Uttar Pradesh

StateCommission

A/487/2015

Shriram General Insurance Co. Ltd. - Complainant(s)

Versus

Bhartya Jankalyan Prasar Samiti - Opp.Party(s)

Dinesh Kumar

06 Oct 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/487/2015
( Date of Filing : 16 Mar 2015 )
(Arisen out of Order Dated 03/02/2015 in Case No. C/83/2011 of District Etah)
 
1. Shriram General Insurance Co. Ltd.
lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Bhartya Jankalyan Prasar Samiti
Etah
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 06 Oct 2021
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, 0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-४८७/२०१५

 

(जिला फोरम/आयोग, एटा द्वारा परिवाद सं0-३८/२०११ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०३-०२-२०१५ के विरूद्ध)

 

श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0, ई-८, ईपीआईपी, आरआईआईसीओ, इण्‍डस्ट्रियल ऐरिया सीतापुर, जयपुर (राजस्‍थान) द्वारा आफीसर इन्‍चार्ज लीगल आफिस श्रीराज जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0 गुरूप्रीत हाउस, द्वितीय तल, एबव महिन्‍द्रा शोरूम-२१, स्‍टेशन रोड, लखनऊ।                                             ...........अपीलार्थी/विपक्षी।     

बनाम

१. भारतीय जनकल्‍याण प्रसार समिति गोल नगर जलेसर एटा द्वारा सैक्रेटरी/मैनेजर श्री तरूण सिंह।

२. सरस्‍वती यू0एम0 विद्यालय गोल नगर जलेसर एटा द्वारा सचिव/मैनेजर श्री तरूण सिंह।                                           ...........प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण।

 

समक्ष:-

१-  मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

२-  मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : श्री दिनेश कुमार विद्वान अधिवक्‍ता। 

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री आर0के0 मिश्रा विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक :- ३०-११-२०२१.   

 

मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

 

यह अपील, उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम १९८६ के अन्‍तर्गत जिला फोरम/आयोग, एटा द्वारा परिवाद सं0-३८/२०११ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०३-०२-२०१५ के विरूद्ध योजित की गयी है।

संक्षेप में अपीलार्थी का कथन है कि प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश परिकल्‍पनाओं पर आधारित है, विधि विरूद्ध तथा तथ्‍यों के विपरीत है। वाहन सं0-यू.पी.८२/जे-९३३० अपीलार्थी के यहॉं बीमित था जो मै0 भारतीय जनकल्‍याण प्रसार समिति के नाम से है किन्‍तु दावा तरण सिंह प्रधानाध्‍यापक, सरस्‍वती यू0एम0 विद्यालय द्वारा प्रस्‍तुत किया

 

 

-२-

गया। बीमा कम्‍पनी ने इसी आधार पर दावे को ‘’ नो क्‍लेम ‘’ किया। परिवाद भी तरूण सिंह द्वारा प्रस्‍तुत किया गया किन्‍तु बीमा पालिसी में तरूण सिंह का नाम अंकित नहीं है। विद्वान जिला फोरम ने मनमाने तरीके से परिवाद स्‍वीकार किया। तरूण सिंह सैक्रेटरी और मैनेजर दोनों संस्‍थाओं के हैं। प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है। अत: निवेदन है कि वर्तमान अपील स्‍वीकार करते हुए प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश अपास्‍त किया जाए। 

हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना तथा पत्रावली का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया।

हमने प्रश्‍नगत निर्णय का अवलोकन किया। यह स्‍पष्‍ट है कि पालिसी बीमाधारक मै0 भारतीय जनकल्‍याण प्रसार समिति के पक्ष में जारी हुई है। दुर्घटना होने पर सर्वेयर ने क्षति का आंकन लिया जो ५४,०४८/- रू० है। रिपोर्ट में वाहन का पंजीकृत स्‍वामी मै0 सरस्‍वती यू0एम0 विद्यालय था जबकि पालिसी मै0 भारतीय जनकल्‍याण प्रसार समिति के नाम है। नॉन डैमेज केवल पंजीकृत वाहन स्‍वामी को ही दिया जाता है इसीलिए क्‍लेम ‘’ नो क्‍लेम ‘’ कर दिया गया। विद्वान जिला फोरम ने लिखा कि दोनों परिवादीगण दो संस्‍थाऐं है जिनका प्रबन्‍धक व सचिव एक ही व्‍यक्ति तरूण सिंह है जो संचालन करता है और इसी आधार पर विद्वान जिला फोरम ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया।

वर्तमान मामले में बीमा पालिसी में मै0 भारतीय जनकल्‍याण प्रसार समिति अंकित है जबकि रजिस्‍ट्रेशन प्रमाण पत्र में सरस्‍वती यू0एम0 विद्यालय अंकित है। प्रश्‍न उठना स्‍वाभाविक है कि जिस नाम से रजिस्‍ट्रेशन है उसी नाम से पालिसी क्‍यों नहीं दी गई। दूसरा महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न यह है कि क्‍या बीमा कम्‍पनी ने पालिसी देते समय रजिस्‍ट्रेशन प्रमाण पत्र का अवलोकन नहीं किया था ? यदि अवलोकन किया होता तब किस प्रकार उसके द्वारा उस पक्ष के नाम से बीमा पालिसी जारी की गई जिसके नाम वाहन पंजीकृत है ही नहीं। इसी से स्‍पष्‍ट होता है कि इस मामले में लापरवाही दोनों की ही है किसी एक की नहीं। विद्वान जिला फोरम द्वारा जो परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया गया है उसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

अत: समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचते हैं

 

 

-३-

कि विद्वान जिला फोरम द्वारा दिया गया प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश विधि सम्‍मत है और उसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। अपील तद्नुसार निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।  

आदेश

वर्तमान अपील निरस्‍त की जाती है। जिला फोरम/आयोग, एटा द्वारा परिवाद सं0-३८/२०११ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०३-०२-२०१५ की पुष्टि की जाती है।

अपील व्‍यय उभय पक्ष पर।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                        (राजेन्‍द्र सिंह)                              (सुशील कुमार)

                            सदस्‍य                                          सदस्‍य              

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

                        (राजेन्‍द्र सिंह)                             (सुशील कुमार)

                           सदस्‍य                                         सदस्‍य                   

 

 

प्रमोद कुमार, 

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट नं.-२.    

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.