Shiv Kanti filed a consumer case on 09 Aug 2017 against Bharti Exa General Insurence in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/760/2016 and the judgment uploaded on 27 Feb 2018.
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-760/2016
श्रीमती षिवकान्ती पत्नी स्व0 पुत्तन ग्राम सूखापुर पो0 जाजपुर थाना सजेती, कानपुर नगर-209206
................परिवादिनी
बनाम
भारती एक्सा जनरल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 द्वारा ब्रांच मैनेजर 6वाॅ तल मेगा माल माल रोड, कानपुर नगर-208004
...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 26.12.2016
निर्णय तिथिः 09.02.2018
श्रीमती सुधा यादव, सदस्या द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय निर्णयःःः
1. परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादिनी को विपक्षी से, उसके पति की मृत्यु के कारण पर्सनल एक्सीडेन्ट के बीमा की धनराषि रू0 1,00,000.00 मय 18 प्रतिषत वार्शिक वार्शिक ब्याज की दर से दिनांक 05.02.16 से तायूम वसूली दिलायी जाये तथा रू0 20,000.00 परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादिनी का कथन यह है कि परिवादिनी के पति श्री पुत्तन पुत्र श्री मेवालाल ने मोटर साकिल संख्या- यू0पी0-78 बीडी-6073 के पंजीकृत स्वामी है। उपरोक्त मोटर साइकिल का बीमा विपक्षी बीमा कंपनी से पाॅलिसी सं0-थ्ज्ॅध्ै4188133ध्न्2ध्11ध्00 3653 कराया था, जो दिनांक 24.11.15 से 23.11.16 तक वैध था। उपरोक्त बीमा का प्रीमियम रू0 616.00 जिसमें रू0 50.00 एक्सीडेन्ट का कम्पलसरी प्रीमियम जमा किया था। परिवादिनी के पति दिनांक 04.02.16 को गांव के अमित उर्फ टिंकू के साथ प्रष्नगत मोटर साइकिल में पीछे बैठकर कोयला नगर कानपुर बारात आ रहे थे कि सायं लगभग 7ः30 बजे हड़हा पेट्रोल पम्प के पास थाना बिधनू कानपुर नगर में मैजिक नं0-यू0पी0-77 टी-7454 ने टक्कर मार दी, जिससे दोनों लोग गंभीर रूप
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से घायल हो गये और मोटर साइकिल क्षतिग्रस्त हो गयी। उपचार के दौरान उर्सला हास्पिटल कानपुर नगर में दिनंाक 05.02.16 को परिवादिनी के पति की मृत्यु हो गयी। घटना की रिपोर्ट मुकद्मा अपराध सं0-78/16 थाना बिधनू में दर्ज करायी गयी और परिवादिनी के पति का पंचनामा व पोस्ट मार्टम हुआ। परिवादिनी ने पर्सनल एक्सीडेन्ट का क्लेम रू0 1,00,000.00 भुगतान हेतु दिनांक 14.04.16 को एफ.आई.आर. व बीमा पाॅलिसी की प्रति संलग्न करके विपक्षी को प्रार्थनापत्र प्रेशित किया, किन्तु विपक्षी ने बावजूद विधिक नोटिस न तो इसका कोई उत्तर दिया और न ही कोई भुगतान किया। फलस्वरूप परिवादिनी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 09.08.2017 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.परिवादिनी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 21.12.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-5/2 लगायत् 5/11 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5.फोरम द्वारा परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6.परिवादिनी की ओर से उपरोक्त प्रस्तर-4 में वर्णित षपथपत्रीय व अन्य अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों में से मामले को निर्णीत करने में सम्बन्धित साक्ष्यों का ही आगे उल्लेख किया जायेगा।
6.परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने
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कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षी की ओर से बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद, उसके पति के पर्सनल एक्सीडेन्ट की बीमित धनराषि रू0 1,00,000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दौरान मुकद्मा तायूम वसूली दिलाये जाने हेतु तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादिनी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादिनी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय व आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादिनी को रू0 1,00,000.00 (एक लाख रूपये मात्र) मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दौरान मुकद्मा तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
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आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
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