(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-270/2008
Secretary, Allahabad Vikas Pradhikaran, Civil Lines, Allahabad
Versus
Bhim Sen Juneja S/O Ram Chandra Juneja R/O 220-A, Bank Enclave, Jalandhar-144001.
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :10.06.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-144/2003, भीम सेन जुनेजा बनाम सचिव, इलाहाबाद विकास प्राधिकरण में विद्वान जिला आयोग, इलाहाबाद द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 03.01.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर बल देने के लिए कोई उपस्थित नहीं है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए प्राधिकरण को निर्देशित किया है कि परिवादी द्वारा जमा राशि अंकन 15,100/-रू0 10 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस की जाए।
2. परिवाद के तथ्यों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवादी द्वारा प्लाट संख्या-24 देवघाट झलवा में क्रय किया था, जिसका पंजीकरण दिनांक 31.03.1989 को अंकन 6,000/-रू0 में किया गया था। यह प्लाट 27.07.1989 को आवंटित हुआ। परिवादी ने कुल 81,676/-रू0 का भुगतान किया था। प्राधिकरण द्वारा दिनांक 21.12.1989 को कब्जा दे दिया गया। शर्तों के अनुसार पुन: विक्रय के समय ए0डी0ए0 द्वारा एन0ओ0सी0 लिये जाने की व्यवस्था थी। परिवादी ने मकान विक्रय करने के लिए 19.09.2001 को एन0ओ0सी0 के लिए आवेदन दिया तब 53,981/-रू0 जमा करने के लिए कहा गया, बाद मे लेवी चार्ज माफ कर दिया, लेकिन 100/-रू0 प्रतिमाह के हिसाब से कब्जा लेने के दिनांक से उनसे 15,100/-रू0 का भुगतान ले लिया गया। जबकि पुन: विक्रय के समय सर्विसचार्ज लेने का कोई उल्लेख नहीं था। इसी तथ्य को स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने 15,100/-रू0 जमा राशि को वापस करने का आदेश पारित किया है।
3. उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण द्वारा किसी भी आवंटी के पक्ष में आवंटन लाभ-हानि रहित योजना के अंतर्गत आवास उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है तब आवंटन होने के पश्चात किसी अन्य व्यक्ति को विक्रय करने के उद्देश्य से भूखण्ड आवंटित नहीं किया जाता इसलिए यदि आवंटन के पश्चात किसी अन्य व्यक्ति को विक्रय किया जाता और प्राधिकरण से एन0ओ0सी0 प्राप्त की जाती तब प्राधिकरण एन0ओ0सी0 प्रदत्त करने के लिए वांछित शुल्क प्राप्त करने के लिए अधिकृत है, इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा इस मद मे जमा की गयी राशि को वापस करने का आदेश अवैध रूप से पारित किया गया है। तदनुसार अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जाता है। परिवाद खारिज किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2