राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-173/2021
(सुरक्षित)
(जिला उपभोक्ता आयोग, शाहजहांपुर द्वारा परिवाद संख्या 240/2017 में पारित आदेश दिनांक 05.02.2021 के विरूद्ध)
1. डी0टी0डी0सी0 कोरियर एण्ड कारगो लि0 वर्तमान नाम डी0टी0डी0सी0 एक्सप्रेस लिमिटेड ब्रांच सदर बाजार निकट एल0आई0सी0 शाहजहॉंपुर, उ0प्र0।
2. डी0टी0डी0सी0 कोरियर एण्ड कारगो लि0 वर्तमान नाम डी0टी0डी0सी0 एक्सप्रेस लिमिटेड रजिस्टर्ड ऑफिस नं0-3 विक्टोरिया रोड जिला-बैंगलूरू, कर्नाटक, पिन कोड-560047
........................अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
भीम कुमार उम्र करीब 65 वर्ष पुत्र टिल्ला राम, निवासी मकान नं0 99 रामनगर कालोनी परगना व तहसील सदर शहर जिला-शाहजहॉंपुर।
...................प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री सत्य प्रकाश पाण्डेय,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री राजेश कुमार सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 16.08.2021
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील संख्या-173/2021 डी0टी0डी0सी0 कोरियर एण्ड कारगो लि0 व 01 अन्य द्वारा इस आयोग के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, शाहजहांपुर द्वारा परिवाद संख्या-240/2017 भीम कुमार बनाम डी0टी0डी0सी0 कोरियर एण्ड कारगो लि0 व 01 अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 05.02.2021 के विरूद्ध योजित की गयी।
अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री सत्य प्रकाश
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पाण्डेय उपस्थित हुए। प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश कुमार सिंह उपस्थित हुए।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने एक कोरियर दिनांक 09.10.2017 को अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 के यहॉं बुक कराकर अपनी पुत्री रिचा नीरज सिंह निवासी मथुरा को भेजा, उक्त कोरियर लिफाफे में अत्यन्त महत्वपूर्ण कागजात थे, जिसमें पुत्री के मूल अंक पत्र भेजे गये थे। उक्त कोरियर सुरक्षित पहुँचने के लिए अपीलार्थी/विपक्षी को अतिरिक्त शुल्क दिया गया था। योजना के अन्तर्गत उस कोरियर को शीघ्र पहुँचने की गारन्टी के साथ भेजा गया था। अपीलार्थी/विपक्षी उक्त भेजे गये कोरियर के लिए उत्तरदायी है। प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि कोरियर सुपुर्द करने के बाद अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी ने उसकी रसीद प्रत्यर्थी/परिवादी को दी थी। इसके लिए प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी को 150/-रू0 का चार्ज दिया था, परन्तु वह कोरियर परिवाद प्रस्तुत करने तक प्राप्तकर्ता को नहीं मिला, जबकि प्रत्यर्थी/परिवादी की पुत्री को टी0टी0ई0 की परीक्षा के लिए भेजे गये मूल अंक पत्र अत्यन्त आवश्यक थे और न मिलने के कारण वह नौकरी से वंचित हो गयी। प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि वह उपभोक्ता की श्रेणी में आता है। कोरियर के सम्बन्ध में प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी कोरियर कम्पनी से कई बार पूछताछ किया, किन्तु अपीलार्थी/विपक्षी कोरियर कम्पनी ने कोई विश्वसनीय जवाब नहीं दिया।
प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि कोरियर न मिलने के कारण कोरियर भेजने का उद्देश्य ही विफल हो गया, जिससे प्रत्यर्थी/परिवादी को अपूर्णनीय क्षति हुई। ऐसी स्थिति में प्रत्यर्थी/परिवादी उपभोक्ता के रूप में अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी है और अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी द्वारा सेवा में लापरवाही एवं त्रुटि की गयी है, जो विधि विरूद्ध है। प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी को पंजीकृत डाक के माध्यम
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से दिनांक 30.10.2017 को विधिक नोटिस भेजा, जिस पर अपीलार्थी/विपक्षी ने कोई जवाब नहीं दिया तब प्रत्यर्थी/परिवादी को परिवाद दायर करने की आवश्यकता महसूस हुई, जिसके लिए वाद कारण जिला उपभोक्ता आयोग, शाहजहांपुर के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत उत्पन्न हुआ है।
अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी द्वारा यह कथन किया गया कि प्रत्यर्थी/परिवादी भीम कुमार द्वारा जब उपरोक्त कोरियर अपनी पुत्री को भेजा गया, तब उनके द्वारा कोई अधिक फीस का भुगतान अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी को नहीं किया गया अर्थात् प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा कोरियर से सम्बन्धित भुगतान नार्मल कोरियर सर्विस हेतु था, न कि विशेष कोरियर सर्विस हेतु।
अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी द्वारा कथन किया गया कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा कोरियर बुक कराते समय कोरियर कम्पनी को यह अवगत नहीं कराया गया कि उक्त कोरियर के लिफाफे के अन्दर मूल प्रमाण पत्र भेजे जा रहे हैं तथा यह कि यदि अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी को उक्त जानकारी देते तब उस स्थिति में अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी उपरोक्त कोरियर नहीं भेजते एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोरियर को बीमित नहीं कराया गया होता।
अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कथन किया गया कि अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी द्वारा सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की गयी तथा सेवा में कमी के लिए प्रत्येक सेवा में अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी द्वारा मात्र 100/-रू0 के लिए ही प्रत्यर्थी/परिवादी लेनदार होगा। अन्त में अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि प्रत्यर्थी/परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है, न ही उसे अपना पक्ष रखने का कोई अधिकार इस फोरम के सम्मुख है तथा यह कि जिला उपभोक्ता आयोग, शाहजहांपुर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश
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दिनांक 05.02.2021 अविधिक है तथा अपास्त होने योग्य है।
जिला उपभोक्ता आयोग, शाहजहांपुर द्वारा परिवाद संख्या-240/2017 भीम कुमार बनाम डी0टी0डी0सी0 कोरियर एण्ड कारगो लिमिटेड व एक अन्य में अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी को निम्न आदेश दिया गया:-
''परिवादी का परिवाद पत्र ससंघर्ष विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। आगे विपक्षीगण को निर्देश दिया जाता है कि परिवादी द्वारा प्राप्त कोरियर का लिफाफा एवं विशेष हर्जाना के रूप में 25,000/-रू0 शारीरिक एवं मानसिक हुए कष्ट के लिए 15,000/-रू0 तथा वाद व्यय के लिए 7,000/-रू0 आज निर्णय पारित होने की तिथि से 30 दिनों के अन्दर यथा शीघ्र भुगतान कर देंगे। यदि कोरियर का लिफाफा विपक्षी, परिवादी को नहीं दे पाते हैं तो उसमें भेजे गये अंक पत्र की द्वितीय प्रति प्राप्त करने के व्यय के रूप में भी 15,000/-रू0 की राशि का भुगतान विपक्षी करेंगे।
स्पष्ट किया जाता है कि यदि उपरोक्त आदेश का पालन एवं वर्णित राशियों का भुगतान विपक्षीगण विहित समय-सीमा के अन्दर नहीं करते हैं तो परिवादी को यह अधिकार होगा कि विधि विहित प्रक्रिया अपनाते हुए उपरोक्त वर्णित सामग्री एवं राशियों की वसूली विपक्षीगण से कर सकते हैं।''
मेरे द्वारा उभय पक्ष के अधिवक्ता द्व्य को सुना गया, परिवाद में वर्णित तथ्यों का परिशीलन किया गया तथा अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत प्रपत्रों का परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपने कथन के समर्थन में अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी द्वारा जारी बुकिंग रसीद, जो कि पृष्ठ संख्या-13 पर उपलब्ध है, की ओर मेरा ध्यान आकर्षित किया गया, जो नि:सन्देह अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी के द्वारा नियुक्त किसी कर्मचारी द्वारा लिखी गयी, जिसमें उपरोक्त कोरियर कम्पनी के
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सम्बन्ध में सर्विस चार्ज के रूप में 150/-रू0 प्रत्यर्थी/परिवादी से प्राप्त किया गया तथा यह कि उपरोक्त कोरियर शाहजहांपुर से मथुरा प्रेषित किया गया, जिसमें प्रत्यर्थी/परिवादी की पुत्री के समस्त शैक्षिक मूल प्रमाण पत्र प्रेषित किये गये थे, जो निर्विवादित रूप से अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी की पुत्री को मथुरा, उत्तर प्रदेश में प्राप्त नहीं कराये गये अर्थात् वे दौरान ट्रांजिट कहीं गुम हो गये।
अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा उपरोक्त बुकिंग रसीद की ओर पुन: मेरा ध्यान आकर्षित किया गया तथा यह कथन किया गया कि उक्त बुकिंग रसीद में कुल माल के मूल्य (Value of the goods) के सन्दर्भ में कोई विवरण अंकित नहीं है।
अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी कथन किया गया कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो आदेश अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी के विरूद्ध पारित किया गया है वह अनुचित है, जिसके द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने आदेशित किया है कि अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी प्रत्यर्थी/परिवादी को विशेष हर्जाने के रूप में 25,000/-रू0 व शारीरिक एवं मानसिक कष्ट हेतु 15,000/-रू0 व वाद व्यय हेतु 7,000/-रू0 निर्णय पारित होने से 30 दिवस की अवधि के अन्दर भुगतान करें। साथ ही यदि अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा प्रेषित प्रपत्र अर्थात् कोरियर लिफाफे एवं उसके द्वारा भेजे गये मूल अंक पत्र इत्यादि उपलब्ध नहीं करा पाते हैं तो उस दशा में अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी को प्रत्यर्थी/परिवादी को 15,000/-रू0 का भुगतान करना होगा।
अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपने कथन के समर्थन में पत्रावली पर उपलब्ध पृष्ठ संख्या-17 पर कोरियर कम्पनी द्वारा प्रस्तावित टर्म्स एवं कण्डीशन्स की ओर मेरा ध्यान आकर्षित किया गया। उपरोक्त
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टर्म्स एवं कण्डीशन्स से सम्बन्धित जो प्रपत्र पृष्ठ संख्या-17 पर उपलब्ध है, उसको पढ़ना पूर्णत: असम्भव है अर्थात् उपरोक्त टंकित शब्दों को कोई भी सामान्य व्यक्ति न तो पढ़ सकता है, न ही उसका अर्थ समझ सकता है। यहॉं यह कहना समीचीन होगा कि इस प्रकार के टर्म्स एवं कण्डीशन्स की जानकारी कभी भी कोई कम्पनी या संस्था न तो किसी उपभोक्ता को प्रदान करती है, न अवगत कराती है। अतएव उक्त के सम्बन्ध में जो कथन अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा किया गया है, वह संज्ञेय नहीं है।
यहॉं यह तथ्य निर्विवादित है अर्थात् दोनों पक्षों द्वारा स्वीकृत है कि कोरियर कम्पनी को दिये गये लिफाफे के सम्बन्ध में कोरियर कम्पनी द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी से दिनांक 09.10.2017 को 150/-रू0 चार्ज किये गये तथा यह कि जो रसीद अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी द्वारा तैयार की गयी, जो पत्रावली के पृष्ठ संख्या-13 पर उपलब्ध है, उसमें न तो सामान के मूल्य अथवा वैल्यू न ही उसके भार का विवरण अंकित है। चूँकि तथ्यों में किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है तथा दोनों पक्षों द्वारा तथ्यों को स्वीकार किया गया है तथा सामग्री का मूल्य नहीं दर्शाया गया है, अतएव मैं जिला उपभोक्ता आयोग, शाहजहांपुर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 05.02.2021 में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं पाता हूँ। अतएव प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
जिला उपभोक्ता आयोग, शाहजहांपुर के आदेश का अनुपालन अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी द्वारा यदि अभी तक सुनिश्चित नहीं किया गया है तो वह आज दिनांक से एक माह की अवधि में सुनिश्चित किया जावे अन्यथा की स्थिति में उपरोक्त देय धनराशि के अलावा अपीलार्थी/विपक्षीगण कोरियर कम्पनी द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी को 10,000/-रू0 (दस हजार रूपया मात्र) वाद व्यय के रूप में और देय होगा।
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आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1