Rajasthan

Kota

CC/85/2008

Pushpendra rathore - Complainant(s)

Versus

Bhartiy Jeevan Beema Nigam ltd., Reginal Manager - Opp.Party(s)

Badrilal

06 Jul 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )

पीठासीनः- 

01.    नंदलाल शर्मा    ः    अध्यक्ष  
02.    महावीर तंवर    ः    सदस्य

परिवाद संख्या:-85/08

पुष्पेन्द्र राठौर पुत्र लालचंद राठौर आय19 साल जाति राठौर, तेली निवासी कनवास तहसील सांगोद, जिला कोटा राजस्थान।              परिवादी

                    बनाम
01.    भारतीय जीवन बीमा निगम, शाखा कार्यालय, कोटा-।।। (राजस्थान)
02.    भारतीय जीवन बीमा निगम, मण्डल कार्यालय, जीवन प्रकाश रानाडे मार्ग,पोस्ट     बोक्स नं. 2 अजमेर-305008 (राजस्थान) 
03.    भारतीय जीवन बीमा निगम, उत्तर क्षेत्रीय कार्यालय, जीवन भरती पोस्ट बोक्स सं.     630 कनाट सर्कस, नई दिल्ली 110001                  अप्रार्थीगण

 उपस्थिति:-

01.    श्री बी एल राठौर, अधिवक्ता, परिवादी/परिवादिया की ओर से।
02.    श्री दिनेश राय द्धिवेदी, अधिवक्ता, अप्रार्थीगण की ओर से। 

            निर्णय             दिनांक 06.07.2015

    परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया कि चन्द्रेश कुमार पुत्र दोलतराम प्रिमियम राशि 211/- रूपये अप्रार्थी सं.1 को अदा कर बीमाधन 30,000/- रूपये, पालिसी संख्या 184141258 दिनांक 30.06.03 जारी की। परिवादिया उक्त पालिसी में नोमिनी थी। चंदे्रश कुमार की आकस्मिक मृत्यु दिनांक 29.08.04 को हो गई। समस्त औपचारिकताऐ पूर्ण कर परिवादी ने बीमा क्लेम अप्रार्थीगण के यहाॅ पेश किया। अप्रार्थीगण ने परिवादी का बीमा क्लेम अपने पत्र दिनांक 26.10.05 में यह अंकित करते हुये खारिज कर दिया कि बीमाधारी पायरेक्सिया यू टी आई से पीडित था जिसकी कोई सूचना अप्रार्थीगण को नही दी गई। अप्रार्थीगण ने बिना परिवादी को सुने उसका बीमा क्लेम खारिज कर उसकी सेवा में कमी की है, इसलिये परिवादी को बीमा क्लेम मय हितलाभ मय ब्याज, मानसिक संताप, परिवाद खर्च दिलाया जावे।     

    अप्रार्थीगण ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि बीमाधारी ने बीमा पालिसी प्राप्त करने के लिये जो प्रस्ताव पत्र भरा उसमे अपने स्वास्थ्य के बारे में पूछे गये प्रश्नों के गलत जवाब दिये तथा उसको जो गंभीर बीमारी थी उसके बारे में तथ्य छिपाये, यदि परिवादी अपने स्वास्थ्य के बारे में सही तथ्य बताता तो उसे वे बीमा पालिसी जारी नहीं करते। बीमाधारी ने अपने जीवन काल में दिनांक 14.01.02 से 20.11.03 तक दो वर्ष की अवधि में 6 जीवन पालिसी ली, जिनमें प्रत्येक में अलग-अलग नोमीनी था। परिवादी भी मृतक बीमाधारी के भाई का लडका है। अप्रार्थीगण ने परिवादी का बीमा क्लेम दिनांक 03.05.05 को नियमानुसार खारिज कर दिया गया। परिवादी, अप्रार्थीगण के उपभोक्ता नहीं है। माननीय मंच को यह परिवाद सुनने का अधिकार प्राप्त नहीं है। बीमाधारी पिछले पांच वर्षो की अवधि में पायरेक्सिया यू टी आई, पिताशय के कैंसर तथा इरिडोसाइक्लिटिस रोगो से पीडित था। बीमाधारी ने अप्रार्थीगण से उक्त रोगों को छिपाकर अपने परिवार को लाभ पहुंचाने के लिये पालिसी प्राप्त की। अप्रार्थीगण ने परिवादी का बीमा क्लेम नियमानुसार खारिज कर उसकी सेवा में कोई कमी नहीं की है। परिवादी का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे।  
  

    उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-

01.    आया परिवादी, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?

    परिवादी के परिवाद, शपथ-पत्र,  बीमा पालिसी से, परिवादी, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है। 
02.    आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?

    उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि मृतक बीमाधारी ने अपने परिवारजन को नोमीनी बनाकर 6 पालिसिया अप्रार्थीगण से अलग-अलग तारीखों में ले रखी है। मृतक बीमाधारी से प्रस्ताव पत्र. भरते समय प्रस्ताव पत्र के प्रश्न 11 के प्रथम प्रश्न- आप पिछले 5 वर्षाे के दौरान स्वास्थ्य के आधार पर अपने कार्य पर उपस्थित नहीं रहे। उतरः- नही। अप्रार्थीगण के द्वारा प्रस्तुत कार्यालय सहायक अभियन्ता (वितरण )जयपुर डिस्काम कनवास के अवकाशों की सूचि के अनुसार मृतक बीमाधारी चन्द्रशेखर राठौर क0लि0 16.03.2000 से 27.03.2000 कुल 12 दिन, 01.03.2001 से 13.03.2001 कुल 13 दिन, 23.06.2001 से 15.07.01 कुल 23 दिन, 16.04.01 से 18.04.01 कुल 03 दिन, 16.01.03 से 01.01.3 कुल 16 दिन,30.03.03 से 12.03.03 कुल 10 दिन, 17.03.03 से 21.03.03 कुल 5 दिन,31.07.03 एक दिन, 16.08.03 से 30.08.03 कुल 15 दिन 24.07.04 से 03.08.04 आकस्मिक अवकाश मेडिकल अवकाश उक्त अवकाश लेने के बाद भी परिवादी ने उक्त प्रश्न का उत्तर नहीं दिया जबकि उसे उक्त अवकाश के बारे में बताना चाहिये था, मृतक बीमाधारी पीछले 5 वर्ष से अधिक समय से पायरेक्सिया यू टी आई, पिताशय के कैंसर तथा इरिडोसाइक्लिटिस रोगो से पीडित था। यह तथ्य मृतक बीमाधारी की जानकारी में था, इसलिये उसने दिनांक 14.01.02 से दिनांक 20.11.03 तक 01.. 1841397717 दिनांक 14.01.02 बीमाधन 20,000/- नोमीनी दुर्गेश भतीजी, 02. 184139763 दिनांक 14.01.02 बीमाधन 20,000/- रूपये, नोमीनी सुंदर बाई पत्नी, 03. 18140290 दिनांक 28.07.02 बीमाधन 50,000/- रूपये,दिनेश भतीजा, 04. 184140379 दिनांक 14.09.02 बीमाधन 25,0002- रूपये,नोमीनी भगवती बाई पुत्री 05. 18141258 दिनांक 28.06.03 बीमाधन 30,000/- रूपये, नोमीनी पुष्पेन्द्र भतीजा 06. 184141598 दिनांक 20.11.03 बीमाधन 30,000/- रूपये, नोमीनी भगवती बाई पुत्री उपरोक्त सभी पालिसियां मृतक बीमाधारी ने अपने स्वास्थ्य के बारे में अप्रार्थीगण से प्रस्ताव पत्र में गंभीर बीमारी के तथ्य छिपाकर अपने परिवारजन को नोमीनी बनाकर उनको लाभ पहुचंाने के लिये प्राप्त करना साबित होता है। उपरोक्त विवेचन को दृष्टिगत रखते हुये हमारे विनम्र मत में अप्रार्थीगण ने परिवादी का बीमा क्लेम, नियमानुसार खारिज किया है और परिवादी, अप्रार्थीगण का सेवादोष साबित करने में असफल रहा है।  

03.    अनुतोष ?

    परिवादी का परिवाद, अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है। 
 
                     आदेश 

     परिवादी पुष्पेन्द्र राठौर का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है।  परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 


     (महावीर तंवर)                (नंदलाल शर्मा)
        सदस्य                       अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा           मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

    निर्णय आज दिनांक 06.07.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।

   सदस्य                              अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा            मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

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