Rekha Choudary W/O Rameshchand filed a consumer case on 28 Jan 2016 against Bhartiya life insuranceLtd., in the Kota Consumer Court. The case no is CC/16/2011 and the judgment uploaded on 08 Feb 2016.
श्रीमति रेखा चैधरी आदि बनाम भारतीय जीवन बीमा नि. लि., कोटा व मन्दसौर
परिवाद संख्या 16/2011
28.01.2016 दोनों पक्षों को सुना जा चुका है। पत्रावली का अवलोकन किया गया।
परिवादीगण ने संक्षेप में विपक्षी निगम का यह सेवा-दोष बताया है कि स्व. रमेश चन्द चैधरी ने विपक्षी निगम के मन्दसौर कार्यालय से पालिसी नं. 341261399 व 341295298 कराई थी। जिनकी प्रीमियम प्रतिमाह उनके वेतन से जमा होती थी। उनके जीवनकाल तक सम्पूर्ण प्रीमियम जमा हुई। उनका निधन 12.12.2005 को हो गया। उनकी दोनों पालिसीयों की राशि वे क्रमशः पत्नि व पुत्र होने के कारण प्राप्त करने के अधिकारी है। विपक्षी-निगम को क्लेम प्रस्तुत किया। विपक्षी के मन्दसौर कार्यालय से मूल बाॅन्ड व मृत्यु प्रमाण-पत्र मांगे जिसकी पालना में मृत्यु प्रमाण-पत्र के साथ शपथ-पत्र भेज दिया कि असल बाॅन्ड नहीं है। उक्त पालिसीयों की राशि अदायगी करने से इंकार कर दिया जिससे आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ है।
विपक्षी निगम के जवाब का सार है कि इस मंच को परिवाद सुनने का अधिकार नहीं है क्योंकि दोनों पालिसीयां मन्दसौर कार्यालय से जारी हुई। दोनों पालिसीयों के अन्तर्गत दावा अवधि बाधित है दोनों पालिसीयों में परिवादीगण का नामांकन नहीं है। जवाब में यह भी कहा गया है कि परिवादीगण ने मूल बाॅन्ड प्रस्तुत नहीं किये। नियमानुसार परिवादीगण कोई राशि पाने के अधिकारी नहीं है। सेवा में कोई कमी नहीं की गई है।
परिवादीगण ने साक्ष्य में परिवादिया रेखा चैधरी के शपथ-पत्र के अलावा विपक्षी-निगम के मन्दसोैर कार्यालय से प्राप्त पत्र दिनांक 25.08.08 उनको प्रेषित पत्र 23.09.10, क्लेम फार्म, मृत्यु प्रमाण-पत्र आदि दस्तावेजात की प्रति प्रस्तुत की है। विपक्षी-निगम ने साक्ष्य में टी.जी. विजय कुमार के शपथ-पत्र के अलावा दोनों पालिसी, पालिसी नं. 341295398 के अन्तर्गत किये गये भुगतान का पत्र, परिवादिया को पति के विभाग से प्रेषित पत्र, परिवादिया को प्रेषित पत्र व प्राप्त पत्र, परिवादिया को प्रेषित रजिस्टर्ड पत्र दिनांक 24.03.09, उक्त दोनों पालिसीयों के अन्तर्गत सुधीर व्यंकटेश से प्राप्त दावा क्लेम आदि दस्तावेजात की प्रति प्रस्तुत की है।
हमने विचार किया।
मृतक रमेश चन्द को विपक्षी-निगम के मन्दसौर कार्यालय से ही उसके जीवनकाल में पालिसी जारी हुई, वहां ही उसके वेतन से प्रीमियम की कटोैती हुई, परिवादीगण ने उसी कार्यालय में क्लेम पेश किया तथा पत्राचार भी उसी कार्यालय से हुआ इसलिये परिवाद सुनने का कोई वादकारण इस मंच के क्षेत्राधिकार में नही हुआ केवल विपक्षी-निगम का कार्यालय इस मंच के क्षेत्राधिकार में होने मात्र से ही इस मंच को सुनने का अधिकार प्राप्त नहीं होता है।
निर्विवाद रूप से दोनों पालिसीयों में परिवादीगण नोमिनी नहीं है पालिसी नं. 341295398 में प्रदीप चोैधरी व सुधीर चैधरी तथा पालिसी नं. 341261399 में सुधीर चैधरी नोमिनी है तथा दोनों पालिसीयों के अन्तर्गत मृत्यु दावा विपक्षी निगम के मंदसौर कार्यालय में उक्त सुधीर चैधरी ने भी पेश किया है, इस कारण दोनों पालिसीयों में दो अलग-अलग मृत्यु दावे होने से सही हकदार के बारे में विवाद की स्थिति हो जाने के कारण सही हकदार का निर्धारण सक्षम न्यायालय से ही हो सकता है। इस मंच के द्वारा निर्धारण नहीं हो सकता। विपक्षी-निगम के मन्दसौर कार्यालय द्वारा परिवादिया से सूचना मांगने मात्र से उसे हकदार नहीं माना जा सकता। सूचना में भी स्पष्ट किया गया कि नोमिनी के द्वारा ही कार्यवाही होने पर व वांछित दस्तावेज व मूल बाॅन्ड प्रस्तुत होने पर वास्तविक हकदार को अदायगी की जा सकती है। इसलिये हम पाते हैं कि गुण-दोष पर भी विपक्षी निगम का कोई सेवा-दोष सिद्ध नहीं है।
परिणामतः परिवाद खारिज होने योग्य है, इसलिये खारिज किया जाता है।
आदेश खुले मंच में सुनाया गया। पत्रावली फैसल शुमार होकर रिकार्ड में जमा हो।
(हेमलता भार्गव) (महावीर तॅंवर) (भगवान दास)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
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