Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/901

Pandey Redio and Electronic Co - Complainant(s)

Versus

Bhikhu Lal - Opp.Party(s)

Alok Ranjan

20 Sep 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/901
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Pandey Redio and Electronic Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Bhikhu Lal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 20 Sep 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-901/2012

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, उन्‍नाव द्वारा परिवाद संख्‍या 146/11 में पारित निर्णय दिनांक 03.04.12 के विरूद्ध)

मै0 पाण्‍डेय रेडियो एण्‍ड इलेक्ट्रिक कं0 द्वारा मैनेजर स्थित 4/390

राजधानी मार्ग, शुक्‍लागंज, पोस्‍ट-गंगाघाट, उन्‍नाव।         .........अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्

1. भीखू लाल पुत्र छोटे लाल, निवासी 2/322, सर्वोदय नगर

कंचन नगर रोड, शुक्‍लागंज, पोस्‍ट, गंगाघाट, उन्‍नाव।

2. मै0 एस.सी.वी. प्रा0लि0 द्वारा मैनेजर स्थित 17 सेक्‍टर 9 नोएडा

गौतमबुद्ध नगर(यू0पी0) पिन- 201301             .........प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण

समक्ष:-

1. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, पीठासीन सदस्‍य।

2. मा0 श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित    : श्री आलोक रंजन, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित     :श्री सलील त्रिपाठी के सहयोगी श्री अमरेन्‍द्र

                            त्रिपाठी, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 13.12.2017

मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

      यह अपील जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम उन्‍नाव द्वारा परिवाद संख्‍या 146/2011 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दि. 03.04.2012 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है। जिला मंच ने निम्‍न आदेश पारित किया है:-

      '' परिवाद एतद्द्वारा एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वे टी0वी0 का मूल्‍य रू. 5100/- की राशि परिवादी को अदा करें। इस रू. 5100/- की राशि पर दिनांक 3.11.2010 से अदायगी की तिथि तक 18 प्रतिशत सालाना साधारण ब्‍याज देय होगा।

     विपक्षीगण परिवादी को रू. 30000/- की राशि क्षतिपूर्ति के रूप में व रू. 2000/- की राशि परिवाद व्‍यय के रूप में भी अदा करेंगे। प्रार्थना पत्र कागज संख्‍या-14 व 16 एतदद्वारा निरस्‍त किए जाते हैं।''

      संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 1 अपीलार्थी से एक फयूटेक टी0वी0 क्रय किया। परिवादी के अनुसार टी0वी0 खरीदने के समय बताया गया था

 

-2-

कि एक वर्ष तक कमी आने पर वह ठीक कर दिया जाएगा या सेट दे दिया जाएगा। परिवादी

ने रू. 5100/- में यह टी0वी0 खरीदा था। दि. 26.01.11 को टी0वी0 सेट में भरभराने व तस्‍वीर ऊपर नीचे चलने के कारण परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 1 से शिकायत की। विपक्षी संख्‍या 1 ने मैकेनिक भेजा। दि. 17.04.11 को पुन: खराबी आयी जिसकी शिकायत पर विपक्षी भड़क गया और परिवादी से अच्‍छी कंपनी का स्‍टेबलाइजर लगाने को कहा। दि. 27.04.11 को पुन: टी0वी0 सेट खराब हो गया तब विपक्षी संख्‍या 1/अपीलार्थी ने शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा। शिकायत पर मैकेनिक ने सेट को ठीक किया, परन्‍तु दि. 08.09.11 को जब टी0वी0 सेट चालू किया गया तो टी0वी0 सेट से चिंगारी के साथ धुआं आने लगा व देखते-देखते ही टी0वी0 सेट व बक्‍से के कवर के नीचे रखे सामान और रू. 6180/- नगद जल गए। परिवादी ने विपक्षी संख्‍य 1 को नोटिस दिया, परन्‍तु उसके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।

      जिला मंच के समक्ष विपक्षी द्वारा कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया अत: उसके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गई। बाद में विपक्षी द्वारा एकपक्षीय आदेश को निरस्‍त करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, परन्‍तु समय से जवाबदावा न प्रस्‍तुत किए जाने के संबंध में उचित कारण न पाए जाने पर जिला मंच ने प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।

      पीठ ने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ताओं की बहस सुनी एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों एवं साक्ष्‍यों का भलीभांति परिशीलन किया गया।

      अपीलार्थी ने अपने अपील आधार में कहा है कि जिला मंच ने विपक्षी द्वारा प्रस्‍तुत लिखित कथन और साक्ष्‍य को अवैधानिक तरीके से पत्रावली पर नहीं लिया और एकतरफा कार्यवाही की। जिला मंच ने विपक्षी को उपयुक्‍त समय व अवसर नहीं दिया। परिवादी ने जो जले हुए टी0वी0 सेट की फोटोग्राफ प्रस्‍तुत किया है उनसे यह सिद्ध नहीं होता है कि वही टी0वी0 सेट जला जो क्रय किया गया था। परिवादी ने जला हुआ टी0वी0 फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत नहीं किया और न ही सम्‍मानित टी0वी0 वर्कशाप या सर्विस सेन्‍टर से इसका परीक्षण कराया, इस तरह का कोई साक्ष्‍य नहीं है कि टी0वी0 सेट किसी तकनीकी कमी के कारण जला। जिला मंच का निर्णय साक्ष्‍यों पर आधारित नहीं है तथा निरस्‍त होने योग्‍य है।

      यह तथ्‍य निर्विवाद है परिवादी ने विपक्षी/अपीलार्थी से एक फयूटेक टी0वी0 सेट रू.

 

 

-3-

 

5100/- में खरीदा था। अपीलार्थी ने जो लिखित कथन जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया था और जिसे जिला मंच ने स्‍वीकार न करते हुए एकपक्षीय आदेश किया है उसके अवलोकन से भी यह स्‍पष्‍ट होता है कि दि. 27.06.11 को टी0वी0 सेट में खराबी आने की शिकायत आने पर मैकेनिक भेजकर टी0वी0 सेट को ठीक कराया गया था। अपीलार्थी/विपक्षी ने अपने लिखित कथन के प्रस्‍तर-9 में स्‍वयं स्‍वीकार किया कि पुन: टी0वी0 सेट खराब होने की शिकायत प्राप्‍त होने पर कंपनी के मैकेनिक ने दोष का निवारण किया था। इस प्रकार परिवादी की इस शिकायत में बल है कि टी0वी सेट वारंटी अवधि के अंदर कई बार खराब हुआ है और उसे मैकेनिक द्वारा अपीलार्थी द्वारा ठीक कराया गया। अपीलार्थी का यह कथन कि टी0वी0 सेट मोमबत्‍ती से जल गया विश्‍वसनीय नहीं है। साक्ष्‍यों से यह सिद्ध है कि वारंटी अवधि के अंतर्गत टी0वी0 सेट कई बार खराब हुआ और अंत में उसमें आग लग गई, जिससे टी0वी0सेट नष्‍ट हो गया। इससे स्‍पष्‍ट है कि टी0वी0 सेट में निर्माण दोष था। पीठ जिला मंच के इस निष्‍कर्ष से सहमत है कि विपक्षी संख्‍या 1 ने परिवादी को खराब माल बेचा। जिला मंच का निष्‍कर्ष विधिसम्‍म्‍त है, परन्‍तु जिला मंच ने रू. 5100/- की धनराशि पर जो 18 प्रतिशत साधारण ब्‍याज लगाया है वह अत्‍यधिक है जिसे 9 प्रतिशत किया जाना न्‍यायोचित होगा। इसके अतिरिक्‍त परिवादी को रू. 30000/- की जो क्षतिपूर्ति के आदेश दिए हैं उसका भी कोई आधार नहीं है। परिवादी/प्रत्‍यर्थी को मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में रू. 5000/- की धनराशि दिलाया जाना न्‍यायोचित होगा। जिला मंच का शेष आदेश पुष्‍ट किए जाने योग्‍य है। तदुनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

                                    आदेश

     प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच का आदेश इस रूप में संशोधित किया जाता है कि जिला मंच ने रू. 5100/- की धनराशि पर जो 18 प्रतिशत साधारण ब्‍याज लगाया है उसे 9 प्रतिशत किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त परिवादी/प्रत्‍यर्थी क्षतिपूर्ति के रूप में रू. 30000/- के स्‍थान पर केवल रू. 5000/- की धनराशि पाने का अधिकारी है। जिला मंच के शेष आदेश की पुष्टि की जाती है।

      पक्षकारान अपना-अपना अपीलीय व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

 

 

-4-

      निर्णय की प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध कराई जाए।

 

 

        (राज कमल गुप्‍ता)                               (महेश चन्‍द)

         पीठासीन सदस्‍य                                   सदस्‍य

राकेश, आशुलिपिक

      कोर्ट-5 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.