Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/687/11

SUSHILA - Complainant(s)

Versus

BHARTI EKTA - Opp.Party(s)

DEV NATH BAJPAI

08 Sep 2015

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. CC/687/11
 
1. SUSHILA
SUJANPUR KANPUR NAGAR
...........Complainant(s)
Versus
1. BHARTI EKTA
HAJRATGANJ KANPUR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    

उपभोक्ता वाद संख्या-687/2011
श्रीमती सुषीला देवी पत्नी श्री पुरूशोत्तम नरायन मिश्रा निवासी मकान नं0-34-35 ई0 सिद्धार्थ दहेली सुजानपुर, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादिनी
बनाम
1.    चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर भारतीय एक्सा लाइफ इंष्योरेन्स कंपनी लि0 स्थित द्वितीय तल मोटर सेल्स बिल्डिंग हजरतगंज लखनऊ (उ0प्र0)
2.    भारतीय एक्सा लाइफ इंष्योरेन्स कंपनी लि0 सिविल लाइन्स नियर कैन चेम्बर कानपुर नगर।
                            ...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 31.10.2011
निर्णय की तिथिः 17.06.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादिनी को विपक्षीगण से पाॅलिसी प्रीमियम धन के रू0 18000.00 व रू0 50,000.00 $ ब्याज रू0 4589.20 की क्षति की क्षतिपूर्ति कुल रू0 72,589.20 दिलाये जाने का आदेष पारित किया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादिनी का कथन यह है कि परिवादिनी द्वारा विपक्षीगण से बीमा पाॅलिसी सं0-500-4599238 दिनांक 04.12.09 को करायी थी, जिसकी वास्तविक प्रीमियम धनराषि रू0 18000 और परिपक्वता धनराषि रू0 1,80,000.00 थी। बीमा अवधि दिनाक 04.12.09 से 04.12.2022 तक निर्धारित की गयी थी। इस प्रकार पाॅलिसी बेनीफिट पीरियड 13 वर्श का है। परिवादिनी द्वारा रू0 18000.00 की प्रथम किष्त भारतीय स्टेट बैंक षाखा कृश्णा नगर में जमा की गयी, तदोपरान्त परिवादिनी को दिनंाक 18.12.09 को पाॅलिसी प्राप्त हुई। पालिसी षर्तों को पढ़ने के बाद परिवादिनी को ज्ञात हुआ कि अधिकृत एजेंट विपक्षी सं0-3 के द्वारा जो षर्तें बतायी गयी थी, उससे भिन्न षर्तें पाॅलिसी में अंकित हैं।
...............2 
...2...
अतः पाॅलिसी की षर्तों से पाॅलिसी बाण्ड में अंकित निर्देषानुसार जिसमें यह था कि पाॅलिसी से संतुश्ट न होने पर बीमा 15 दिन के अंदर खण्डित कर सकेंगी और तद्नुसार मूल पाॅलिसी बाण्ड लिखित प्रार्थनापत्र के साथ विपक्षी सं0-2 के नाम हजरतगंज लखनऊ को दिनंाक 30.12.09 को भेज दिया गया। विपक्षीगण की सभी षर्तों को पूर्ण करने के बावजूद विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी के द्वारा जमा उपरोक्त धनराषि रू0 18000.00 वापस नहीं की गयी। फलस्वरूप परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया।
3.    विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद मात्र झूठे तथ्यों के आधार पर दूशित मंषा से प्रस्तुत किया गया है। विपक्षी की ओर से सेवा में कोई कमी कारित नहीं की गयी है। विपक्षी पर, परिवादिनी द्वारा झूठे आरोप लगाये गये हैं। परिवादिनी पाॅलिसी षर्तों के अनुसार 15 दिन के अंदर पाॅलिसी बाण्ड के सहित पाॅलिसी रद्द करने का प्रार्थनापत्र नहीं प्रस्तुत किया गया है। इसलिए परिवादिनी के प्रार्थनापत्र पर विचारण नहीं किया जा सका। किन्तु प्रस्तुत फोरम के द्वारा प्रेशित नोटिस पर बिना कोई विलम्ब कारित किये हुए विपक्षी द्वारा चेक नं0-097558 दिनांकित 09.08.12 बावत रू0 18,000.00 परिवादिनी के पक्ष में दिनांक 20.10.12 को फोरम में जमा की जा चुकी है। उक्त चेक जमा करने से पूर्व परिवादिनी को सूचित कर दिया गया था। 
4.     परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी सं0-2 को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी सं0-2 फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी सं0-2 पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 21.10.14 को विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    परिवादिनी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 24.10.11, 06.06.13 व 20.12.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप 
...3...
में सूची कागज सं0-1 के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगातय् 1/20 दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6.    विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में सलील सी0 नायर का षपथपत्र दिनांकित 07.02.15 दाखिल किया है।
निष्कर्श
7.    फोरम द्वारा परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया। 
    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि विपक्षी द्वारा परिवादिनी के क्लेम को प्रस्तुत परिवाद योजित करने के पष्चात स्वीकार कर लिया गया है और तद्नुसार विपक्षी सं0-1 के द्वारा रू0 18000.00 की चेक सं0-097558 दिनांकित 09.08.12 परिवादिनी के हक में फोरम में जमा की जा चुकी है। किन्तु बहस के दौरान विपक्षी/अधिवक्ता के द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि परिवादिनी विपक्षीगण द्वारा जारी पाॅलिसी बाण्ड को वापस कर देवे तथा जमा धनराषि प्राप्त कर ले। जबकि परिवादिनी की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किये गये हैं कि उसे रू0 18000.00 उसके द्वारा उक्त पाॅलिसी बाण्ड रद्द करने का प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करने की तिथि से क्षतिपूर्ति तथा परिवाद व्यय के साथ दिलाया जाये। विपक्षी की ओर से इस सम्बन्ध में यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि जिस तारीख को विपक्षी द्वारा रू0 18000.00 की चेक फोरम में प्रस्तुत कर दी गयी है, उस तारीख को परिवादिनी उक्त चेक अण्डरप्रोटेस्ट प्राप्त करके मुकद्मा चला सकती है। विपक्षी की उक्त धनराषि फोरम में जमा होने के कारण विपक्षी उक्त धनराषि का प्रयोग नहीं कर सका। अतः परिवादिनी ब्याज सहित उक्त धनराषि प्राप्त करने की अधिकारिणी नहीं है।
    उपरोक्त बिन्दु पर उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि विपक्षी सं0-1 की ओर से परिवादिनी के नाम से चेक सं0-097558 बावत रू0 18000.00 दिनांक 20.10.12 को प्रस्तुत की गयी है। परिवादिनी उक्त चेक अण्डरप्रोटेस्ट प्राप्त करके, षेश 
...4...
अनुतोश के लिए परिवाद आगे चला सकती थी। अतः फोरम का यह मत है कि परिवादिनी दिनांक 20.10.12 से रू0 18000.00 पर ब्याज प्राप्त करने की अधिकारिणी नहीं है। किन्तु फोरम इस मत का है कि परिवादिनी परिवाद योजित करने की तिथि से विपक्षी द्वारा उपरोक्त जमा की गयी चेक की धनराषि रू0 18000.00 पर दिनांक 20.10.12 तक 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज प्राप्त करने की अधिकारिणी है तथा परिवाद व्यय भी प्राप्त करने की अधिकारिणी है। जहां तक परिवादिनी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादिनी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादिनी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
8.     परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादिनी को, रू0 18000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से, परिवादिनी के हक में रू0 18000.00 की चेक जमा करने की तिथि 20.10.12 तक अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
    परिवादिनी द्वारा नियमानुसार प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करने पर परिवादिनी के हक में जमा धनराषि रू0 18000.00 की चेक अविलम्ब परिवादिनी को फोरम द्वारा उपलब्ध करायी जाये।

      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER

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