Uttar Pradesh

StateCommission

A/2007/721

Mahindra and Mahindra Ld - Complainant(s)

Versus

Bhudhar Lal - Opp.Party(s)

Gopal Ji Srivastav

18 Oct 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2007/721
( Date of Filing : 03 Apr 2007 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Mahindra and Mahindra Ld
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Bhudhar Lal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Oct 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-911/2007

मै0 महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा लिमिटेड

बनाम

भूधर लाल व अन्‍य

एवं

अपील सं0-721/2007

जनरल मैनेजर, महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा फाइनेंस सर्विस लिमिटेड

बनाम

भूधर लाल व अन्‍य

 समक्ष:-                                                         

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी महिन्‍द्रा लिमिटेड की ओर से उपस्थित :श्री काशीनाथ शुक्‍ला,

                                        विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी फाइनेंस ओर से उपस्थित: श्री अदील अहमद, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी नेशनल इं0 की ओर से उपस्थित:- श्री आशीष जायसवाल, विद्धान

                                   अधिवक्‍ता

दिनांक :18.10.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.       परिवाद संख्‍या-151/2002, श्री भूधर लाल बनाम जनरल मैनेजर महेन्‍द्रा एण्‍ड महेन्‍द्रा फाइनेंसियल सर्विस लिमिटेड व अन्‍य में विद्धान जिला आयोग, हरदोई द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 17.06.2005 एवं 15.02.2007 के विरूद्ध अपील प्रस्‍तुत की गयी है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने 17.06.2005 को यह निर्णय पारित किया है कि परिवादी को 89,000/-रू0 विपक्षी सं0 6 द्वारा वादोत्‍तर क्षतिपूर्ति अदा किया जाये और इस राशि पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर ब्‍याज भी अदा किय जाये। दिनांक 15.02.2007 को इस निर्णय को संशोधित करते हुए विपक्षी सं0 3 एवं 4 को भी इस हर्जे की अदायगीके लिए उत्‍तरदायी माना है, यथार्थ में दिनांक 15.02.2007 का आदेश दिनांक 17.06.2005 के निर्णय को अपास्‍त करने के लिए प्रस्‍तुत किये गये आवेदन पर पारित किया गया है।  अपील सं0 911/2007 महिन्‍द्रा लिमिटेड द्वारा प्रस्‍तुत की गयी है, जबकि अपील सं0 721/2007 महिन्‍द्रा फाइनेंस द्वारा प्रस्‍तुत की गयी है। चूंकि दोनों अपीलों में निहित बिन्‍दु एक ही प्रकृति है, जिस पर एक जैसी विधि लागू होती है। अत: दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक ही निर्णय से किया जा रहा है। 

2.        अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि इस आदेश द्वारा दिनांक 17.06.2005 का निर्णय अपास्‍त कर दिया गया है, इसलिए इस निर्णय का कोई महत्‍व नहीं है। दिनांक 15.02.2007 के निर्णय के अवलोकन से जाहिर होता है कि यथार्थ में दिनांक 17.06.2005 क निर्णय को अपास्‍त करने का कोई आदेश पारित नहीं किया गया है, बल्कि केवल विपक्षी सं0 3 एवं 4 को क्षतिपूर्ति के लिए उत्‍तरदायी ठहराया गया है। परिवादी का विशेष कथन यह है कि परिवादी ने एक विशेष योजना के तहत टैक्‍सी क्रय की थी, जिसमें 34,000/-रू0 एक्‍साइज ड्यूटी माफ था, साथ ही 18,000/-रू0 का एक जनरेटर भी दिया जाना था, परंतु नही एक्‍साइज ड्यूटी माफ की गयी और न ही जनरेटर दिया गया। परिवादी द्वारा जिला उपभोक्‍ता  मंच के समक्ष महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा फाइनेंस सर्विस के अधिकृत सचिव का एक पत्र संलग्‍न किया है, जिसके अनुसार फरवरी 1999 नवम्‍बर 1999 तक उक्‍त सामान मिलना था। इसके पश्‍चात जीप भी दुर्घटनाग्रस्‍त हो गयी। बीमा कम्‍पनी द्वारा दुर्घटना में कारित क्षति की पूर्ति की जा चुकी है, इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा बीमा कम्‍पनी के संबंध में सॉल्‍वेज को विक्रय करने का आदेश पारित किया है। परिवादी के पास जो भी गाड़ी है। उसका विक्रय करने का आदेश पारित किया है तथा विपक्षी सं0 1 ता 5 के विरूद्ध 52,000/-रू0 06 प्रतिशत ब्‍यज के साथ अदा करने के लिए भी आदेशित किया गया है।  

3.          चूंकि एक्‍साइज ड्यूटी का लाभ वाहन विक्रेता कम्‍पनी एवं डीलर द्वारा दिया जाना था, इसलिए महिन्‍द्रा एवं महिन्‍द्रा फाइनेंस कम्‍पनी के विरूद्ध आदेश पारित करने का कोई औचित्‍य नहीं है, साथ ही यह भी जाहिर होता है कि केवल एक्‍साइज ड्यूटी का लाभ प्रदान किया जाना चाहिए था। वाहन के साथ जनरेटर दिये जाने का तथ्‍य साबित नहीं था। महिन्‍द्रा  लिमिटेड द्वारा प्रस्‍तुत की गयी अपील सं0 911/2007 इस सीमा तक स्‍वीकार होने योग्‍य है कि केवल एक्‍साइज ड्यूटी राशि 06 प्रतिशत ब्‍याज के साथ वापस लौटायी जाए तथा फाइनेंस कम्‍पनी द्वारा प्रस्‍तुत की गयी अपील सं0 721/2007 इस आशय से स्‍वीकार होने योग्‍य है कि कोई भी     धनराशि वापस लौटाने का दायित्‍व फाइनेंस कम्‍पनी का नहीं है क्‍योंकि फाइनेंस कम्‍पनी द्वारा किसी प्रकार की एक्‍साइज ड्यूटी प्राप्‍त नहीं की गयी, और न ही अन्‍य कोई आश्‍वासन दिया गया।

आदेश

        महिन्‍दा कम्‍पनी द्वारा प्रस्‍तुत की गयी अपील सं0 911/2007 आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि केवल एक्‍साइज ड्यूटी की राशि 06 प्रतिशत ब्‍याज के साथ वापस लौटायी जायेगी।

          फाइनेंस कम्‍पनी द्वारा प्रस्‍तुत की गयी अपील सं0 721/2007 इस प्रकार स्‍वीकार की जाती है कि फाइनेंस कम्‍पनी पर किसी धनराशि को लौटाने का दायित्‍व नहीं होगा।  

          इस निर्णय व आदेश की मूल प्रति अपील सं0-911/2007 में रखी जाये एवं इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि सम्‍बंधित अपील सं0-721/2007 में रखी जाये। 

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

अपील सं0 911/2007 में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

अपील सं0 721/2007 में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।  

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

  

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3

 

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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