Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/589/2014

usha shukla - Complainant(s)

Versus

bhojpuri co-operative society - Opp.Party(s)

05 Feb 2015

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. CC/589/2014
 
1. usha shukla
arya nagar kanpur nagar
kanpur nagar
up
...........Complainant(s)
Versus
1. bhojpuri co-operative society
yashoda nagar kanpur nagar
kanpur nagar
up
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 

                                             जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
                         श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी...................वरि.सदस्या    
    
    
उपभोक्ता वाद संख्या-589/2014
श्रीमती ऊशा षुक्ला पत्नी श्री आनन्द प्रकाष षुक्ला निवासिनी मकान नं0-8197 आर्य नगर थाना कोहना, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादिनी
बनाम
1.    सचिव, भोजपुरी सहकारी गृह निर्माण समिति रजि0 आफिस-77 ओ0- ब्लाक देवकी नगर, पो0आ0 यषोदा नगर, कानुपर नगर-208011
2.    सहकारी अधिकारी (आवास) उ0प्र0 आवास एवं विकास परिशद कल्यानपुर, कानपुर नगर-208017
                             ...........विपक्षीगण

परिवाद दाखिल होने की तिथिः 24.12.2014
निर्णय की तिथिः 30.01.2016

डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी सं0-1 द्वारा बेंचे गए प्लाट नं0-22 रकबा 200 वर्ग गज स्थित आराजी सं0-360 ग्राम अर्रा तहसील व जिला कानपुर नगर के बाजारू मूल्य मय हर्जे-खर्चे के रू0 20,00,000.00 दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादिनी का यह कथन है कि परिवादिनी ने एक किता प्लाट नं0-22 रकबा 200 वर्गगज स्थित आराजी सं0-360 अर्रा परगना व जिला कानपुर नगर जिसकी चतुर्दिक सीमाएं, पूर्व में प्लाट नं0-23, पष्चिम में 21, उत्तर में 30 फिट रोड, दक्षिण में प्लाट सं0-3 को 999 वर्श के पट्टे पर दिनांक 31.12.90 को रू0 5000.00 नकद जमा कर रजिस्ट्री करायी थी, जिसका कब्जा व दखल परिवादिनी को आज तक नहीं दिया गया। परिवादिनी द्वारा दिनांक 26.12.07 को एक प्रार्थनापत्र उप संयुक्त निबन्धक सहकारी समिति कानपुर मण्डल को विपक्षी सं0-1 द्वारा छल व कपट करने के सम्बन्ध में दिया गया, जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।  पूर्ण चुकता रकम अदा करने के बावजूद विपक्षी 
............2
...2...

सं0-1 द्वारा परिवादिनी को प्रष्नगत प्लाट नहीं दिया गया। परिवादिनी और कोई प्लाट क्रय नहीं कर पाई। आज प्रष्नगत प्लाट की कीमत रू0 20,00,000.00 से अधिक है, जो कि विपक्षीगण प्लाट देने में हीला-हवाली कर रहे हैं। परिवादिनी द्वारा विधिक नोटिस भी भेजी गयी। परिवादिनी किराये पर रहते हुए अत्यधिक किराया अदा कर रही है, जिससे परिवादिनी को लगातार आर्थिक, सामाजिक व मानसिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है। अतः विवष होकर परिवादिनी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.    परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 15.06.15 को एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादिनी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 27.05.14 एवं 13.01.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में परिवादिनी द्वारा विपक्षी को प्रेशित पत्र दिनांकित 26.12.07 की प्रति, एग्रीमेंट पत्र की प्रति, परिवादिनी द्वारा जमा की गयी धनराषियों की क्रमषः रसीद सं0-170, 178, 1525 की प्रतियां, रजिस्ट्री रसीद मूल रूप में, नोटिस की प्रति तथा परिवादिनी द्वारा विपक्षी को प्रेशित पत्र दिनांकित      07.02.08 की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
5.    फोरम द्वारा परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
    परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुना गया तथा पत्रावली पर, परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत  समस्त षपथपत्रीय साक्ष्य 
...........3
...3...

एवं अभिलेखीय साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया। जिससे यह विदित होता है कि परिवादिनी, विपक्षी भोजपुरी सहकारी गृह निर्माण समिति की सदस्य है। इस तथ्य का उल्लेख स्वयं परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय पट्टा विलेख से स्पश्ट होता है। अतः फोरम का यह मत है कि प्रस्तुत मामले की परिवादिनी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 2 (1)(डी) के अंतर्गत उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आती है। परिवादिनी यह सिद्ध करने में असफल रही है कि परिवादिनी और विपक्षी के मध्य क्रेता/विक्रेता के सम्बन्ध रहे हैं।

    अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श से फोरम इस मत का है कि परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
                       :ःःआदेषःःः
6.    परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से खारिज किया जाता है।

   (श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)              (डा0 आर0एन0 सिंह)
          वरि0सदस्या                           अध्यक्ष
      जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
          प्रतितोश फोरम                             प्रतितोश फोरम         
          कानपुर नगर।                              कानपुर नगर।         

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


    (श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)              (डा0 आर0एन0 सिंह)
          वरि0सदस्या                           अध्यक्ष
      जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
           प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम         
           कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।         

 

 

 


 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI]
MEMBER

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