीं की गयी।
6. 2021 के नवम्बर माह में परिवादिनी स्वयं रिवर साइड स्थित बिग बाजार, विपक्षी के प्रतिष्ठान गई तो कर्मचारियों द्वारा आश्वासन दिया गया कि शीघ्र ही वेयरहाउस की टीम परिवादिनी को सूचित करके उपरोक्त सामान की डिलीवरी कर देगी। परन्तु इतना लम्बा समय बीतने के उपरान्त भी अभी तक उपरोक्त सामान की डिलीवरी नहीं की गयी है। परिवादिनी वर्ष 2022 के अप्रैल माह में विपक्षी के रिवर साइड मॉल स्थित बिग बाजार प्रतिष्ठान पर गयी तो पता चला कि बिग बाजार रिलायन्स माल में टेक ओवर (क्रय) किया गया है। वहॉं मौजूद कर्मचारियों से पूर्व प्रबन्धक के संबंध में जानकारी चाही तो किसी ने कोई जानकारी नहीं दी। परिवादिनी ने ईमेल के जरिये कई बार विपक्षी से सम्पर्क करके सामानो की डिलीवरी चाही लेकिन विपक्षी ने न तो सामान की डिलीवरी दी और न ही पैसा वापस किया। अप्रैल 2022 में जब विपक्षीगण से संपर्क किया तो उनके द्वारा परिवादिनी के पैसे लौटाने से साफ तौर पर इनकार कर दिया गया।
7. परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया। परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ अत: परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से अग्रसारित किया गया।
8. परिवादिनी ने अपने कथानक के समर्थन में मौखिक साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में रसीदें दाखिल किया है।
9. परिवादिनी का कथानक है कि परिवादिनी ने विपक्षी से वर्ष 2018 में नवम्बर माह में उसके विवाह में देने के लिये एल0जी ए0सी0 37,790.00 रूपये में व्हर्लपूल फ्रीज 22,900.00 रूपये, व्हर्लपूल की वाशिंग मशीन 17,990.00 रूपये तथा सैमसंग टी0वी0 17,290.00 रूपये में क्रय किया गया। सामानों की क्रय रसीद संलग्न है। उक्त सामानों में से केवल सैमसंग टी0वी0 तथा एल0जी0 ए0सी0 को ही प्राप्त किया गया था, शेष दो सामान फ्रीज व वाशिंग मशीन की डिलीवरी नहीं ली गयी। उन दोनों सामानों को विपक्षी के यहॉं ही छोड़ दिया गया था। कुछ दिनों बाद परिवादिनी ने उक्त दोनों सामानों को डिलीवर करने हेतु कहा गया तो विपक्षीगण द्वारा बताया गया कि आपका सामान किसी दूसरे गोदाम में चला गया है, उसे प्राप्त करके आपको भेजा जाएगा। परन्तु कई बार विपक्षी से अनुरोध करने के बावजूद दोनों सामानों की डिलीवरी परिवादिनी को नहीं दी गयी। अप्रैल 2022 में विपक्षी ने न तो सामान दिया और पैसा लौटाने से इनकार कर दिया।
10. प्रश्नगत परिवाद में परिवादिनी द्वारा साक्ष्य के रूप में दो रसीदें उपलब्ध करायी गयी हैं जिसमें टी0वी0, फ्रीज, वाशिंग मशीन तथा ए0सी0 के क्रय किये जाने की रसीद हैं। परिवादिनी का कहना है कि उक्त चार सामानों में से उसने केवल दो सामान, टी0वी0 तथा ए0सी0 की ही डिलीवरी ली है शेष दो सामान फ्रीज व वाशिंग मशीन विपक्षी के पास ही छोड़ दिया गया था जिसे परिवादिनी द्वारा कुछ दिन बाद लेने की बात कही गयी थी। विपक्षीगण द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त सामान वेयर हाउस में रखा हुआ है। उक्त की डिलीवरी आपके आदेश पर कर दी जायेगी।
11. परिवादिनी को जब आवश्यकता महसूस हुई तो उसने विपक्षी से उक्त सामानों की डिलीवरी करने का अनुरोध किया गया तो उन्होंने वेयर हाउस से सामान भेजने का आदेश दिया परन्तु दोनों सामान वहॉं नहीं मिले। विपक्षी का कथन है कि सामान गलती से कहीं दूसरे वेयर हाउस में चला गया होगा। परिवादिनी को आश्वासन दिया गया कि सामान शीघ्र ढॅूंढकर आपको डिलीवर कर दिया जाएगा। अंत में अप्रैल 2022 में विपक्षी ने सामान अथवा पैसा देने से साफ इनकार कर दिया।
12. पत्रावली में परिवादिनी द्वारा साक्ष्य के रूप में मात्र 04 सामानों के क्रय की रसीद दाखिल की गयी है। विपक्षी से हुए पत्राचार के संबंध में विपक्षी का कोई पत्र पत्रावली पर उपलब्ध नहीं है। इसके अतिरिक्त पत्रावली में ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है जिससे यह प्रमाणित हो सके कि परिवादिनी द्वारा दो सामानों फ्रीज व वाशिंग मशीन की डिलीवरी नहीं ली गयी थी। सामान वहीं रखें हैं। उपभोक्ता अधिनियम के मामलों में यह प्रमाणित करना होता है कि परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता हो तथा सेवा में कमी की गयी है। इसे सिद्ध करने का भार परिवादिनी पर होता है।
13. इस प्रकरण में यह तथ्य तो स्पष्ट है कि परिवादिनी विपक्षी की उपभोक्ता है, परन्तु यह सिद्ध नहीं हो पाया है कि विपक्षी द्वारा सेवा में कमी की गयी है। यह भी स्वीकार करने में संदेह होता है कि परिवादिनी ने 04 सामानों में से दो सामानों को इतने लंबे समय तक विपक्षी के पास क्यों और किन कारणों से छोड़ा। इस तथ्य का तश्करा परिवादिनी द्वारा नहीं किया गया है। सामान्यत: कोई भी व्यक्ति कहीं से सामान क्रय करता है तो उसकी डिलीवरी वह तुरंत प्राप्त करता है, उसे डीलर के यहॉं नहीं छोड़ता है। परिवादिनी द्वारा सामान विपक्षी के यहॉं लंबे समय तक छोड़ दिया गया, यह उसकी लापरवाही मानी जायेगी। कोई जमा रसीद भी परिवादिनी द्वारा दाखिल नहीं की गयी है, जिससे प्रमाणित होता कि सामान विपक्षी के यहॉं जमा है।
14. समस्त तथ्यों के विवेचन से स्पष्ट होता है कि परिवादिनी द्वारा विपक्षी के विरूद्ध सेवा में कमी होने का कोई प्रमाण नहीं दाखिल किया गया है। परिवादिनी यह प्रमाणित करने में असफल रही है कि विपक्षी द्वारा सेवा में कमी तथा अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है। अतएव परिवादिनी का परिवाद पत्र स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। परिवाद पत्र खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद खारिज किया जाता है।
पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रार्थना पत्र निस्तारित किये जाते हैं।
निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:-29.08.2024