Rajasthan

Kota

CC/315/2010

Ramavtar khandelwal - Complainant(s)

Versus

Bhartiya Jeevan Beema Nigam Ltd. - Opp.Party(s)

Raghuveer yadav

19 Mar 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।

पीठासीन:श्रीएम अनवर आलम,अध्यक्ष, श्री महावीर तंवर सदस्य।
प्रकरण संख्या-315/2010    
01.  रामावतार खंडेलवाल पुत्र नंदलाल आयु 52 वर्ष 
02.  श्रीमती बृजलता खंडेलवाल पत्नी श्री रामावतार खंडेलवाल जाति 
    महाजन खंडेलवाल निवासी-10-जी-20, महावीर नगर थर्ड, 
    कोटा, जिला कोटा (राज0)                 परिवादीगण।
                     बनाम
01.    भारतीय जीवन बीमा निगम, शाखा कार्यालय यूनिट-1, छावनी     चैराहा, कोटा जिला कोटा राजस्थान।
02.    भारतीय जीवन बीमा निगम,मण्डल कार्यालय, जीवन प्रकाश     रानाडे मार्ग, पोस्ट बोक्स सं. 2 अजमेर-305008 -विपक्षीगण।
   परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1  श्री रधुवीर यादव, अधिवक्ता, परिवादीगण की ओर से।
   2  श्री डी0आर0 द्धिवेदी, अधिवक्ता, विपक्षीगण की ओर से।
   
      निर्णय                दिनांक 19.03.2015  
(1)       प्रस्तुत परिवाद को परिवादीगण ने इन अभिकथनों के साथ पेष किया है कि उन्होने विपक्षीगण से जीवन बीमा निगम की पालिसी ली थी, जिसकी भुगतान तिथि 05.04.09 थी। विपक्षी ने दिनांक 18.04.09 को परिवादी को 2,44,700/- रूपये का चैक दिया, परन्तु समय पर भुगतान नहीं करने के लिये उक्त राशि पर ब्याज अदा नहीं किया और सेवा में कमी की । अतः प्रार्थना की गई है कि परिवादीगण बीमा धन पर देय ब्याज की राशि का भुगतान एवं मानसिक क्षति का प्रतिकर, खर्चा मुकदमा दिलाया जावे। 
(2)        विपक्षीगण ने जवाब पेश कर परिवादीगण की बीमा पालिसी को और परिपक्वता पर 2,44,700/- रूपये का चैक देने को स्वीकार किया है, तत्पश्चात 13 दिन के ब्याज का 647/- रूपये का भुगतान जर्ये चैक करना स्पष्ट किया है। 
(3)    परिवाद के समर्थन में परिवादी ने स्वयं का ष्शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में दस्तावेज प्रदर्ष-1 लगायत प्रदर्ष-10 पेष किये गये है। विपक्षी ने जवाब के समर्थन में दस्तावेज प्रदर्शएन सी-1 लगायत प्रदर्शएन सी-3 पेश किये है। 
(4)    उभय पक्षों की बहस सुनी गई। मामले में निम्न विचारणीय बिन्दु है:-
(अ)    क्या परिवादीगण विपक्षीगण का उपभोक्ता है ?
(ब)    क्या विपक्षीगण ने सेवा दोष किया है ?
(स)    अनुतोष ?
(5)    उभय पक्षों की बहस सुनी जाकर परिवादीगण द्वारा प्रस्तुत तर्को, शपथ-पत्र, दस्तावेजात और पत्रावली का अवलोकन कर विचार किया गया। प्रस्तुत मामलें में परिवादीगण द्वारा बीमा पालिसी  लिया जाना विपक्षीगण ने  स्वीकार किया हैं अतः परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है। 
(6)    परिवादीगण ने प्रस्तुत परिवाद के माध्यम से केवल 13 दिन के ब्याज की राशि की मांग की है, विपक्षीगण ने उक्त ब्याज की राशि 647/- रूपये दिनांक 11.05.11 को परिवादीगण को अदा करना, विपक्षी के जवाब, शपथ-पत्र एवं दस्तावेजात एवं दस्तावेज एन सी-2 से सिद्ध किया है। 
(7)    अतः हमारे विनम्र मत में प्रस्तुत मामलें में विपक्षीगण की सेवा में कमी को परिवादीगण साबित करने मे असफल रहे है। 

(8)    परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।       
                              आदेष   
(9)      परिणामतः परिवादी रामावतार खंडेलवाल का परिवाद खारिज किया जाता है। खर्चा मुकदमा पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 

(महावीर तंवर)                      (मोहम्मद अनवर आलम)  
  सदस्य                                 अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष   जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष     
मंच, कोटा।                    मंच,कोटा।                       (10)       निर्णय  आज दिनंाक 19.03.2015  को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 

(महावीर तंवर)                     (मोहम्मद अनवर आलम)  
  सदस्य                               अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष   जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष     
मंच, कोटा।                    मंच,कोटा।                       

 

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